प्रत्येक ऑपरेशन ट्रेडिंग परिणाम है मंच में या तो लाभ अथवा हानि जो की गणना स्वचालित रूप से प्रदर्शन किया है । तथापि, यह पता है कि कैसे इस परिकलन तैयार की है के लिए उपयोगी है। 3 महत्वपूर्ण चीजें हैं जो परिकलन के दौरान विचार करने के लिए कर रहे हैं: खुले हुए स्थिति, परिसंपत्ति उद्धरण और स्थिति (खरीदें/बेचें) की दिशा की मात्रा।

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विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए परिचय

विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए विनिमय दर के उतार चढ़ाव पर लाभ बनाने के उद्देश्य से एक व्यापार खाते के माध्यम से एहसास हुआ है. स्पेसिफिक टर्मिनोलॉजी और व्यापार तर्क मौजूद हैं, जो किसी भी व्यावहारिक कदम उठाने 50 विदेशी मुद्रा जमा से पहले अध्ययन किया जाना चाहिए.
इस अनुभाग के विदेशी मुद्रा व्यापार की मुख्य अवधारणाओं का पता चलता है और व्यापार करने के लिए कैसे जानने के लिए एक महान अवसर देता है फोरेक्स मार्किट.

अक्सर वैश्विक बाजारों में कारोबार करने वाली वस्तुओं में से कच्चे तेल में एक विशेष जगह है । इसके अलावा, न केवल कच्चे तेल का व्यापार करना संभव है, बल्कि इसके आधार पर किसी भी अन्य उत्पाद (जैसे गैसोलीन, डीजल ईंधन, प्लास्टिक, आदि), साथ ही तेल वायदा, विकल्प, सीएफडी, ईटीएफ आदि का व्यापार करना संभव है। लेकिन कच्चे तेल के व्यापार के बारे में हम क्या जानते हैं? इस तरह के व्यापार के मुख्य सिद्धांत क्या हैं और हमारी कंपनी तेल व्यापार में रुचि रखने वाले व्यापारी को क्या पेशकश कर सकती है? चलो यह सब क्रम में ले..

क्या है फॉरेक्स स्केलिंग

स्योर रूप से कई व्यापारी इस तरह की अवधारणाओं से परिचित हैं जैसे "स्केलिंग", "-से-खोपड़ी", "स्केलर"। इस लेख में, हम स्केलिंग के बुनियादी सिद्धांतों, इस व्यापार रणनीति के फायदे और नुकसान, साथ ही इसके कार्यान्वयन के तरीकों को प्रकट करने जा रहे हैं। हमें याद आता है कि यह 50 विदेशी मुद्रा जमा लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और व्यापार की एक विशेष शैली के विकल्प को प्रोत्साहित नहीं करता है.

शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों दोनों के बीच व्यापार के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक, मध्यम अवधि का व्यापार है, जिसे कभी-कभी स्विंग ट्रेडिंग (स्विंग" से - उतार-चढ़ाव, परिवर्तन, लय) कहा जाता है। स्विंग ट्रेडिंग को पहली बार 1 9 50 के दशक में अमेरिकी व्यापारी जी डगलस टेलर द्वारा अपने काम में विस्तार से वर्णित किया गया 50 विदेशी मुद्रा जमा था "टेलर ट्रेडिंग तकनीक" । आधुनिक व्यापारी "स्विंग" समय की एक निश्चित अवधि कहते हैं जिसके दौरान बाजार की स्थिति एक स्विंग/उतार-चढ़ाव के भीतर सक्रिय रहती है.

गोल्ड का व्यापार कैसे करें: गोल्ड ट्रेडिंग रणनीतियाँ

सोना दरअसल कमोडिटी बाजार में सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली और लोकप्रिय 50 विदेशी मुद्रा जमा कीमती धातु है। यह कई कारकों के कारण एक बहुत ही आकर्षक निवेश है; उदाहरण के लिए, व्यापारी जोखिमों में विविधता लाने के लिए सोने में निवेश करते हैं, अधिकांश देशों में सोना सबसे स्थिर सुरक्षित स्वर्ग है, बाजार शारीरिक रूप से पीली धातु के मालिक के बिना भी सोने में निवेश करने के विभिन्न तरीके प्रदान करते हैं, आदि.

ब्रोकरेज हाउस भी बैंकों की बड़ी संख्या के बीच ठेकेदार के एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, धन, आयोग घरों, डीलिंग केन्द्रों, आदि .

विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 570.74 अरब डॉलर पर

रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का कम होना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं।

साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.65 अरब डॉलर घटकर 506.99 अरब डॉलर रह गईं।

डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 30.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.61 अरब डॉलर हो गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.13 अरब डॉलर हो गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 70 लाख डॉलर बढ़कर 4.99 अरब डॉलर से अधिक हो गया।

विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से आई गिरावट, जानिए अब खजाने में कितना रह गया है?

विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से आई गिरावट, जानिए अब खजाने में कितना रह गया है?

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जून को समाप्त सप्ताह में 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह विदेशी 50 विदेशी मुद्रा जमा मुद्रा भंडार 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर हो गया था. 20 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 4.23 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर रहा था. समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है. आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 20.8 करोड़ डॉलर घटकर 536.779 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

रुपए का सेंटिमेंट कमजोर हुआ है

इधर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया (Dollar vs Rupees) 19 पैसे की भारी गिरावट के साथ 77.93 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह रुपए का अबतक का सबसे निचला स्तर है. कच्चे तेल की कीमतों में तेजी तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors) की बाजार से पूंजी की निरंतर निकासी से यह गिरावट आई है. बाजार सूत्रों ने कहा कि शेयर बाजार में भारी बिकवाली तथा विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से भी रुपए की धारणा प्रभावित हुई.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.81 पर खुला. दिन के कारोबार में यह 77.79 के उच्च स्तर और नीचे में 77.93 तक गया. कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 77.74 रुपए के मुकाबले 19 पैसे की गिरावट के साथ 77.93 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 50 विदेशी मुद्रा जमा अबतक का सबसे निचला स्तर है.

डॉलर इंडेक्स में मजबूती से रिकॉर्ड लो पर रुपया

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, जोखिम से बचने की भावना, कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़े और मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया….बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,016.84 अंक की गिरावट के साथ 54,303.44 अंक पर बंद हुआ.

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को बताने वाला डॉलर सूचकांक 1 फीसदी बढ़कर 104.235 के स्तर पर बंद हुआ. ब्रेंट क्रूड 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 122 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को पूंजी बाजार से शुद्ध रूप से 3,973.95 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.

चार सप्ताह बाद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा में इजाफा, जानें कितना है स्वर्ण भंडार

मुंबई: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक बार फिर से भारतीय बाजार का रूख किया है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दिखा। 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। इससे पहले लगातार चार सप्ताह तक इसमें कमी हुई थी।

चार सप्ताह बाद आई यह खबर

29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान शेयर बाजार में लगभग हर रोज तेजी रही। उस सप्ताह फॉरेन पोर्टफोलियो इंस्वेस्टर्स (FII) नेट इनवेस्टर (Net Investor) थे। रिजर्व बैंक से मिली सूचना के अनुसार 29 जुलाई 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश 50 विदेशी मुद्रा जमा का विदेशी मुद्रा भंडार 573.875 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बीते 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटा था। यदि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह की बात करें तो यह 571.5 अरब डॉलर पर था। आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया था। इसी महीने एक जुलाई को भी विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटा था। उस समय अपना विदेशी मुद्रा भंडार 588.314 अरब डॉलर पर था।

29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें फॉरेन करेंसी असेट 50 विदेशी मुद्रा जमा का बढ़ना भी शामिल है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार बढ़ने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 1.121 अरब डॉलर बढ़ कर 511.257 अरब डॉलर पर पहुंच। बीते 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 1.426 अरब डॉलर में कमी 50 विदेशी मुद्रा जमा हुई थी। अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

स्वर्ण भंडार में भी इ़़जाफा

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.140 अरब डॉलर बढ़ कर 39.642 अरब डॉलर पर पहुंच गया। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 2.2 करोड़ डॉलर बढ कर 17.985 अरब डॉलर पर चला गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 3.1 करोड़ डॉलर बढ़ कर 4.991 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

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