Crypto Exchanges: कितने सेफ हैं भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज?
अगर कोई एक्सचेंज अपना काम-धंधा समेट ले या सरकार ही उसके कामकाज पर रोक लगा दे, तब उसके क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को अपनी जमा-पूंजी से हाथ धोना पड़ सकता है.
अब अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) खरीदी तो फिर उसे स्टोर करने के लिए जरूरत होती है डिजिटल वॉलेट की. ये वॉलेट दो तरह के होते हैं - हॉट वॉलेट, जो इंटरनेट के जरिए आपके डेस्कटॉप या मोबाइल फोन से जुड़े होते हैं. ज्यादातर एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने के लिए यही सुविधा देते हैं. दूसरे वॉलेट हैं कोल्ड वॉलेट, जो इंटरनेट से नहीं जुड़े होते और क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने का सबसे सुरक्षित विकल्प है. लेकिन कोल्ड वॉलेट की प्राइवेट कीज (Private Keys) आपको याद रखनी होती है क्योंकि अगर आप इसे भूल गए तो फिर स्टोर की गई क्रिप्टोकरेंसी को भी भूल जाइए.
क्रिप्टो एक्सचेंज की भूमिका बेहद अहम (Role of Crypto Exchanges)
ये सारे डिटेल्स हमने आपको इसलिए बताए ताकि आप समझ जाएं कि पूरा क्रिप्टो यूनिवर्स दरअसल डिजिटल है और इस वजह से इसकी सिक्योरिटी के लिए सारे स्टेकहोल्डर्स को मिलकर काम करना होता है. हैकर्स इसी फिराक में लगे रहते हैं कि कैसे वे इस सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ें और करोड़ों-अरबों की डिजिटल करेंसी हड़प लें. क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स इन्वेस्टर और क्रिप्टो मार्केट के बीच इंटरफेस का काम करते हैं, इसलिए सुरक्षित एक्सचेंज चुनना क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के जोखिम भरे सफर का पहला कदम है. ऐसे में आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपका एक्सचेंज कम से कम आपके इन्वेस्टमेंट पर फ्रॉड इंश्योरेंस जरूर दे. इस सेफ्टी फीचर से यूजर को इस बात क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य का भरोसा रहता है कि अगर एकाउंट हैक हो गया और क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली गई, तब एक्सचेंज सारे नुकसान की भरपाई का जिम्मा लेगा.
देख-परखकर चुनें क्रिप्टो एक्सचेंज
हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को कभी नकली एक्सचेंजों ने नकली क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धोखा दिया, तो कभी सब कुछ सही होने पर उनके निवेश को साइबर हैकर्स ने जीरो कर दिया. भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंज ऐसे हैं जो कोल्ड वॉलेट, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और फ्रॉड इंश्योरेंस जैसे सेफ्टी फीचर्स से लैस हैं. हालांकि इसके साथ एक्सचेंज की इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी भी मजबूत होनी चाहिए. अपना एक्सचेंज फाइनल करने के पहले सिक्योरिटी से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लीजिए. देश में काम कर रहे कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज के नाम हैं:
Business News : क्रिप्टोकरेंसी निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी! RBI ने Crypto के गंभीर संकट को लेकर निवेशकों को चेताया
Business News : RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है।
December 22, 2022
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आजकल जैसे फैशन बनता जा रहा है।कई आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोग मानते हैं कि यह निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा जानकारी देते रहे हैं।
कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा
RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है।
इसके साथ ही दास ने ये भी कहा, इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है। निजी क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘घाटा’ होगा।
Cryptocurrency Meaning in Hindi – क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
Cryptocurrency Meaning in Hindi – क्रिप्टोकरेंसी मीनिंग इन हिंदी?
Crypto का Meaning Hindi में सीक्रेट या गुप्त व Currency का मतलब मुद्रा होता हैं, यानी कि Cryptocurrency Meaning in Hindi सिक्रेट मुद्रा होता है। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअन करेंसी होती है, इसका मतलब कि यह फिजिकल रूप में उपलब्ध नही होती है; यानी कि इसे हम नोट और सिक्कों की तरह हाथ में नही ले सकते और ना ही इसे जेब में रख सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन इंटरनेट पर ही हमारे Digital Wallet में Digital form में ही रहता है। अतः CryptoCurrency को Online Currency भी कह सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन ही लेन-देन करने में सक्षम है।
Bitcoin meaning in hindi – बिटकॉइन का मतलब क्या होता है?
पहली बार Crypto Currency के रूप में Bitcoin को ही 2009 में इंट्रोड्यूज किया गया था। Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने 2008 में किया था, और 2009 में open source software के रूप में इसे जारी किया गया था। और अभी तक की सबसे पॉपुलर Cryptocurrency Bitcoin ही है। और बिट कॉइन को 21 मिलियन ही प्रोड्यूस किया गया है। और यह संख्या फिक्स है अतः नोट की तरह इसको और ज्यादा नही छापा जा सकता है। इसी वजह से Bitcoin की कीमत तेजी से उपर नीचे होती रहती है। जब बाजार नें इसकी मांग बढ़ती है तो बिट कॉइन कीं कीमत बढ़ जाती है, तथा जब मांग घटती है तो कीमत भी घटती जाती है। जैसा की आपको पता ही होगा कि हमारी भारतीय मुद्रा हो या फिर अमेरिकी डॉलर, चाइनीज यूरो आदि सभी करेंसी पर सरकार का पूरा-पूरा कंट्रोल होता है। लेकिन बिट कॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई भी कंट्रोल नही होता है। इस Virtual Currency पर गवर्मेन्ट अथोरिटी जैसे सेंट्रल बैंक्स, किसी देश या एजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता है। यानी की Cryptocurrency ट्रेडिशनल बैंक को फॉलो नही करती है। यह एक Computer Wallet से दूसरे Computer Wallet तक Transfer होता रहता है। क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं। जिससे यह एकदम सिक्योर हो जाती है।
क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?
शुरुआत के समय में तो भारत में बिटकॉइन लीगल था लेकिन कुछ सबय पहले बीच में भारत में बिट कॉइन को RBI ने 2018 में वैन लगा दिया था। क्योंकि RBI इसे illegal मानती थी। लेकिन फिर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वैन को हटा दिया गया। और इसी कारण से भारत मे बिटकॉइन की पॉपुलिरिटी इतनी नही थी। लेकिन अब भारत में भी क्रिप्टो करेंसी का यूज लीगल हो गया है। भारत में फिर 2022 का बजट पेस किया गया जिसमें Bitcoin जैसी करेंसी पर 30% का Tax लगाया गया है। आप जो भी इन करेंसी से पैसा कमाएं गे उसका 30% टैक्स सरकार को देना होगा।
Cryptocurrency ke fayde – क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य क्रिप्टो करेंसी के फायदे क्या है?
इसमें आप आसानी से और फटा-फट ट्रांजेकशन कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन चुटकियो में किए जा सकते हैं।
आपको न के बराबर ट्रांजेक्शन चार्ज देना पड़ता हैं। इसमें कोई भी थर्डपार्टी नही होती है, और ज्यादा सिक्योर होती है क्योंकि इसमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
Cryptocurrency का कंट्रोल सरकार या किसी अन्य एजेंसी के पास नही होता है। जिसके कारण हम जब चाहे जैसे चाहे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी सीक्रेट होती है इसका मतलब किसी को भी नही पता होता कि आपके पास कितनी करेंसी है। आप इसका कहाँ पर यूज करते है। सभी
जानकारिया गुप्त होती है। इसी वजह से इसका उपयोग कंपनिया खरीद बेच करने में करती हैं।
Cryptocurrency ke nuksan – क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या क्या है?
सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें कोई गवर्मेंट अथोरिटी नही है और कोई थर्ड पार्टी एजेंसी नही है, तो अगर कोई फ्रॉड होता है तो कोई भी सपोर्ट नही मिलता है।
यह Eco-Friendly नही है क्योंकि इसे सिक्योर बनाने के लिए बहुत सारे कंप्यूटर और रिसोर्सेस का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इलेक्ट्रिसिटी बहुत ज्यादा खर्च होती है। लेकिन हो सकता है कि भविष्य में नई टेक्नोलॉजी आ जाए।
चूकि यह सीक्रेट करेंसी है तो इसका इस्तेमाल Unethical Users भी करते हैं। जिसकी कोई डिटेल प्राप्त नही की जा सकती है।
Q. Bitcoin का आविष्कार किसने और कब किया था?
Ans. 2008 में Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने किया था।
crypto पर सरकार कैसे वसूलेगी टैक्स और क्या पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब
बिजनेस डेस्क: क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है। हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।
हालांकि बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं।
आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते हैं-
क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे लगेगा टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपए कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपए का भुगतान करना होगा। इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।
क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?
नहीं, आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए यदि आपने 5,000 रुपए की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।
लॉन्ग टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।
अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है तो
नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।
कौन से लेनदेन पर 1% TDS लगेगा?
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेन-देन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।
क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?
नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।
क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?
नहीं, वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।
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Tax on Cryptocurrency: ऐसे कैलकुलेट करें क्रिप्टो टैक्स, 30 हजार के प्रोफिट पर कितना लगेगा कर
डीएनए हिंदीः अप्रैल 2022 से, केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) की घोषणा की थी। जिसमें कहा गया था कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल असेट्स (Virtual Digital Assets) के ट्रांसफर से होने वाली किसी भी इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। एक अप्रैल से क्रिप्टाे टैक्स (Crypto Tax) लागू हो चुका है। जानकारों की मानें तो 1 अप्रैल, 2022 से क्रिप्टो असेट्स से इनकम पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्सेशन लागू हो चुका है। इसके लिए इनकम टैक्स (Income Tax) भरने वाले फॉर्म में भी इसकी व्यवस्था की गई है। अभी कई क्रिप्टो निवेशकों को अभी तक इस टैक्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। आज हम आपको क्रिप्टो टैक्स लेकर पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
आसान भाषा में समझें क्रिप्टो टैक्स
1) डिजिटल एसेट्स पर 30 फीसदी टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य सेल्स पर होने वाले प्रोफिट पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। यह टैक्सेशन निश्चित रूप से क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन पोस्ट टैक्स रिटर्न प्रभावित करेगा। जानकारों की मानें तो इनकम के दूसरे सोर्स से नुकसान का कोई सेट-ऑफ नहीं होने के कारण, क्रिप्टोकरेंसी में नेट प्रोफिटेबल व्यापार करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
2) यदि आपने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य क्रिप्टो को 15 हजार में में खरीदा है और इसे 45 हजार में बेचा है तो आपका सीधा लाभ 30 हजार है। तो आप पर तीस हजार के प्रोफिट पर 30 फीसदी के हिसाब से 9 हजार रुपये का टैक्स लगेगा।
3) क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन पर टीडीएस: क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टीडीएस लगाया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी प्रोफिट या लॉस पर बेच सकते हैं लेकिन टीडीएस 1 फीसदी निश्चित रूप से लगेगा। निवेशन नुकसान से जुड़े ट्रांजेक्शन पर किए गए टीडीएस की वापसी का क्लेम कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपने क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन किया है, तो इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करें।
4) टीडीएस की लिमिट स्पेसिफाइड लोगों के लिए प्रति वर्ष 50,000 रुपये होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने अकाउंट्स का ऑडिट कराना आवश्यक है।
5) 1 प्रतिशत टीडीएस से संबंधित प्रावधान 1 जुलाई, 2022 से लागू हों चुका है जबकि प्रोफिट पर 1 अप्रैल से प्रभावी रूप से टैक्स लगाया जाएगा।
6) उपहार के रूप में प्राप्त क्रिप्टो टैक्सेबल होगा: यदि आप क्रिप्टोकरेंसी या किसी अन्य वर्चुअल डिजिटल असेट्स गिफ्ट के रूप में प्राप्त होती है तो वह टैक्सेबल होगा।
7) वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को दूसरे वीडीए के ट्रांसफर से होने वाली इनकम के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी गई है।
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