10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

अलर्ट! KYC डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है नहीं कराया है तो बंद हो सकता है Demat-ट्रेडिंग अकाउंट, जानिए अब क्या करें

Demat Account

Demat Trading Account: अगर आप शेयर बाजार (Share Market) में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है निवेश करते हैं तो यह खबर सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही है. दरअसल, डीमैट (Demat) और ट्रेडिंग (Trading) अकाउंट (Account) को लेकर एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. ताजा मामला यह है कि अगर अकाउंट में KYC से जुड़ी जानकारियां अपडेट नहीं हैं तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है. आपको बता दें कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में अगर नाम, पता, पैन नंबर (PAN), इनकम रेंज (Income Range), वैलिड मोबाइल नबर (Mobile Number), ईमेल आईडी (Email ID) अपडेट नहीं किया हुआ है तो उसे 31 जुलाई यानी शनिवार तक अपडेट करा लीजिए. ऐसा नहीं करने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को डि-एक्टिवेट (Deactivate) कर दिया जाएगा.

KYC प्रक्रिया के तहत इन 6 जानकारियों को देना जरूरी
NSDL से मिली जानकारी के मुताबिक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखने वाले निवेशकों को नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया के तहत 6 जानकारियों को देना जरूरी होता है. इन जानकारियों में नाम, पता, ई-मेल आईडी, पैन डिटेल, मोबाइल नंबर और सालाना इनकम शामिल है. एक जून 2021 के बाद खुलने वाले सभी अकाउंट के लिए इन 6 जानकारियों को देना अनिवार्य कर दिया गया है. निवेशकों को KYC अपडेट कराने के लिए 31 जुलाई तक समय दिया गया है. इन जानकारियों को अपडेट नहीं कराने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा और उसके बाद जानकारियों को फिर से अपडेट कराने के बाद दोबारा एक्टिवेट किया जाएगा.

आपको बता दें कि कोरोना काल में निवेशकों का रुझान शेयर बाजार में काफी तेजी से बढ़ा है. मीडिया डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है रिपोर्ट्स के मुताबिक NSE के ताजा आंकड़ों से इसकी पुष्टि भी होती है. NSE से मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती चार डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है महीनों से भी कम समय में NSE के प्लेटफॉर्म पर 50 लाख से अधिक नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन देखने को मिला है और अगर सालाना डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है आधार पर नए रजिस्ट्रेशन को देखें तो इस अवधि में नए रजिस्ट्रेशन में ढाई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

शेयरों की खरीद-बिक्री में डीमैट की भूमिका

बता दें कि टेडर्स जो भी शेयर्स (Share) या बॉन्ड (Bomd) खरीदते हैं उसे ही डीमैट में जमा किया जाता है. डीमैट अकाउंट में शेयर्स जमा रहने की वजह से निवेशक इनकी खरीद-बिक्री तेजी से कर सकते हैं. गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले डीमैट की सुविधा नहीं थी, उस समय शेयर पेपर फॉर्म में निवेशकों के घर पर पहुंचाए जाते थे. डीमैट के आने के बाद शेयर को डीमैट में ट्रांसफर होने में 1 दिन समय लगता है. इस तरह से Demat Account आपके शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड का हिसाब रखता है. शेयर्स की खरीद-बिक्री में डीमैट अकाउंट की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. किसी शेयर की खरीद होने के बाद शेयर का हिसाब एक डीमैट अकाउंट से हटाकर दूसरे डीमैट अकाउंट में जोड़ दिया जाता है. हालांकि बैंक अकाउंट के मुकाबले डीमैट अकाउंट की कार्यप्रणाली थोड़ी कठिन है. हर किसी को इस प्रक्रिया को समझने में दिक्कत होती है. बता दें कि शेयर्स की हैंडलिंग (Handling) और स्टोरेज (Storage) का हिसाब-किताब डिपॉजिटरी (Depository) करती है.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है

You are currently viewing डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 14, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।

Difference between Demat Account and Trading Account in Hindi | डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.

# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.

# ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता पहले पड़ती है और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता बाद में पड़ती है.

# जब हम शेयर मार्किट में शेयर खरीदते या बेचते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है और जब उन खरीदे शेयर को हम किसी अकाउंट में रखते हैं तो वो अकाउंट डीमैट अकाउंट होता है.

आशा हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से कुछ लाभ अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई त्रुटि दिखाई दे, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद .

Ankita Shukla

✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हमारे द्वारा लिखा गया ब्लॉग कैसा लगा. बताना न भूले - धन्यवाद . !!

शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।

डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।

डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।

पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।

Demat vs Trading Account : डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? दोनों के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है उपयोग क्या हैं?

What is the difference between Demat and Trading Account? What is the use of both?

Demat vs Trading Account : शेयर बाजार के निवेशकों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat and Trading Account) के बारे में तो बहुत सुना है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दोनों खातों में अंतर नहीं पता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

Table of Contents

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए दोनों का डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।

आपको बता दें कि इक्विटी मार्केट (Equity Market ) में निवेश करने के लिए पहली शर्त किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट होना है। एक अन्य खाता डीमैट खाते से जुड़ा होता है जिसे ट्रेडिंग खाता कहा जाता है।

दोनों निवेशक जरूरत के हिसाब से दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग खाते दोनों अलग-अलग प्रकार के खाते हैं।

डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जिसमें आप अपनी संपत्ति या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। दूसरी ओर, ट्रेडिंग खाता वह खाता है जिसके उपयोग से आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

डीमैट खाता क्या है?

डीमैट खाता (Demat account) वह खाता है जिसके माध्यम से आप इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी रखते हैं। डीमैट खाता भौतिक शेयरों (Physical Shares) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करता है।

डीमैट खाता खोलने पर आपको एक डीमैट खाता संख्या दी जाती है जहां आप अपने इक्विटी शेयर रखते हैं। डीमैट अकाउंट काफी हद तक बैंक अकाउंट की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है तरह काम करता है।

यहां से आप इक्विटी मार्केट में किए गए अपने निवेश को जमा और निकाल सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि डीमैट खाता खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो। खाते में जीरो बैलेंस होने पर भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

यदि आप इक्विटी शेयरों को खाते में रखने के बजाय व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है।

अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

जहां एक डीमैट खाता (Demat Account) आपके शेयरों या प्रतिभूतियों को डीमैटरियलाइज्ड तरीके से रखने वाला खाता है, वहीं दूसरी ओर, एक ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी है।

डीमैट खाते में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है, इसमें कोई लेन-देन नहीं है। ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का इस्तेमाल शेयरों की ट्रेडिंग के लिए किया जाता है।

निवेशकों को डीमैट खाते पर सालाना कुछ शुल्क (Some Annual Fee) देना पड़ता है। लेकिन ट्रेडिंग खाता आमतौर पर मुफ्त होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता आपसे शुल्क लेगा या नहीं।

क्या मैं केवल डीमैट या ट्रेडिंग खाता रख सकता हूँ?

आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें लंबे समय तक रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता होती है।

दूसरी ओर, यदि आप केवल शेयरों का व्यापार करना चाहते हैं तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है। यदि आप केवल इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग (Intraday Share Trading, Futures Trading, Options Trading and Currency Trading) करना चाहते हैं तो आपको केवल एक डीमैट खाता चाहिए। आप चाहें तो एक दूसरे के बिना भी दोनों तरह के अकाउंट रख सकते हैं।

रेटिंग: 4.54
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 702