Affiliate Income इस Derivative Exchange का एक और लाभ है जो आपको पसंद आएगा। अधिकांश Derivative Exchange रेफ़रल इनकम का ऑप्शन प्रदान करते हैं, जिसका क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? अर्थ है कि यदि आप किसी को उनका एक्सचेंज रेफेर करते हैं तो आपको उनके निवेश का कुछ प्रतिशत आपको मिलता है (ट्रेड एलिजिबिलिटी पर निर्भर करता है)। फिर भी, यह केवल एक बार है लेकिन तरदेखिअ Affiliate Income प्रदान करता है। Affiliate Income में, यदि आप किसी को TradeKIA रेफेर करते क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? हैं और वह व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को रेफेर करता है, तो यह क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? एक श्रृंखला बनाता है जिसे आपने शुरू किया था, और 10 स्तरों तक आपको इस Level का लाभ मिलता है, जिसका अर्थ है कि आप आय का एक और स्रोत बना सकते हैं TradeKIA के साथ व्यापार करने के अलावा।

Cryptocurrency क्या है?

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी शब्द के बारे में

यह जानने के लिए कि “Cryptocurrency क्या है?” इसके इतिहास को जानना चाहिए। Cryptocurrency, यह शब्द क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) से जुड़ा हुआ है. क्रिप्टोग्राफ़ी की शुरुआत सन 1983 में एक अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर David Chaum के साथ हुई थी.

क्रिप्टोग्राफ़ी एक अध्ययन का ऐसा क्षेत्र होता है; जिसमे इनफार्मेशन को सुरक्षित करने के बारे में अध्ययन किया जाता है. ताकि कोई तीसरा व्यक्ति किसी सूचना को न पढ़ सके।

हालांकि, Cryptocurrency शब्द का चलन मुख्य धारा में Bitcoin की खोज के साथ हुआ. बिटकॉइन, की खोज एक Satoshi Nakamoto नाम के डेवलपर ने की क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? थी. बिटकॉइन की खोज जनवरी 2009 में की गयी थी।

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

वर्ष 1983 में, एक अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर ने वर्चुअल मनी के बारे परिकल्पना की; जिसे eCash का नाम दिया। बाद में 1995 में, इसे डिजीकैश का नाम दिया गया.

1996 में, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने हाउ टू मेक टू मिंट: एनक्रिप्टेड इलेक्ट्रॉनिक कैश की क्रिप्टोग्राफ़ी का एक पेपर प्रकाशित किया, जिसमें एक क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रणाली का वर्णन किया गया।

पहली Decentriliced Cryptocurrency का विकास Bitcoin के रूप में 2009 में हुआ. Bitcoin की खोज एक Satoshi Nakamoto नाम के डेवलपर ने की थी. हालांकि डेवलपर के नाम के अलावा और अधिक जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी.

बिटकॉइन मुख्य रूप से Blockchain पर आधारित होता है. “Blockchain” एक क्रिप्टोग्राफ़ी के माध्यम से सुरक्षित किया गया Ledger होता है. इसमें बिटकॉइन के सभी लेन देन को सुरक्षित रखा जाता है। ब्लॉकचैन में बिटकॉइन के प्रथम धारक से लेकर अंतिम धारक तक का डेटा सुरक्षित होता है. यह encrpt फॉर्म में होता है. बिटकॉइन के किसी ट्रांजेक्शन को Blockchain Explorer के माध्यम से वेरीफाई भी किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है; जिसको इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. यह साधारण मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि से अलग होती है. चूंकि इसका कोई सेन्ट्रल एडमिनिस्ट्रेशन पॉइन्ट नहीं होता है.

ब्लॉकचैन के माध्यम से इसके लेन देन का रिकार्ड रखा जाता है. Blockchain एक ledger के रूप में कार्य करती है. कुछ छोटे छोटे ट्रांजेक्शन से मिलकर एक ब्लॉक बनता है. ये ब्लॉक आपस में जुड़े होते हैं. इसी लिए इसे ब्लॉक चैन कहा जाता है।

बिना किसी सेंट्रल बैंक या सेंट्रल administraation के यह काम करती है. इसका डाटा अलग अलग कम्प्यूटर्स पर होता है. बिटकॉइन के P2P नेटवर्क के जरिये के यूजर दूसरे यूजर तक क्रिप्टोकरेंसी भेज सकता है।

यदि क्रिप्टोकरेंसी में कोई लेन देन किया जाता है. तो यह जानकारी blockchain पर दर्ज हो जाती है. किसी ट्रांजेक्शन की वैलिडिटी चेक करने का काम Miner करता है. इस प्रक्रिया को Mining कहते हैं।

cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi

cryptocurrency क्या है?

what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?

cryptocurrency क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्‍टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।

cryptocurrency का मतलब क्या है?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।

किसने बनाई cryptocurrency?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

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हम एक डिजिटल युग में रह रहे हैं जहां Cryptocurrency और Crypto व्यापार लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है, युवा इस निवेश विकल्प के बारे में अधिक जानने और इससे पैसा कमाने के लिए उत्सुक हैं, और यहां तक ​​​​कि सहस्राब्दी भी अपने विकास को बढ़ाने के लिए पैसे का निवेश करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, और अधिक लाभदायक और बेहतर निवेश योजनाओं की मांग बढ़ रही है। व्यापारियों और निवेशकों की बढ़ती संख्या के साथ, Crypto दुनिया तेज गति से बदल रही है और अपने उपयोगकर्ताओं को अधिक लाभकारी सेवा देने के लिए निरंतर सुधार कर रही है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

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