शेयरों में निवेश का पहला कदम रखने से पहले जानें क्या करें और क्या नहीं

Guide to Stock Market: किसी कंपनी के शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको कुछ बिंदुओं पर रिसर्च करना जरूरी है क्योंकि निवेश के बाद कंपनी से जुड़े सवाल करना पानी में कूदने के बाद तैरना सीखने जैसा है.

  • Khushboo Tiwari
  • Updated On - June 1, 2021 / 04:23 PM IST

शेयरों में निवेश का पहला कदम रखने से पहले जानें क्या करें और क्या नहीं

Stock Market: बड़ी कमाई करने के इरादे से शेयर बाजार में पहला कदम रखने जा रहे हैं तो आपको पहले अपना होमवर्क करना होगा. अपनी गाढ़ी कमाई पर शेयर बाजार से जुड़े रिस्क लेने की सोच रहे हैं तो जरूरी है कि इस होमवर्क को आप खुद ही करें. क्योंकि कमाई आपकी है, तो फैसले भी आपके होने चाहिए. निवेश करने से पहले आपको स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम प्रक्रिया से लेकर सही कंपनी का चुनाव करने को लेकर कुछ बातों पर गौर करना होगा.

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं उस कंपनी की ग्रोथ का हिस्सा बनते हैं. शेयरों में मार्केट के सेंटिमेंट, कंपनी के आय और मुनाफे, सरकारी नीतियों, विदेशी बाजार के संकेतों और अन्य कई कारणों स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम से उतार-चढ़ाव आता है. शेयर बाजार में जोखिम भी है. अगर आप जोखिम ले सकते हैं तो ही सीधे शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं.

डीमैट खाता होना अनिवार्य

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह का कहना है कि शेयरों में निवेश का पहला हिस्सा है डीमैट खाता खुलवाना. निवेशक को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) में रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ही अपना डीमैट खाता खुलवाना चाहिए. ये खाता आप ऑनलाइन भी खुलवा सकते हैं.

बिजनेस समझ आए तभी करें निवेश

शाह कहते हैं कि जब आप निवेश के लिए कोई कंपनी चुनें तो लोगों की कही-सुनी पर फैसले ना लें. अपने पैसों के निवेश से पहले आपको रिसर्च करने की जरूरत है. रिसर्च के लिए आपको ढेर सारे रेश्यो या बैलेंस शीट खोलकर देखने की जरूरत नहीं है. लेकिन आपको कंपनी के बिजनेस को समझना होगा कि कंपनी क्या काम करती है, क्या सर्विस या कौन से प्रोडक्ट बनाती है, पिछला प्रदर्शन कैसा रहा है, मैनेजमेंट में कौन से लोग हैं. अगर आपको कंपनी का बिजनेस समझ आया तो ही निवेश करें.

पानी में कूदने से पहले सीखें तैरना

निवेश से पहले आपको कई सवाल पूछने होंगे. आप कंपनी से जुड़े इन सवालों को या अपनी उलझनों को एक्सपर्ट से पूछ सकते हैं या रिसर्च कर सकते हैं. गौरांग शाह कहते हैं कि आप निवेश से पहले जितने सवाल पूछना चाहें, जितनी सलाह लेना चाहें उतना रिसर्च करें, लेकिन निवेश के बाद कंपनी से जुड़े सवाल करना पानी में कूदने के बाद तैरना सीखने जैसा है.

लंबी रेस का बनें हिस्सा

एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि शेयर बाजार में हमेशा लंबे समय के लिए निवेश करें और उन शेयरों को चुनें जिनमें अच्छी ग्रोथ की संभावना है और अच्छी क्वालिटी की कंपनी है. शाह के मुताबिक आपको स्मॉलकैप कैटेगरी के उन शेयरों से दूर रहना है जिनके बारे में ज्यादा जानकारी आपको नहीं पता. ये अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है.

नए निवेशक रहे संभलकर

अगर आप शेयर बाजार में शुरुआती निवेशक हैं तो STBT, BTST जैसे ट्रेड लेने से बचें जिनमें आपके लिए जोखिम ज्यादा हो सकता है. यानी, आज खरीदारी कर कल मुनाफे के लिए बेच देना या आज बेचकर कल खरीदारी करना जैसे ट्रेड. शेयर बाजार के निवेश में अनुशासन जरूरी है.

मुनाफा है जरूरी

शेयर की हुई ग्रोथ से तब तक आपका मुनाफा नहीं हुआ जब तक आपने उसे बुक नहीं किया है. गौरांग शाह का कहना है कि निवेशक को जब लगे कि उसका लक्ष्य हासिल हो गया है तब उसे मुनाफा बुक कर लेना है और ज्यादा लालच में नहीं फंसना चाहिए. वे कहते हैं कि कंजर्वेटिव आधार पर अगर आपको 10-15 फीसदी का मुनाफा हुआ है तो आप कुछ शेयर बेचकर मुनाफा बुक कर सकते हैं. लंबी अवधि में आपको अनुशासन बनाना होगा और अपने निवेश का ट्रैक रखना होगा.

घरों की डिमांड को बढ़ाने के लिए ब्रोकर्स क्या कर सकते हैं?

यहां हम आपको कई तरीके बता रहे हैं, जिसके जरिए ब्रोकर्स कोरोना वायरस के कारण आए स्लोडाउन में हाउसिंग डिमांड को सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकते हैं और अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं.

Table of Contents

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स ऐसे विभिन्न तरीके खोज रहे हैं, ताकि ग्राहकों को प्रॉपर्टी में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. ये ऐसा वक्त है, जब घरों की बिक्री लगातार गिर रही है. हाउसिंग डॉट कॉम का डेटा दिखाता स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम है कि देश के 9 अग्रणी रिहायशी बाजारों में जनवरी से मार्च 2020 तक 69,235 यूनिट्स ही बिक पाईं. ऐसी स्थिति में, यह रियल एस्टेट एजेंटों और ब्रोकरेज फर्मों के लिए जरूरी हो जाता है, ताकि खरीदारों की भावनाओं और बिक्री को बेहतर किया जा सके.

अपने स्तर पर सरकार ने टैक्स कटौती की सीमा को पहली बार घर खरीद रहे खरीदारों के लिए सेक्शन 80ईईए के तहत बढ़ा दी है. आरबीआई ने भी रेपो रेट में काफी कटौती की है, जिस पर वह 4 प्रतिशत के ब्याज पर बैंकों को पैसे देता है. इस कदम से होम लोन्स पर ब्याज दर रिकॉर्ड स्तर तक घट गई है. डेवेलपर्स भी ग्राहकों को लुभाने के लिए कीमतों पर आकर्षक डिस्काउंट दे रहे हैं.

भले ही एजेंट लेन-देन में केवल सुविधा के रूप में काम करते हैं और किसी सौदे के विभिन्न पहलुओं वे कुछ नहीं कह सकते लेकिन सकारात्मक बदलावों को लागू करने में सक्षम हैं.

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कनाडाई स्टॉक्स पर CFD ट्रेडिंग

कनाडा के शेयर टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज (TSX) पर कारोबार कर रहे हैं । अपने मौजूदा रूप में यह स्टॉक एक्सचेंज 1934 में टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज के विलय (1852 में स्थापित) और मानक स्टॉक और खनन विनिमय के परिणामस्वरूप के रूप में स्थापित किया गया था । 1977 में, स्टॉक एक्सचेंज ने दुनिया का पहला कंप्यूटर असिस्टेड ट्रेडिंग सिस्टम (CATS) लॉन्च स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम किया, जो वर्तमान में कई बाजारों में इस्तेमाल किया जाता है । स्टॉक एक्सचेंज मॉंट्रियल में एक अलग बाजार के साथ टोरंटो में स्थित है । अब एक से अधिक और लगभग $ 2.5 ट्रिलियन के कुल पूंजीकरण के साथ एक आधा हजार प्रतिभूतियों स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार कर रहे हैं । IFC मार्केट्स 48 सबसे लोकप्रिय शेयर व्यापार करने के लिए प्रदान करता है .

Canadian Stock Market

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तुम व्यापार और मार्जिन लाभ/हानि कैलकुलेटर और मार्जिन कैलकुलेटर का उपयोग कर के परिणाम की गणना कर सकते हैं। आप नियमित रूप से कंपनी की आय विज्ञप्ति में कंपनी की आय कैलेंडर के दिनांक देख सकते हैं.

How To Start Commodity Trading in Hindi | कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? जानें आसान तरीका

How To Start Commodity Trading in Hindi: व्यापारियों को कमोडिटी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत समर्पण, अनुभव और कड़ी स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम मेहनत की आवश्यकता होती है। इस लेख में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें (How To Start Commodity Trading in Hindi), इस बारें में समझाया गया है।

Commodity Trading in Hindi: कमोडिटी ट्रेडिंग कई शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इक्विटी ट्रेडिंग और निवेश के अन्य विभिन्न रूपों की तुलना में Commodity Trading में चुनौतियां अधिक हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग को ट्रेडिंग के सबसे विकासशील रूपों में से एक माना जाता है, खासकर भारत में इसका चलन नया है। नतीजतन कई व्यापारियों ने इक्विटी और रियल एस्टेट के बाद कमोडिटी में निवेश करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कमोडिटी ट्रेडिंग में जोखिम इक्विटी ट्रेडिंग के ही समान हैं, लेकिन यह एक पैसा बनाने वाला प्लेटफॉर्म भी है जो व्यापारियों को सामान खरीदने और बेचने से बड़ा लाभ कमाने में मदद करता है।

व्यापारियों को शुरू करने से पहले एक बात ध्यान में रखनी होगी कि कमोडिटी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत समर्पण, अनुभव और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। इस लेख में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें (How To Start Commodity Trading in Hindi), इस पर एक स्टेप बाई स्टेप गाइड शामिल है जो व्यापारियों को आसानी से शुरू करने और लाभ अर्जित करने में मदद करेगी। तो आइए जानते है कि कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए 5 आवश्यक कदम

commodities में व्यापार शुरू करने से पहले, सभी व्यापारियों को बाजारों, commodities और अर्थव्यवस्था से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए जो commodities में मूल्य परिवर्तन का कारण बनता है। व्यापारियों को सही निर्णय लेने और कमोडिटी बाजार में कदम रखने के लिए टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस का भी अभ्यास करना चाहिए।

उपरोक्त कारकों के अलावा, व्यापारियों को अपना कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने से पहले सभी आवश्यक डिटेल और आवश्यकताओं को जानना चाहिए। कई अन्य चीजें हैं जिनसे एक व्यापारी को Commodity Market में परिचित होने की आवश्यकता होती है। यहां 5 सरल और प्रभावी स्टेप बताए गए हैं जो उन्हें अपना कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने में मदद करेंगे।

Step 1 - कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों के बारे में परिचित होना

Commodity Trading शुरू करने के लिए एक व्यापारी के लिए पहला और प्राथमिक कदम उन सभी एक्सचेंजों से परिचित होना है, जिन पर कमोडिटी का कारोबार होता है।

भारत में, कमोडिटी का कारोबार तीन प्रमुख एक्सचेंजों के माध्यम से किया जाता है जैसे-

1) नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NMCE)

2) नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX)

3) मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX)

भारत के इन लोकप्रिय एक्सचेंजों पर अधिकांश वस्तुओं का कारोबार होता है।

Step 2 - कुशल स्टॉकब्रोकर का चयन

Commodity Trading शुरू करने के लिए अगला महत्वपूर्ण कदम एक विश्वसनीय और कुशल स्टॉक ब्रोकर का चयन करना है। ब्रोकर को SEBI द्वारा विनियमित और पंजीकृत होना चाहिए। एक कुशल स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी का चयन करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि खाते की देखभाल स्टॉक ब्रोकर द्वारा की जाती है जो सभी ट्रेडों को निष्पादित करते हैं।

ब्रोकर व्यापारियों को कमोडिटी ट्रेडिंग के बारे में सूचित करने और उनकी सिफारिशों के माध्यम से सूचित निर्णय लेने में स्टॉक ब्रोकर को चुनने के लिए कदम भी मदद करते हैं। साथ ही, ब्रोकर का चयन करते समय ट्रेडर को उनके द्वारा लिए जाने वाले ब्रोकरेज फीस और क्लियरिंग फीस, प्लेटफॉर्म फीस, कमीशन आदि जैसे शुल्क के बारे में पता होना चाहिए। ब्रोकर का चयन करते समय एक ट्रेडर को जिस प्रमुख कारक पर विचार करना चाहिए, वह वे सेवाएं हैं जो वे अपने प्लेटफॉर्म पर प्रदान करते हैं।

हालांकि, भारत में Commodity Trading के लिए कई कुशल फुल सर्विस स्टॉकब्रोकिंग कंपनियां एक व्यापारी को कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए बेहतर सेवा प्रदान करती हैं।

Step 3 - कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट खोलना

एक बार जब एक ट्रेडर ने कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अपनी भरोसेमंद ब्रोकिंग कंपनी का चयन कर लिया, तो उन्हें डीमैट एकाउंट खोलकर अगला कदम लागू करना होगा।

उन्हें एक आवेदन पत्र भरना होगा और अपने ब्रोकर के साथ सभी आवश्यक डिटेल जैसे उम्र, इनकम, फाइनेंसियल स्टेटस और बहुत कुछ प्रदान करना होगा। दलाल तब एक व्यापारी द्वारा प्रदान की गई जानकारी की जांच और विश्लेषण करता है। निवेशक के क्रेडिट, ट्रेडिंग अनुभव और जोखिम लेने की क्षमताओं के आधार पर कंपनी डीमैट एकाउंट खोलने के लिए सहमत या अस्वीकार करने का निर्णय लेती है।

ब्रोकर को जानकारी का विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है, जो एक अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अगर बाजार में गिरावट चल रही है तो व्यापारी अपने कर्ज का भुगतान कर सकता है। एक बार जब ब्रोकर किसी व्यापारी के आवेदन को मंजूरी दे देता है, तो डीमैट एकाउंट तुरंत खुल जाता है।

Step 4 - इनिशियल डिपाजिट करना

एक बार जब कोई व्यापारी अपना Commodity Trading एकाउंट खोल लेता है, तो उसे अपना व्यापार शुरू करने के लिए एक छोटा सा निवेश करना पड़ता है। हालांकि, उन्हें इनिशियल मार्जिन जमा करना होगा, जो आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के आधार पर 5 से 10% के बराबर होता है।

उदाहरण के लिए, सोने की ट्रेडिंग के लिए शुरुआती मार्जिन मनी 3200 रुपये है, जो सोने की ट्रेडिंग यूनिट का 10% है। इनिशियल मार्जिन के साथ, एक व्यापारी को एक मेंटेंस मार्जिन भी बनाए रखना होता है ताकि वह अपने सभी नुकसानों को कवर करने में सक्षम हो, अगर बाजार अन्य परिदृश्यों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है।

Step 5 - एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं

अब Commodity Trading की सभी फॉर्मेलिटी पूरी हो जानें के बाद एक ट्रेडर को अपना कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाना होता है। यह उनकी अपनी वित्तीय क्षमता, जोखिम उठाने की क्षमता और उनकी व्यक्तिगत शैली को समझने के लिए भी बनाया गया है। ऐसी संभावना हो सकती है कि एक ट्रेडर द्वारा विकसित ट्रेडिंग प्लान दूसरे कमोडिटी ट्रेडर के अनुकूल न हो।

इस मामले में, ब्रोकिंग कंपनी व्यापारी को आवश्यक ज्ञान, अभ्यास और जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है। वे व्यापारियों को एक प्रभावी ट्रेडिंग प्लान बनाने में मदद करने के लिए उन्हें सभी आवश्यक फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस टूल और प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। व्यापारी को कुछ स्ट्रेटेजी भी विकसित करनी होती हैं जो उनकी ट्रेडिंग स्टाइल और उद्देश्यों के अनुसार उपयुक्त हों।

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