महिला अपने साथियों के साथ मिलकर पति के साथ करती मारपीट
इस मामले में वादी ने थाना सिविल लाइंस जब व्यापार करने के लिए नहीं? में प्रार्थना पत्र भी दिया था लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी सूचना जब वादी की पत्नी और उसके बाकी के साथियों को हुई तो उन्होंने घर में जबरन घुसकर मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। वादी जब व्यापार करने के लिए नहीं? का कहना है कि वह जहां भी जाता है वहां महिला और उसके साथी पहुंच जाते हैं और उसके साथ मारपीट करते हैं। जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति ने अपने अधिवक्ता की सहयता से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद दायर किया। इसकी सुनवाई अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सचिन दीक्षित की अदालत में की गई। अदालत ने आरोपों को संगीन मानते हुए परिवादी के बयानों के लिए आगामी दो जनवरी तारीख दी है। इस मामले में अब दो जनवरी को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।

बासमती पहुंचा रिकॉर्ड ऊंचाई पर, निर्यात बढ़ा, और भी तेज़ी की है संभावना, देखें रिपोर्ट

Basmati Price

नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2022: चालू सीजन में बासमती चावल का निर्यात (Basmati Rice Export) 24 लाख टन से बढ़ गया है। यह स्थिति उस समय है जब सऊदी और ईरान जैसे बड़े ग्राहक देशों ने अभी कोई बड़ी खरीददारी नहीं की है । जब व्यापार करने के लिए नहीं? ऐसे में बासमती के धान और चावल की क़ीमतों में तेजी का रूख बना हुआ है।

पिछले सप्ताह बढ़ी कीमतों के बाद बाजार में ठहराव आने की उम्मीद दिखाई दे रही थी, क्योंकि नगदी की किल्लत से कारोबार में रुकावट की स्थिति बनती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन इन सभी धारणाओं को तोड़ते हुए न केवल धान में तेजी बनी हुई है, बल्कि चावल के भाव भी अपने उच्चतम स्तर पर बने हुए हैं।

बासमती धान में रिकॉर्ड तेजी

हरियाणा की कैथल और इसके आसपास की मंडियों और इसके आसपास की मंडियों में ट्रेडिशनल बासमती अभी भी 6300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है और इसी प्रजाति के 1401 और पीबी-1 में भी इसी कारण से तेजी बनी हुई है। गुरुवार को हरियाणा की सिरसा मंडी में 1401 का भाव 4703 रुपए और पीबी-1 का भाव लगभग 4400 रुपए तक बोला गया।

मध्य प्रदेश की डबरा मंडी में 1121 का भाव 4190 रुपए, 1718 का भाव 4000 रुपए तथा 1509 का भाव 3900 रुपए प्रति क्विंटल तक का रहा । इस मंडी में यह संभवतः अभी तक का उच्चतम भाव है। देश की प्रमुख मंडियों में जब व्यापार करने के लिए नहीं? धान के ताजा दाम यहाँ देखें

चावल के भाव में उछाल

बुधवार को पंजाब की मंडियों में 1121 सटीम का भाव 8700 से 8800 रुपए, 1401 सटीम का भाव 8400 से 8500 रुपए, 1718 सटीम का भाव 8200 से 8300 रुपए तक कारोबार करता दिखाई दिया। 1509 सेला का भाव लगभग 7100 रुपए और इसका सटीम भाव 8000 रुपए तक बोला जाने लगा है।

उत्पादन में कमी और पड़ोसी देशों में फसल को भारी नुकसान होने से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना के चलते निर्यातक व्यापारियों की सक्रियता बनी हुई है। इसलिए बाजार निरंतर तेजी की तरफ है। विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में बासमती के चाव व धान बाजार में गिरावट की आशंका नहीं है, अपितू बाजार कुछ और आगे बढ़ सकता है।

डिस्क्लेमर :
उपरोक्त मार्केट रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मिडिया स्त्रोत से एकत्रित जानकारी के आधार पर प्रस्तुत की प्रस्तुत की गई है , कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। उपरोक्त रिपोर्ट का इस्तेमाल कर व्यापार करने पर होने वाले नफा-नुकसान की जिम्मेदारी ई-मंडी रेट्स की नहीं होगी। यहाँ प्रस्तुत रिपोर्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है। उम्मीद करते है की ये जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।

गिरोह बनाकर किशोरियों को देह व्यापार में धकेल रही महिला, पत्नी की करतूतों पर पति ने किए चौंकाने वाले खुलासे

यूपी के जिले मुरादाबाद में एक महिला अपने साथियों के साथ मिलकर नाबालिग लड़कियों और असहाय महिलाओं को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेल रही है। इसका खुलासा उसके पति ने ही किया और कहा कि उसके संबंध दूसरे व्यक्ति से भी है।

Moradabad Woman pushing teenagers into prostitution forming gang husband made shocking revelations wife misdeeds

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले मुरादाबाद में एक महिला गिरोह बनाकर किशोरियों से देह व्यापार कर रही थी। इसका खुलासा उसके पति ने ही किया है। दरअसल महिला देह व्यापार में धकेलने के लिए किशोरियों को पकड़कर जबरन करवाती। किशोरियों जब इसका विरोध करती तो उनके परिवार को जान से मरवाने की धमकी देती। इसी मामले में आरोपी महिला के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। जिसको लेकर जिला कोर्ट में अगली सुनावई दो जनवरी को होगी। युवक ने पत्नी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाते हुए उसके काम का खुलासा किया है।

Budh Uday 2023: नए साल में बुध का गोचर इन राशियों के लिए अत्यंत शुभ, जानें क्या होगा जॉब-बिजनेस पर असर

Budh Uday 2023: नए साल में बुध का गोचर इन राशियों के लिए अत्यंत शुभ, जानें क्या होगा जॉब-बिजनेस पर असर

Budh Uday 2023: बुध का उदय कुछ राशियों के लिए खास माना जा रहा है.

Budh Uday 2023: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का संबंध व्यापार, वाणी, बुद्धि और धन से बताया गया है. इसके साथ ही इसे ग्रहों का राजकुमार भी कहा गया है. इस समय बुध ग्रह अस्त हैं और आगामी 12 जनवरी को उदित हो जाएंगे. बुध देव के अस्त होने से जहां कुछ राशियों के लिए शुभ समय शुरू हो जाएगा, वहीं कुछ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह परेशानी खड़ी कर सकता है. जब कुंडली में बुध ग्रह विपरीत या अशुभ स्थान पर रहते हैं जो इस दौरान जातक को काफी आर्थिक दिक्कत, अनावश्यक विवाद इत्यादि का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि नए साल 2023 में बुध का उदय किन राशियों के लिए शुभ है.

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वृश्चिक राशि- नया साल 2023 वृश्चिक राशि वालों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आ रहा है. साल के शुरुआत में ही बुध ग्रह का उदय आपकी राशि वालों को खूब तरक्की दिलाएगा. इसके साथ ही धन संबंधित सभी समस्याओं से निजात दिलाकर लाभ पहुंचाएगा. लंबे जब व्यापार करने के लिए नहीं? समय से अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे और इस समय निवेश से आपको पूरा लाभ प्राप्त होगा. कुल मिलाकर बुध आपको इस समय अवधि में व्यापार, नौकरी में अच्छे मुकाम पर पहुंचा सकता है.

कुंभ राशि- कुंभ राशि वालों का जब व्यापार करने के लिए नहीं? समय फिलहाल थोड़ा गड़बड़ चल रहा है. करियर में उतार-चढ़ाव व टेंशन का माहौल है लेकिन बुध ग्रह के उदय होते ही सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है. साथ ही आपको आय में जबरदस्त लाभ मिलने वाला है. इस दौरान आपकी मानसिक परेशानियों सहित आर्थिक परेशानियां भी हल हो जाएंगी. कुल मिलाकर आर्थिक मामलों में लाभ और राहत का समय रहेगा.

क्या होता है ग्रहों का अस्त होना

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह एक निश्चित समय में राशि परिवर्तन करते हैं और इसी तरह हर ग्रह सूर्य के आसपास आते-जाते रहते हैं. इस प्रक्रिया में जब कोई ग्रह सूर्य के बेहद करीब आ जाता है तो वह अस्त हो जाता है. जिस कारण उस ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है.

(Disclaimer: जब व्यापार करने के लिए नहीं? यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

विस्थापित बच्चों का भविष्य

असम के प्रसिद्ध कवि मौलाना बंदे अली ने असम के मुसलमानों पर अपनी कविता में लिखा है: "न चरवा, न पमवा हूँ, मैं असमिया हूँ. मैं असम की जमीन और हवा का बराबर का हकदार हूँ." इन पंक्तियों में व्यक्त भावनाएँ अभी भी बारपेटा के चार क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यकों की समस्याओं का प्रतिनिधित्व करती हैं. बांग्लादेश के साथ असुरक्षित और साझा सीमा के कारण, बारपेटा के चार क्षेत्रों के मुस्लिम निवासियों को अक्सर राज्य में भेदभाव और शत्रुता का सामना करना पड़ता है. उन्हें अलग करने की कोशिश में 'बांग्लादेशी' कहा जाता है. पहचान की लड़ाई के साथ-साथ यह आबादी आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना कर रही है. इसलिए उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. लेकिन पलायन के बाद भी उनके पीछे पहचान का बोझ बना रहता है.

एसटी, एससी और ओबीसी के लिए नहीं, सामान्य झारखंडी की नौकरी बचाने के लिए लायी थी नियोजन नीति : मुख्यमंत्री

झारखंडी हित में बने फैसलों को साजिश के तहत कोर्ट ले जाते हैं यूपी-बिहार के लोग : हेमंत सोरेन

झारखंडी हित में बने फैसलों को साजिश के तहत कोर्ट ले जाते हैं यूपी-बिहार के लोग : हेमंत सोरेन

  • अवैध माइनिंग ढुलाई के लिए केंद्र का रेलवे जिम्मेवार, एसआईटी से कराएंगे जांच
  • पर्याप्त संख्या और नेता होते हुए भी तीन साल में नेता प्रतिपक्ष नहीं बना पायी भाजपा
  • बाबूलाल को आदिवासी का मुखौटा बनाकर उन्हें विचरण के लिए छोड़ दिया गया

Ranchi : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि इस राज्य में एसटी-एससी और ओबीसी की नौकरी पर कोई खतरा नहीं है. हम तो राज्य में निवास करने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों की नौकरी बचाने के लिए नियोजन नीति लायी थी. क्योंकि सामान्य वर्ग की नौकरियां ही बाहर के प्रदेश के लोग छीन ले रहे हैं. नियोजन नीति क्यों रद हुई, पूरे राज्य की जनता जान चुकी है. हर राज्य अपने निवासियों के लिए अलग से नियोजन और स्थानीय नीति बनाती रही है. मगर यहां बनने पर यूपी- बिहार के लाेगों को दिक्कत होने लगती है. उन्होंने राज्य के युवा व छात्रों को भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही वैकल्पिक रास्ता निकालने जा रहे हैं. चिंता करने की कोई की जरूरत नहीं है.

विपक्ष के पेट में दर्द होने लगा है

मुख्यमंत्री ने कहा- केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखे प्रहार किए. कहा कि जो काम इन्हें 20 सालों में करना था नहीं किया. अब जब हम कर रहे हैं, तो इनके पेट में दर्द होने लगा है. क्या ये लोग 20 साल में 1932 आधारित स्थानीय नीति नहीं ला सकते थे. बाबूलाल मरांडी जब व्यापार करने के लिए नहीं? ने इसे लाने का प्रयास किया, मगर खून-खराबा हो गया. कहीं कुछ नहीं हुआ. क्या ये लोग ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण अपने शासन में नहीं दे सकते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग कड़वी बात सुनने वाले नहीं हैं. मखमल के साये में रहने वाले ये लोग गरीबी क्या होती, यह नहीं जानते. राज्य में मॉब लिंचिंग की घटना कराने वाले ये लोग क्या समझेंगे हमारे गरीबों का दर्द. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का तीन साल चुनौतीपूर्ण रहा.

सीएम ने कहा- एक बार फिर कोरोना के आने की सूचना मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्री की बैठक हुई. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के नाम पर बाबूलाल मरांडी और भाजपा पर तीखा हमला किया. कहा कि विपक्ष के पास न कोई मुद्दा है और न ही नेता. बाबूलाल को नेता विधायक दल चुन लिया. एक षडयंत्र के तहत बाबूलाल को चुना गया. अब बाबूलाल प्रवचन सुनाते रहते हैं. भाजपा ने बाबूलाल को आदिवासाी का मुखौटा बनाकर पेश किया. मगर ये भी सफल नहीं हो रहे हैं. इनके पास क्या नेता नहीं था, जिन्हें ये नेता प्रतिपक्ष बना सकते थे.

नियोजन नीति को आदिवासी युवकों जब व्यापार करने के लिए नहीं? को आगे कर रद कराने का षडयंत्र किया

मुखयमंत्री ने कहा कि इनकी चतुराई अब हमें समझ में आने लगी है. नियोजन नीति को आदिवासी युवकों को आगे कर रद कराने का षडयंत्र किया. सदन से सरना धर्म कोड पास किया. सरना धर्म के हितैषी सभा कर रहे हैं. मगर विपक्ष ने सरना धर्म कोड को लेकर अब तक क्या प्रयास किया. क्योंकि जब व्यापार करने के लिए नहीं? ये लोग सरना को हिंदू मानते है. एक सूचना आ रही है कि यूएनओ में यह बातें रख दी गयी हैं कि भारत में आदिवासी निवास नहीं करते हैं. सभी हिंदू हैं. इससे समझा जा सकता है कि ये कितने आदिवासी प्रेमी और हितैषी हैं.

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इनकी राजनीति केवल केंद्रीय जांच एजेंसियों तक टिक गयी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी राजनीति केवल केंद्रीय जांच एजेंसियों तक टिक गयी है. जब ये लोग चुनाव में नहीं सकते हैं, तो ईडी और सीबीआई के जरिए सरकार को अस्थिर करने और गिराने का प्रयास करते हैं. आज महंगाई पर कहीं चर्चा नहीं होती है. सरकारी और सावर्जनिक उपक्रमों को बेचकर नौकरियां खत्म की जा रही हैं. अवैध माइनिंग की बात करने वाले ये लोग रेलवे के जरिए जब व्यापार करने के लिए नहीं? खनिज संपदा की इलिगल ढुलाई करवा रहे हैं. हमने केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखा है. अगर वे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम एसआईटी गठित कर इसकी जांच कराएंगे. यह वही बात हो गयी, चोर मचाए शोर.

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीबों को घर देने की बात करते हैं. मगर 8 करोड़ पीएम आवास के आवदेन केंद्र के पास लंबित हैं. अब बताएं कि हम कैसे आवास दें. आज के ग्रामीण बैंक, रेलवे और सेना में अधिक नौकरी की तलाश करते हैं. मगर रेलवे और बैंक की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपी नहीं है. रही बात सेना की तो इसे भी आउटसोर्स कर दिया गया. यानी कि चार साल सेना में रहने के बाद युवा बेरोजगार हो जाएं.

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