Cryptocurrency क्या है, क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के क्या फायदे हैं?
दुनिया में कहीं भी कुछ भी खरीदने के लिए आपको Currency की जरूरत पड़ती है जिसे हम मुद्रा या पैसा कहते हैं. ये हर देश के अलग-अलग होते हैं जैसे भारत की करेंसी ‘रुपया’ है, अमेरिका की ‘डॉलर’ है. लेकिन ये सब अलग-अलग देशों में चलने वाली मुद्रा है. इन दिनों एक अलग नाम क्रिप्टोकरेंसी हम सभी को सुनने मिलता है. ये किसी देश की मुद्रा नहीं है फिर भी ये दुनियाभर में काफी ज्यादा प्रचलित हो रही है और लोग इसमें तेजी से investment कर रहे हैं. अगर आप Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख में आप क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई सवालों के जवाब जान पाएंगे.
Crypto Currency क्या है?
What is Crypto currency इस बात को जानने से पहले हमें ये जानना चाहिए कि Currency क्या होती है? सीधे शब्दों में यदि करेंसी को परिभाषित करें तो इसका Crypto currency meaning होता है की जिस चीज के जरिये आप किसी चीज को खरीद सकते हैं और जिसके दाम पर आप उसे बेच सकते हैं वो करेंसी होती है. ये हर देश की अलग-अलग होती है और इसका क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे मूल्य भी अलग-अलग होता है. करेंसी जो होती है उसे उस देश की सरकार का समर्थन प्राप्त होता है तथा वो करेंसी पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में होती है.
अब बात करते हैं क्रिप्टोकरेंसी की. क्रिप्टोकरेंसी एक Digital Currency है जिसे हम आभासी मुद्रा भी कह सकते हैं. इसे न हम देख सकते हैं न महसूस कर सकते हैं. बस ये एक नंबर के रूप में हमारे Digital Account में होती है. क्रिप्टोकरेंसी को किसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और न ही ये किसी सरकार के द्वारा नियंत्रित होती है. इसलिए इसमें निवेश करना थोड़ा रिस्की हो सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को ब्लॉकचेन के जरिये ऑपरेट किया जाता है. जिसके जरिये इसके सभी रिकॉर्ड अच्छी तरह रखे जाते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास
Crypto Currency history की बात करें तो इसकी शुरुवात काफी धीरे-धीरे हुई है. साल 1983 में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर David Chaum ने इलेक्ट्रोनिक मनी के बारे में बताया जिसे eCash कहा गया. साल 1995 David Chaum ने इस पर अपनी कंपनी DigiCash के जरिये काम किया. इसके बाद कुछ रिसर्च पेपर जारी हुए और कुछ खबरों में आने के बाद लोग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में थोड़ा-बहुत जानने लगे. इसके बाद साल 2009 में सही रूप में क्रिप्टोकरेंसी को Satoshi Nakamoto ने लांच किया. उनके द्वारा जो क्रिप्टोकरेंसी लांच की गई थी वो Bit Coin थी.
क्या क्रिप्टोकरेंसी लीगल है?
क्रिप्टोकरेंसी को किसी देश की मान्यता नहीं है. मतलब इस पर किसी देश का नियंत्रण नहीं है. अतः सवाल ये उठता है की क्या Crypto Currency legal है? क्या आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर किसी तरह की कोई सजा तो नहीं होगी. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी का Legal होना इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रह रहे हैं. दुनिया में कई देश हैं जो क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देते हैं और भारत उन्हीं में से एक है. भारत समेत कई देश अब इसे लीगल करने की ओर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि आप इसमें निवेश नहीं कर सकते. यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. बस होगा ये कि आप इसका उपयोग भारत में नहीं कर पाएंगे.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग कंपनियों द्वारा चलाई जा रही मुद्रा है (how operate crypto currency) जिसे सरकार ने मान्यता नहीं दी है. जैसे आपने Bitcoin का नाम सुना होगा. ऐसे ही 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं. इनके अलग-अलग रेट हैं जैसे Share Market में हर कंपनी के शेयर का अलग-अलग रेट होता है ठीक उसी तरह. आपको इन्हें ऑनलाइन खरीदना होता है यानी अपना पैसा इनमें निवेश करना होता है. इसके बाद यदि इनका रेट बढ़ता है तो आपको फायदा होता है और यदि इनका रेट घटता है तो आपको नुकसान होता है. ये कुछ-कुछ शेयर मार्केट की तरह ही होता है. लेकिन शेयर मार्केट में शेयर बेचने से आपको पैसे मिल जाते हैं पर इससे पैसे बेचने पर आपको पैसे नहीं मिलते हैं. इसका पूरा सिस्टम ब्लॉकचेन तकनीक के जरिये चलता है.
ब्लॉकचेन तकनीक क्या होती है?
Blockchain Meaning होता है डाटा ब्लॉक की एक लंबी श्रंखला. ये एक डिजिटल बहीखाता (Digital Ledger) होता है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेन-देन को रिकॉर्ड किया जाता है. इसमें अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल होता है. जिसमें आपके अकाउंट को सिक्योर रखने के लिए आपकी ‘पर्सनल की’ का इस्तेमाल होता है. इसमें लेन-देन प्रक्रिया सीधी और सरल होती है. इसमें छेड़छाड़ असंभव है. इसकी मदद से सही तरीके से क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक किया जा सकता है और इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को सुरक्षा दी जा सकती है.
Popular Crypto Currency कौन सी है?
Types of Cryptocurrency दुनियाभर में 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी है लेकिन इनमें से फेमस ज्यादा नहीं हो पाई हैं. अधिकतर लोग तो सिर्फ अभी तक Bitcoin को ही Crypto Currency मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है.
– दुनिया की सबसे फेमस क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin है. इसकी कीमत 54,285 अमेरिकन डॉलर है.
– Ethereume भी काफी फेमस क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी कीमत 2622 अमेरिकन डॉलर है.
– इसके अलावा Binance Coine, Ripple, Tether, Dogcoine, Cardano, Poladot, Uniswap, LiteCoine अन्य क्रिप्टोकरेंसी है.
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे Benefits of Crypto Currency
क्रिप्टोकरेंसी के कई फायदे हैं. जैसे
– क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो इसमें धोखाधड़ी की उम्मीद कम है. इसकी कोई नकली करेंसी नहीं बना सकता.
– क्रिप्टोकरेंसी को कोई सरकारी अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसकी वजह से इसके बंद होने या नोटबंदी जैसी समस्या आपको नहीं होगी.
– जो लोग अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं वो क्रिप्टोकरेंसी में अपना Money investment कर सकते हैं.
– क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से उछाल दर्ज किया गया है जिसके चलते आप इसमें निवेश करके काफी अच्छे रिटर्न कमा सकते है. हालांकि कई बार इसमें गिरावट भी देखी गई है. इसलिए इसमें निवेश अपने क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे रिस्क पर ही करें.
क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए फायदे का सौदा भी हो सकता है और घाटे का सौदा भी हो सकता है. कई लोगों ने इसमें निवेश किया क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे है और अच्छे रिटर्न कमाए हैं. लेकिन इसमें घाटा भी हो सकता है. इसे कोई सरकार कंट्रोल नहीं करती इसलिए इसमें घाटा हो या फायदा इसकी पूरी ज़िम्मेदारी क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे आप पर ही होगी.
क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?
हम सभी ने क्रिप्टोकरेन्सी के बारे सुना है, और मन में ये सवाल जरूर आता है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है? आप अगर क्रिप्टोकरेन्सी के बारे में थोड़ा बहुत जानते है तो भी और अगर बिलकुल भी कुछ नहीं जानते तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। इसमें हमने क्रिप्टोकरेन्सी के सभी पहलुओं पे बिस्तार से बात की है, तो आइये जानते है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है ?
क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?
क्रिप्टोकरेन्सी एक एक कंप्यूटर अल्गोरिथम पे आधारित डिजिटल करेंसी है,क्रिप्टोकरेन्सी के डिजिटल करेंसी होने के वजह से न तो आप इसे छू सकते है, न ही इनके ऊपर किसी भी गवर्मेन्ट या किसी तरह के बैंक या संस्थान का कोई कण्ट्रोल नहीं होता।
क्रिप्टोकरेन्सी पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पे काम करता है। जिसे ही ब्लॉकचेन कहाँ जाता है जो न सिर्फ इसके लेनदेन में कारगर साबित होता है साथ ही इससे क्रिप्टोकरेन्सी जैसे बिटकॉइन इत्यादि को ट्रैक किया जाता है।आज दुनिया में लगभग 4000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेन्सी मौजुद है।
इन करेंसी का लेनदेन फर्स्ट पर्सन यानि की जिससे आप ट्रेड कर रहे है और सेकण्ड पर्सन यानि की आप सिर्फ इन दोनों के बीच में होता है जिससे आपको मुनाफा ज्यादा होता है लेकिन ये कुछ हद तक इन्हे असुरक्षित भी बनाती है। हालांकि क्रिप्टोकरेन्सी की अपनी एक एंक्रिप्शन key युक्त सुरक्षा होती है।
जैसे बिटकॉइन अपने लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है, जिसमे दोनों पार्टियों को एंक्रिप्शन key दिया जाता है जिससे इनका लेनदेन सुरक्षित बन जाता है। जिसे लेजर की देखरेख में किया जाया है। अब आपके मन में सवाल आया होगा की लेजर क्या है? और क्या काम करता है? तो जानते है
लेजर क्या है? और क्या काम करता है?
जब करेंसी अपने आप में यूनिक है, तो इसका बहीखाता भी यूनिक होना चाहिए जिसे लेज़र कहा जाता है। लेज़र का काम मुख्य तौर पर डेटाबेस में एंटेरी की लिस्ट बनाना और सभी तरह के लेनदेन को सार्वजनिक और पारदर्शी बनाये रखना है। यह एक स्वचालित और स्व-शासित है इसका मतलब इसमें इसमें किसी तरह के बहरी हस्तछेप का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन इसकी भी अपनी कुछ कमिया है जो क्रिप्टोकरेन्सी को गलत तरीके से यूज़ करने से नहीं रोक पाति है।
CryptoCurrency के फायदे
आइये अब जानते है क्रिप्टोकरेन्सी के फायदे को जो इसे खास और भौतिक करेंसी से अलग बनाती है।
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा भविष्य, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- सरकार इसे लेकर.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर वित्त मंत्री ने बयान दिया है.
Published: December 4, 2021 8:40 PM IST
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं है, लेकिन ये तय है कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बयान दिया है. सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के विनिमयन की तैयारियों के बीच उनका यह बयान आया है. सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कई तरह की अटकलें चल रही हैं और ये अटकलें अच्छी बात नहीं हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अच्छी तरह से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया विधेयक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद निश्चित रूप से संसद में आने जा रहा है.
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एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारी अटकलें चल रही हैं… ये बिल्कुल ठीक बात नहीं हैं.’’ क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का नियमन विधेयक, 2021 को लोकसभा के बुलेटिन-भाग दो में शामिल किया गया है. इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा. बुलेटिन में कहा गया है कि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक रूपरेखा तैयार करने से संबंधित है.
इसमें देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का प्रावधान भी है. हालांकि यह क्रिप्टोकरेंसी में अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने और उसके इस्तेमाल के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देता है. इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में सीतारमण ने कहा था कि नए विधेयक में वर्चुअल मुद्रा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का ध्यान रखा जाएगा और इसमें पुराने विधेयक की उन चीजों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले नहीं लिया जा सका था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार का मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशानिर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और उनके नियमनों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर किसी तरह का रुख अपना सकें या कोई फैसला ले सकें. उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे हैं. यह काफी ऊंचे जोखिम वाला क्षेत्र है.
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RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Key Points
– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच
पायलट प्रोजेक्ट
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।
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