2020-21 (अनअंकेक्षित)

2 दिसंबर को लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड की लिस्टिंग, मुंबई जाएंगे सीएम योगी, उद्योगपतियों के साथ करेंगे बैठक

By: अनुभव शुक्ला | Updated at : 28 Nov 2020 08:58 PM (IST)

लखनऊ: यूपी देश में निवेश का हब बने. प्रदेश सरकार लगातार इसी कोशिश में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिश है कि इन्वेस्टर फ्रेंडली स्टेट के रूप में यूपी को डेवलप किया जाए. यही वजह है कि लगातार सरकार का फोकस निवेश पर रहता है. अब योगी आदित्यनाथ 2 दिन के मुंबई दौरे पर जा रहे हैं जहां वो लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड के बीएससी में लिस्टिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे साथ ही प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो इसे लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों के साथ बैठक भी करेंगे.

एक दिसंबर को मुंबई के लिए रवाना होंगे सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिसंबर को मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां 2 दिसंबर को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड की ऑफिशियल लिस्टिंग होगी. दरअसल, इसी महीने 200 करोड़ का म्युनिसिपल बॉन्ड लखनऊ नगर निगम ने जारी किया था. जिसकी अब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बीएससी में लिस्टिंग होगी. इसे नगर निकायों की आर्थिक दशा को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. लखनऊ नगर निगम के बाद अब प्रदेश के दूसरे नगर निगम भी जल्दी अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करेंगे. हालांकि, इससे पहले देश के 10 नगर निगम अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर चुके हैं.

वित्त और लेखा

MSME Coal e-procurement

निगम की निगमों में निवेश स्थापना 28 दिसम्बर 1961 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत शासकीय उपक्रम के रूप में की गई है । जिसका पंजीकृत कार्यालय भोपाल में स्थित है। प्रारंभ में निगम का कोई पृथक वित्त विभाग नहीं था। वित्त विभाग की गतिविधियों का कार्य कच्चा माल विभाग द्वारा किया जा रहा था । वर्ष 1976 में वित्त एवं लेखा कार्यो हेतु निगम का एक स्वतंत्र वित्त/लेखा विभाग स्थापित किया गया।

महत्वपूर्ण कार्य

निगम का सुदृढ़ वित्तीय स्थिति सुनिष्चित करना

रोकड़ प्रवाह एवं कोष प्रवाह का नियंत्रण एवं तदानुसार सारणी तैयार करना

निगम की समस्त प्राप्तियों एवं भुगतान का कार्य

First Time In The India : देश में पहली बार; MP का यह नगर निगम जारी करेगा पब्लिक इश्यू

इंदौर। देश में अपनी तरह के पहले कदम के तहत नगर निगम एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए धन जुटाने को सार्वजनिक निगमों में निवेश निर्गम (पब्लिक इश्यू) के रूप में हरित बॉन्ड जारी करेगा। मध्य प्रदेश के इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

धन का इस्तेमाल यहां होगा

भार्गव ने नगर निगम परिषद के सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हरित बॉन्ड से जुटाए जाने वाले धन का इस्तेमाल एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में किया जाएगा, जिससे बनने वाली बिजली से नर्मदा नदी के पानी को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव से इंदौर लाया जाएगा। महापौर ने बताया कि फिलहाल जलूद से मोटर पम्प चलाकर नर्मदा के जल को 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाने में नगर निगम को हर माह करीब 25 करोड़ रुपये का बिजली बिल चुकाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जलूद में सौर ऊर्जा संयंत्र लगने के बाद जाहिर तौर पर इस रकम की बचत होगी।

निगमों में निवेश

छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी), छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन उपक्रम (कंपनी अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकृत) है और राज्य में औद्योगिक निगमों में निवेश विकास को बढ़ावा हेतु नोडल एजेंसी है। सीएसआईडीसी मुख्य रूप से औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्धन; निर्यात संवर्धन; औद्योगिक क्षमता सर्वेक्षणों; उद्योगों को भूमि आवंटन; उद्यमिता विकास एवं प्रशिक्षण; सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी); और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, रखरखाव और उन्नयन का कार्य करता है ।

यह राज्य में छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के निगमों में निवेश निगमों में निवेश विकास के लिए सहायक के रूप में कार्य करता है एवं एस्कॉर्ट सेवाए प्रदान करता है एवं औद्योगिक विकास में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कटिबद्ध है । इसके द्वारा राज्य मे विभिन्न औद्योगिक ढांचागत सुविधाओं के विकास हेतु कार्य योजना तैयार कर उनका निर्माण एवं रखरखाव का कार्य किया जा रहा है। विगत वर्षों में, सीएसआईडीसी ने बड़े औद्योगिक निगमों में निवेश विकास केन्द्रों यथा उरला, सिलतरा, सिरगिट्टी, बोरई आदि के विकास में एक अग्रणी भूमिका निभाई है । साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी); फूड पार्क, मेटल पार्क, इंजीनियरिंग पार्क की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। सी एस आई डी सी द्वारा स्थानीय लघु एवं अन्य उद्योगो को लोहा और इस्पात, कोयला भी उपलब्ध कराया जाता है और साथ ही परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से औद्योगिक और अन्य उत्पादों के परीक्षण और प्रमाणीकरण तथा फर्नीचर और कृषि उपकरण उत्पादन इकाइयों का संचालन किया जाता है।

जीवन बीमा निगम का आईपीओ दो मई को संस्‍थागत निवेशकों के लिए और चार से नौ मई तक आम जनता के लिए उपलब्‍ध रहेगा

जीवन बीमा निगम का आईपीओ दो मई को संस्‍थागत निवेशकों के लिए और चार से नौ मई तक आम जनता के लिए उपलब्‍ध रहेगा। निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिनकांत पांडेय ने बताया कि एलआईसी का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। आईपीओ की कुल कीमत 21 हजार करोड़ रुपए तय की गई है।
जीवन बीमा निगम के अधिकारियों ने बताया कि निगम 22 करोड़ 13 लाख से अधिक के शेयर 902 रुपये से 949 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचने जा रहा है। जीवन बीमा निगम के पॉलिसी धारकों को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट मिलेगी जबकि निगम के कर्मचारी और संस्‍थागत निवेशक प्रति शेयर 45 रुपये की छूट के हकदार होंगे। 17 मई को यह आईपीओ शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हो जाएगा

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