वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प

उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प

निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.

मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.

कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:

स्टॉक्स

स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट

जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.

म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम

रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड

पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.

एनपीएस

एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.

रियल एस्टेट

रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.

गोल्ड बॉन्ड्स

सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.

आरईआईटीएस

आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.

क्रिप्टो

क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?

अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.

जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है

अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.

कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.

मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स फंड इस कैटेगरी में आते हैं.

अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.

बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों है

  • प्रति वर्ष 7.95% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
  • समय से पहले निकासी से बचने के लिए एफडी पर लोन

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सैलरी मिलते ही 'राजा', फिर महीने के अंत गिनने लगते हैं दिन. वजह ये एक गलती!

Investment Tips: अगर आप आर्थिक तौर पर अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं तो जितनी भी सैलरी है, उसी में से निवेश करना शुरू कर दें. निवेश की शुरुआत करने के लिए बहुत ज्यादा सैलरी की जरूरत नहीं होती है.

भविष्य के लिए निवेश जरूरी (Photo: File)

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2022,
  • (अपडेटेड 03 जून 2022, 8:51 AM IST)
  • कम सैलरी में निवेश के तरीके
  • सैलरी आते ही निवेश के बारे में सोचें

देश में अधिकतर नौकरी-पेशा लोगों को महीने की आखिरी तारीख या फिर उसके अगले दिन यानी पहली तारीख को सैलरी (Salary) मिल जाती है. आपकी भी सैलरी कल आ गई होगी. दरअसल, जैसे ही बैंक (Bank) में सैलरी डिपॉजिट (Salary Deposit) होती है, आपको मैसेज (Salary Message) के जरिए जानकारी मिल जाती है.

सैलरी अकाउंट (Salary Account) में आते ही लोगों का दिमाग चलने लगता है, इसे कहां खर्च करें? कोई छुट्टी पर जाने प्लान करने लगता है, तो कुछ लोगों का घर से जुड़े सामान खरीदने पर जोर रहता है. लेकिन इनमें से बहुत कम ऐसे लोग होते हैं, जो सैलरी में से कुछ हिस्सा निकालकर पहले निवेश (Invest) के बारे में सोचते हैं.

निवेश से बचने के लिए बहाने

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सैलरी मिलते ही अंधाधुंध खर्चे के बाद अक्सर लोग कहने लग जाते हैं कि निवेश कहां से करूं, पैसे तो बचते ही नहीं हैं? सैलरी बहुत कम है और खर्चे ज्यादा, इसलिए निवेश नहीं कर पाता हूं. लेकिन इस तर्क को सही नहीं ठहराया जा सकता है. इसे केवल एक बहाना कह सकते हैं.

अगर आप भी यही बहाने बनाते हैं कि सैलरी कम होने की वजह से बचत नहीं कर पाते हैं, तो खुद को गुमराह कर रहे हैं. सच्चाई ये है कि बचत के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. अगर आपकी सैलरी 25 हजार रुपये महीने भी है, और आप निवेश के प्रति सजग हैं जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके तो इसी सैलरी में से कुछ हिस्सा बचा सकते हैं. लेकिन अगर दोनों हाथों से खर्च करने के आदी हैं तो फिर कितनी भी सैलरी हो, वो कम पड़ जाएगी.

कैसे करें निवेश की शुरुआत?

इसलिए अगर आप आर्थिक तौर पर अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं तो जितनी भी सैलरी है, उसी में से निवेश करना शुरू कर दें. निवेश की शुरुआत करने के लिए बहुत ज्यादा सैलरी की जरूरत नहीं होती है. अब आपको बताते हैं कि कैसे आप निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.

सबसे पहले सैलरी मिलते ही निवेश के लिए निर्धारित राशि को अलग कर दें, या सैलरी आते ही एक से दो दिनों में निर्धारित राशि को निवेश कर दें. उसके बाद जो पैसे बचे, उसी से महीने भर का खर्च चलाएं. शुरुआती महीनों में थोड़ी दिक्कतें होंगी. लेकिन जब निवेश की राशि लगातार बढ़ने लगेगी और फिर उसपर ब्याज मिलने लगेगा, तो फिर निवेश के प्रति आपका उत्साह बढ़ जाएगा.

निवेश का गणित

उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सैलरी केवल 25 हजार रुपये महीने है, इस सैलरी में केवल 10 फीसदी रकम अलग कर दें, यानी 2500 रुपये. अगर आपके पास कोई दूसरा बैंक खाता (Bank Account) है तो उसमें इस रकम को ट्रांसफर कर दें. फिर इस राशि को सही जगह पर निवेश करें. अगर आपकी उम्र 30 साल से कम है तो फिर थोड़ा रिस्क लेकर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equtiy Mutual Fund) में SIP कर सकते हैं. इस तरह से आप सालाना 30,000 रुपये निवेश कर सकते हैं.

उसके बाद जैसी ही आपकी सैलरी बढ़ती है, आप निवेश की राशि को भी हर साल बढ़ाते चलें. इससे पांच साल में आपका निवेश पोर्टफोलियो (Invest Portfolio) मजबूत हो जाएगा, और 10 साल जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके के बाद आपके पास बड़ा फंड जमा हो जाएगा. निवेश को संतुलित रखने के लिए सभी पैसे को एक जगह नहीं लगाएं. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के अलावा PPF और फिक्स्ड डिपॉजिट भी चुन सकते हैं, ताकि पोर्टफोलियो बैलेंस रहे.

1 हजार रुपये के निवेश से बना सकते हैं लाखों का फंड, जानिए कहां लगा सकते हैं पैसा?

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  • News18Hindi
  • Last Updated : August 13, 2021, 10:33 IST

नई दिल्ली. निवेश (Investment Plan) करना अच्छी आदत है बशर्ते इसके लिए सही समय पर सही जगह निवेश किया जाए. एक्सपर्ट कहते जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके हैं कि पैसा वहां निवेश करना बेहतर होगा जहां आपको दोहरा फायदा मिले. यानी ज्यादा मुनाफा (Earn Money) के साथ टैक्स सेविंग्स भी हो जाए. हम ऐसे ही कुछ निवेश विकल्पों के बारे में बता रहे हैं जहां आप अपनी सैलरी को निवेश कर सकते हैं. चलिए जानते हैं आप कहां-कहां लगा सकते हैं पैसा.

1. कंपनियों के शेयर में करें निवेश
शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें.

2. म्यूचुअल फंड्स में निवेश (Mutual Fund)
आप म्यूचुअल फंड्स में हर महीने मिनिमम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं. म्यूचुअल फंड के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये या इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं.

3. पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1% की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स बेनिफिट भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25,457 रुपये मिलेंगे.

4. रेकरिंग टर्म डिपॉजिट
रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3% से लेकर 9% तक interest मिलता है.

5. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपए से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 प्रतिशत सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.

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