रिपोर्ट में बताया गया है कि WazirX, CoinDCX और ZebPay पर ट्रेडिंग वॉल्यूम क्रमशः 72 प्रतिशत, 52 प्रतिशत और 59 प्रतिशत घटी है. फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी और इसके बाद से यह मुद्दा क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बीच विवाद का एक कारण बना है. इंडस्ट्री क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी के बहुत से एक्सपर्ट्स और क्रिप्टो से जुड़े लोगों ने इस सेगमेंट पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे रेगुलेट करने के सरकार के रवैये की प्रशंसा की है, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स की दर कम होनी चाहिए.

Rules Changes 1st January 2023 (Jagran File Photo)

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI ने फिर चेताया, कहा- निजी क्रिप्टोकरेंसी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पैदा कर सकती है बाधा

RBI warns again on cryptocurrencies private cryptocurrencies may be obstacles in fight against terrorism

रिपोर्ट के मुताबिक विश्व की 100 शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 2.8 लाख करोड़ डालर यानी करीब क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी 210 लाख करोड़ रुपये मूल्य का हो चुका है। आरबीआइ के अनुसार क्रिप्टो में बड़े पैमाने पर निवेश से रियल इकोनमी को खतरा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ¨चता एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। तिमाही वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक का रुख पहले से भी ज्यादा गंभीर है। केंद्रीय बैंक ने खासतौर पर निजी क्रिप्टोकरेंसी को गैरकानूनी तरीके से सीमापार वित्तीय लेनदेन या आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की राह में एक बाधा के तौर पर चिन्हित किया है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले ही फूंक-फूंककर कदम उठा रही केंद्र सरकार को आरबीआइ की यह चेतावनी और सतर्क कर सकती है। सरकार ने मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी की थी, लेकिन अंतिम समय में उसे टाल दिया गया।

रूस ने पेमेंट्स के लिए क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगाया बैन

रूस ने पेमेंट्स के लिए क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगाया बैन

बैंक ऑफ रशिया ने पेमेंट्स या इनवेस्टमेंट के लिए क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था

खास बातें

  • रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच क्रिप्टो को लेकर बहस चलती रही है
  • इस कानून के पालन को क्रिप्टो एक्सचेज और फर्में पक्का करेंगे
  • रूस में बिटकॉइन माइनिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है

क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कुछ देशों में सख्ती की जा रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पेमेंट्स के लिए डिजिटल एसेट्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं. नए कानून के तहत, डिजिटल एसेट्स और डिजिटल राइट्स को गुड्स और सर्विसेज के लिए पेमेंट्स के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.

इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रूबल को ही रूस में करेंसी के तौर पर आधिकारिक स्वीकृति दी गई है. रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस चलती रही है. रूस की पार्लियामेंट की वेबसाइट पर प्रकाशित कानून में कहा गया है, "ट्रांसफर किए गए गुड्स, किए गए कार्यों, सर्विसेज या अन्य तरीके की पेमेंट के लिए डिजिटल एसेट्स को ट्रांसफर या स्वीकार करने पर रोक लगाई गई है." इस कानून के पालन को क्रिप्टो एक्सचेज और इस सेगमेंट से जुड़ी फर्में सुनिश्चित करेंगे. फाइनेंशियल एसेट्स को रूस की सरकार बिना एक्चेंज को शामिल किए सीधे हासिल कर सकती है. डिजिटल एसेट्स की गारंटी वाली सिक्योरिटीज को भी एसेट होल्डर्स को पहले से सूचना दिए बिना कानूनी तौर पर रद्द किया जा सकता है.

भारत में नए टैक्स नियम के लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट

भारत में नए टैक्स नियम के लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट

फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी

खास बातें

  • इंडस्ट्री के कुछ एक्सपर्ट्स ने इस सेगमेंट पर टैक्स को सही बताया है
  • क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स इस महीने लागू हुआ है
  • नए कानून का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा हो सकती है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की वॉल्यूम में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है, जिसका कारण इस महीने की शुरुआत से देश में डिजिटल एसेट्स पर नए टैक्स नियम लागू होना माना जा रहा है. पिछले हाल ही में, मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने की घोषणा की थी. इसके अलावा प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS भी चुकाने का नियम बनाया गया है.

रिसर्च फर्म Crebaco की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CoinDCX और WazirX सहित देश के क्रिप्टो एक्सचेंजों की क्रिप्टो ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी घटी है. Coindesk ने Crebaco के हवाले से बताया है, "इस महीने के शुरुआती तीन दिन छुट्टियों के थे और उसके बाद से वॉल्यूम लगातार गिर रही है. इसमें और कमी आ सकती है. इसके दोबारा बढ़ने की संभावना कम है. यह स्पष्ट है कि नए टैक्स ने मार्केट पर नकारात्मक असर डाला है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. क्रिप्टो को रोकने का कोई तरीका नहीं है और इस वजह से सरकार को टेक्नोलॉजी को स्वीकार करना चाहिए."

RBI गवर्नर बोले-Cryptocurrency बड़ा खतरा, निवेशकों के लिए यह 'आगे कुंआ तो पीछे खाई'

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: June 30, 2022 18:20 IST

Crypto- India TV Hindi

Photo:FILE

Highlights

  • पिछले काफी समय में लगातार RBI क्रिप्टो लेकर चिंता जता रहा है
  • हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है
  • दुनिया के कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया है

RBI गवर्नर शशिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बार फिर अगाह किया है। दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से स्पष्ट तौर पर खतरा है। बिना सही मूल्य के आधार पर मूल्य निकालना केवल सट्टेबाजी है। गौरतलब है कि सरकार विभिन्न हितधारकों और संस्थानों से इनपुट इकट्ठा करने के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपनी चिंता जाहिर कर रहा है। वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 25वें अंक की प्रस्तावना में दास ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे वित्तीय प्रणाली तेजी से डिजिटल होती जा रही है, साइबर जोखिम बढ़ रहे हैं और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सजगतापूर्वक निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है। रिजर्व बैंक की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह आकलन पेश करने के साथ ही कहा गया है कि बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास भी ‘झटके’ झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी बफर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर चल रही है। हालांकि, मुद्रास्फीति के दबाव, बाहरी घटनाक्रम और भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते हालात से सावधानी से निपटने और करीबी निगरानी रखने की जरूरत है।

रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में युद्ध, मुद्रास्फीति के लगातार ऊंचे स्तर पर बने रहने और कोविड-19 महामारी की कई लहरों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा उठाए गए मौद्रिक कदमों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य काफी अनिश्चितता से भरा हुआ है। आरबीआई की रिपोर्ट बैंकिंग क्षेत्र के बारे में कहती है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी का जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.7 प्रतिशत के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया जबकि उनका सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी अनुपात मार्च, 2022 में 5.9 प्रतिशत के साथ छह साल के निचले स्तर पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव परीक्षणों से पता चलता है कि एससीबी गंभीर तनाव परिदृश्यों में भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम होंगे।

भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सजगतापूर्वक निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है। रिजर्व बैंक की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह आकलन पेश करने के साथ ही कहा गया है कि बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास भी ‘झटके’ झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी बफर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर चल रही है। हालांकि, मुद्रास्फीति के दबाव, बाहरी घटनाक्रम और भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते हालात से सावधानी से निपटने और करीबी निगरानी रखने की जरूरत है।

रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में युद्ध, मुद्रास्फीति के लगातार ऊंचे स्तर पर बने रहने और कोविड-19 महामारी की कई लहरों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा उठाए गए मौद्रिक कदमों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य काफी अनिश्चितता से भरा हुआ है। आरबीआई की रिपोर्ट बैंकिंग क्षेत्र के बारे में कहती है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी का जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.7 प्रतिशत के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया जबकि उनका सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात मार्च, 2022 में 5.9 प्रतिशत के साथ छह साल के निचले स्तर पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव परीक्षणों से पता चलता है कि एससीबी गंभीर तनाव परिदृश्यों में भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम होंगे।

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