Published on: December 14, 2022 19:16 IST
Year Ender 2022: साल 2022 में Monkeypox और Nipah Virus जैसी इन 10 बीमारियों ने किया दुनिया पर हमला
Year Ender 2022: साल 2022 की शुरुआत जहां कोरोना वायरस के कुछ नए वेरिएंट्स साथ हुई वहीं, इसके अंत के साथ दुनियाभर में कई बीमारियों पर बात हो रही है।
Written By: Pallavi Kumari
Published on: December 14, 2022 19:16 IST
Image Source : FREEPIK TOP_10_DISEASES_2022
Year Ender 2022: बीते कई सालों से दुनिया सेहत के मामले में थोड़ी बदकिस्मत रही है। कोरोना वायरस (coronavirus) के प्रकोप के कारण दुनियाभर की स्थिति इतनी खराब हो गई कि साल 2022 की शुरुआत में इसकी तीसरी और चौथी लहर पर बात चल रही थी। मार्च तक आते-आते कोरोना का डेल्टा (Delta) और ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) आ गया तो, वहीं इसके बाद भी कोरोना के मामले दुनिया के अलग-अवग देशों देखे जाते रहे। लेकिन, इसके बाद कुछ ऐसी बीमारियां आईं जिसके लिए साल 2022 याद किया जाएगा। आइए, जानते हैं साल 2022 की टॉप 10 बीमारियों के बारे में।
साल 2022 की टॉप 10 बीमारियां- Top 10 Diseases of World in 2022
1. इबोला वायरस-Ebola virus
इबोला वायरस की बीमारी दुनिया में पहले से ही थी, लेकिन इस साल की शुरुआत में इसके मामले देखे गए। 14 फरवरी 2021 को Guinea के स्वास्थ्य मंत्रालय (MoH) से इबोला के संदिग्ध मामलों की खबर आई। इबोला वायरस काफी संक्रामक तरीके से फैला और इस दौरान लोगों ने मल और उल्टी के साथ ब्लीडिंग जैसे शरीर में कई प्रकार के लक्षण महसूस किए गए। हालांकि, 19 जून 2021 को, Guinea के स्वास्थ्य मंत्रालय (MoH) ने इबोला के प्रकोप के अंत की घोषणा की।
2. एवियन इन्फ्लूएंजा-Avian influenza A (H10N3)
31 मई 2021 को, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने एवियन इन्फ्लूएंजा ए (एच10एन3) वायरस के साथ मानव संक्रमण के एक पुष्ट मामले की डब्ल्यूएचओ को सूचित किया। एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H10N3) वायरस तेजी से फैला जिसकी वजह से दुनियाभर में कई पक्षियों की जान लेनी पड़ी।
3. जीका वायरस-Zika Virus
भारत समेत दुनियाभर में जीका वायरस का प्रकोप देखा गया। ये वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके चलते लोगों ने शरीर में लाल चक्कते, मांसपेशियों में दर्द और बुखार जैसे लक्षणों को महसूस किया।
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4. मंकीपॉक्स-Monkeypox
मंकीपॉक्स दुनियाभर में साल 2022 की सबसे चर्चित बीमारियों में से रही। ये वैरियोला वायरस, के कारण फैला जिसमें कि लोगों के शरीर खास कर कि निजी अंगों पर दाने देखे गए। दरअसल, ये बीमारी सेक्सुअल नेटवर्क में तेजी से फैली और इसने लगभग 90 देशों को अपना शिकार बना लिया था।
5. निपाह वायरस-Nipah Virus
निपाह वायरस, एक जूनोटिक बीमारी है, जो कि जानवरों से इंसानों में तेजी से फैली। ये बीमारी भारत में केरल और दक्षिण के राज्यों में तेजी से फैली। ये चमगादड़ या सूअर, या उनके शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैलता है और आयोग फैली। इसके लक्षणों में बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, दिमागी बुखार, मांसपेशियों में दर्द, स्ट्रोक , उल्टी और गले में खराश जैसी समस्याएं भी हुईं।
6. लंपी वायरस-Lumpy Virus
लंपी वायरस (Lumpy skin disease virus) के कारण भारत में लाखों मवेशियों की जान चली गई। ये प्रकार का स्किन डिजीज है जो कि गाय, भैंस और बकरी जैसी जानवरों में फैला। ये एलएसडी (LSD) वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों के कारण फैला।
8. टोमैटो फ्लू वायरस-Tomato Flu Virus
टोमैटो फ्लू वायरस कॉक्ससैकीवायरस A16 के कारण होती है। ये हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का कारण बनता है। इसके शुरुआती लक्षण कोरोना वायरस की तरह ही थे और इसने व्यापक तौर पर बच्चों को अपना शिकार बनाया।
9. स्वाइन फ्लू-Swine flu
स्वाइन इन्फ्लूएंजा (स्वाइन फ्लू) सूअरों का एक श्वसन रोग है जो टाइप ए इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है जो नियमित रूप से सूअरों में इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का कारण बनता है। स्वाइन फ्लू के वायरस आमतौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करते हैं, लेकिन दुर्लभ मानव संक्रमण का कारण बन सकता है।
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10. Hemorrhagic fever
Viral hemorrhagic ये बीमारी में ब्लड वेसेल्स की लीकेज हो जाती है। इसमें खून रूक नहीं पाता है और ये जानलेवा भी हो सकता है। इस साल ये बीमारी सबसे ज्यादा देखी गई। इस बिमारी में नाक से खून आने के वजह से लोगों की मौत भी हुई है। इसे लोग 'नोज ब्लीड फीवर' भी कहते हैं।
Source: WHO and CDC
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Zika Virus: जीका वायरस से रीकवरी के लिए, ले ये हेल्दी डायट
किसी भी बिमारी से जल्दी रिकवरी के लिए हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी है। हेल्दी डायट लेने से आप किसी भी बिमारी को मात दे सकते है। पोषण से भरपूर खाना न सिर्फ शरीर को एनर्जी देता है, बल्कि अंदर से स्वस्थ भी बनाता है। इसकी डायट से पहले आइये जान लेते है, जीका वायरस क्या होता है?
क्या है जीका वायरस
WHO के अनुसार, ज़ीका वायरस एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और पीले बुखार का कारण भी बनता है। ये फैलता है और आयोग तीनों बीमारियां लगभग एक जैसी हैं। ये तीनों पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से आई हैं। फैलता है और आयोग ज़ीका वायरस Pregnant महिलाओं के लिए ज़्यादा ख़तरनाक साबित होता है, क्योंकि ये मां के गर्भ में पल रहे बच्चे तक फैल जाता है। जिसका असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है।
ये डायट ले-
शरीर को हाइड्रेट रखें- पर्याप्त पानी का सेवन आपके शरीर को फायदे ही पहुंचाता है। खासतौर पर जब आपका शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा हो, तो उसे फ्यूएड्स की ज़रूरत ज़्यादा होती है ताकि टॉक्सिन्स और इन्फेक्शन शरीर से बाहर निकल सके। इसके लिए रोज़ पानी पीने के साथ नारियल पानी, नींबू पानी और फलों के जूस को डाइट में शामिल करें। साथ ही खीरा, संतरे जैसे फूड्स खाएं, जिसमें पानी की मात्रा काफी होती है। बीमार पड़ने पर अक्सर मरीज़ को भूख नहीं लगती, इसलिए पानी की सही मात्रा शरीर को एनर्जी प्रदान करने का काम करती है।
हेल्दी प्रोटीन को शामिल करें- ज़ीका वायरस से पीड़ित होने पर मरीज़ में मांसपेशियों की हानि हो सकती है और वह अत्यधिक weak फील करता है। इसलिए जीका वायरस से जल्द रिकवर होने के लिए डाइट में प्रोटीन का सेवन बढ़ा देना चाहिए। प्रोटीन आपके शरीर और जिंदगी के लिए जरूरी होता है। हर कोशिका और ऊतक को रिकवरी के लिए इसकी ज़रूरत होती है। इसके लिए आप दालें, नट्स, हरी सब्ज़ियां और डेयरी प्रोडक्ट्स फैलता है और आयोग को शामिल कर सकते हैं।
fat का सेवन कम करें- कार्ब्स और प्रोटीन की तरह fat भी जरूरी माइक्रो-न्यूट्रिएंट है, जिसकी शरीर को जरूरत होती है। हालांकि, इसका सेवन जरूरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए। फैट्स और तला हुआ खाना अपच जैसी दिक्कतें पैदा कर सकता है। आपको ओमेगा-3 युक्त हेल्दी फैट्स डाइट में लेने चाहिए। ओमेगा-3 में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने का काम करते हैं।
दिल्ली: द्वारका में 17 वर्षीय छात्रा पर एसिड अटैक, स्थिति नाजुक; 3 आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली के द्वारका में 17 वर्षीय स्कूली छात्रा पर दिनदहाड़े एसिड अटैक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छात्रा की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसका सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामले में दो हमलावरों समेत कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना का एक CCTV वीडियो भी सामने आया है जिसमें दो बाइक सवार युवकों को एसिड फेंकते हुए देखा जा सकता है।
आज सुबह लगभग 7:30 बजे हुई घटना
घटना द्वारका मोड़ के मोहन गार्डन इलाके में सुबह लगभग 7:30 बजे हुई। पीड़िता अपनी 13 वर्षीय छोटी बहन के साथ स्कूल जा रही थी, तभी बाइक पर सवार होकर आए दो नकाबपोश युवकों ने उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया। CCTV फुटेज में पीड़ित छात्रा को अपने चेहरे पर हाथ रखकर दर्द के कारण भागते हुए देखा जा सकता है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
गुजरातः गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोग जिंदा जला दिए गए थे
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारूक की तरफ से पेश वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे (फारूक को) जमानत दी जानी चाहिए।
गुजरातः गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोग जिंदा जला दिए गए थे
Highlights शीर्ष अदालत में मामले के कई दोषियों की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिकाएं विचाराधीन हैं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारूक को जमानत दे दी। फारूक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था।
नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में गोधरा में ट्रेन कोच को जलाने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक दोषी को गुरुवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले 17 वर्षों से जेल में है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारूक की तरफ से पेश वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे (फारूक को) जमानत दी जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत में मामले के कई दोषियों की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिकाएं विचाराधीन हैं। गुजरात सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह ‘सबसे जघन्य अपराध था’, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था और दोषियों की याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है। फारूक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था।
मेहता ने कहा कि आमतौर पर पथराव मामूली प्रकृति का अपराध माना जाता है, लेकिन उक्त मामले में ट्रेन के कोच को अलग किया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए उस पर पथराव किया गया था कि यात्री बाहर न आ सकें। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, दमकल कर्मियों पर भी पत्थर फेंके गए थे। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिससे 59 यात्रियों की मौत हो गई थी और राज्यभर में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे। भाषा पारुल नरेश नरेश
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