हम में से अधिकांश अपने काम में कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वह हमारा जॉब हो या हमारा खुद का बिजनेस हो। हम अक्सर कई घंटों तक काम करते हैं जिसके लिए मेहनात की आवश्यकता होती है और हम अकसर तनाव में रहते हैं। अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ बचा लेना और उसे अपनी भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश करना ही अपनी कमाई से सबसे अधिक लाभ उठाने का एक तरीका है। निवेश करना वास्तव में होशियारी के साथ कम मेहनत में ज्यादा कमाने का तरीका है।

भारतीय संपत्ति बाजार में पैसा कैसे कमाया जाए?

धोखेबाज़ निवेशकों के रियल एस्टेट में भाग्य बनाने की कहानियां बहुसंख्यकों को प्रेरित करती रहती हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सच है जो स्टॉक ट्रेडिंग की जटिलताओं के बजाय मूर्त संपत्ति के साथ सुरक्षित व्यवहार करते हैं। यहां तक कि एक ग्रीनहॉर्न निवेशक के लिए, अचल संपत्ति अत्यधिक लाभदायक हो सकती है, बशर्ते उन्हें इस बारे में स्पष्ट विचार हो कि वे किसके साथ काम कर रहे हैं, और वे अपने निवेश से क्या चाहते हैं। इन दोनों मामलों पर कुछ स्पष्टता प्रदान करने के इरादे से, हमने भारत में संपत्ति निवेश के क्या करें, क्या न करें, और अवश्य जानने योग्य तथ्यों की एक सूची तैयार की है।

1. रियल एस्टेट स्थानीय रूप से संचालित होता है

संपत्ति निवेश स्थानीय मेट्रिक्स निवेश क्या होता हैं से प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, भारत का रियल एस्टेट बाजार अमेरिकी बाजार से बिल्कुल अलग है। भारत के भीतर भी, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में संपत्ति बाजार की अपनी विशिष्ट विशेषताएं हैं। इसके अलावा, हरियाणा के भीतर, गुड़गांव और सोनीपत के अचल संपत्ति बाजार उनकी कई समानता के बावजूद समान नहीं हैं।

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पिछला रिटर्न बेहतर रिजल्ट की गारंटी नहीं

म्यूचुअल फंड (Mutual funds) के नए निवेशक सबसे बड़ी गलती फंड के पिछले रिटर्न को देख कर निवेश करने में करते हैं. पिछले रिटर्न को देख कर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि आगे फंड कैसा प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा मार्केट में सही वक्त पर एंट्री भी एक अहम पहलू है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशक को बाजार का पहले से अनुभव है तो म्यूचुअल फंड्स में वह लंबे समय तक बना रहता है.

नए निवेशकों के लिए जरूरी है कि शुरू में स्थापित कंपनियों के फंड में निवेश करें. उनके पोर्टफोलियो पर गौर करें और फिर निवेश का फैसला लें. म्यूचुअल फंड में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएं. इसका सबसे अच्छा उपाय एसआईपी ( SIP) के जरिये निवेश करना है. बाजार कैसी भी हालत में हो Systematic Investment Plan यानी निवेश क्या होता हैं एसआईपी के जरिये निवेश सबसे अच्छा तरीका है.

शेयर बाजार के मौजूदा हालात में नए निवेशकों की रणनीति

शेयर बाजार अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है. ऐसे में म्यूचुअल फंड के नए निवेशकों को इंडेक्स या लार्ज कैप फंड (Large Cap Mutual funds) में निवेश करना चाहिए. उन्हें मिड-कैप (Mid Cap) और स्मॉल कैप (Small Cap) में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि बाजार के उतार-चढ़ाव में ये बुरी तरह प्रभावित होते हैं. अगर कोई निवेशक आज की तारीख में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में 10 हजार रुपये निवेश करना चाहता है तो उसे एक इंडेक्स फंड (Index fund), एक फ्लैक्सी कैप (Flexi Cap fund ) फंड और एक वैल्यू फंड ( Value fund) का चुनाव करना चाहिए ताकि उन्हें डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिल सके.

म्यूचुअल फंड में निवेश छोटी नहीं लंबी अवधि में ही फायदेमंद साबित होता है. सही रिटर्न के लिए सात से दस साल तक समय देना पड़ता है. ज्यादातर निवेश एक साल में ही बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. लेकिन इतनी कम अवधि का रिटर्न देख कर म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति बनाना ठीक नहीं है.

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश से हो सकता है फायदा निवेश क्या होता हैं

विशेषज्ञों के मुताबिक बैलेंस्ड एडवाइंटेज फंड नए निवेशकों के लिए सही रणनीति हो सकता है. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड भी कहा जाता है. इसमें मार्केट कंडीशन के आधार पर 30 से 80 फीसदी इक्विटी एलोकेशन किया जाता है. अगर कोई नया निवेशक लंबी अवधि निवेश क्या होता हैं निवेश की योजना बनाता है तो भी उसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में ही निवेश की सलाह दी जाती है.

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आज की इच्छायें या भविष्य की जरुरतें

आप अपनी आय के पैसे को कहां और किस तरह प्रयोग करते हैं इसमें आपकी प्राथमिकता निवेश से पता चलती है। पैसे को खर्च करना आसान है और इससे एक क्षणिक सुख भी मिलता है फिर चाहे वो नए कपड़े खरीदना हो, रैस्टॉरेंट में खाना हो या छुट्टियों पर जाना। इस सब से हमें खुशियां मिल सकतीं हैं मगर जब हम निवेश करते हैं तो हम भविष्य की आवश्यक्ताओं को आज की इच्छाओं से अधिक प्राथमिकता देते हैं।

जब आप जीवन की आपाधापी में व्यस्त हों तो निवेश आपके लिये काम करता है और भविष्य की फसल तैयार करता है जिससे की जीवन के सुनहरी वर्षों में भी जिंदगी सुखद रहे। निवेश को समझना उतना कठिन भी नहीं है। यहां पढ़ें कि आप छोटे छोटे निवेश के द्वारा एक करोड़ रुपये कैसे बना सकते हैं।

निवेश के प्रमुख तरीके

प्रत्येक निवेश के साधन की अपनी विशेषताएं और सीमायें हैं। यह समझना बहुत आवश्यक है कि कौन सा निवेश का साधन आपके लिये बेहतर है। उदाहरण के लिये यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि जिस म्यूचुअल फंड योजना में आप निवेश कर रहगे हैं वह किस तरह की इक्विटी में निवेश करती है? फंड हाउस कौन सा है? चार्जेस निवेश क्या होता हैं कितने हैं? म्यूचुअल फंड निवेश में कितना रिस्क हो सकता है। निवेश करने से पहले इस तरह के सवाल जान लेना आवश्यक है। निवेश में सफलता प्राप्त करने के लिये अपने निवेश को समझना बहुत आवश्यक है। मार्केट से जुड़े निवेश में लाभ की गारंटी नहीं होती मगर निवेश क्या होता हैं अपने निवेश को समझना आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

कोई भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

  • क्या यह निवेश का साधन आपके लिए ठीक है?
  • क्या आप जहां निवेश कर रहे हैं उस साधन या उसकी योजना को समझते हैं?
  • कितने पीरियड का निवेश है?
  • निवेश करने कितना आसान है?
  • निवेश से जुड़े सभी रिस्क को समझना।
  • रिटर्न और निवेश की गई रक़म की गारंटी है या नहीं?
  • क्या य़ोजना सरकार द्वारा समर्थित या प्रमाणित है?
  • कुछ समस्या होने पर रेग्युलेटर कौन होगा?

कर योजना (Tax Planning)

हर साल टैक्स को लेकर अगर आप भी परेशान रहते हैं तो आपको मदद लेनी चाहिए टैक्स प्लानर्स की। टैक्स एक ऐसी चीज है जो हर कुछ सालों में बदलती रहती हैं और इसे समझने में काफी मशक्त करनी पड़ती है। टैक्स प्लानिंग करने वाले शख्स आपको बताते हैं कि आपको कितना टैक्स भरना है और आप इस टैक्स को कैसे निवेश क्या होता हैं बचा सकते हैं? वह आपके टैक्स को भी आपकी सेविंग बनाने में निपुण होते हैं।

लेकिन ध्यान रखें, आपको कभी भी केवल करों के आधार पर निवेश के निर्णय नहीं लेने चाहिए। कई बार टैक्स सेविंग के चक्कर में हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसका आर्थिक लाभ हमें नहीं मिलता।

संपत्ति विश्लेषक (Estate Planning)

जीवन के अंत की योजना के बारे में बात करना सर्वथा निराशाजनक लग सकता है, लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं है। चाहे आपने अपना पहला घर खरीदा हो या 30 वर्षों से अपना खुद का व्यवसाय चला रहे हों, आपको यह चुनना होगा कि उन संपत्तियों का क्या करना है जिनके लिए आपने इतनी मेहनत की है।

कल के लिए टालने के लिए यह सामान बहुत महत्वपूर्ण है! अधिकांश लोगों के लिए, एक वसीयत बनाना और जीवन बीमा प्राप्त करना पर्याप्त है- और आप हमेशा समायोजित और अनुकूलित कर सकते हैं क्योंकि आपके जीवन की परिस्थितियां (Circumstances ) बदलती हैं।

लेकिन अगर आपकी स्थिति अधिक जटिल (Complex ) है, तो वित्तीय सलाहकार (विशेष रूप से एक धन प्रबंधक यदि आप लाखों रूपए की संपत्ति का प्रबंधन कर रहे हैं) या संपत्ति नियोजन अनुभव वाले वकील के साथ काम करना जरूरी है। वे आपको यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दे सकते हैं कि आपकी इच्छाओं को पूरा किया जाए। आप उसके साथ आने वाली मन की शांति पर निवेश क्या होता हैं निवेश क्या होता हैं मूल्य टैग नहीं लगा सकते हैं!

स्वास्थ्य और दीर्घकालिक देखभाल योजना (Health and Long Term Care निवेश क्या होता हैं Planning)

एक उम्र के बाद हमारा स्वास्थ्य ही एक ऐसा धन होता है जो बढ़ने की अपेक्षा कम हो सकता है। इसलिए हेल्थ प्लानिंग और आने वाले समय में बीमारियों पर होने वाले खर्च के लिए धन अर्जित करना एक चुनौती होती है। इस चुनौती के लिए हेल्थ या लॉन्ग टर्म केयर प्लानर आपकी मदद करते हैं।

बुढ़ापे में आप अपने खर्चों की तैयारी के लिए आप क्या कर सकते हैं? एक वित्तीय सलाहकार या बीमा एजेंट (insurance agent ) दीर्घकालिक देखभाल बीमा के लिए आपको सुझाव दे सकता है। फिर आप एक ऐसी योजना चुन सकते हैं जो अभी और भविष्य में सस्ती हो, जब आपको इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी।

फाइनेंसियल एडवाइजर को चुनते हुए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिएः

  • उसका पोर्टफोलिया बेहतर और मजबूत हो।
  • उसे मार्केट की समझ हो।
  • विश्वसनीय हो और आपके पास उसकी पूरी जानकारी हो।
  • उसका रिकोर्ड बेहतर हो।
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