चांदी वायदा - मार्च 23 (SIH3)

सैन फ्रांसिस्को, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। एप्पल 15.5 इंच का मैकबुक एयर विकसित कर रहा है जो 2023 के वसंत में लॉन्च हो सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। मैकरियूमर्स की.

वाराणसी, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। काशी विश्वनाथ का नया कॉरिडोर बनने के बाद न केवल भक्तों की संख्या, बल्कि उनके चढ़ावा में भी इजाफा हुआ है। मंदिर प्रशासन की मानें तो विश्वनाथ के दर्शन.

अंबर वारिक द्वारा Investing.com- अमेरिकी मुद्रास्फीति के प्रमुख आंकड़ों और इस सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले सावधानी बरतते हुए सोमवार को सोने की कीमतें प्रमुख स्तरों से थोड़ी.

चांदी वायदा विश्लेषण

चांदी कल 0.1% की तेजी के साथ 69709 पर बंद हुआ क्योंकि वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति के और भी अधिक बढ़ने की चिंता ने कीमती धातु की मांग को बढ़ावा दिया। नवंबर 2022 में संयुक्त राज्य.

चांदी कल -0.2% की गिरावट के साथ 67512 पर बंद हुआ क्योंकि निवेशकों ने फेडरल रिजर्व की दर वृद्धि पथ पर मंथन करना जारी रखा और संभावना है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मंदी.

चांदी कल 0.77% की बढ़त के साथ 69302 पर बंद हुई, जब अमेरिका में अपेक्षा से कम मुद्रास्फीति के कारण उम्मीद बढ़ी कि फेडरल रिजर्व कम ब्याज दर पर अपने कड़े चक्र को समाप्त कर सकता है।.

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तकनीकी सारांश

चांदी वायदा परिचर्चा

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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Gold Bond, Digital Gold और Gold ETF : सोने के गहनों में नहीं, इनमें करें निवेश, जानें कौन है सबसे बेहतर

Investment in Gold : फिजिकल सोना खरीदने से अच्छा है सोने के अन्य ऑप्शन्स में इनवेस्ट करना. निवेश के मकसद से सोने के गहने, सिक्के या गोल्ड बिस्किट खरीदने से बेहतर गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड का ऑप्शन है.

Gold Bond, Digital Gold और Gold ETF : सोने के गहनों में नहीं, इनमें करें निवेश, जानें कौन है सबसे बेहतर

Gold Investment : सोने में कई तरीकों से किया जा सकता है निवेश. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत जैसे देश में लोग सोने से संपत्ति (Gold Asset) के साथ-साथ एक इमोशनल टच से भी जुड़े हुए होते हैं. सोने को लोग हमेशा से सबसे ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद निवेश का माध्यम (Gold Investment) मानते रहे हैं. अगर निवेश की बात करें तो सेफ इनवेस्टमेंट के लिए लोग हमेशा से बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तरफ आकर्षित हुए हैं. FD से मिलने वाला रिटर्न पूर्व निर्धारित होता है. इसके अलावा कुछ लोग शेयर मार्केट में भी पैसा लगाते हैं, हालांकि शेयर मार्केट काफी जोखिमों से भरा हुआ है और बहुत से लोगों को शेयर मार्केट की सही समझ भी नहीं होती, ऐसे में लोग शेयर मार्केट में निवेश करने में उतने सहज नहीं होते. लेकिन सोने-चांदी की बात हो तो निवेश का ये विकल्प लोगों को लुभाता है.

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वैसे, आप अगर निवेश के मकसद से सोना खरीदना चाहते हैं तो फिजिकल सोना खरीदने के अच्छा है सोने के अन्य ऑप्शन्स में इन्वेस्टमेंट करना. निवेश के मकसद से सोने के गहने, सिक्के या गोल्ड बिस्किट खरीदने से बेहतर गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड का ऑप्शन है.

गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)

केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की योजना चलाती है. सरकार की इस स्कीम के तहत आम लोग सोने में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. इस स्कीम के माध्यम से सरकार सोने के भौतिक रूप की डिमांड में कमी लाने की कोशिश में रहती है. वहीं गोल्ड बॉन्ड का बड़ा फायदा ये है कि सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत गोल्ड के मार्केट प्राइस से कम होती है. वहीं इसे खरीदने से टैक्स छूट भी मिलती है. इस स्कीम की खासियत ये भी है कि इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी या फिर अशुद्धता की संभावना नहीं होती है.

गोल्ड बॉन्ड आठ वर्षों के बाद मैच्योर हो जाते हैं. 8 साल के बाद रुपए निकाले जा सकते हैं. इसके अलावा 5 साल के बाद भी इस स्कीम से पैसे निकालने का ऑप्शन होता है. इतना ही नहीं इस स्कीम के माध्यम से बैंक से लोन भी लिया जा सकता है. गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर GST भी नहीं देना पड़ता.

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)

इस समय डिजिटल बाजार उछाल पर है. ऐसे में मार्केट में डिजिटल गोल्ड भी मिल रहे हैं. इंवेस्टमेंट के लिहाज से देखें तो डिजिटल गोल्ड एक बेहतर विकल्प है. डिजिटल गोल्ड में बेहतर रिटर्न भी मिलता है. ज्वेलर्स या डीलर की तरफ से डिजिटल गोल्ड कई प्लेटफॉर्म ETF क्या होता है? के जरिए बेचा जाता है. वहीं इनमें अमेजन-पे, पेटीएम, फोन-पे जैसे वॉलेट और इंवेस्टमेंट के अन्य प्लेटफॉर्म जैसे कुवेरा, ग्रो और स्टॉक ब्रोकर्स शामिल हैं. डिजिटल गोल्ड में आप जब चाहें इन्वेस्ट कर सकते हैं और जब चाहें इसे सेल भी कर सकते हैं. डिजिटल गोल्ड को खरीदने के लिए आपको इंटरनेट और नेटबैंकिंग की जरूरत होती है.

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)

घर में रखी गोल्ड ज्वेलरी की तुलना में गोल्ड ईटीएफ अधिक सेफ होता है. इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने की वजह से इसकी शुद्धता का पूरा भरोसा किया जा सकता है. इस पर तीन वर्षों के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. इस पर लोन नहीं मिल सकता. इसे एक्सचेंज पर कभी भी बेच दिया जा सकता है और इसको रखने का खर्च भी काफी कम है.

कौन है बेहतर?

सेंट्रल गवर्नमेंट की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का एक फायदा ये है कि यह बॉन्ड, गोल्ड के मार्केट प्राइस से कम कीमत में मिलते हैं. वहीं दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस योजना में इन्वेस्ट करने पर जीएसटी नहीं चुकाना पड़ता है. जबकि डिजिटल गोल्ड खरीदते वक्त 3 फीसद जीएसटी देना होता है, ऐसे में जीएसटी देने से निवेश की लागत बढ़ जाती है. वहीं डिजिटल गोल्ड को जब सेल करते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देनदारी बनती है.

गोल्ड ईटीएफ के मामले में भी ये बात लागू होती है. लिहाजा डिजिटल गोल्ड पर टैक्स प्लस सेस और सरचार्ज चुकाना होता है, जिससे मुनाफा घट जाता है. वहीं डिजिटल गोल्ड को लेकर ऑफिशियल रेगुलेटरी संस्था नहीं है, जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना केंद्र सरकार के तहत काम करती है. वहीं गोल्ड बॉन्ड पर आप लोन ले सकते हैं, जबकि गोल्ड ईटीएफ में ऐसा विकल्प नहीं है. कुल मिला कर देखें तो मुनाफे के लिहाज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बेहतर विकल्प है.

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EXCHANGE TRADED FUND

Zerodha

ETF क्या होता है ? ETF और सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में क्या समानता और क्या अंतर है? ETF कितने प्रकार का होता है ? ETF के क्या फायदे है? और ETF इतना पोपुलर क्यों है? ETF में कैसे निवेश किया जा सकता है ?आइए सबसे पहले बात करते है?

ETF क्या होता है ?

EXCHANGE TRADED FUND यानी ETF क्या होता है? ETF एक ऐसे BASKET OF SECURITES की तरह होता है, जो STOCK EXCHANGE में सामान्य स्टॉक की तरह ट्रेड होता है,

ETF में निवेश, निजी स्टॉक ट्रेडिंग और म्यूच्यूअल फण्ड, दोनों से मिलता जुलता निवेश का बेहतरीन विकल्प है,

ETF किसी स्टॉक एक्सचेंज के INDEX में शामिल ,अलग अलग स्टॉक में उसी अनुपात में निवेश करता है, जिस अनुपात में अलग अलग स्टॉक उस इंडेक्स में शामिल किये गए है,

जैसे – NIFTY 50 एक INDEX है , और इस तरह NIFTY 50 ETF एक निफ्टी इंडेक्स पर आधारित फण्ड है, जो केवल NIFTY INDEX में शामिल 50 स्टॉकस में से किसी स्टॉक में निवेश करेगा, और जिस अनुपात में कोई स्टॉक निफ्टी 50 के इंडेक्स में शामिल है, उसी अनुपात में फण्ड का पैसा, उस स्टॉक में लगाया जायेगा,

और इस तरह निफ्टी 50 ETF में उतार चढाव उसी अनुपात में होगा, जिस अनुपात में निफ्टी 50 के इंडेक्स में होगा,

ETF एक स्टॉक मार्केट के शेयर की तरह LISTED, म्यूच्यूअल फण्ड होता है, जिसकी डेली बेसिस पे ट्रेडिंग होता है,

नार्मल म्यूच्यूअल फण्ड में दिन के ख़तम होने पर स्टॉक का प्राइस या UNDERLYING ASSET की वैल्यूएशन के बेसिस पे NAV को कैलकुलेट किया जाता है, और उस NAV के BASE पर म्यूच्यूअल फण्ड की खरीद और विक्री होती है,

लेकिन ETF की सुविधा द्वारा आप REALTIME में स्टॉक मार्केट में चल रहे भाव के आधार पर उस ETF को खरीद और बेच सकते है, अगर किसी दिन मार्केट में 5% का उतार चढाव आता है, तो जब भाव कम है तभी निवेशक उस ETF को खरीद सकता है, और जैसे ही भाव बढ़ जाता है, वो उसे बेचकर लाभ कमा सकता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) और म्यूच्यूअल फण्ड में समानता

1. एक तरफ EXCHANGE TRADED FUND एक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह है ,जो निवेशको से लिए गए पैसो को किसी खास इंडेक्स के शेयर्स या किसी दुसरे Asset class में निवेश करता है,

2. जिस तरह आप म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे छोटे निवेश करके एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश का लाभ ले पाते है, वैसे ही ETF में निवेश से भी आपको इस तरह के DIVERSIFED पोर्टफोलियो का लाभ मिलता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)और म्यूच्यूअल फण्ड में अंतर

1.सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को स्टॉक मार्केट में बेचा और ख़रीदा नहीं जा सकता लेकिन ETF की खरीद और विक्री किसी स्टॉक की तरह ही स्टॉक मार्केट पर किया जा सकता है,

  1. सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश के लिए आपको DEMAT ACCOUNT की आवश्यकता नहीं होती लेकिन ETF में निवेश के लिए आपको ट्रेडिंग और DEMAT अकाउंट की जरुरत होती है,
  2. म्यूच्यूअल फण्ड किसी फण्ड मेनेजर द्वारा ACTIVE रुप से खूब सारा रिसर्च करके स्टॉकस में निवेश किया जाता है, इस तरह सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड एक ACTIVLY MANAGED FUND है,

जबकि ETF को किसी एक्टिव फण्ड मेनेजर की आवश्यकता नहीं होती, ETF किसी खास INDEX के अन्दर आने वाले ASSET में INDEX की बनावट के अनुसार ही काम करता है, और इस तरह ETF एक PASSIVE MANGAED FUND है,

  1. ETF में निवेश करने के ऊपर लगने वाली फीस यानी खर्च, किसी अन्य सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में लगने वाले खर्च से काफी काम होता है,
  2. ETF को खरीदने और बेचने, दोनों समय हमें ब्रोकरेज फीस देना होता है, जबकि म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने पर हमें EXIT FEES देना होता है, और फण्ड को मैनेज करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड फीस भी देना होता है,
  3. ETF को हम रियल टाइम स्टॉक मार्केट प्राइस पर खरीद और बेच सकते है, जबकि सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को हम DAY TRADING नहीं कर सकते है, और इसमें हमें NAV के मूल्य पर ही खरीदना और बेचना होता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)कैसे खरीदते है?

मान लीजिए आप, देश के सबसे लोकप्रिय ETF GOLDMAN SACHS NIFTY BeEs खरीदना चाहते है,

तो आपको अपने ब्रोकर को GS NFITY BeEs ETF खरीदने का आर्डर देना होगा,

और ब्रोकर स्टॉक से खरीदेगा और एक बार लेन देन पूरा हो जाने पर, वो ETF आपके DEMAT ACCOUNT में आ जायेगा,

लेकिन इस ETF में आने वाले स्टॉक का स्वामित्व गोल्डमन सैक के पास ही रहेगा,जो ETF का स्पोंसर कहलाता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के प्रकार

ETF तीन प्रकार के होते है-

  1. EQUITY ETF – LargeCap ETF, Midcap ETF, Mutlicap ETF,
  2. DEBT ETF
  3. COMMODITY ETF- GOLD ETF

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के क्या फायदे है?

  1. Diversification
  2. TRADED ON STOCK MARKET
  3. LOW FEES
  4. REAL TIME NAV (MARKET PRICE)
  5. TAX BENEFITS
  6. BENETIS OF INDEX INVESTMENT
  7. TRANSPARENCY IN HOLDINGS – DAILY

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)इतना पोपुलर क्यों है?

ETF एक कम खर्च में किसी भी देश के स्टॉक इंडेक्स में किया जाने वाला निवेश का विकल्प है, किसी देश का इंडेक्स उस देश के सबसे अच्छे और मजबूत कंपनी के शेयर से मिलकर बना होता है,

और इस तरह ETF में निवेश से पुरे स्टॉक मार्केट के सबसे अच्छे कंपनी में निवेश का लाभ मिल जाता है, जो कि एक आम निवेशक या बड़ी निवेशक कंपनी सभी को अच्छा लगता है,

ईटीएफ क्या है? | इंडेक्स फंड क्या होता है? | ईटीएफ और इंडेक्स में क्या अंतर है?

etf kya hai

आज हम जानेंगे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और इंडेक्स फंड के बारे में सब कुछ तो नमस्कार दोस्तों आज जानते हैं इस लेख में ईटीएफ क्या ETF क्या होता है? है? इंडेक्स फंड क्या होता है? ईटीएफ और इंडेक्स में क्या अंतर है? के बारे में सब कुछ।

सबसे पहले ईटीएफ को समझने के लिए हमें म्यूच्यूअल फंड और इंडेक्स फंड को एक बार समझ लेते हैं जिससे ईटीएफ को समझने में आसानी होगी बेसिक्‌लि, म्यूच्यूअल फंड क्या है, म्यूच्यूअल फंड बहुत सारे लोग मिलकर एक कंपनी को पैसे देते हैं जैसे 100 लोग मिलकर उस कंपनी को पैसा देते हैं तोह उस कंपनी के पास एक्सपर्ट की टीम होती है जो stocks को पिक करने में एक्सपर्ट होते है और वह एक्सपोर्ट की टीम हमारे लिए जो हमने पैसे इकट्ठा करके दिए हैं उसको शेयर में लगाती है और जो फायदा होता है वह हमको मिलता है. यही म्युचुअल फंड है

इंडेक्स फंड क्या होता है?

इंडेक्स फंड: इंडेक्स फंड में भी लगभग यही होता है कि बहुत सारे लोग मिलकर एक म्यूच्यूअल फंड कंपनी को अपना पैसा देते हैं लेकिन यहां पर म्यूच्यूअल फंड कंपनी करती क्या है वह कोई फंड मैनेजर की टीम नहीं बिठाती है वह सीधा सीधा इंडेक्स में पैसा लगाती इंडेक्स यानि सेंसेक्स, निफ्टी

अब हम आसानी से समझ पाएंगे कि ईटीएफ क्या होते हैं? ईटीएफ यानि एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange traded funds) हालांकि, ईटीएफ एक्टिव फंड भी हो सकते हैं लेकिन आप यह मान कर चलिए की 99% global जितने भी ETF FUND होते हैं वह INDEX FUND के जैसे होते है। उसमें एक्टिव स्टाफ सिलेक्शन नहीं होता तो यह पहला इसका विशेषता है कि ज्यादातर etf fund जो है वह index fund के जैसे होते हैं यानी वो इंडेक्स को आउटपरफॉर्म नहीं कर सकते वहां कोई expert fund manager नहीं होता है जो आपके लिए अंडरवैल्यूड हाई ग्रोथ स्टॉक्स ढूंढ़ने की कोशिश करेगा, अगर वह सेंसेक्स ईटीएफ है तो जो स्टॉक सेंसेक्स में है वही ETF Fund में होगा। इस मामले में ये इंडेक्स फंड के जैसे होते है।

ईटीएफ क्या है?

आसान भाषा में ईपीएफ को समझते है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानि EPF FUND वह FUND है जिन्हें आप एक्सचेंज पर यानि BSE, NSE स्टॉक एक्सचेंज पर सीधा खरीद सकते हैं और बेच सकते है स्टॉक्स की तरह।

ईटीएफ और इंडेक्स में क्या अंतर है?

ETF FUNDINDEX FUND
☑️ईटीएफ और इंडेक्स फंड का मुख्य अंतर यह है कि ईटीएफ को खरीदना और बेचना दिन के दौरान किया जा सकता है।☑️इंडेक्स फंड का ट्रेडिंग दिन के अंत में निर्धारित मूल्य बिंदु पर ही कारोबार किया जा सकता है।
☑️ईटीएफ में निवेशक SIPs के जरिए निवेश नहीं कर सकते हैं।☑️इसमें SIPs lock-in period के माध्यम से या बच्चे के 18 वर्ष के होने तक इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।
☑️ETF में ट्रेडिंग के लिए DEMAT खाते की आवश्यकता होती है।☑️Index Fund में व्यापार करने के लिए डीमैट खाते की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
☑️इनमें इंडेक्स फंड की तुलना में Expense Ratio कम है।☑️ETF की तुलना में इसका Expense Ratio अधिक है।
☑️ईटीएफ में फंड का मूल्यांकन लगातार किया जाता है।☑️इंडेक्स फंड का मूल्यांकन दिन के अंत में किया जाता है।
☑️ईटीएफ में फंड मैनेजर की कोई आवश्यकता नहीं होती है।☑️इंडेक्स फंड में फंड मैनेजर की आवश्यकता हो सकती है।

डिस्क्लेमर :

इसमें निहित जानकारी प्रकृति में सामान्य है और केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। यहां कुछ भी निवेश या वित्तीय या कराधान सलाह के रूप में नहीं किया जाना चाहिए और न ही किसी वित्तीय उत्पाद के लिए निमंत्रण या आग्रह या विज्ञापन ETF क्या होता है? के रूप में माना जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

उम्मीद करता हूँ कि अपने इस ब्लॉग पोस्ट, ईटीएफ क्या है?इंडेक्स फंड क्या होता है?,ईटीएफ और इंडेक्स में क्या अंतर है? के द्वारा जानकारी, सरल भाषा में पहुँचाने में सफल रहा हूँ, अगर आपको मेरे द्वारा दी गई ब्लॉग पोस्ट पसंद आई है तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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