ये हैं निवेश के छह तरीके
1. बैंक एफडी : रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के बाद अधिकतर बैंक अपनी एफडी की ब्‍याज दरों में भी बढ़ोतरी कर रहे हैं. इस समय एफडी पर औसतन 6 फीसदी का ब्‍याज मिल रहा. ऐसे में यहां आपका पैसा डबल होने में करीब 12 साल लग जाएंगे.

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Investment Tips: पहली बार कर रहे हैं निवेश तो रिस्‍क और रिटर्न देखकर लगाएं पैसा, ज्यादा फायदे के लिए अपनाएं ये स्‍ट्रैटेजी

Investment Tips: फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स को बाजार में मौजूद जोखिम और अनुमानित रिटर्न पर ध्यान देना होगा. निवेशक बाजार में निवेश को लेकर कनफ्यूजन में न रहे और लालच के चक्कर में न पड़ें. बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटेजी की अपनानी चाहिए. तभी लॉन्ग टर्म बेहतर रिटर्न पा सकेंगे.

बाय एंड होल्ड की स्‍ट्रैटेजी है बेहतर. (File Photo)

Investment Tips: पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशक जो इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए इक्विटी बाजारों में निवेश करते हैं, अक्सर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव से डर जाते हैं. इसी वजह से इक्विटी मार्केट में उनकी भागीदारी कम रहती है. हालांकि, यह और किसी कारण से ज्यादा फायदे और निवेश के तरीके एक व्यवहारिक चुनौती है और इसे हल करना भी आसान है. हालांकि इसके लिए बाजार में मौजूद जोखिम और अनुमानित रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करना होगा. आइए जानते हैं फर्स्ट टाइम इन्‍वेस्‍टर्स को निवेश के पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वे किस तरह से बाजार से ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं, कंपाउंडिंग का कैसे लाभ ले सकते हैं?

रिस्क लेने से बचते हैं निवेशक

PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ अजीत मेनन ने कहा, भारत में पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशकों ने बचपन से ही एक निश्चित तरीके से निवेश करना देखा है, जिससे वे भी उसी तरह से निवेश करने के बारे में सोचते हैं. फिक्स्ड इंटरेस्ट वाले पारंपरिक निवेश फायदे और निवेश के तरीके का मतलब है कि यहां रिटर्न साल दर साल बहुत अनुमानित है और इसी के परिणामस्वरूप इस तरह के निवेश वाले प्रोडक्ट में जोखिम नहीं के बराबर है. कई निवेशक परंपरागत रूप से इंफ्लेशन एडजस्टेड रिटर्न के बारे में नहीं सोचते हैं. इस वजह से भले ही रिटर्न की दर कम हो, इन विकल्पों में जोखिम भी बहुत कम होती है. इसी वजह से पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशक मार्केट लिंक वाले विकल्पों में निवेश को भी फिक्‍स्‍ड इनकम वाले निवेश की तरह देखते हैं और अनुमानित रिटर्न और किसी भी निवेश में मौजूद जोखिम के बीच संबंधों फायदे और निवेश के तरीके को पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं. इसलिए गोल बनाकर निवेश करें और रिटर्न भी देख लें.

क्या होती है SIP? जानें इसमें निवेश का तरीका और फायदे

SIP

What IS SIP: अगर आप शेयर मार्केट के माध्यम से पैसा कमाने चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि कंपनियों के शेयर खरीदकर ही ट्रेडिंग की जाए. इसके लिए आप एसआईपी में निवेश करके भी लंबे समय के लिए अपना फ्यूचर सिक्योर कर सकते हैं. दरअसल, शेयर मार्केट में निवेश के दो तरीके होते हैं. इनमें से एक है SIP यानी कि Systematic Investment Plan और दूसरा है शेयर खरीदकर ट्रेडिंग करना. शेयर मार्केट में निवेश करने का यह पहला तरीका यानी SIP इन दिनों सबसे ज्यादा ट्रेंड में है. इससे लॉन्ग टर्म में आपको एक बड़ी धनराशि प्राप्त हो सकती है. कुठ

निवेश के लिए आपको एक बड़े अमाउंट की जरूरत नहीं

दरअसल, एसआईपी में केवल एक बार ही पैसा निवेश न होकर, सिस्टमेटिक तरीके से एक निश्चित समय के बाद पैसा इंवेस्ट किया जाता है. यह एक सुरक्षित ही नहीं, बल्कि निवेशक को ज्यादा रिटर्न देने वाला तरीका है. एसआईपी करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके निवेश के फायदे और निवेश के तरीके लिए आपको एक बड़े अमाउंट की जरूरत नहीं पड़ती. इसमें आप बहुत छोटी धनराशि मसलन 500 रुपये के निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं. 500 रुपये की भी यह रकम 10 साल में आपको अच्छा रिटर्न देकर जा सकती है. लॉन्ग टर्म में रिटर्न मिलने के इस प्रोसेस को रिटर्न कम्पाउंडिंग कहा जाता है.

Investment Tips : कौन-सा निवेश कितने समय में डबल कर देगा पैसा, एक्‍सपर्ट से समझिए हर निवेश का फंडा

शेयर बाजार के इक्विटी विकल्‍प में निवेश लगातार घट रहा है.

शेयर बाजार के इक्विटी विकल्‍प में निवेश लगातार घट रहा है.

किसी भी निवेश विकल्‍प में पैसा लगाने वालों की निगाह अमूमन इस बात पर होती है कि इस पर उन्‍हें रिटर्न कितना मिलेगा. ज्‍या . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 11, 2022, 07:25 IST
इक्विटी म्‍यूचुअल फंड में जुलाई में सिर्फ 8,898 करोड़ का निवेश आया है.
कुछ म्‍यूचुअल फंड योजनाएं 4-5 साल में डबल करने की क्षमता रखती हैं.
पैसा कितने साल में दोगुना होगा, रूल ऑफ 72 फॉर्म्यूला यह जानने का आसान तरीका है.

नई दिल्‍ली. शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव की वजह से सभी निवेशकों की हिम्‍मत यहां पैसा लगाने की नहीं होती है. ऐसे में सुरक्षा की गारंटी के साथ अपने निवेश को दोगुना करने के लिए उन्‍हें लंबा इंतजार करना पड़ता है.

ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि आखिर कौन सा निवेश का विकल्‍प है जो सुरक्षा के साथ जल्‍दी पैसों को डबल बना दे. अगर सुरक्षित निवेश विकल्‍पों पर नजर डालें तो इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र (केवीपी), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) टीयर-2 जैसे ऑप्‍शन आते हैं. इक्विटी म्‍यूचुअल फंड में जुलाई में सिर्फ 8,898 करोड़ का निवेश है, जो नौ महीने में सबसे कम है. ऐसे में सुरक्षित विकल्‍प का महत्‍व बढ़ जाता है, लेकिन आप अपना पैसा कहां लगाएं, इसे एक्‍सपर्ट के नजरिये से देखें.

3. टर्म लाइफ प्लान और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस जरूर हैं

Achieve realistic goals when it comes investing

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युवाओं के कंधों पर अपने परिवार की जिम्मेदारी अधिक होती है. छोटे भाई-बहन, मां-बार और शादी हो गई है तो पत्नी और बच्चों को संभालना होता है. ऐसे में युवाओं को टर्म लाइफ प्लान और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ये परिवार को मुश्किल समय में पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा देता है. इसके अलावा, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस आजकल इलाज के दौरान मदद करता है. परिवार का कोई सदस्य अगर अचानक बीमार पड़ता तो हेल्‍थ इंश्‍योरेंस होने पर आपके कंधों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ नहीं पड़ता है और आपकी जिंदगी पटरी पर रहती है.

4. FD, PF, PPF, म्यूचुअल फायदे और निवेश के तरीके फायदे और निवेश के तरीके फायदे और निवेश के तरीके फायदे और निवेश के तरीके फंड आदि विकल्प हैं

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कम उम्र में भले ही आपके पास कम खर्चे हो फायदे और निवेश के तरीके और महीने की सैलरी से आपका काम चल जाता है. मगर, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी, शादी होगी, बच्चे होंगे, खर्च तेजी से बढ़ता जाएगा. ऐसे में अगर आप कम उम्र में सैलरी के 20 से 30 प्रतिशत हिस्‍से को बचाकर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह फायदेमंद होगा. बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी और रिटायरमेंट के बाद ये रकम आपके काम आएगी. आप सेविंग के साथ निवेश के लिए FD, PF, PPF, NPS, म्यूचुअल फंड और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे कई तरह के वित्तीय विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं

5. इमर्जेन्‍सी के लिए अलग से फंड बनाना अनिवार्य

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बड़े-बुजुर्गों से हम बचपन से सुनते आए हैं कि इंसान को बुरे वक्त के फायदे और निवेश के तरीके लिए कुछ पैसे बचाकर रखने चाहिए. बचत के इस पैसे को तभी इस्तेमाल करना चाहिए, जब वास्तव में कोई इमरजेंसी हो. इमरजेंसी फंड के लिए कई तरीके हैं. सबसे आसान तरीका है कि एक नया बैंक अकाउंट खोल लिया जाए और नियमित रूप से हर महीने उसमें सैलरी का कम से कम 5 फीसदी हिस्सा जमा किया जाए. यह फंड मुसीबत में काम आता है.

एसआईपी में निवेश की सही रणनीति

  • लक्ष्य तय करें: एसआईपी में निवेश शुरू करने से पहले अपना एक लक्ष्य तय कर लें. इसके बाद अपने लक्ष्य और अपने रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर बेहतर एसआईपी प्लान का चयन करें. इसके लिए आप ऑनलाइन एसआईपी कैलकुलेटर का भी प्रयोग कर सकते हैं.
  • एकमुश्त या एसआईपी: म्यूचुअल फंड में निवेश के दो तरीके हैं- एकमुश्त या नियमित अंतराल पर. एकमुश्त निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का अधिक फर्क पड़ता है लेकिन नियमित अंतराल पर अगर निवेश कर रहे हैं तो उतार-चढ़ाव का अधिक फर्क नहीं पड़ेगा. इसकी वजह यह है कि जब बाजार में गिरावट है तो अधिक फंड यूनिट्स मिलेगी जबकि बाजार शीर्ष पर है तो कम यूनिट्स मिलेगी लेकिन लंबे समय में इसका औसत बेहतर हो जाता है.
  • अवधि तय कर लें: कितने समय तक की एसआईपी करनी है, यह तय कर लें क्योंकि लंबे समय तक एसआईपी रहेगी यूनिट फंड प्राइस का औसत बेहतर होगा और रिटर्न बेहतर फायदे और निवेश के तरीके होगा. हालांकि समय-समय पर अपने प्रोफाइल को चेक करते रहना चाहिए.
    लंबी अवधि चुनें: एसआईपी में निवेश का 15*15*15 फॉर्मूला है. इसका मतलब है कि अगर आप 15 फीसदी का सालाना रिटर्न देने वाली स्कीम में हर महीने 15 हजार रुपये 15 साल तक जमा करते हैं तो स्कीम पूरा होने पर 1 करोड़ का फंड तैयार हो जाएगा. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि लंबे समय का निवेश कितना बेहतर है.
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