Rupee Vs Dollar: रुपये में मामूली सुधार, डॉलर के मुकाबले 9 पैसे चढ़कर 79.24 पर पहुंचा
Rupee Vs Dollar: छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08 फीसदी गिरकर 106.45 पर आ गया है.
By: ABP Live | Updated at : 06 Jul 2022 11:45 AM (IST)
Rupee Vs Dollar: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में नौ पैसे चढ़कर और अपने रिकॉर्ड निचले स्तर में सुधार करते हुए 79.24 पर खुला है.
बीते कल यानी मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.33 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.24 पर खुला जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 9 पैसे की बढ़त दर्शाता है. शुरुआती सौदों में यह 79.24 के ऊंचे स्तर और 79.31 के निम्न स्तर तक गया. कल के कारोबार में रुपया अपने पिछले बंद भाव 78.95 रुपये प्रति डॉलर के मुकाबले 41 पैसों की भारी गिरावट के साथ 79.36 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ जो 79.33 के लेवल पर बंद हुआ.
डॉलर इंडेक्स-क्रूड का हाल
इस बीच छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08 फीसदी गिरकर 106.45 पर आ गया. ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 1.14 फीसदी चढ़कर 103.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
क्या है रुपये में गिरावट की वजह
विदेशों में डॉलर के कमजोर होने और पूंजी बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार निकासी से रुपये के सेंटीमेंट पर असर पड़ा. शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि डॉलर के मजबूत होने और उम्मीद से कमजोर घरेलू आर्थिक आंकड़ों के कारण भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया, हालांकि आज निचले स्तर से कुछ तेजी देखी जा रही है.
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Published at : 06 Jul 2022 11:45 AM (IST) Tags: Rupee currency dollar rupee vs dollar Dollar index हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Rupee-Dollar Update: मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार, जानिए कमजोर डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार रुपये से किसे होगा फायदा - किसे नुकसान ?
Rupee-Dollar Update: डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है.
By: ABP Live | Updated at : 10 May 2022 05:डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार 35 PM (IST)
Edited By: manishkumar
Rupee Dollar Rate: मंगलवार के दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली रिकवरी देखने को मिली है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया आज 77.33 पर क्लोज हुआ है. सुबह रुपया 77.29 पर खुला था. सोमवार को रुपया एक डॉलर के मुकाबले 77.47 पर बंद हुआ था.
रुपये में जारी रह सकती है गिरावट
कई जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. दरअसल अमेरिका में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है. रुपया इस समय वैश्विक कारणों से साथ घरेलू कारणों से भी गिर रहा है. शेयर बाजारों में गिरावट तो इसके पीछे है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ग्लोबल रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपये पर दबाव आया है. कच्चा तेल महंगा होने और अन्य करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोरी के दायरे में दिखाई दे रहा है.
महंगे डॉलर का क्या होगा असर
1. भारत दूनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाला देश है. जो 80 फीसदी आयात के जरिए पूरा किया जाता है. सरकारी तेल कंपनियां ( Oil Marketing Companies) डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल ( Crude Oil) खरीदती हैं. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर महंगा हुआ और रुपया में गिरावट आई तो सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर का भुगतान करना होगा. इससे आयात महंगा होगा और आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.
2. भारत से लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं जिनके अभिभावक फीस से लेकर रहने का खर्च अदा कर रहे हैं. उनकी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी. क्योंकि अभिभावकों को ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा जिससे वे फीस चुका सकें. जिससे महंगाई का उन्हें झटका लगेगा. जून महीने के बाद से लेकर अगस्त के दौरान विदेशों में दाखिला शुरू होने के चलते वैसे भी डॉलर की मांग बढ़ जाती है. महंगे डॉलर का खामियाजा अभिभावकों को उठाना होगा.डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार
3. खाने का तेल पहले से ही महंगा है जो आयात तो पूरा किया जा रहा है. डॉलर के महंगे होने पर खाने का तेल आयात करना और भी महंगा होगा. खाने के तेल आयत करने के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ेगा. जिससे आम लोगों को पाम आयल से लेकर दूसरे खाने के तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.
आइए डालते हैं नजर, मजबूत डॉलर का किस प्रकार अर्थव्यवस्था को पहुंचता है फायदा
1. Remittance पर ज्यादा रिटर्न - यूरोप या खाड़ी के देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो डॉलर में कमाते हैं और अपनी कमाई देश डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार में भेजते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा Remittance पाने वाला देश भारत है. साल 2021 में भारत में Remittance के जरिए 87 अरब डॉलर प्राप्त हुआ था. जो 2022 में बढ़कर 90 बिलियन होने का अनुमान है. 20 फीसदी से ज्यादा Remittance भारत में अमेरिका से आता है. ये Remittance जब भारतीय अपने देश डॉलर के रुप में भेजते हैं तो विदेशी मुद्रा भंडार इससे तो बढ़ता ही है साथ ही इन पैसे से सरकार को अपने कल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए धन प्राप्त होता है. और जो लोग Remittance भेजते हैं उन्हें अपने देश में डॉलर को अपने देश की करेंसी में एक्सचेंज करने पर ज्यादा रिटर्न मिलता है.
2. आईटी इंडस्ट्री - डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा देश के आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री को होता है. भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल जैसेी कंपनियां की सबसे ज्यादा कमाई विदेशों में आईटी सर्विसेज देने से प्राप्त होती है. इन कंपनियों को डॉलर में भुगतान किया जाता है. जब ये देसी आईटी कंपनी डॉलर में कमाई अपने देश लेकर आते हैं तो रुपये में कमजोरी और डॉलर में मजबूती से उन्हें जबरदस्त फायदा मिलता है. तो डॉलर की डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार मजबूती से इन कंपनियों की विदेशों में सर्विसेज देने से आय भी बढ़ जाती है.
3. निर्यातकों को फायदा - डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा एक्सपोटर्स को होता है. निर्यातक जब कोई प्रोडक्ट दूसरे देशों में बेचते हैं तो उन्हें भुगतान डॉलर के रुप में किया जाता है. डॉलर की मजबूती का मतलब है कि उन्हें अपने प्रोडक्ट के लिए ज्यादा कीमतें मिलेंगी. और वे डॉलर को देश के एक्सचेंज मार्केट में बेंचेंगे तो रुपये में कमजोरी के चलते उन्हें एक डॉलर के मुकाबले ज्यादा रुपये प्राप्त होंगे.
4. ज्यादा आयेंगे विदेशी सैलानी - महंगे डॉलर के चलते विदेशों में घूमना भले ही महंगा हो जाये. लेकिन जो विदेशी सौलानी डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार भारत आना चाहते हैं उनके लिए राहत है. उन्हें रुपये में कमजोरी के चलते ज्यादा सर्विसेज प्राप्त होगा. रुपये में कमजोरी के चलते टूर पैकेज सस्ते हो जायेंगे. देश में स्ते टूर पैकेज के चलते विदेशी सैलानी ज्यादा आयेंगे.
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Published at : 10 May 2022 05:35 PM (IST) Tags: Rupee - Dollar Rupee Weakens Against Dollar Rupee-Dollar Update Costly Dollar To Push Inflation हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Rupee Rises: डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार, 24 पैसे की आई मजबूती
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि यूएस फेड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण डॉलर में गिरावट जारी रही जिससे रुपये की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. तेल की कीमतों में कमजोरी ने भी भारतीय रुपये को समर्थन दिया.
नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर चल रहा रुपया मामूली रूप से मजबूत हुआ है। सोमवार को बाजार खुलने के बाद रुपया अमेरिकी डॉलर के डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार मुकाबले 79.11 पर कारोबार कर रहा था जो शाम को 79.02 पर पहुंच गया। पिछले तीन सप्ताह में रुपये की ये सबसे मजबूत स्थिति है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज के मुताबिक, पिछले कारोबारी सेशन में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.26 के स्तर पर बंद हुआ था।
कैसे मजबूत हुई रुपये की स्थिति
विदेशी मुद्रा व्यापारियों डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि यूएस फेड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण डॉलर में गिरावट जारी रही जिससे रुपये की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। तेल की कीमतों में कमजोरी ने भी भारतीय रुपये को समर्थन दिया। इस साल अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 6.6% की गिरावट आई है, यहां तक कि कुछ एशियाई करेंसी में भी रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारी गिरावट देखी गई है।
सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 1,700-1,760 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर है और आने वाले हफ्तों में इसके स्थिर कारोबार की उम्मीद है।
डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रहा है रुपया
आंकड़ों की बात करें तो डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू लगातार काम होती गई है। जानकारी के मुताबिक, करीब 20 साल बाद डॉलर और यूरो की वैल्यू बराबर हो चुकी है, जबकि यूरो (Euro) लगातार डॉलर से ऊपर रहता आया है। वहीं, दिसंबर 2014 से अब तक इंडियन करेंसी डॉलर के मुकाबले करीब 25 फीसदी कमजोर हो चुकी है। डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू एक साल पहले 74.54 के स्तर पर थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में रुपये में गिरावट की वजह कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी को बताया था। साथ ही उन्होंने इसके कारणों में रूस-यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग को भी शामिल किया था।
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अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 81.71 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित बंद
मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) डॉलर के कमजोर होने और विदेशीमु्द्रा का प्रवाह बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.71 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर रहा। बाजार सूत्रों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और जोखिम लेने की धारणा में सुधार के कारण भी रुपये को समर्थन मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.69 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81.44 के उच्चस्तर और 81.71 के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 81.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा के
बाजार सूत्रों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और जोखिम लेने की धारणा में सुधार के कारण भी रुपये को समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.69 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81.44 के उच्चस्तर और 81.71 के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 81.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार 23 पैसे की बढ़त के साथ 81.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
बीएनपी पारिबा बाई शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि डॉलर की विनियम दर में गिरावट के बीच घरेलू शेयर बाजार में मजबूती से रुपया चढ़ा। विदेशी निवेशकों की लिवाली से भी घरेलू मुद्रा को समर्थन मिला।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘‘आयातकों की डॉलर की मांग के बीच शुक्रवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मामूली कमजोर बंद हुआ। सप्ताह के दौरान, कमजोर डॉलर इंडेक्स के कारण आयातकों की मासांत डॉलर मांग से नुकसान की भरपाई होने से रुपये में मामूली गिरावट आई।’’
अय्यर ने कहा कि घरेलू स्तर पर, भारत की सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े अगले सप्ताह आने वाले हैं और घरेलू बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा निर्धारक साबित होंगे।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.96 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.70 प्रतिशत चढ़कर 86.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 20.96 अंक की तेजी के साथ 62,293.64 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 369.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर ख़रीदे।
रुपया गिरा धड़ाम, डॉलर के मुकाबले बुरी तरह टूटा, पहली बार पहुंचा 83 के पार
भारतीय रुपया लगातार टूट रहा है. डॉलर के निरंतर मजबूत होने का असर रुपये पर दिख रहा है. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 61 पैसे टूट गया और 83.01 रुपये प्रति डॉलर परा बंद हुआ. ये पहली बार है जब रुपया ने 83 के आंकड़े को पार किया है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 19 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2022, 4:39 PM IST)
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया का कमजोर होना जारी है. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में एक बयान दिया था कि रुपया नहीं गिर रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है. इस पर पक्ष-विपक्ष के बीच काफी बहस डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार भी छिड़ी. अब बुधवार को रुपये ने रिकॉर्ड निचले स्तर को छुआ. डॉलर के मुकाबले 61 पैसे टूटकर ये 83.01 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है.
ये पहली दफा है जब रुपया 83 के पार पहुंचा है. इससे पहले मंगलवार को भी रुपये में गिरावट का रुख देखा गया था. डॉलर के मुकाबले ये 82.36 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
बुधवार को दोपहर में कारोबार के दौरान रुपये में मामूली सुधार देखा गया, लेकिन शाम होने तक इसमें गिरावट देखी जाने लगी. कारोबार समाप्ति के वक्त ये डॉलर के मुकाबले बुरी तरह टूटा और 83 रुपये प्रति डॉलर के पार जाकर बंद हुआ.
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शेयर बाजार में भी दिनभर उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहा. पर कारोबार के अंत तक आते-आते ये बढ़त के साथ बंद हुए. BSE Sensex बुधवार को 146.59 अंक की बढ़त के साथ 59,107.19 अंक पर बंद हुआ. वहीं NSE Nifty भी 25.30 अंक की मजबूती के साथ 17,521.25 अंक पर जाकर रुका.
निर्मला सीतारमण का बयान
हाल में वित्त मंत्री अमेरिका की यात्रा पर थीं. वहां पत्रकारों के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान जब उनसे रुपये के गिरने को लेकर सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा, ‘‘रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है. डॉलर के आगे अन्य सभी मुद्राओं की हालत समान है.’’
उन्होंने कहा कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और प्रदर्शन बेहतर रहा है.निर्मला सीतारमण ने कहा कि RBI लगातार कोशिश कर रहा है कि मुद्रा को लेकर बहुत ज्यादा उथल-पुथल ना हो. आरबीआई की कोशिश बाजार में हस्तक्षेप करके रुपये के मूल्य को ठीक करने से नहीं जुड़ी है.
वित्त मंत्री के इस बयान को लेकर काफी हंगामा भी हुआ. विपक्ष ने उनके इस बयान को लेकर उन पर हमला बोला, वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी गई.
क्या वाकई गिर रहा रुपया?
भले वित्त मंत्री के बयान को लेकर काफी हंगामा हुआ हो, लेकिन उनके बयान का आशय दूसरा था. अगर डॉलर इंडेक्स (DXY) के आंकड़ों को देखा जाए, तो इस साल की शुरुआत से अब तक डॉलर 17.38% मजबूत हुआ है. ये बीते 20 साल में डॉलर की सबसे अच्छी बढ़त है. वहीं इस साल की शुरुआत से अब तक रुपये में डॉलर के मुकाबले महज 8 से 9 प्रतिशत के बीच गिरावट दर्ज की गई है.
अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं से तुलना करने पर पता चलता है कि येन के मुकाबले डॉलर में 22% की मजबूती दर्ज की गई, जबकि यूरो के मुकाबले डॉलर की ये मजबूती 13% रही है.
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