49 DAYS – Current Affairs – UPSC 2022 PRE Mock Test in Hindi

UPSC 2022 प्रारम्भिक परीक्षा (Prelims Exam) में मात्र 49 दिन बचे हैं. इसलिए कुछ important current affairs के topics को हम हिंदी भाषा में quiz/sawal jawab/mcq के रूप में आपके सामने रख भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में रहे हैं. क्या पता इनमें से कोई सवाल सीधे आपके पेपर में टपक पड़े! Best of Luck!!

49 DAYS - Current Affairs - UPSC 2022 PRE Mock Test in Hindi

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अमेरिका ने भारत को 'करेंसी मैनिपुलेटर्स' निगरानी सूची में डाला

Joe Biden

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत को इस तिमाही भी राहत नहीं दी है. उसने चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी और इटली समेत 11 देशों को उनकी मुद्रा के व्यवहार को लेकर निगरानी सूची करेंसी बिहेवियर वॉच लिस्ट में रखा है. महामारी की शुरुआत के बाद से अमेरिका ने भारत को दूसरी बार इस निगरानी सूची में डाला है. केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की खरीद जीडीपी के पांच फीसद से अधिक रहने को इसकी वजह बताया गया है. अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा है कि यह सीमा दो फीसद रहनी चाहिए. अमेरिका हर तिमाही इस सूची में वैसे देशों को शामिल करता है, जिसकी मुद्रा कमजोर है. इसलिए उन्हें निगरानी सूची (Watch List) में रखा जाता है. इस पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इसका कोई तर्क समझ में नहीं आता है.

निगरानी सूची में 11 देश शामिल
भारत सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इसका कोई तर्क समझ में नहीं आता है. भारत के वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं इसका कोई आर्थिक तर्क नहीं समझ पाया हूँ.'उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिज़र्व बैंक मार्केट फ़ोर्सेज़ के अनुरूप ही मुद्रा का संग्रह करता है. पिछले सप्ताह अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने भारत, सिंगापुर, थाईलैंड और मेक्सिको समेत 10 अर्थव्यवस्थाओं को 'निगरानी सूची' में डाल दिया था.

पहली बार मई 2018 में शामिल
अमेरिका ने पहली बार मई 2018 में संदेहास्पद विदेशी मुद्रा नीतियों वाले देशों की निगरानी सूची में भारत को शामिल किया था. इसके बाद वर्ष 2019 के मध्य में भारत को इस सूची से बाहर भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में कर दिया गया था, लेकिन जब दिसंबर 2020 में भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में सूची जारी की गई तो भारत को फिर से शामिल कर लिया गया.

कौन बनाता है यह सूची
अमेरिका की कांग्रेस के निर्देश पर वहां की ट्रेजरी प्रमुख व्यापारिक भागीदार देशों की एक सूची बनाती है जिसमें ऐसे भागीदार देशों की मुद्रा के व्यवहार और उनकी वृहदआर्थिक नीतियों पर नजदीकी से नजर रखी जाती है.

कौन डाला जाता है इस सूची में
अमेरिका के 2015 के कानून के मुताबिक कोई भी अर्थव्यवस्था जो कि तीन में से दो मानदंडों को पूरा करती है उसे निगरानी सूची में रख दिया जाता है. हालांकि इस भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में सूची में शामिल होना किसी प्रकार के दंड और प्रतिबंधों के अधीन नहीं होता है, लेकिन यह निर्यात लाभ हासिल करने के लिये मुद्राओं के अवमूल्यन सहित (विदेशी मुद्रा नीतियों के संदर्भ में) वित्तीय बाज़ारों में देश की वैश्विक वित्तीय छवि को नुकसान पहुंचाता है.

आरबीआई गवर्नर ने बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का बचाव किया, कहा-डॉलर में उतार-चढ़ाव बड़ी चिंता

पिछले कुछ वक्त में भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक काफी निवेश कर रहे हैं. इससे भारत की विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ कर 586 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Jan 2021 02:49 PM (IST)

आरबीआई ने देश में लगातार बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का बचाव किया है. शनिवार को ननी पालखीवाल मेमोरियल लेक्चर में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में ने कहा कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए डॉलर में उतार-चढ़ाव से और ग्लोबल अर्थव्यवस्था से बचाव के लिए उथलपुथल सलिए विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का अलावा और कोई चारा नहीं है. दास ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब अमेरिका भारत को करेंसी मैनिपुलेटर्स देशों में शामिल करने को तैयार दिख रहा है.

अमेरिका ने भारत को निगरानी सूची में रखा है

अमेरिका की ओर से पिछले महीने भारत को निगरानी सूची में रखने बाद इस मामले को लेकर दास का यह पहला बयान है. अमेरिका ने कहा है कि भारत ने करंट अकाउंट सरप्लस के दो मानदंडों में से दो हासिल कर लिए हैं और वह लगातार इकतरफा हस्तक्षेप कर रहा है. अमेरिका ने विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार हस्तक्षेप करने के लिए भारत समेत वियतनाम, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर की आलोचना की थी. लेकिन दास ने शनिवार को कहा कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था के ऐसे अनिश्चित दौर में उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारत जैसे देशों के पास विदेशी मुद्रा बफर बनाए रखने के अलावा और कोई चारा नहीं होता

एफपीआई निवेश में बढ़ोतरी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

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पिछले कुछ वक्त में भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक काफी निवेश कर रहे हैं. इससे भारत की विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ कर 586 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. दास ने कहा कि ग्लोबल और घरेलू अर्थव्यवस्था के उभरते नए ट्रेंड पर आरबीआई की पैनी नजर है. वह किसी भी स्थिति में नीतिगत हस्तक्षेप के जरिये हालात नियंत्रण करने के लिए तैयार है.

Published at : 18 Jan 2021 02:49 PM (IST) Tags: FPI foreign currency reserve Shakti Kant Das RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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