कोरोना से प्रभावित ग्रामीण कारोबार

कोरोना

चीनी सामान की भारत में खूब बिक्री है। इसके अलावा यहां बनने वाली अनेक चीजों में भी सस्ते चीनी मोती आदि सामान की बेहद मांग रहती है लेकिन पिछले एक माह में कोरोना वायरस के चलते चीन के साथ भारतीय ग्रामीण कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है। मोती—मनके, बनारसी साड़ी, कपड़ा कारोबार के अलावा अनेक चीज़ों की कीमतों में मोटी बढ़त का कारण केवल चीन से आयात ठप होना माना जा रहा है। इन श्रेणी में सस्ते कई कारोबारों में निवेश कृषि रसयान भी शामिल हैं।

देश में अनेक तरह की चीजों का आयात चीन से होता है लेकिन एक माह से चीन कई कारोबारों में निवेश में सभी व्यापार कारोबार बंद है। लोग जिन्दगी बचाने के लिए परेशान हैं। इस हालात के चलते स्थानीय करोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। कंठी माला, सजावट के सामान,कई तरह के केमिकल, कई तरह के धागे आदि अनेक चीजों का आयात चीन से होता है। इनका आयात न होने से बनारसी साड़ी, सूती कपड़े, सहित अनेक तरह के उत्पाद प्रभावित हो रहे हैं। यहां के ग्रामीण उद्योगों को कच्चा माल या तो मिल ही नहीं रहा या फिर काफी महंगा मिल रहा है। इस तरह की दिक्कत के चलते कई तरह के कारोबार पर बुरा असर पड़ा हैं। इन कारोबारों से करोड़ों करोड़ लोगों के परिवारों की जीविका चलती है। देश में कई तरह के बदलावों के बाद नई तरह की समस्या का सामना ग्रामीण कारोबारियों को करना पड़ रहा है।

डॉ. स्मिता शुक्ला ने सहायक अधीक्षक विश्वविद्यालय परीक्षा 2004 के रूप में काम किया है। वह जर्नल ऑफ एनवायरनमेंट एंड इकोप्लानिंग के संपादकीय बोर्ड की सदस्य हैं और मेडिकल कॉलेज झांसी में पशु नैतिकता समिति की सदस्य भी हैं।

Income Tax Department Raids: झारखंड में कांग्रेस के दो विधायकों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी

झारखंड में कांग्रेस के दो विधायकों, उनके कथित सहयोगियों तथा कोयला और लौह अयस्क कारोबारों से संबंधित उनके ठिकानों पर छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के 'बेहिसाब' लेनदेन और निवेश का पता लगाया है.

Income Tax Department Raids: झारखंड में कांग्रेस के दो विधायकों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी

नयी दिल्ली, 8 नवंबर : झारखंड में कांग्रेस के दो विधायकों, उनके कथित सहयोगियों तथा कोयला और लौह अयस्क कारोबारों से संबंधित उनके ठिकानों पर छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के 'बेहिसाब' लेनदेन और निवेश का पता लगाया है. यह छापेमारी पिछले सप्ताह की गयी थी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक चार नवंबर को शुरू की गई छापेमारी के दौरान झारखंड के रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर और चाईबासा, पटना (बिहार), गुरुग्राम (हरियाणा) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में कुल 50 ठिकानों पर तलाशी ली गयी. अधिकारियों ने दोनों विधायकों की पहचान कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह और प्रदीप यादव के रूप में की है. बेरमो सीट से विधायक जयमंगल ने भी उस दिन अपने रांची स्थित आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि वह छापेमारी करने वाली आयकर विभाग की टीमों को पूरा सहयोग दे रहे हैं. झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) झाविमो-प्र से अलग कई कारोबारों में निवेश होकर कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव पोरियाहाट विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कांग्रेस राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन की भागीदार है.

सीबीडीटी के बयान में कहा गया है कि कोयला व्यापार/ परिवहन, सिविल अनुबंधों के निष्पादन, लौह अयस्क की निकासी और स्पंज आयरन के उत्पादन में लगे कुछ व्यापारिक समूहों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. इसमें कहा गया है, ‘‘जिन लोगों के ठिकानों की तलाशी ली गयी उनमें राजनीतिक रूप से उजागर दो व्यक्ति और उनके सहयोगी शामिल हैं.’’ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाला निकाय है. सीबीडीटी ने कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई है और ‘‘ अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन/ निवेश का पता चला है.’’ सीबीडीटी के मुताबिक छापेमारी में बड़ी संख्या में ''अतिलंघनकारी'' दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद हुए हैं. यह भी पढ़ें : हिप्र चुनाव:विवादित वीडियो, पोस्टर जंग,भाजपा में अंदरूनी कलह से फतेहपुर सीट चर्चा के केंद्र में

जयमंगल ने अगस्त में अपनी पार्टी के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि वे झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं. जुलाई में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के तीन विधायकों को नकदी के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद शिकायत दर्ज की गई थी. कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता राजीव रंजन ने छापेमारी वाले दिन आरोप लगाया था कि कर विभाग की कार्रवाई गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के अभियान का हिस्सा है.

छोटे कारोबार की सीमा 25 गुना बढ़ेगी, MSME सेक्टर के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम

सुस्ती का सामना कर रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की सीमा 25 गुना बढ़ेगी। सूत्रों ने बुधवार को हिन्दुस्तान को बताया है कि नई व्यवस्था में एमएसएमई की.

छोटे कारोबार की सीमा 25 गुना बढ़ेगी, MSME सेक्टर के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम

सुस्ती का सामना कर रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की सीमा 25 गुना बढ़ेगी। सूत्रों ने बुधवार को हिन्दुस्तान को बताया है कि नई व्यवस्था में एमएसएमई की सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो सकती है। इस व्यवस्था के लिए सरकार अध्यादेश का सहारा ले सकती है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार 5 करोड़ रुपये सालाना तक कारोबार करने वाले को सूक्ष्म उद्योगों का दर्जा देगी। पांच करोड़ से 75 कई कारोबारों में निवेश करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार करने वाले कारोबारियों को लघु उद्योगों की श्रेणी बनेगी। वहीं 75 करोड़ से 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार मध्यम उद्योग की श्रेणी में होंगे। सालाना कारोबार के हिसाब से सरकार कारोबारों की अलग श्रेणियां भी बनाने पर काम कर रही है। अकेले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए तीन से ज्यादा वर्ग बनाने पर विचार हो रहा है। इनमें जेम्स एंड ज्वैलरी, ऑटो कंपोनेंट और वस्त्र उद्योग के लिए अलग-अलग परिभाषा होगी।

नए कानून में सरकार इन उद्योगों से जुड़े भुगतान में देरी संबंधी समस्याओं को दूर करने और समय पर जीएसटी रिटर्न देने जैसी पुख्ता व्यवस्था भी देगी। मौजूदा दौर में देश की जीडीपी में एमएसएमई कारोबारियों का महज 29 फीसदी योगदान है। सरकार अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर 50 फीसदी तक ले जाना चाहती है।
अभी सिर्फ विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की श्रेणियां : मौजूदा व्यवस्था में एमएसएमई कारोबारियों को कारोबार के लिहाज से दो श्रेणियों में बांटा गया है। विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र। विनिर्माण क्षेत्र में में 25 लाख रुपये तक के कारोबारियों को सूक्ष्म उद्योग, 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक लघु उद्योग और 5 से 10 करोड़ तक के कारोबार को मध्यम उद्योगों की श्रेणी में रखा गया है।


कारोबारियों की लंबे समय से मांग है कि जिस रफ्तार से पिछले कई सालों में अर्थव्यवस्था में बदलाव देखने को मिला है, कारोबारियों के इनपुट कॉस्ट में भी इजाफा हुआ है। साथ ही पहले के मुकाबले कई कारोबार टर्नओवर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसके चलते कई उद्योग एमएसएमई के दायरे से बाहर हो गए हैं। अब सरकार इन्हें फिर से मजबूती देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। एमएसएमई क्षेत्र में डूबे हुए या खराब कर्ज कारोबारियों को उबारने के लिए सरकार ने 5000 करोड़ का अतिरिक्त फंड बनया है। ज्यदा कंपनियों के इस दायरे में आने के बाद भविष्य में सरकार इस फंड की रकम में भी इजाफा कर सकती है। वहीं विदेशी निवेशकों और क्राउड फंडिंग के जरिए इन कारोबारियों के लिए रकम जुटाना आसान बनाने के लिए स्पेशल परपस व्हीकल की भी व्यवस्था है जो जाहिर है नई व्यवस्था में और कारोबारियों को फायदा देगी।

इस तरह बदलाव की तैयारी
- सूक्ष्म और लघु उद्योगों के साथ मझोले उद्योग की परिभाषा बदलेगी सरकार
- सालाना टर्नओवर के मुताबिक अलग अलग कैटेगरी के लिए अलग परिभाषा होगी
- विनिर्माण क्षेत्र के लिए तीन से ज्यादा कैटेगरी बनाने पर विचार ’ जेम्स एंड ज्वैलरी, ऑटो कंपोनेंट और वस्त्र उद्योग के लिए अलग परिभाषा
- भुगतान में देरी और जीएसटी रिफंड की पुख्ता व्यवस्था होगी नए कानून में

लंबे समय से मांग कर रहे हैं कारोबारी
देशभर के व्यापारी कारोबार की सीमा के हिसाब से एमएसएमई की परिभाषा बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि जिस रफ्तार से पिछले कई सालों में अर्थव्यवस्था में बदलाव देखने को मिला है, उससे इनपुट लागत मे इजाफा हुआ है। टर्नओवर में भी बड़ा बदलाव आया है। इसके चलते कई उद्योग एमएसएमई के दायरे से बाहर हो गए हैं। अब सरकार इन्हें फिर से मजबूती देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। एमएसएमई क्षेत्र में डूबे हुए या खराब कर्ज वाले कारोबारियों को उबारने के लिए सरकार ने 5000 करोड़ का अतिरिक्त फंड बनाया है। अधिक कंपनियों आने से रकम में भी इजाफा हो सकता है।

इस तरह मिलेगा फायदा
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का दायरा बढ़ाए जाने से न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की धाक भी बढ़ेगी। कारोबारियों को मिलने वाली सहूलियतों के चलते उनका उत्पादन बढ़ेगा और बढ़े हुए उत्पादन का निर्यात भी दुनियाभर के बाजारों संभव होगा। इसके अलावा रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आ सकती है। सहूलियतों के बाद कारोबारी आपनी यूनिटों में इजाफा करेंगे जो जाहिर है नए लोगों के लिए रोजगार के मौके मुहैया कराएगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का भारतीय निवेश जान के आप हो जायेंगे हैरान

Urid Media Group

यूरीड मीडिया- अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 24 फरवरी को अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका ट्रंप के साथ भारत के दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं। डॉनल्ड ट्रंप केवल राजनेता ही नहीं, बल्कि अमेरिका के एक दिग्गज कारोबारी भी हैं। रियल एस्टेट के साथ अन्य कारोबारों में भी उन्होंने पैसे लगा रखे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रंप ने रियल एस्टेट में नॉर्थ अमेरिका के बाद कहीं सबसे ज्यादा निवेश किया है तो वह भारत है। अब आप समझ सकते हैं कि ट्रंप का भारत दौरा दो देशों की राजनीति के साथ-साथ उनके कारोबारी हितों के लिहाज से भी महत्व रखता है। बहरहाल, यहां हम भारत में ट्रंप के कारोबार पर एक नजर डालते हैं।

डॉनल्ड ट्रंप का भले ही भारत का यह पहला दौरा है, लेकिन उनके बेटे डॉनल्ड ट्रंप जूनियर हाल के वर्षों में कई बार भारत का दौरा कर चुके हैं। भारत में ट्रंप का कारोबार द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन का हिस्सा है।
द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन 500 कारोबारी इकाइयों का एक समूह है, जिसके मालिक डॉनल्ड ट्रंप हैं। इनमें से 250 से अधिक कंपनियां ट्रंप के नाम का इस्तेमाल करती हैं। इसकी स्थापना ट्रंप की दादी एलिजाबेथ क्राइस्ट ट्रंप तथा पिता फ्रेड ट्रंप ने ई. ट्रंप ऐंड संस के रूप में की थी। कंपनी की सालाना आय लगभग 5,000 करोड़ रुपये सालाना है। डॉनल्ड ट्रंप कई कारोबारों में निवेश के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले उनकी कंपनी ने हितों के टकराव से बचने को लेकर किसी अन्य देश में निवेश की तमाम योजनाओं को रोक रखी है।
न्यूयॉर्क की कंपनी द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने साल 2013 में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में कदम रखा था और भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर पांच लग्जरी रेसिडेंशल प्रॉजेक्ट्स लॉन्च कर चुकी है। ट्रंप की कंपनी के साथ भारतीय कंपनियां- लोढ़ा ग्रुप, पंचशील रियल्टी, एम3एम, ट्रिबेका, यूनिमार्क तथा आइरियो काम कर रही हैं। भारत में द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के साथ काम करने वाली कंपनियों का कहना है कि वे केवल ट्रंप के ब्रैंड के नाम पर 40% अतिरिक्त कीमत वसूल कर पा रहे हैं और यह ब्रैंड भारत में बेहतर काम कर रहा है।

ट्रंप टावर्स, पुणे
इंडिया पार्टनर - पंचशील रियल्टी
लोकेशन- कल्याणी नगर
मंजिल- 23 मंजिल के 2 टावर्स
कुल अपार्टमेंट्स- सिंगल फ्लोर वाले 46 अपार्टमेंट्स
लॉन्च- 2012
कंप्लीशन- 2019
कीमत- 15 करोड़ रुपये से ऊपर
खास- 13,500 वर्ग फीट की आर्ट गैलरी और आउटडोर लैप पुल
पुणे के इस अपार्टमेंट में ऋषि कपूर तथा रणवीर कपूर दोनों ने एक-एक अपार्टमेंट खरीदा है।

ट्रंप टावर मुंबई
इंडिया पार्टनर- लोढ़ा ग्रुप
लोकेशन- गोल्डेन माइल, वर्ली
मंजिल- 75 मंजिला
कुल अपार्टमेंट्स- 300
लॉन्च- 2013
कंप्लीशन- 2019
कीमत- 9 करोड़ रुपये से शुरू
खासियत- कई कारोबारों में निवेश प्राइवेट जेट सर्विस, ट्रंप कार्ड

ट्रंप टावर कोलकाता
इंडिया पार्टनर- यूनिमार्क ग्रुप, आरडीबी ग्रुप तथा ट्रिबेका डिवेलपर्स
लोकेशन- इस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बायपास स्ट्रेच
मंजिल- 39 मंजिला
कुल अपार्टमेंट- 140
लॉन्च- अक्टूबर 2017
कीमत- 3.75 करोड़ रुपये से शुरू
कंप्लीशन- 2020
खासियत- रूफटॉप स्काय कई कारोबारों में निवेश क्लब और साथ में हीटेड पुल, सन टैरेस

ट्रिबेका ट्रंप टावर्स, गुड़गांव
इंडिया पार्टनर- एम3एम इंडिया एवं ट्रिबेका डिवेलपर्स
लोकेशन- सेक्टर 65
मंजिल- 50 फ्लोर के 2 टावर्स
कुल अपार्टमेंट्स- 258
लॉन्च- जनवरी 2018
कंप्लीशन- मार्च 2023
कीमत- 5.5 करोड़ रुपये से शुरू
खासियत- प्राइवेट लिफ्ट, 22 फुट ऊंचा डबल हाइट लिविंग रूम्स

आइरियो ट्रंप टावर गुड़गांव
इंडिया पार्टनर- आइरियो
लोकेशन- गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड

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