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टाटा मोटर्स: अभी थमी नहीं चुनौतियां

टाटा मोटर्स वैश्विक महामारी के दौरान सूचकांक के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रही है। कंपनी के शेयर में पिछले साल मार्च के अंत से अब तक 343 फीसदी की जबरस्त तेजी दर्ज की गई है जबकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स में 69.3 फीसदी और एनएसई निफ्टी में 74.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। टाटा मोटर्स के शेयर में तेजी पिछले तीन साल के कमजोर प्रदर्शन के बाद वित्त वर्ष 2021 की दूसरी शेयरधारकों की इक्विटी का बुक वैल्यू छमाही के दौरान राजस्व और मुनाफे में उल्लेखनीय वृद्धि से प्रेरित थी।

हालांकि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के लिए कंपनी के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि निवेशक लंबी अवधि के शेयरधारकों की इक्विटी का बुक वैल्यू लिहाज से रणनीति बना रहे हैं और कंपनी की जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) इकाई में परिचालन एवं वित्तीय समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हो पाया है। टाटा मोटर्स की कुल बिक्री में जेएलआर का योगदान करीब 80 फीसदी है।

मोतीलाल ओसवार सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में टाटा मोटर्स का प्रदर्शन मिलाजुला रहा क्योंकि कुल मिलाकर परिचालन प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा। जेएलआर के प्रदर्शन को मात्रात्मक बिक्री भारी गिरावट का झटका लगा।’

ब्रोकरेज के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार और जेएलआर दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण होगी। बाजार ने इसे सकारात्मक रूप से नहीं लिया है, विशेष तौर पर पिछले दो सप्ताह के दौरान शेयर में 15 फीसदी की तेजी और पिछले पांच महीनों के दौरान दोगुना वृद्धि के संदर्भ में। बुधवार को टाटा मोटर्स ने निफ्टी50 कंपनियों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की। कंपनी के शेयर में 5.5 फीसदी की गिरावट आई जब निफ्ट में 0.5 फीसदी की गिरावट रही।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी की संभावनाओं को लेकर सतर्क किया है। उसने कहा, ‘हमारा मानना है कि जेएलआर का शेयर अधिक मूल्यांकन पर कारोबार रहा है। हमारा मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में काफी तगड़ी प्रतिस्पर्धा है और जेएलआर अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले काफी देरी से पूर्ण इलेक्ट्रिक कार उतारेगी जिसेस उसकी बाजार हिस्सेदारी घट सकती है। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में जेएलआर का निवेश अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले काफी कमजोर है।’

कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 7,605 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 9,894 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। इस प्रकार कंपनी के घाटे में काफी कमी आई है लेकिन वह दिसंबर 2020 तिमाही में दर्ज 2,906 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से काफी पीछे है। मार्च 2021 में समाप्त पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का घाटा बढ़कर 13,451 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 2020 में उसे 12,071 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। हालांकि कंपनी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2021 के घाटे परिचालन घाटे नहीं थे बल्कि जेएलआर परिसंपत्तियों के नुकसान की भरपाई के कारण ऐसा हुआ। उसका असर पिछले चार वर्षों के दौरान कंपनी की शुद्ध हैसियत में दूसरी वार्षिक गिरावट अथवा शेयरधारक इक्विटी में गिरावट के तौर पर दिखा। कंपनी का समेकित शुद्ध हैसियत अथवा इक्विटी मार्च 2021 में समाप्त वर्ष में 12.2 फीसदी शेयरधारकों की इक्विटी का बुक वैल्यू घटकर 55,247 करोड़ रुपये रह गई जो एक साल पहले 55,247 करोड़ रुपये थी। कंपनी की समेकित इक्विटी मार्च 2018 के अंत में 95,428 करोड़ रुपये की सर्वकालिक ऊंचाई के मुकाबले 42 फीसदी कम थी। इक्विटी में संकुचन का मतलब साफ है कि वित्तीय नतीजे के बाद टाटा मोटर्स का शेयर शेयरधारकों की इक्विटी का बुक वैल्यू प्राइस टु बुक वैल्यू के आधार पर अब कहीं अधिक महंगा है।

Oyo ने IPO के लिए SEBI के पास जमा किए दस्‍तावेज, बाजार से 8000 करोड़ रुपये जुटाने की है योजना

रितेश अग्रवाल, उनकी होल्डिंग कंपनी आरए हॉस्पिटल होल्डिंग और सॉफ्टबैंक विजन फंड – तीन सबसे बड़े शेयरधारक हैं और कंपनी के प्रवर्तक भी हैं। सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है,

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 01, 2021 12:37 IST

Oyo files for IPO to raise over Rs8,000 crore Details here- India TV Hindi

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Oyo files for IPO to raise over Rs8,000 crore Details here

नई दिल्‍ली। होटल बुकिंग स्‍टार्टअप ओयो होटल्‍स एंड होम्‍स (Oyo Hotels & Homes) ने अपने 8,430 करोड़ (1.1 अरब डॉलर) रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष गुरुवार को आवेदन दस्‍तावेज जमा कर दिए हैं। आतिथ्‍य क्षेत्र की इस यूनीकॉर्न कपंनी ने अपनी पब्लिक लिस्टिंग के प्रबंधन हेतु पिछले महीने बैंकर्स और लीड बुक मैनेजर्स की नियुक्ति की थी।

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सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन और एयरबीएनबी इंक द्वारा समर्थित ओयो की योजना नए शेयरों की बिक्री कर 70 अरब रुपये जुटाने की योजना है। शेष राशि मौजूदा शेयरधारकों की ओर से इक्विटी शेयरों को ऑफर फॉर सेल के जरिये जुटाई जाएगी। ओयो की मार्केट वैल्‍यू अभी 9 अरब डॉलर है और यह भारत की तीसरी सबसे मूल्‍यवान स्‍टार्टअप कंपनी है।

संस्‍थापक रितेश अग्रवाल, उनकी होल्डिंग कंपनी आरए हॉस्पिटल होल्डिंग और सॉफ्टबैंक विजन फंड – तीन सबसे बड़े शेयरधारक हैं और कंपनी के प्रवर्तक भी हैं। सॉफ्टबैंक की हिस्‍सेदारी 46 प्रतिशत है, जबकि अग्रवाल और उनकी होल्डिंग कंपनी की हिस्‍सेदारी संयुक्‍त रूप से 33 प्रतिशत है।

कंपनी ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप, आईसीआईसीआई सिक्‍यूरिटीज, नोमूरा और बैंक ऑफ अमेरिका को लीड बुक मैनेजर्स के रूप में नियुक्‍त किया है। ऐसी उम्‍मीद है कि कंपनी शेयर बाजार में अगले साल की शुरुआत में सूचीबद्ध होगी। रितेश अग्रवाल ने 2013 में ओयो की स्‍थापना की थी। ओयो की एप को 10 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। एयरबीएनबी और बुकिंग डॉट कॉम के साथ ओयो दुनिया में सबसे लोकप्रिय ट्रैवल एप्‍स हैं।

पारस डिफेंस की बाजार में शानदार शुरुआत, 171 प्रतिशत प्रीमियम के साथ शेयर सूचीबद्ध

पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नालॉजीज की शुक्रवार को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत हुई और 175 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले 171 प्रतिशत प्रीमियम के साथ शेयर सूचीबद्ध हुए। बीएसई पर शेयर 475 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुए, जो 171.42 प्रतिशत की जोरदार बढ़त को दर्शाता है। बाद में शेयर 185 प्रतिशत बढ़कर 498.75 के भाव तक पहुंच गए।

एनएसई पर पारस डिफेंस के शेयर 168 प्रतिशत की तेजी के साथ 469 रुपये पर सूचीबद्ध हुए। कंपनी का बाजार पूंजीकरण बीएसई पर 1,945.13 करोड़ रुपये था। पारस डिफेंस के आईपीओ को 304.26 गुना अभिदान मिला था।

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