Trading Account kya hai? जानिये यह demat account से किसप्रकार भिन्न है
Trading Account kya hai? : Trading account को समझने से पहले आपको Demat account को समझना जरुरी है, तभी आप इन दोनों खातों के बीच के फर्क को समझ पायेंगे. ये दोनों ही accounts share market में निवेश करने के लिए जरुरी है.
ऐसे तो मैं demat account क्या है? इस विषय पर मैं एक post लिख चुका हूँ फिर भी पहले हम संक्षेप में समझ लेते हैं demat account के बारे में :
Demat Account वास्तव में एक ऐसा account होता है जहाँ पर stock market से ख़रीदे गये सभी shares electronic रूप में रखे जाते हैं. सरल शब्दों में यदि कहा जाये तो हम कह सकते हैं कि demat account एक भंडार के जैसा है.
जब हम कोई share खरीदते हैं तो यहाँ पर जमा हो जाता है और जब कोई share बेंचते हैं तो यहाँ से निकल जाता है.
आमतौर पर trading account और demat account एक साथ ही खोले जाते हैं जिसके कारण ज्यादातर लोगों को इन दोनों खातों के बीच के अंतर जल्दी समझ में नहीं आता है.
आज के लेख में हम clearly समझने का प्रयास करेंगे कि trading account क्या है? trading account और demat account में क्या अंतर है? Trading Account की मुख्य विशेषताएं क्या हैं.
Trading Account kya hai?
शेयरों की खरीद बिक्री trading account के जरिये ही किया जा सकता है. इस account के द्वारा ही share खरीदने और बेंचने का order stock exchange पर भेजा जाता है.
Trading account के द्वारा हम ख़रीदे गये shares की payment कर पाते हैं और बेंचे गये shares की राशि हमारे trading account में आती है जिस राशि को saving account में transfer किया जा सकता है.
Share market से shares खरीदने के लिए पैसों का लेन – देन करना हो या shares खरीदने तथा बेंचने के लिए stock broker को आर्डर देना हो, trading account का इस्तेमाल किया जाता है.
आईये इसे एक छोटे से उदहारण के द्वारा समझने का प्रयास करते हैं, मान लेते हैं कि आप शेयर बाज़ार से किसी कंपनी के 8 shares खरीदना चाहते हैं तो पहले आपको अपने bank account से पैसा transfer आपके trading account में करना होगा.
अब आप trading account का इस्तेमाल करके इन 8 शेयरों को खरीद सकते हैं और इसके पश्चात इन ख़रीदे गये shares को demat account में रखा जायेगा.
हमारा जो trading account होता है उसे demat account के साथ link कर दिया जाता है. Trading account की मदद से जो shares हम खरीदते हैं वह demat account में जमा हो जाता है.
जितने मूल्य का share ख़रीदा जाता है, उतना मूल्य, tax और ब्रोकरेज चार्ज के पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? से कट जाते हैं.
ठीक इसी तरह जब हम share बेंचते हैं तो जितना शेयर बेंचते हैं उतना शेयर हमारे demat account से कम हो जाता है और बेंचे गये शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज चार्ज कटने के बाद हमारा ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है.
Trading Account की मुख्य विशेषताएं
- Share market में trading करने के लिए trading account होना चाहिए
- कोई भी व्यक्ति शेयर बाज़ार से शेयर खरीदने या बेंचने के लिए directly order नहीं दे सकता है, इसके लिए trading account चाहिए.
- खरीदे गये shares का payment करना हो या बेंचे गये shares की राशि पाना हो, ट्रेडिंग अकाउंट चाहिए.
- बेंचे गये shares की राशि trading account में आती है जिसे saving account में transfer किया जा सकता है.
- ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर खरीदने पर पैसा कटना और शेयर बेंचने पर पैसे आना यह सब automatic होता है.
- ट्रेडिंग अकाउंट से आप दुनिया में कहीं भी रहते हुए शेयर्स खरीद और बेंच सकते हैं
- Sell और buy के orders स्टॉक market तक पहुँचाने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग किया जाता है
- Mutual Funds में निवेश के लिए भी ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है
तो दोस्तों अंत में मैं आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरूर पसंद आयी होगी और यदि लेख पसंद आयी हो तो like, share और comment करना न भूलें.
मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.
आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर
ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) वह है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि को जमा करते हैं और उसके माध्यम से शेयर मार्केट के शेयरों की खरीद और बिक्री को कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग
डीमैट अकाउंट – शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री डीमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से होती है। ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदे गए शेयरों को डीमैट अकाउंट में ही रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं
डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट में अंतर (Difference between Trading account and Demat account in Hindi): डीमैट
- डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच एक प्रमुख अंतर यह है कि एक डीमैट अकाउंट में विभिन्न प्रतिभूतियां जैसे शेयर प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीद कर रखा जाता है। इस अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।
- डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों का उद्देश्य अलग है। लेकिन दोनों में काफी निकटता भी पाई जाती है। वास्तव रूप में देखा जाए तो बाजार की गतिविधियों में ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट, इन तीनों ही एकाउंट के बीच परस्पर क्रिया प्रतिक्रिया होती रहती है।
- डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में प्रमुख अंतर यह है कि ट्रेडिंग अकाउंट में एक समय अवधि में आपको पूंजी बाजार के लेनदेन को कैप्चर कराया जाता है जबकि डीमैट अकाउंट में एक समय में शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों की खरीद बिक्री को रखा जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट एक समय में शेयरों लेनदेन के प्रवाह के बारे में बताता है। वही डिमैट अकाउंट धन प्रवाह को कैप्चर करने का काम करता है।
- एक ट्रेडिंग अकाउंट में समय अवधि के बारे में जानकारी मिलती है। यह समय अवधि 1 महीने, 3 महीने 1 वर्ष आदि में हो सकती है। वहीं एक डीमैट अकाउंट में प्रतिभूतियों के स्वामित्व के रिकॉर्ड की जानकारी दी होती है जिसे एक निश्चित समय पर मापा जाता है। आमतौर पर इसे एक वित्तीय वर्ष (31 मार्च) में मापते हैं।
- यदि आप किसी भी कम्पनी के शेयर को खरीद कर रखना चाहते हैं और उन्हें बेचना नहीं चाहते हैं तो इसके लिए अकेले डीमैट अकाउंट पर्याप्त है। लेकिन यदि आप अपने शेयरों को बेचना चाहते है तो इसके लिए पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसके बाद ही शेयरों की खरीद बिक्री हो पाती है।
संक्षेप में कहे तो डीमैट अकाउंट निवेशकों द्वारा खरीदे गए शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने से संबंधित है। वही ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए प्रयोग किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री आसान हो जाती है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account vs Demat Account
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होती है। बिना डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करना असंभव है। इसीलिए हमें सबसे पहले अपने स्टॉक ब्रोकर का चयन करके डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके बाद ही हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर पाते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account से क्या होता है
जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।
अपने बैंक से पैसे निकालकर शेयर खरीदने हो, तो वह पैसे भी सीधे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही पहुंचते हैं। और यह पैसे तब तक हमारी ट्रेडिंग अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं। जब तक कि हम शेयर ना खरीद लें। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में समझने के लिए हमें डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट की बारीकी को समझना बहुत ही जरूरी होता है।
ट्रेडिंग एकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है
डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।
जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।
डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:
ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट
ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.
ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं
शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
जबकि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
डीमैट में शेयरों के रखरखाव का काम डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.
एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम
-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.
-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? सकती है.
-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.
ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें
किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.
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