Bitcoin Kya Hai In Hindi
Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.
अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.
Bitcoin एक Virtual Currency है, यह एक ऐसी करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है. आप बिटकॉइन को छू नहीं सकते हैं, बिटकॉइन को अपने जेब या पर्स में नहीं रख सकते हैं. बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की जरुरत होती है.
बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट में किया जाता है, यह P2P नेटवर्क पर काम करता है. किसी भी देश, सरकार, बैंक या कंपनी का बिटकॉइन पर नियंत्रण नहीं है. बिटकॉइन का लोग बिना किसी माध्यम के सीधे एक दुसरे के साथ लेन – देन कर सकते हैं. यह एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है.
बिटकॉइन ऑनलाइन Transaction में बहुत Fast और Efficient है. बिटकॉइन का इस्तेमाल न केवल ऑनलाइन पेमेंट के लिए किया जाता है बल्कि लोग जिस प्रकार शेयर बाजार में निवेश करते हैं इसी प्रकार से बिटकॉइन में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं. इलिए बिटकॉइन आजकल बहुत ज्यादा चर्चा में हैं.
बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के अंतर्गत आती है, यह सबसे पहली व सबसे महँगी क्रिप्टोकरेंसी हैं. मार्केट में अनेक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं जैसे कि इथेरियम, RED कॉइन, रिप्पल आदि. ये सभी क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोग्राफी तकनीकी के नियमों के द्वारा संचालित होती हैं.
बिटकॉइन में होने वाली सभी लेन – देन के रिकॉर्ड को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के द्वारा सुरक्षित रखा जाता है. ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में नेटवर्क से जुड़े किसी कंप्यूटर से Transaction होती है तो इसका पता नेटवर्क से जुड़े सब कंप्यूटर को हो जाता है. इसलिए बिटकॉइन में धोखा – धड़ी होने की संभावना बहुत कम होती है.
Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Bitcoin के फायदे क्या हैं? Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.
अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.
Bitcoin एक Virtual Currency है, Bitcoin के फायदे क्या हैं? यह एक ऐसी करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है. आप बिटकॉइन को छू नहीं सकते हैं, बिटकॉइन को अपने जेब या पर्स में नहीं रख सकते हैं. बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की जरुरत होती है.
बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट में किया जाता है, यह P2P नेटवर्क पर काम करता है. किसी भी देश, सरकार, बैंक या कंपनी का बिटकॉइन पर नियंत्रण नहीं है. बिटकॉइन का लोग बिना किसी माध्यम के सीधे एक दुसरे के साथ लेन – देन कर सकते हैं. यह एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है.
बिटकॉइन ऑनलाइन Transaction में बहुत Fast और Efficient है. बिटकॉइन का इस्तेमाल न केवल ऑनलाइन पेमेंट के लिए किया जाता है बल्कि लोग जिस प्रकार शेयर बाजार में निवेश करते हैं इसी प्रकार से बिटकॉइन में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं. इलिए बिटकॉइन आजकल बहुत ज्यादा चर्चा में हैं.
बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के अंतर्गत आती है, यह सबसे पहली व सबसे महँगी क्रिप्टोकरेंसी हैं. मार्केट में अनेक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं जैसे कि इथेरियम, RED कॉइन, रिप्पल आदि. ये सभी क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोग्राफी तकनीकी के नियमों के द्वारा संचालित होती हैं.
बिटकॉइन में होने वाली सभी लेन – देन के रिकॉर्ड को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के द्वारा सुरक्षित रखा जाता है. ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में नेटवर्क से जुड़े किसी कंप्यूटर से Transaction होती है तो इसका पता नेटवर्क से जुड़े सब कंप्यूटर को हो जाता है. इसलिए बिटकॉइन में धोखा – धड़ी होने की संभावना बहुत कम होती है.
Bitcoin को किसन बनाया ( Who Invented Bitcoin)
बिटकॉइन को 2009 में सतोषी नाकमोतो नामक एक Bitcoin के फायदे क्या हैं? जापानी इंजीनियर ने Develop किया. बिटकॉइन के साथ ही उन्होंने ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को भी दुनिया के सामने पेश किया था.
सतोषी नाकमोतो एक ऐसी करेंसी बनाना चाहते थे जिसके द्वारा लोग दुनिया में कहीं भी बिना किसी बैंक, सरकार या कम्पनी के सीधे आपस में लेन – देन कर सकें, और उनके Transaction का रिकॉर्ड एक Public Ledger (सार्वजनिक बही खाता) में रखा जाए.
साल 2011 में बिटकॉइन को बनाने वाले सतोषी नाकमोतो अचानक गायब हो जाते हैं और पीछे छोड़ जाते हैं इस Open Source Software को जिसे कि बिटकॉइन के यूजर इस्तेमाल कर सकें और उसे Improve और Update कर सकें.
अनेक सारे लोगों का यह भी मानना है कि सतोषी नाकमोतो कोई व्यक्ति नहीं थे यह केवल एक काल्पनिक करैक्टर था. लेकिन इसके पीछे ही सत्यता क्या है इसकी जानकारी अभी तक किसी को भी नहीं है.
Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे
Legal Crypto: क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है।
Legal Crypto (PHOTO:social media )
Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।
क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान Bitcoin के फायदे क्या हैं? का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।
अधिकारी ने कहा, क्रिप्टो करेंसी के Bitcoin के फायदे क्या हैं? जोखिमों और कुछ लाभों के आधार पर विचार कर हमें विश्व स्तर पर एक उच्च नियामक मानक की आवश्यकता है, हमें सीमा पार भुगतान की लागत को कम करने के लिए कदम उठाने की भी आवश्यकता है और हम वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में बहुत सक्रिय रूप से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर Bitcoin के फायदे क्या हैं? पर इस संकट को वास्तविक रूप में संबोधित किया जा सके।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशों के इस संबंध में अलग-अलग विचार हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके हित में क्या है। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अमेरिका जैसा देश प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हो सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डॉलरीकरण में सहायता करेगी।
क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ
वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।
आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं Bitcoin के फायदे क्या हैं? को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।
ईडी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा हाल की कार्रवाई से आरबीआई के पक्ष को बल मिलता है, जिन्होंने देश से अवैध रूप से धन निकालने के उदाहरण पाए हैं। नियमन पर, पीएम नरेंद्र मोदी और साथ ही एफएम निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया है कि किसी एक देश के लिए एकतरफा कदम उठाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। जिस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए।
Crypto Investing Tips: क्रिप्टो में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान, पोर्टफोलियो में कितना हिस्सा रखें इसका, एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह
Crypto Investing Tips: क्रिप्टो में निवेश से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि घाटे को Bitcoin के फायदे क्या हैं? कुछ कम किया जा सके.
आज से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023 में क्रिप्टो में निवेश पर हुई कमाई पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा लेकिन इसे अभी लीगल स्टेटस नहीं मिला है. (Image- Pixabay)
Crypto Investing Tips: भारत में BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के प्रति निवेशकों का रूझान बढ़ता जा रहा है. हालांकि अब स्थिति थोड़ी बदल चुकी है क्योंकि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अलग तरह की अनिश्चितता शुरू हो सकती है. आज से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023 में क्रिप्टो में निवेश पर हुई कमाई पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा लेकिन इसे अभी लीगल स्टेटस नहीं मिला है. इसके अलावा क्रिप्टो के लेन-देन पर 1 फीसदी टीडीएस भी निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित कर सकता है. इस अनिश्चितता के बीच क्रिप्टो में निवेश से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि घाटे को कुछ कम किया जा सके. एक्सपर्ट्स अपने पोर्टफोलियो में इसे अधिकतम 5 फीसदी तक ही रखने की सलाह दी रहे हैं.
बिना सोचे-समझे निवेश न करें
अगर आप किसी ऐसे एसेट्स में पैसे लगाते हैं जिसके बारे में आपको पर्याप्त जानकारी नहीं है तो भारी नुकसान हो सकता है. अगर आप क्रिप्टो एसेट में पैसे लगाना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल कर लें. अगर आपको लग रहा है कि किसी खास क्रिप्टोकरेंसी में आगे ग्रोथ की बेहतर संभावना है, तभी उसमें पैसे लगाएं. ब्लॉकचेन डेवलपमेंट कंपनी थिंकचेन के फाउंडर और सीईओ दिलीप सेनबर्ग (Dileep Seinberg) के मुताबिक क्रिप्टो प्रोजेक्ट को समझने के लिए इसकी तकनीक और यह कैसे काम करता है, इसे समझना जरूरी है. अगर इसे समझने में दिक्कत आ रही है तो किसी भरोसेमेंद सलाहकार से संपर्क करें.
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अधिक पैसे न लगाएं
किसी क्रिप्टो टोकन के बारे में अच्छे से समझ लिया है तो भी इसमें अधिक पैसे लगाने से बचें. आईआईएफएल ग्रुप के स्ट्रेटजी हेड यश उपाध्याय 30 फीसदी के क्रिप्टो टैक्स और 1 फीसदी टीडीएस के चलते क्रिप्टो एसेट्स का आकर्षण कम हुआ है. इसके अलावा भविष्य में इसे लेकर सरकारी नीतियों की अनिश्चितता बनी हुई है. इसके चलते यश का मानना है कि अभी इसमें अधिक पूंजी लगाने का सही समय नहीं है. इसके अलावा 7प्रॉस्पर फाइनेंशियल प्लानर्स के फाउंडर अनमोल गुप्त के मुताबिक क्रिप्टो में निवेश स्माल-कैप स्टॉक्स से भी अधिक रिस्की है तो ऐसे में वह मौजूदा परिस्थितियों में लांग टर्म इंवेस्टमेंट्स के रूप में क्रिप्टो को 5 फीसदी से अधिक पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह नहीं देंगे.
लंबे समय के लिए करें निवेश
क्रिप्टो के लेन-देन पर 1 फीसदी के टीडीएस को एक्सपर्ट्स क्रिप्टो इंवेस्टमेंट ट्रेंड के लिए निगेटिव मान रहे हैं. गुप्त के मुताबिक ऐसे में सबसे बेहतर यह होगा कि अच्छे टोकन में पैसे लगाए जाएं और शॉर्ट टर्म की बजाय लांग टर्म के लिए पैसे लगाए जाएं जैसे कि 5-10 साल के लिए.
क्रिप्टो को सुरक्षित स्थान पर करें होल्ड
अगर आप ट्रेडिंग नहीं कर रहे हैं तो अपने क्रिप्टो को सुरक्षित स्थान पर रखना सही है. जैसे कि लांग टर्म में पैसे लगाने पर क्रिप्टो को हार्डवेयर वॉलेट्स में रखें. ब्लॉकचेन आधारित आइडेंटिटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म अर्थआईडी (EarthID) के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) शरत चंद्र के मुताबिक इन्हें रखने के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना सेल्फ-होस्टेड, नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स हैं. चंद्र के मुताबिक डिजिटल एसेट्स की कुंजी अपने पास रखना बेहतर है और इसका बैकअप भी रखें.
टैक्स देनदारी छिपाने की कोशिश न करें
आज नए वित्त वर्ष 2023 में नए टैक्स रूल्स लागू हो गए हैं. क्रिप्टो निवेशकों को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे वे कर अधिकारियों के रडार पर आ जाएं. चंद्र के मुताबिक क्रिप्टो निवेशकों को टैक्स छिपाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाना चाहिए और ऐसे लोगों से भी दूर रहना चाहिए जो इसकी सलाह देते हैं.
क्या होता है बिटकॉइन? इसकी शरुआत कैसे हुई? पूरे बैंकिंग सिस्टम को हिला कर रख देने वाले बिटकॉइन के बारे में सब कुछ जानिए
आज इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स, काई सारे ऐसे एप्स मौजूद हैं जो बिटकॉइन खरीदते और बेचते हैं. साधारण भाषा में कहें, तो कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं.
जब से बिटकॉइन का जन्म हुआ है तब से ही बिटकॉइन की खूब चर्चा हो रही है. शुरुआत में तो ये हालात थे कि चारों तरफ हर किसी के मुंह से बिटकॉइन ही बिटकॉइन सुनाई देता था. कई देशों की सरकारों के विरोध के बाद इसकी बातें बहुत कम हो गई थीं लेकिन अब एक बार फिर से बिटकॉइन की चर्चा ज़ोरों पर है और इसके पीछे का कारण है बिटकॉइन की कीमत। दरअसल, बिटकॉइन की कीमत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. जानकारी हो कि मौजूदा वक्त में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 26 लाख रुपए हो चुकी है लगातार बढ़ती ही जा रही है यही वजह है कि निवेशक इन दिनों बिटकॉइन में भर-भर के निवेश कर रहे हैं.
बिटकॉइन क्या होता है?
Bitcoin एक वर्चुअल करेंसी है, Virtual का हिंदी अर्थ होता है- Bitcoin के फायदे क्या हैं? वास्तविक या आभासी. साधारण शब्दों में कहें तो आपके पास पैसा तो होता है आप इसका जब मर्ज़ी उपयोग भी कर सकते हैं लेकिन इसे हाथ में लेकर गिन नहीं सकते. इसिलए इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है. बिटकॉइन का जन्म साल 2009 में हुआ था, सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने इसे बनाया गया था. आज मात्र 11 सालों में जिस बिटकॉइन की कीमत 26 लाख रूपए हो चुकी है उस वक्त यानी 2009 में इसकी कीमत 5-6 रुपए प्रति बिटकॉइन थी. जैसा कि हम बता चुके हैं आम करेंसी की तरह बिटकॉइन को देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन इससे ऑनलाइन खरीद-फरोख्त हो सकती है. इससे कोई भी सामान खरीदा जा सकता है, उधारी चुकाई जा सकती है. बिटकॉइन की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि इंटरनेशनल लेवल पर इससे पेमेंट करना फायदेमंद है क्योंकि अभी तक बिटकॉइन पर किसी भी देश या किसी संस्था का रेगुलेशन नहीं है. बिटकॉइन की बढ़ती कीमत के चलते इन दिनों लोग बिटकॉइन में खूब निवेश कर रहे हैं. कह लें, कि इन दिनों बिटकॉइन वर्ल्ड टूर पर निकला है तो कुछ गलत नहीं होगा.
बिटकॉइन को खरीदा या बेचा कैसे जा सकता है?
कई तरह के एप्स, वेबसाइट्स मौजूद हैं जहां पर बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं. कई ऑनलाइन मार्किट प्लेस पर बिटकॉइन की खरीद व बिक्री होती है. साधारण भाषा में समझें तो जैसे आप डिजिटल तरीके से, इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके किसी को पैसे भेजते हैं ठीक उसी तरह बिटकॉइन का भी लेन-देन किया जा सकता है. इन वेबसाइट्स, एप्स या कह लें ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर यूजर को ट्रेडिंग के लिए अपना अकाउंट बनाना होता है. इसी अकाउंट के ज़रिए बिटकॉइन की ट्रेडिंग आसानी से की जा सकती है.
'बिटकॉइन माइनिंग' आपने बहुत सुना होगा, क्या होता है?
दरअसल, बिटकॉइन को कंप्यूटर पर ही गणित के जटिल सवाल हल करके भी हासिल किया जा सकता है. मतलब यूजर को अपने पैसे इन्वेस्ट करने की ज़रुरत नहीं है. गणित के जटिल सवाल हल कर बिटकॉइन पाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) कहा जाता है. बिटकॉइन शुरुआत में भी इसी तर्ज पर बनाया गया था. अभी भी दुनियाभर में बहुत से लोग बिटकॉइन माइनिंग कर इस क्रिप्टोकरेंसी को प्राप्त कर रहे हैं और अमीर बन रहे हैं.
बिटकॉइन वॉलेट भी होता है!
Bitcoin एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर रहते हैं. यूजर का जो ट्रेडिंग अकॉउंट होता है उसी के भीतर दिखाई हैं. इस डिजिटल वॉलेट को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है. यह डिजिटल या बिटकॉइन वॉलेट यूजर के कंप्यूटर पर या फिर ऑनलाइन क्लाउड पर हो सकता है. यह एक तरह का वर्चुअल बैंक अकाउंट हैं. जिसे एक खास पासवर्ड से ही खोला जा सकता है. अगर किसी यूजर ने इस डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड खो दिया या भूल गया तो फिर उसके बिटकॉइन भी खो जाएंगे और फिर कभी वापस नहीं आएंगे.
हाल ही एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के बिटकॉइन वॉलेट में 7000 बिटकॉइन हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है. लेकिन वह अपने बिटकॉइन वॉलेट का पासवर्ड भूल गया है. तो अब वह व्यक्ति करोड़पति होते हुए भी ना के बराबर है. एक अध्ययन के मुताबिक कुल बिटकॉइन के 25 फीसदी तो इन्हीं सब कारणों के चलते उपयोगहीन हैं.
बिटकॉइन के खतरों से भी रूबरू हो लीजिए-
Bitcoin की खासियत ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है. इसकी खासियत ये है कि इसके ऑनलाइन लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं Bitcoin के फायदे क्या हैं? होता है. जिसके चलते बिटकॉइन खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को ढूंढ पाना लगभग नामुमकिन है. यही वजह है कि कई देशों में गैरकानूनी कामों जैसे ड्रग्स आदि खरीदने के लिए बिटकॉइन का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है. आशंका है कि बिटकॉइन सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है. यही वजह है कि दुनिया के अधिकतर देशों की सरकारें इससे खौफज़द हैं.
पूरा बैंकिंग सिस्टम क्यों है परेशान?
इंटरनेट और तकनीक के बढ़ते प्रचलन के चलते बिटकॉइन के इस्तेमाल में भी खासी बढ़ोत्तरी हुई है. दुनियाभर के निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में दबा कर निवेश कर रहे हैं. हालांकि मौजूदा Bitcoin के फायदे क्या हैं? वक्त में बिटकॉइन की तर्ज पर कई अन्य तरह की वर्चुअल करेंसी भी अस्तित्व में आ चुकी हैं. लेकिन बिटकॉइन इन सभी का शहंशाह है. दुनियाभर की कुल क्रिप्टो क्रिप्टोकरेंसी में 69 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बिटकॉइन की ही है.
इस करेंसी का नियमन (रेगुलेशन) ना होने के कारण दुनियाभर के बैंक इसे लेकर चिंतित हैं. क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में किसी भी थर्ड पार्टी जैसे बैंक आदि की जरूरत बिलकुल भी नहीं होती. ऐसे में कर चोरी की आशंका भयंकर रूप से है. दुनिया का कोई भी देश बिटकॉइन को करेंसी के तौर पर मान्यता नहीं दे पा रहा Bitcoin के फायदे क्या हैं? है, ऐसे में बिटकॉइन से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है. अब आप समझ लीजिए काले धन का सबसे बड़ा केंद्र स्विस बैंक तक बिटकॉइन से परेशान है.
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