जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM) Reading Time : 7 minutes -->
क्या आप जानते हैं फसल के उत्पादन में फॉस्फेट तत्व का प्रमुख योगदान होता है! रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग करने से खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है, जमीन सख्त हो रही है, भूमि में पानी सोखने की क्षमता घटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भूमि तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नया उत्पाद विकसित किया गया है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट की विदेशी विकल्पों को समझना मौजूदगी भी होती है। जिसे हम प्रोम के नाम से जानते हैं।
‘प्रोम’ को विस्तार पूर्वक समझते हैं
प्रोम (फॉस्फोरस रिच आर्गेनिक मैन्योर) तकनीक से जैविक खाद घर पर भी तैयार की जा सकती है। प्रोम, जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीक है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक विदेशी विकल्पों को समझना फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं।
प्रोम में विभिन्न फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर खाद, फसल अपशिष्ट, चीनी मिल का प्रेस मड, जूस उद्योग का अपशिष्ट पदार्थ, विभिन्न प्रकार की खली और ऊन के कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ आदि को रॉक फॉस्फेट के साथ कम्पोस्टिंग करके बनाया जाता है। प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिये काम में लाया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फॉस्फोरस (फॉस्फोरस पादप पोषक तत्व) उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। जीवाणु राॅक फोसफोरस को पचा कर उसे गोबर में उपलब्ध करते हेै इस कारण प्रोम विदेशी विकल्पों को समझना शुद्व रुप से जैविक है।
प्रोम से क्या-क्या फायदे हैं :
- जैविक खाद से अनाज, दालें, सब्जी व फलों की गुणवत्ता बढ़ाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
- रोगों में रोधकता आने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
- प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाने की विधि बहुत ही सरल है।
- प्रत्येक किसान, जिसके यहां गोबर उपलब्ध है, आसानी से अपने घर पर जैविक खाद बनाकर तैयार कर सकता है।
- किसान DAP व SSP खरीदने पर जितने पैसा खर्च करता है उससे कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाकर भरपूर फसल पैदा कर सकता है।
- प्रोम मिट्टी को नरम बनाने के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाये रखता है।
- प्रोम लवणीय व क्षारिय भूमि में भी प्रभावी रूप में काम करता है जबकि DAP ऐसी भूमि मे काम नहीं करता है।
जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :
‘फॉस्फोरस रिच जैविक खाद’ घर पर भी रॉक फॉस्फेट के द्वारा बनाई जा सकती है। रॉक फॉस्फेट के अलग-अलग रंग होते हैं, रॉक फॉस्फेट एक तरह का पत्थर है जिसके अंदर 22 फीसदी फॉस्फोरस मौजूद है जो कि फिक्स फोम में होता है। प्रोम बनाने के लिए कमर्शियल में 10 फीसदी के आसपास फॉस्फोरस मेंटेन किया जाता है लेकिन हम घर पर बनाने के लिए 18%,19% या 20 फीसदी तक फॉस्फोरस इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए किसी भी जानवर का गोबर ले सकते हैं, घर में मौजूद कूड़ा-कर्कट विदेशी विकल्पों को समझना विदेशी विकल्पों को समझना या फिर फसलों के अवशेष जिससे खाद बनाते हैं (प्लांट बेस्ड) वो भी ले सकते हैं।
प्रोम बनाने के लिए सबसे पहले गाय या भैंस का 500 किलो गोबर लीजिए, इसके ऊपर से सूखी पत्तियां डाल दीजिए, बाद में ऊपर से 500 किलो रॉक फॉस्फेट का (पाउडर फोम में) छिड़काव करें, फिर वेस्ट डी कंपोजर का छिड़काव करें और इसे कम से कम 30 से 35 दिनों तक ढ़ककर रखें, जिसके बाद जैविक खाद तैयार हो जाएगी।
प्रोम को DAP और SSP के पूरक के तौर पर किसान अपनी फसल के लिए खेत में प्रयोग कर सकते हैं और प्रोम खेत की उर्वरा शक्ति को बनाये रखते हैं। जिससे वह आने वाली नई पीढ़ी के किसानों को स्वस्थ भूमि प्रदान कर सकें।
वेस्ट डी कंपोजर क्या है ?
वेस्ट डी-कंपोजर जैविक खेती कर रहे किसानों के लिए जैविक खाद का बेहतर विकल्प है। कम खर्च में किसान इसकी मदद से स्वयं खाद बना सकते हैं। इसके उपयोग के बाद किसान को फसल में रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक देने की जरूरत नहीं रहती है। खास बात है कि यह जड़ और तना संबंधी बीमारियों के नियंत्रण में उपयोगी पाया गया है।
PSL 2021-22: IPL 2022 के ही समय पर हो सकता है PSL 2022 का आयोजन, विदेशी खिलाड़ियों को चुनना पड़ेगा एक विकल्प
PSL 2021-22: IPL 2022 के ही समय पर हो सकता है PSL 2022 का आयोजन, विदेशी खिलाड़ियों को चुनना पड़ेगा एक विकल्प
PSL 2021-22: IPL 2022 के ही समय पर हो सकता है PSL 2022 का आयोजन, विदेशी खिलाड़ियों को चुनना पड़ेगा एक विकल्प- टी20 लीग के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि इंडियन प्रीमियर लीग और पाकिस्तान सुपर लीग का विदेशी विकल्पों को समझना शेड्यूल एक समय पर पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) अप्रैल-मई में टूर्नामेंट के आयोजन के लिए विंडो की तलाश में है. साल 2008 से अप्रैल-मई महीने के विंडो में आईपीएल (Indian Premier League) का आयोजन होता आ रहा है. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को छोड़कर अन्य क्रिकेट बोर्ड इस समय के दौरान मैचों के आयोजन से बचते हैं.
IPL का हिस्सा बनने के लिए कई खिलाड़ी अपने अंतरराष्ट्रीय सीरीज को छोड़ना तक सही समझते हैं लेकिन इस बार, आईपीएल और पीएसएल दोनों अनुबंध वाले लोगों को दो टूर्नामेंटों के बीच चयन करने की दुविधा का सामना करना पड़ सकता है.
PSL 2021-22: ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के कारण पीसीबी अप्रैल-मई विंडो पर विचार कर रहा है. जस्टिन लैंगर की कोचिंग वाली टीम अगले साल फरवरी-मार्च में 2 टेस्ट, 3 वनडे और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए एशियाई देश का दौरा करने वाली है. आपको बता दें कि पीएसएल आमतौर पर आईपीएल से पहले होता है.
2020 में पीसीबी ने आईपीएल 2020 की समाप्ति के बाद निलंबित सीजन के प्लेऑफ मैचों का आयोजन किया था, जो COVID-19 के कारण विलंबित हो गया था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पीएसएल के शेड्यूलिंग को अपने अंतरराष्ट्रीय सत्र पर असर नहीं पड़ने दे सकता. चूंकि ऑस्ट्रेलिया 1998-99 के बाद पहली बार पाकिस्तान का दौरा कर रहा है. पीएसएल में एक सीजन के लिए 47 दिन लगते हैं इसलिए 25 दिसंबर से 15 फरवरी के बीच एक और विंडो है.
हालांकि, अधिकांश शीर्ष खिलाड़ियों को लीग से चूकना होगा क्योंकि वे राष्ट्रीय ड्यूटी पर होंगे. इस विंडो के साथ एक और समस्या है क्योंकि इन महीनों में पंजाब, लाहौर, मुल्तान और रावलपिंडी में अत्यधिक कोहरा होता है. पीसीबी के पास एकमात्र विकल्प कराची में पूरे सत्र की मेजबानी करना होगा.
अवसर को भुनाने की योजना: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए चीन के विकल्प के रूप में ऑनलाइन विंडो खोलेगा ICICI बैंक
ICICI बैंक का यह नया क़दम बहुराष्ट्रीय बिजनेस के लिए सिटी बैंक, एचएसबीसी, बैंक ऑफ अमेरिका, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, डीबीएस और जेपी मॉर्गन को चुनौती देगा। अगस्त में आए आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया था कि जिन बैंकों के पास कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट (सीसी/ओडी) सुविधाएं नहीं हैं, वे किसी भी कर्जदार के लिए चालू खाता नहीं खोल सकते
- विदेशी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों का फायदा उठाना चाहता है ICICI बैंक
- बैंक को इन कंपनियों को दी गई सेवाओं से अच्छा खासा चार्ज और कमीशन मिलेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विदेशी बैंकों के चालू खाता (करेंट अकाउंट) खोलने पर हाल ही में प्रतिबंध लगाने के बाद ICICI बैंक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक नया ऑनलाइन विंडो खोल रहा है। इसके जरिए ICICI बैंक चीन के विकल्प के रूप में देश की क्षमता का लाभ उठाना चाहता है। साथ ही विदेशी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों का फायदा भी उठाना चाहता है।
एफडीआई का पसंदीदा है भारत
बैंक की कार्यकारी निदेशक (ईडी) विशाखा मुले ने कहा कि भारत में मजबूत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और देश के युवा डेमोग्राफिक प्रोफाइल बहुत ही अच्छे हैं। विदेशी निवेश के लिए भारत को एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के सरकारी उपायों से बैंक को विदेशी बैंकों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
चीन का दबदबा कम हो रहा है
चीन के साथ भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है लेकिन हाल ही में चीन का दबदबा कम हो रहा है। मुले ने कहा कि भारत में विकसित किया गया डिजिटल इकोसिस्टम है जो लंबे समय में शासन और पैरामीटर्स में सुधार करने में मदद करेगा। ट्रेजरी, फॉरेक्स, लोन, लेटर्स ऑफ क्रेडिट और बैंक गारंटी जैसी बैंकिंग सेवाओं के अलावा यह बैंक एक बिजनेस इकाई, कॉर्पोरेट फाइलिंग, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन, एचआर सेवाओं, कंप्लायंस और टैक्स जैसी सलाहकार और अन्य सेवाएं भी ऑफर करेगा।
देश में चार से पांच हजार बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं
ICICI बैंक का अनुमान है कि भारत में करीब 4000 से 5000 बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। इनमें से 1500 बैंक के क्लाइंट हैं। बैंक को इन सेवाओं से चार्ज और कमीशन मिलने की उम्मीद है जो सीधे बैंक के ऑपरेटिंग फायदे को बढ़ाएगा। इन कंपनियों को क्रेडिट की जरूरत नहीं है। क्रेडिट को हम केवल एक संख्या के रूप में देखते हैं। मुले ने कहा कि हम उन्हें मंजूरी मिलने और नियमों को समझने में मदद करके सिस्टम को नेविगेट करने में मदद करना चाहते हैं।
चुनौती के रूप में होगा यह कदम
ICICI बैंक का यह नया क़दम बहुराष्ट्रीय बिजनेस के लिए सिटी बैंक, एचएसबीसी, बैंक ऑफ अमेरिका, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, डीबीएस और जेपी मॉर्गन को चुनौती देगा। यह अगस्त में आए आरबीआई के एक सर्कुलर के बाद हुआ है। इस सर्कुलर में कहा गया था कि जिन बैंकों के पास कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट (सीसी/ओडी) सुविधाएं नहीं हैं, वे किसी भी कर्जदार के लिए चालू खाता नहीं खोल सकते।
जिन विदेशी बैंकों के पास भारत में सीमित पूंजी है, वे इस सर्कुलर से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। क्योंकि उनके पास इन कंपनियों को बड़ी क्रेडिट लाइन देने के लिए बैलेंस शीट की ताकत नहीं है।
एएए रेटेड पर होगा फोकस
मुले ने कहा कि विदेशी विकल्पों को समझना उनका बैंक इन कंपनियों को लोन देने के लिए तैयार है जिनमें से ज्यादातर एएए रेटेड हैं। हालांकि लोन देना इस बैंक का पहला उद्देश्य नहीं है। बैंक का कुल कॉर्पोरेट फंड और विदेशी शाखाओं का बकाया फंड 30 सितंबर के अंत में 6.41 बिलियन डॉलर से 5.47 अरब डॉलर हो गया है। एक साल पहले यह 8.35 बिलियन डॉलर था। 66% बकाया भारतीय कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों पर है जबकि 17% भारतीय या भारत से जुड़ी गैर-भारत कंपनियों के लिए था।
मुले ने कहा कि बैंक भारत और भारत से जुड़ी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा लेकिन वह भारत की ओर देख रही कंपनियों में भी विस्तार करना चाहता है। देश के बाहर बसे भारतीयों को अपना ग्राहक बनाना चाहता है। बैंक के विदेशों में 15 ऑफिस हैं।
ऐसे बनवाएं इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और विदेशी सड़क पर दौड़ाएं बाइक-कार! समझें पूरी प्रक्रिया
विदेशों में गाड़ी ड्राइव करने के लिए आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है. आमतौर पर इसे बनवाने में 2 से 7 वर्किंग डे लग सकते हैं. हालांकि, इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस कुछ देशों में मान्य जरूर है, लेकिन कई ऐसे देश हैं जहां पर केवल इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस से ही धारक वाहन चला सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 15 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 15 नवंबर 2022, 7:17 PM IST)
अगर आप विदेश यात्रा पर हैं और आपका मन ड्राइविंग करने का है तो आपके पास इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होना बेहद जरूरी है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होने पर आप खुद वहां कार या बाइक चलाकर उस देश को एक्सपलोर कर सकते हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं इंटरनेशनल ड्राइविंग बनवाने के लिए आपको क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए.
150 में देशों में मान्य हैं भारत में बने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस:
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की वैलेडिटी एक साल की होती है. आमतौर पर इसे बनवाने में 2 से 7 वर्किंग डे लग सकते हैं. हालांकि, इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस कुछ देशों मान्य जरूर है, लेकिन कई ऐसे देश हैं जहां पर केवल इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस धारक ही वाहन चला सकते हैं. ये लाइसेंस अंग्रेजी, अरैबिक, फ्रेंच, चाइनीज, इटैलियन, जर्मन, पोर्तुगीज, स्पैनिश भाषा में बनवाई जा सकती है. तकरीबन 150 से ज्यादा देश में यह लाइसेंस मान्य होता है. एक बार वैधता समाप्त होने के बाद इसे दोबारा रिन्यू नहीं कराया जा सकता है. इसके लिए फिर से दोबारा इंटरनेशलन ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अप्लाई करना पड़ेगा.
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कहां करें अप्लाई:
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) के अलावा वेस्टर्न इंडियन ऑटोमोबाइल एशोसिएशन और इंटरनेशनल ट्रैफिक कंट्रोल एशोसिएसन के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि आरटीओ में लाइसेंस की फीस काफी कम है, वहीं इन एशोसिएशन में आवेदन करने के दौरान आपको भारी रकम चुकानी पड़ सकती है.
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी हैं ये डॉक्यूमेंट्स:
>एक वैध भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस जमा करना होगा.
>इसके अलावा, लाइसेंस तब तक वैध होना चाहिए. जब तक कि चालक कम से कम एक महीने की शेष वैधता के साथ वैध भारतीय पासपोर्ट के साथ भारत लौट नहीं जाता है.
>भारतीय पासपोर्ट की 6 महीने तक की वैधता होनी चाहिए तभी इस लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं.
>आवेदन के साथ आगे बढ़ने के लिए चार पासपोर्ट आकार की तस्वीरों की आवश्यकता है
>आरटीओ अधिकारी के पास जाने से पहले अपने दोनों तरफ की फ्लाइट की टिकट जरूर होनी चाहिए.
>वीजा की एक कॉपी ऑफिशियल वेबसाइट पर जरूर अपलोड करें. इसके अलावा खुद की अटेस्ट वीजा की दो कॉपी जरूर ले जाएं.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते वक्त इस प्रकिया का करें पालन
NOC: इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन उसी आरटीओ में किया जाना चाहिए जिसने आपको भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया हो. यदि आप किसी अन्य आरटीओ में आवेदन करते हैं तो इस दशा में आपको अपने आरटीओ कार्यालय से एक अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC)' लेकर आवेदन करने वाले कार्यालय में जमा करना होगा. हालांकि VAHAN4 सॉफ्टवेयर के चलते कुछ राज्यों में ये प्रकिया आसान हो गई है.
मेडिकल सर्टिफिकेट - सीएमवी4 फॉर्म भरने के बाद, उसी शीट पर एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से साइन जरूर करवा लें. लाइसेंस अप्लाई करने के दौरान आपके लिए ये साबित करना जरूरी हो जाता है कि शारीरिक और मानसिक रूप से आप फिट हैं. इन डॉक्यूमेंट्स को जमा करते वक्त आपको 800 रुपये का भुगतान भी करना होगा.
WIAA और ITCA भी जारी करता है इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस:
WIAA केवल मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस सेवा विदेशी विकल्पों को समझना प्रदान करता है. यह सुविधा केवल WIAA सदस्यों के लिए ही है. यदि आपके पास इसके सदस्य हैं और आपके पास भारतीय पासपोर्ट है तो आप WIAA की आधिकारिक वेबसाइट विदेशी विकल्पों को समझना पर जाकर इस ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वहीं आप ITCA के माध्यम से भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के अप्लाई करने का ये सबसे महंगा विकल्प है. इसके लिए आपसे 34 अमेरिकी डॉलर चार्ज किए जाएंगे.
लाइसेंस खो जानें की स्थिति में क्या करें:
यदि अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस भारत में खो गया है तो सबसे पहले एक FIR दर्ज कराएं. किसी अन्य देशों में ऐसी स्थिति आने पर आरटीओ को सूचना दें, साथ ही उस देश की स्थानीय अधिकारी अथॉरिटी और भारतीय दूतावास को तुरंत को भी तत्काल सूचित करें.
विकल्प अनुबंध और वायदा अनुबंध के बीच अंतर क्या है?
संस्कृत दर्शन | संस्कृत सीखने | अनुबंध chatustya vedantsar | अनुबंध चतुष्टय | (दिसंबर 2022)
दोनों वायदा और विकल्प व्यापार बाजार व्यापार के उन्नत रूप मानते हैं, और उनकी विशेषताओं को पूरी तरह से समझने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण या क्षेत्र में विशेषज्ञ के उपयोग की आवश्यकता होती है। जब दोनों प्रकार के अनुबंधों में काम करते हैं, तो खरीदार और विक्रेता दोनों एक अल्प अवधि (आम तौर पर एक वर्ष से भी कम) जुआ करते हैं कि जुर्माने वाली वस्तु, स्टॉक या सूचकांक की कीमत बढ़ जाएगी या गिरावट होगी
वायदा और विकल्प अनुबंध अक्सर उलझन में होते हैं, लेकिन ये समान होते हैं कि प्रत्येक बाद के घटनाओं में शामिल होता है। एक निश्चित तिथि पर निर्दिष्ट कीमत पर एक परिसंपत्ति की एक निश्चित मात्रा को खरीदने या बेचने के लिए वायदा मालिक दायित्व होता है। इसके विपरीत, किसी निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान किसी विशेष मूल्य पर किसी विशेष संपत्ति को खरीदने या बेचने के लिए एक विकल्प धारक के पास सही (लेकिन दायित्व नहीं) है
और जानने के लिए, हमारे वायदा बुनियादी बातों और विकल्प मूल बातें ट्यूटोरियल पर एक नज़र डालें।
स्टीवन मेर्केल ने इस सवाल का उत्तर दिया।
विकल्प और वायदा के बीच अंतर क्या है?
एक विकल्प खरीदार को सही देता है, लेकिन अनुबंध के जीवन के दौरान किसी भी समय एक विशेष कीमत पर किसी विशेष संपत्ति को खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं है। वायदा अनुबंध एक खरीदार को एक विशिष्ट संपत्ति खरीदने का दायित्व देता है, और विक्रेता को विशिष्ट भविष्य की तिथि
एक नियमित विकल्प और एक विदेशी विकल्प के बीच अंतर क्या है?
विदेशी विकल्पों के बारे में सीखने से पहले, आपको नियमित विकल्पों की काफी अच्छी समझ होनी चाहिए। दोनों प्रकार के विकल्प भविष्य में किसी संपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार रखने का विचार साझा करते हैं, लेकिन इन विकल्पों का उपयोग करने वाले निवेशकों के मुनाफे का नाटकीय रूप से भिन्न हो सकता है।
एस एंड पी, डॉव और नास्डेक वायदा अनुबंध क्या दर्शाते हैं?
हर सुबह उत्तर अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज कारोबार शुरू होने से पहले, टीवी कार्यक्रम और वित्तीय जानकारी प्रदान करने वाली वेबसाइटें एस एंड पी, डॉव और नास्डेक वायदा अनुबंध के लिए उद्धरण दियेगी। शुरुआती कारोबार में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के उद्धृत मूल्य आंदोलनों का इस्तेमाल कुछ व्यापारियों द्वारा गेज के रूप में किया जाता है कि कैसे संपूर्ण एक्सचेंज बाजार में खुले और व्यापारिक दिन के दौरान प्रदर्शन करेंगे।
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