सेंसेक्स समीक्षा: डॉलर, कच्चा तेल और तिमाही परिणाम तय करेंगे बाजार की चाल
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मजबूती से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह लगभग ढाई प्रतिशत की उछाल पर रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह डॉलर एवं कच्चे तेल के रुख तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक …
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मजबूती से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह लगभग ढाई प्रतिशत की उछाल पर रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह डॉलर एवं कच्चे तेल के रुख तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1387.18 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 59 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 59307.15 अंक पर रहा। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 390.6 अंक की तेजी लेकर 17576.30 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तुलना में मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार धीमी रही। इससे मिडकैप 95.29 अंक चढ़कर सप्ताहांत पर 24805.15 अंक और स्मॉलकैप 43.97 अंक मजबूत होकर 28566.82 अंक पर पहुच गया। निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, तीन सप्ताह की मजबूती के बाद पिछले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली।
डॉलर के मुकाबले रुपये के 83 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़कने वहीं अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बाजार लचीला बना रहा। अगले सप्ताह त्योहारी सीजन के मद्देनजर बाजार में लिवाली बने रहने की उम्मीद है। अगले सप्ताह वैश्विक बाजारों की दिशा, डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी। इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह अक्टूबर का मासिक वायदा सौदा निपटान से कुछ अस्थिरता हो सकती है लेकिन कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम से बाजार को समर्थन मिलेगा।
शेयर मार्केट क्या है - what is share market - शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें
Share Market दो शब्दों से मिलकर बना है Share + Market, यहाँ Share का मतलब होता है ‘कंपनी में हिस्सा’ तथा Market का मतलब होता है एक ऐसी जगह जहाँ सामान को खरीदा और बेचा जाता है। शेयर मार्केट वह बाज़ार होता है जहाँ शेयर का लेन-देन किया जाता है अथवा ख़रीदा या बेचा जाता है। यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है तो इससे पहले Share Market Kya Hai (What Is Share Market In Hindi) व Share Market Ki Sampurn Jankari जरूर प्राप्त कर लें।
क्योंकि कई बार लोगों को Share Market Basics की जानकारी न होने पर , निवेश करने पर बहुत नुकसान होता है। शेयर बाजार में इन्वेस्ट करना जोखिम भरा होता है, इसमें बड़े फायदे के साथ बड़े नुकसान भी होते है। अगर आप चाहते हैं कि आपके द्वारा अर्जित किया गया पैसा न डूबे और आप अच्छा मुनाफा प्राप्त करें, तो आपको सबसे पहले शेयर मार्किट क्या है व इसमें निवेश कैसे करें आदि के बारे में पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसलिए आज हम आपको इस पोस्ट में Share Market Kya Hota Hai है और अन्य Share Market Ki Jankari विस्तार में प्रदान करेंगे।
Share Market Kya Hai
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पर सार्वजनिक रूप से विभिन्न कंपनियों के शेयर बेचे और ख़रीदे जाते है। शेयर का मतलब होता है ‘हिस्सा’, यानि जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आप उसमें हिस्सेदार बन जाते है। जब मार्केट में उस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ती है या कंपनी को मुनाफा होता है तो उसके निवेशकों को भी फायदा होता है। शेयर मार्केट में आप 100 रुपए से लेकर अधिकतम कितनी भी राशि तक के शेयर खरीद सकते है। शेयर को आप किसी अन्य खरीददार को बेच भी सकते है।
मार्केट में कई फैक्टर्स के कारण शेयर्स के दाम बढ़ते और घटते रहते हैं, जिसके चलते Shareholders को एकदम से बहुत अधिक मुनाफ़ा और नुकसान होता है। इसलिए शेयर मार्केट को जोखिम भरा मार्केट भी कहा जाता है। यहाँ सोच-समझकर निवेश करना ही फायदेमंद माना जाता है। शेयर बाजार में शेयर बेचने वाली कंपनी रजिस्टर्ड होती है और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है।
ये तो बात हुई Stock Market Kya Hai या Share Market Kya Hai In Hindi के बारे में। चलिए अब आगे बढ़ते है और जानते हैं शेयर कब खरीदना चाहिए।
शेयर मार्केट में शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है निवेश करने के लिए आपको निम्न स्टेप्स को फोलो करना होगा-
1) अपना निवेश दृष्टिकोण निर्धारित करें
2) आप निवेश क्यों करना चाहते है, लक्ष्य निर्धारित करे
3) तय करें कि आप शेयरों में कितना निवेश करना चाहते है
4) एक डीमेट खाता खोले
5) शेयर मार्केट के वैसिक्स को सीखो
6) निवेश करने के लिए स्टॉक चुनें
7) निवेश शुरु करे
शेयर्स कब खरीदने चाहिए?
शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय तब माना जाता है जब किसी कंपनी के शेयर एक कम दाम पर मिल रहे हों। ऐसे शेयर खरीदने पर फायदा होने की संभावना अधिक होती है और नुकसान की संभावना कम होती है। हालांकि ये भी मुमकिन है कि आप जिस कीमत पर शेयर आज खरीद रहे हो उसकी कीमत गिर जाए, लेकिन कम कीमत पर शेयर खरीदना ही सुरक्षित माना जाता है।
इसके अतिरिक्त शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको कंपनी एनालिसिस करना आना चाहिए जिससे आप कंपनी के प्रॉफिट और लॉस के बारे में जान कर उसमें निवेश कर सकें। जब आपको पूरा भरोसा हो जाए कि आप शेयर मार्केट से जुड़ी सभी सही और महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर चुके हैं तभी इसमें निवेश करना फायदेमंद होता है। शेयर मार्केट में जब सोच समझकर निवेश किया जाता है तो लंबे समय में आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं
शेयर मार्केट में पैसा लगाने या निवेश करने के लिए आपका डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य होता है। इस अकाउंट को खुलवाने के दो तरीके होते हैं, जिनकी जानकारी आपको नीचे दी गयी है।
तरीका 1. ब्रोकर के ज़रिये डीमैट अकाउंट:
आप ब्रोकर से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस अकाउंट में आपके शेयर्स के पैसे रखे जाते है। जिस कंपनी के शेयर्स आपने खरीदे होते हैं, उस कंपनी को जब मुनाफा होता है तब आपके शेयर्स की वैल्यू भी बढ़ जाती है। ऐसे में जब आप अपने शेयर्स बेचते है तो उससे मिलने वाले पैसे आपके डीमैट अकाउंट में आते है। इन पैसों को आप ज़रूरत के अनुसार अपने डीमैट अकाउंट से अपने सेविंग्स अकाउंट में ट्रान्सफर कर सकते है।
तरीका 2. बैंक के ज़रिये डीमैट अकाउंट:
आप बैंक से भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है। आपका डीमैट अकाउंट आपके सेविंग्स अकाउंट से जुड़ा होता है। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपका सेविंग्स अकाउंट होना बहुत ज़रूरी होता है। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की KYC तथा पता प्रमाणन के लिए ज़रूरत होती है।
ब्रोकर से डीमैट अकाउंट खुलवाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि वह अपने अनुभव के आधार पर आपको अधिक पैसे कमाने के लिए समर्थन करता हैं और निवेश करने के लिए आपको अच्छी कंपनी Suggest करता है
ध्यान रहे, कोई भी व्यक्ति शेयर मार्केट में न तो डायरेक्ट शेयर ख़रीद सकता है और न ही बेच सकता है। शेयर खरीदने तथा बेचने का कार्य स्टॉक ब्रोकर एजेंसी द्वारा किया जाता है। कुछ स्टॉक ब्रोकर एजेंसी के नाम अपस्टॉक्स , ऐंजल ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई डायरेक्ट आदि है।
शेयर की वैल्यू डाउन क्यों होती है
Share Market डाउन होने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते है –
शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव के पीछे देश-विदेश में हो रही घटनाओं की मुख्य भूमिका होती है। जैसे- 2022 में रूस और यूक्रेन संकट के कारण दुनियाभर के शेयर बाज़ारों में भारी स्तर पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। निवेशक इस उलझन में हैं की कहाँ निवेश करना सही रहेगा क्योंकि इस समय कंज़्यूमर बिहेवियर पर इसका भारी प्रभाव पड़ रहा है।
जब किसी लिस्टेड कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के द्वारा शेयर मार्केट अग्रीमेंट की शर्तों का उलंघन करने पर डिलिस्ट कर दिया जाता है, तब भी शेयर बाज़ार डाउन हो जाता है।
शेयर मार्केट पर लिस्टेड किसी कंपनी का मूल्यांकन उसके आर्डर मिलने या छिन जाने, प्रॉफिट या नुकसान होने तथा नतीजे बेहतर रहने, जैसी जानकारियों के आधार पर किया जाता है। दैनिक कामकाज में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है जिसके कारण कंपनी के शेयर्स की माँग बढ़ती-घटती रहती है और इसका सीधा असर शेयर्स की कीमतों पर पड़ता है।
stock market : लाल निशान पर खुला SGX निफ्टी, बाजार में देखने को मिल सकती है गिरावट
शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का SGX निफ्टी सुबह 8:30 बजे 50 अंक शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है या 0.33% की गिरावट के साथ 15,088 के स्तर पर कारोबार करता दिखा.
- Money9 Hindi
- Updated On - February 11, 2021 / 09:23 AM IST
शेयर बाजार(stock market) में आज गिरावट देखने को मिल सकती है. भारतीय बाजार(stock market) के लिए शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का SGX निफ्टी सुबह 8:30 बजे 50 अंक या 0.33% की गिरावट के साथ 15,088 के स्तर पर कारोबार करता दिखा. सुबह एसजीएक्स शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है निफ्टी की गिरावट को देखते हुए बाजार में दिनभर मंदी बने रहने की संभावना है. विदेशी, एशियाई शेयर बाजार भी गुरुवार को मिश्रित कारोबार करते दिखे. हालांकि इसके पहले मंगलवार की सुबह भी SGX निफ्टी 0.16% की उछाल के साथ 15,166 के स्तर पर खुला था. बुधवार को भी SGX निफ्टी में तेजी देखने को मिली थी. इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा था. भारतीय शेयर बाजार में भी शुरुआत में तेजी देखने को मिली थी. अमेरिका में वॉल स्ट्रीट भी अपने उच्चतम स्तर पर रहा.
बाजार में बुधवार को रही थी गिरावट
शेयर बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई थीं. BSE सेंसेंक्स 19.69 अंक नीचे 51,309.39 पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान इंडेक्स ने दिन के सबसे ऊंचे स्तर से 666 अंक नीचे 50,846.22 को भी छुआ। निफ्टी भी 2.80 अंक नीचे 15,106.50 पर बंद हुआ है। बाजार में सपाट कारोबार को वैश्विक बाजारों में सुस्ती का भी असर रहा। इस दौरान सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में HDFC बैंक और भारती एयरटेल आगे रहे। दूसरी ओर, बजाज फिनसर्व और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में बढ़त रही थी. शुरुआती बढ़त में इंडेक्स ने 51,512 के स्तर को भी छुआ। सुबह सेंसेक्स 26.81 अंक ऊपर 51,355 पर खुला था। निवेशकों ने सबसे ज्यादा बैंकिंग सेक्टर के शेयरों को बेचा।
पिछले सप्ताह रही थी बाजार में तेजी
भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्ताह तेजी बनी रही थी. बजट से प्रभावित होकर रिटेल निवेशकों और विदेशी इन्वेस्टर्स ने बाजार में जमकर खरीदारी की थी. हर दिन बाजार में उछाल के अलावा इस हफ्ते मार्केट ने फिर अपना नया उच्चतम स्तर भी प्राप्त किया था. मंगलवार को भी स्टॉक मार्केट (Stock Market) में सुबह तेजी बनी रही थी. हालांकि बाद में इसमें गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था.
Share Market के जोखिमों को कम करके अपने पोर्टफोलियों को बैलेंस कैसे करें? जानिए स्मार्ट तरीकें
How to Reduce Risk in Share market: निवेशक हमेशा अपने पोर्टफोलियो के सामने आने वाले जोखिमों को लेकर चिंतित रहते हैं। हालांकि जोखिम मुक्त निवेश जैसा कुछ नहीं है लेकिन जोखिम को कम करने के कुछ स्मार्ट तरीके जरूर हैं। तो आइए जानते है How to Minimize Stock Market Risk
How to Minimize Stock Market Risk: अगर आप शेयर बाजारों में रेगुलर इन्वेस्टर हैं, तो आपके लिए 'जोखिम' (Risk) कोई नया शब्द नहीं होगा। शेयर बाजारों में ट्रेडिंग और डीलिंग के लिए जोखिम निरंतर हैं। हालांकि, शेयर बाजार में जोखिम का अगर ठीक से ध्यान रखा जाए तो यह रिवॉर्ड में तब्दील हो सकता है। प्रत्येक निवेश में कई जोखिम होते शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है हैं और एक निवेशक जो इन जोखिमों से नहीं बचता है, उसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
एक जानकार निवेशक कैल्कुक्टेड रिस्क लेता है और सही जांच और शेष राशि का उपयोग करके उन्हें आसानी से कम कर सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय जोखिम से पूरी तरह बचना असंभव शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है है। एक उचित रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के बिना, एक निवेशक सभी उत्पन्न लाभ खो सकता है और एक बड़ा नुकसान उठा सकता है। इसके अलावा, जब से महामारी आई है, बाजारों की अस्थिरता बढ़ गई है और जोखिम भी बढ़ गया है।
यह ध्यान रखना उचित है कि आपकी जोखिम सहनशीलता आपकी उम्र, बचत, वित्तीय लक्ष्यों और अन्य संबंधित पहलुओं जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।
आइए कुछ रणनीतियों पर चर्चा करें जो आपको जोखिम से बचने और आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं। तो आइए जानते है कि शेयर बाजार के जोखिमों को कैसे कम करें? (How to Minimize Stock Market Risks)
1) निवेश पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाएं
अपने निवेश को जोखिमों से बचाने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है अपने निवेश पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाना। जैसे, अगर आप स्टॉक A में 20%, फिक्स्ड डिपॉजिट में 30%, रियल एस्टेट में 20%, बीमा में 30% निवेश करते हैं, और अचानक स्टॉक A की कीमत गिर जाती है, तो भी यह ठीक है क्योंकि आपकी बचत का 80% अन्य निवेश के रास्ते के लिए डायवर्सिफाई हो गया है। इस प्रकार, डायवर्सिफाइड बने रहना हमेशा एक स्मार्ट निर्णय होता है। साथ ही, यह देखने के लिए कि कौन सा निवेश मार्ग बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, समय-समय पर अपने निवेश की निगरानी करना बेहद जरूरी है।
2) अपनी जोखिम सहने की क्षमता की पहचान करें
जब जोखिमों को शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है टालने की बात आती है तो अपनी जोखिम सहनशीलता को स्थापित करना और समझना प्रमुख महत्व रखता है। कभी-कभी, निवेशक अपेक्षा से अधिक जोखिम लेते हैं और बाजार में मंदी होने पर यह उजागर हो जाता है। अपनी जोखिम सहने की क्षमता को समझना भावनात्मक उथल-पुथल से बचने और विपरीत परिस्थितियों में अपने पैसे की सुरक्षा करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है। इस प्रकार, प्रत्येक निवेशक को अपनी आयु, आय, आश्रितों आदि के आधार पर अपनी जोखिम सहने की क्षमता का निर्धारण करना चाहिए।
3) अपनी ट्रेडिंग और निवेश प्रक्रिया की समीक्षा करें
चाहे आप एक अनुभवी निवेशक हों या नौसिखिए व्यापारी, आपको अपने पोर्टफोलियो की लगातार समीक्षा करनी चाहिए। प्रत्येक निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि बाजार हमेशा विकसित हो रहा है और हमेशा सुधार के लिए जगह छोड़ता है। कभी-कभी, रुके रहना ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प होता है, जबकि अन्य समयों में, अपने बाजार ज्ञान को उन्नत करना और सर्वोत्तम दांव लगाना महत्वपूर्ण होता है। आपको अपना समय नए बाजार सुधारों के बारे में सीखने और अपनी पिछली तकनीकों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने में लगाना चाहिए। इससे आप शेयर बाजारों में स्मार्ट तरीके से काम कर सकेंगे।
4) लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करें
किसी को हमेशा यह जानना चाहिए कि बाजार की उतार-चढ़ाव निरंतर चलता रहता हैं और इस प्रकार निवेशकों और व्यापारियों को बाजार की शार्ट टर्म रिएक्शन से प्रभावित नहीं होना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है यह एक तथ्य है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करने से छोटी अवधि के लिए निवेश करने से बेहतर रिटर्न मिलता है। इस प्रकार, अच्छी तरह से रिसर्च करें, देश की आर्थिक स्थिति का बुद्धिमानी से अध्ययन करें और लंबी अवधि के लिए निवेश करते हुए अपने निवेश निर्णय पर शेयर बाजार में निवेश का एकदम नया तरीका है टिके रहें।
5) भावनाओं के बहकावे में न आएं
बाजार व्यापार और निवेश में भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। धैर्य निवेश करने और लंबी अवधि में धन पैदा करने की कुंजी है। तदनुसार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है या आप खुद को अस्वीकार्य नुकसान की स्थिति में ला सकते हैं। लालच को कभी भी अपने ज्ञान पर हावी न होने दें और कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले हमेशा दो बार सोचें।
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