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म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

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Investment in Gold: वर्तमान में सोने में निवेश करना चाहिए, क्या होनी चाहिए आपकी स्ट्रेटजी?

टाइम्स नाउ डिजिटल

Should you invest in gold in present, what should be your strategy?

वर्ष 2020 में अपनी सर्वाधिक निवेशकों को क्या जानना चाहिए? उच्च कीमतों को छूने के बाद सोने की कीमतों में करीब 20% की गिरावट हुई है और यह मार्च 2021 में प्रति 10 ग्राम 46,000/- हो गई थीं। जब भारत में महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप था, तो सोने की कीमतों में फिर से तेजी आई थी और पूरी दुनिया में जब भू-राजनैतिक तनाव व्याप्त था, उस समय इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। वर्तमान समय में 57,000/- रुपये प्रति 10 ग्राम की ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमत की तुलना में सोने की कीमत उससे करीब 10% कम है।

क्या वर्तमान में आपको सोने में निवेश करना चाहिए?

जब कीमतें ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमतों में तुलना में कम हों, तो सोने में निवेश पर विचार किया जा सकता है। वर्तमान में, पूरे विश्व में स्टैगफ्लेशन (मुद्रा-स्फीति के कारण होने वाली मंदी) के प्रति चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पूर्व-महामारी के स्तर के समकक्ष आर्थिक गतिविधियों को शुरु करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात पर विचार करते हुए, सोने की निवेश सम्पत्ति के तौर पर मांग बनी रहने की संभावना नज़र आती है।

इस प्रकार, सोने में अल्प से मध्यम निवेश सकारात्मक नज़र आता है। लेकिन, ऐसा कहने के बाद, ऐसा नहीं है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव या करेक्शन नहीं होते हैं। इसलिए, सोने में अपने निवेश की टाईमिंग करने की बजाए, इस बात की सलाह दी जाती है कि आप दीर्घकालिक विचार के साथ सोने में छोटी-छोटी राशि का निवेश करते रहें। ऐसे चरणों में जब सोने की कीमतों में 5-10% या अधिक की करेक्शन आती है, तो ऐसी करेक्शन के समय अधिक निवेश किया जा सकता है।

सोने में निवेश करने की आपकी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए?

सोने में निवेश एक निवेशकों को क्या जानना चाहिए? निवेशकों को क्या जानना चाहिए? निवेशकों को क्या जानना चाहिए? सुरक्षित विकल्प है, जिससे आपके समग्र निवेश पोर्टफोलियो को स्थिरता मिल सकती है। लेकिन, इसे केवल निवेश के नज़रिए से इस्तेमाल करने की बजाए, एक हैजिंग विकल्प माना जाना चाहिए। यहां पर कुछ निवेश स्ट्रेटजी की चर्चा की गई जिन पर सोने में निवेश करते समय विचार किया जाना चाहिए:

1. सम्पत्ति आंवटन सोने में निवेश की बात करते समय, सम्पत्ति का आवंटन महत्वपूर्ण होता है। आदर्श रूप से, सोने में निवेश आपके पूरे पोर्टफोलियो का 10% निवेश के बराबर होना चाहिए, जिसमें आप 5% आवंटन के साथ शुरूआत कर सकते हैं तथा धीरे धीरे इसे 10% तक बढ़ा सकते हैं। यदि आप बिलकुल ही जोखिम नहीं उठाना निवेशकों को क्या जानना चाहिए? चाहते हैं और रूढ़िवादी निवेशक हैं, तो सोने में अपने निवेश को अधिकतम 15% तक बनाए रखने का लक्ष्य तय करें। एग्रेसिव निवेशकों को केवल सोने की कीमतों में करेक्शन ही समय 15% आवंटन पर विचार निवेशकों को क्या जानना चाहिए? करना चाहिए। इससे अधिक निवेश करने की कभी भी सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे सम्पदा सृजन निवेशकों को क्या जानना चाहिए? की यात्रा में रूकावट पैदा हो सकती है और अन्य सम्पदा-सृजन करने वाले इस्ट्रुमेंट्स में निवेश न करने से अन्यथा मिलने वाले बेहतर अवसरों से आप वंचित रह सकते हैं।

Big Boss Big Idea EP 18: बढ़ती ब्याज दरों में कहां है कमाई का मौका? जानिए इक्विटी और डेट फंड के निवेशकों के लिए क्या है Pankaj Pandey की राय

ICICI Securities के Head Research, Pankaj Panday ने Jagran Business की Consulting Editor, Geetu Moza के साथ Market की गिरावट में Investors क्या करें? इस बारे में खास बातचीत की। Equity में कहां Investment करना सही? डेट में सुरक्षित Investment के क्या है Options? Market में Investment की क्या हो स्ट्रैटेजी? लोगों को Investment करते समय किन बातों का रखना चाहिए ध्यान? नए साल में कहां करें Investment, जिससे आने वाले सालों में पैसा हो सकता है डबल। बढ़ती ब्याज दरों में कहां है कमाई का मौका? जानिए Equity और Debt Fund के Investors के लिए क्या है Pankaj Panday की राय।

Pankaj Panday ने कहा कि Equity Market में होने से हर एक सेक्टर की जानकारी मिलती है, उन्होंने कहा है कि कैपिटल मार्केट इंडस्ट्री में काफी बदलाव हुआ है। म्युचुअल फंड को लेकर लोग बहुत जागरूक हुए है। बाजार निवेशकों को क्या जानना चाहिए? आने वाले 2 सालों में Corporate Earnings में 15% ग्रोथ होने की उम्मीद है।वहीं, इस पूरे साल बैंकिंग सेक्टर में प्रॉफिट ग्रोथ बेहतरीन देखने को मिली है जबकि इस साल IT और सीमेंट सेक्टर में काफी गिरावट रही। उन्होंने बताया कि नए साल में ऑटो सेक्टर में डबल ग्रोथ होने की उम्मीद है।

अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाएं

बियर मार्केट हो या न हो, अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाना और शेयरों का मिश्रण रखना हमेशा एक बेहतरीन रणनीति होती है. हर कंपनी के शेयर की कीमतें समान मात्रा में नहीं गिरती हैं. अगर आपके पास नुकसान वाली कंपनियों की तुलना में मुनाफे वाली कंपनियां अधिक हैं तो आप हमेशा फायदे में रहेंगे. यही कारण है कि आपको पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए एक्सपर्ट्स की मदद लेनी चाहिए. ऐसी कंपनियां हैं जिनके शेयर की कीमतें काफी ज्यादा हैं लेकिन वे कर्ज में डूबी हुई हैं और उनका प्रदर्शन भी अच्छा नहीं है. ऐसी कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो से हटा दें.

ऐसी कंपनियों में निवेश करें जिनका फंडामेंटल मजबूत हो. इसके साथ ही, हेल्दी बैलेंस शीट और लंबे समय तक प्रदर्शन करने वाली हों. एक इंडेक्स फंड और ईटीएफ आपको एक स्टॉक में निवेश करने के बजाय कई कंपनियों में अपने फंड में विविधता लाने की अनुमति देता है.

एसेट एलोकेशन पर दें ध्यान

अपने गोल्स, इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क लेने निवेशकों को क्या जानना चाहिए? की क्षमता के आधार पर अलग-अलग इन्वेस्टमेंट एसेट्स का एक पोर्टफोलियो रखें. सही रणनीति यह है कि आपके पोर्टफोलियो का एक हिस्सा बाजार की स्थिति के आधार पर आगे और पीछे निवेश किया जाए.

SIP के ज़रिए आप नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं. आप एक म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड बाजार के साधन हैं जो स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी आदि में फंड निवेश करते हैं. एकमुश्त निवेश करने के बजाय, आप अलग अलग जगह समान रूप से निवेश कर सकते हैं. यह बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को और कम करता है.

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशकों को क्या जानना चाहिए? निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत निवेशकों को क्या जानना चाहिए? दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

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