मैं क्रिप्टोक्यूरेंसी में कैसे निवेश करता हूं?
इसे सुनेंरोकेंक्रिप्टो में निवेश करने के प्रारंभिक चरणों में क्रिप्टोक्यूरेंसी का निर्धारण करना, व्यापार के लिए एक मंच खोजना और क्रिप्टो वॉलेट प्राप्त करना क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? शामिल है। सिक्कों को स्टोर करने के लिए चार तरह के वॉलेट हॉट वॉलेट, कोल्ड वॉलेट, हार्डवेयर वॉलेट और पेपर वॉलेट हैं।
भारत में बिटकॉइन कैसे खरीदें और बेचे?
बिटकॉइन कैसे और कहा से ख़रीदे इंडिया में (How to buy and sell bitcoin in india)
- वेबसाइट में साईन अप करे
- डाक्यूमेंट्स अपलोड करे
- बैंक डिटेल्स डाले और पैसा डिपोजीट करे
- अब पैसो से बिटकॉइन ख़रीदे
बिटकॉइन का रेट क्या चल रहा है?
इसे सुनेंरोकेंअगर साधारण भाषा में बोला जाए तो १ बिटकॉइन एक क्रिप्टो करेंसी होता है जिसका कीमत अभी के टाइम पर 34,87,002.
विक्टो करेंसी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंBitcoin सबसे महंगी Virtual Currency आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया था.
क्रिप्टो करेंसी क्या रेट है?
COIN NAME | क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है?PRICE (₹) | CHANGE (24h) |
---|---|---|
Bitcoin (BTC) | 32,58,575 | ▲ 1,38,261 4.43% |
Ethereum (ETH) | 2,41,957 | ▲ 12,667 5.52% |
Tether (USDT) | 80.82 | ▼ 0.37 0.47% |
Binance Coin (BNB) | 32,338 | ▲ 890.53 2.83% |
क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है?
इसे सुनेंरोकेंक्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है, जो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके …
कैसे dogecoin में भारत में निवेश करने के लिए?
इसे सुनेंरोकेंDogecoin को भारत में आप CoinSwitch और WazirX से खरीद सकते हैं। ये दोनों Apps प्ले स्टोर में मौजूद हैं। जहाँ से आप इन्हे अपने मोबाइल में इनस्टॉल करके डोगेकोईन में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
भारत में कौन सी क्रिप्टोकरेंसी वैध है?
इसे सुनेंरोकेंबजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं.
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
Cryptocurrency और Digital Rupee में क्या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्तेमाल तो आपको क्या होगा फायदा?
अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या फर्क है और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा?
क्रिप्टोकरेंसी को टक्कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद इसके इस्तेमाल को शुरू किया जाएगा.
RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या फर्क है और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा?
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्य संस्था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.
डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्कत आने पर वित्तीय संस्थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.
Cryptocurrency News: RBI की क्रिप्टोकरेंसी पर सफाई से निवशकों को राहत‚ जानिए कैसे काम करती है ये करेंसी और कौन हैं इसके चाहने वाले
Bitcoin जैसी Cryptocurrency के निवेशकों के लिए राहत की खबर है। बैंकों ने हाल ही में वर्चुअल करेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को सेवाएं नहीं देने का फैसला किया है। इसने क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को परेशान किया। लेकिन सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक जिस आदेश का जिक्र कर रहे हैं उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
आरबीआई ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से उसके संज्ञान में आया है कि बैंकों ने अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से दूर रहने के लिए कहा है। इसके लिए आरबीआई के 6 अप्रैल 2018 के सर्कुलर का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्कुलर को 4 मार्च, क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? 2020 क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? को ही खारिज कर दिया है। इसलिए, अब इस सर्कुलर की कोई वैधता नहीं है और अब इसका हवाला नहीं दिया जा सकता है।
बैंकों में थी भ्रम की स्थिति
हाल ही में, कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2018 के आरबीआई सर्कुलर का हवाला देते हुए ग्राहकों को डिजिटल मुद्राओं में लेनदेन से दूर रहने का निर्देश दिया है और कुछ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को सेवाएं प्रदान करने से इनकार कर दिया है। देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को पूरे महीने अपने बैंकिंग भागीदारों के साथ ग्राहक फंड जमा करने और निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
इससे पहले, कई मीडिया दिग्गजों ने बताया था कि एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और कई अन्य बैंकों ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि यदि वे क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करते हैं तो उनके खाते निलंबित किए जा सकते हैं।
आरबीआई के स्पष्टीकरण पर वज़ीरएक्स के संस्थापक और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, “यह पूरे उद्योग के लिए एक सकारात्मक बात है।” इसको लेकर बैंकों में भ्रम की स्थिति रही, लेकिन आरबीआई की अधिसूचना ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। हालांकि, आरबीआई ने बैंकों और अन्य संस्थानों से केवाईसी नियमों, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है।
कैसे बनती है Cryptocurrency
बिटकॉइन सहित अन्य प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग प्रोसेस के जरिए बनाई जाती है। इसमें कई पॉवरफुल कंप्यूटर शामिल होते हैं जो इसकी जटिल गणित की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसके लिए कंप्यूटर्स को काफी बिजली की जरूरत पड़ती है।
क्रिप्टो के चाहने वालों में कौन कौन शामिल?
जेपी मॉर्गन द्वारा हाल ही में कहा गया है कि निवेशकों ने अब गोल्ड के स्थान पर बिटकॉइन को महत्व देना शुरू कर दिया है। पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह ट्रेंड पूरी तरह बदल गया है। साथ ही इन्वेस्टमेंट गुरु वॉरेन बफेट (Warren Buffett ) ने भी क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है।
रे डालियो जैसे दिग्गज बांड की तुलना में बिटकॉइन पर अधिक भरोसा करते हैं। क्या आपको पता है कि दुनियाभर के अमीर और प्रसिद्ध लोगों में से कौन क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के खासे इन्वेस्टर्स हैं?
Elon Musk के पास Bitcoin
यदि सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो वे बिटकॉइन और डॉगकॉइन के साथ ऊपर और नीचे जाते हैं। एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी में कई बार अपने स्टेटमेन के जरिए उतार-चढ़ाव कराते रहते हैं। एलन मस्क के इस कदम से बिटकॉइन के प्रति उत्साही भी वास्तव में परेशान हैं क्योंकि एलोन मस्क के बयान से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत टूट जाती है।
सवाल यह है कि एलोन मस्क के पास कितनी क्रिप्टोकरेंसी है? ग्लोबल हेज फंड स्काईब्रिज कैपिटल के संस्थापक एंथनी के अनुसार, एलोन मस्क के पास बिटकॉइन में $ 5 बिलियन की संपत्ति है।
एशिया के अमीर क्रिप्टो निवेशक
अगर हम क्रिप्टो करेंसी के एशियाई निवेशकों की बात करें तो इनमें मिक्री झान, झाओ और अन्य शामिल हैं। इनमें जापान के क्रिप्टो निवेश क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? सातोशी नाकामोटो भी शामिल हैं। चीन के मिकरी झान के पास बिटमैन नाम की एक कंपनी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कंपनी है। बिनेंस के संस्थापक और सीईओ चांगपेंग झाओ भी एशिया से हैं। बिटमैन के सह-संस्थापक और OKCoin.com (OKCoin.com) के संस्थापक जिहान और ली लिन नाम के निवेशक भी एशिया से हैं। उनके पास दुनिया का अग्रणी डिजिटल मुद्रा व्यापार मंच हुओबी है।
क्रिप्टो से बने बिलयनेयर
(bitcoin) की वजह से कैमरॉन और टाइलर विंकलवॉस को पहले अरबपति माना जा सकता है। विंकल कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करती है। इसके साथ ही विंकल ब्लॉकचेन से जुड़े बिजनेस में भी निवेश करती है। उनका जेमिनी एक्सचेंज में भी निवेश है। ये दोनों भाई bitcoin के अलावा एथेरियम में भी निवेश करते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि अभी जितना बिटकॉइन जो बाजार में है उसका एक प्रतिशत इन दोनों भाइयों के पास है। ऐसा अनुमान है कि दोनों के पास 1,80,000 बिटकॉइन हैं।
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Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।
दुनिया में प्रारंभ में कोई मुद्रा या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।
सिक्कों के बाद कागज़ के नोट आये जिससे हमारे लेन – देन का तरीका बिलकुल बदल गया। इन सब प्रणालियों के अलावा भी एक मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान में धीरे – धीरे प्रचलित हो रही है।
क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।
पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य
क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।
क्रिप्टो-करेंसी की मूल्य की बात करें तो इसकी कीमत बाकी मुद्राओं से बहुत ज्यादा है। कुछ श्रेष्ठ क्रिप्टो-करेंसी की बात करें तो इनकी कीमत डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। लेकिन क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। क्रिप्टो-करेंसी बाजार में उतार चढाव आते रहते हैं, इसलिए इसकी कीमत दिन में ही कई बार बदलती रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है
जैसा की हमने आपको बताया क्रिप्टोकरेंसी ब्लोकचेन (Cryptocurrency block chain)तकनीक पर आधारित है। इसमें जब भी कोई क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? लेन – देन होता है तो उसका रिकॉर्ड रख लिया जाता है, और इनको बड़े पावरफुल कंप्यूटरों की निगरानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता, और जो ये काम करता है उसे माइनर कहते हैं।
इसके बाद ब्लोकचेन में रिकॉर्ड उस लेन – देन को एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर की होती है। माइनर उस लेन – देन को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल करके एक कोड का पता लगते हैं, जिसका पता लगने के बाद उसे ब्लोकचेन में जोड़ा जाता है। इसके बाद नेटवर्क में उपस्थित दुसरे कंप्यूटर द्वारा उसको सत्यापित किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी के लाभ
- यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है इसलिए इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं
- इसमें फ्रॉड की सम्भावना बहुत कम है
- इसमें निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत उछाल होता है
- इस मुद्रा को संभालने के लिए बैंक की आवश्यकता नहीं है
- इसको खरीदना बेचना और इसमें निवेश करना आसान है
- यह एक सुरक्षित मुद्रा है
- क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24 घंटे ऑनलाइन खुला रहता है
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
- क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए इसकी कीमतों में स्थिरता नहीं होती। इसकी कीमतों में उतर चढाव लगा ही रहता है यहाँ तक की इसकी कीमतें एक दिन में ही कई बार बदल जाती हैं
- इस मुद्रा का इस्तेमाल अवैध कार्यों में किया जा सकता है
- यह एक डिजिटल मुद्रा है और ऑनलाइन उपलब्ध है इसलिए इसको हैक किया जा सकता है
- यह मुद्रा सब देशों में वैध नहीं है, बीटकोइन की प्रसिद्धी के कारण कुछ देशों ने इसको मान्यता दे दी है लेकिन अब भी बहुत देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है
- क्रिप्टोकरेंसी कोई भौतिक मुद्रा नहीं है अर्थात इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, इसलिए इस मुद्रा पे भरोसा करना मुश्किल है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है ?
क्रिप्टोकरेंसी को सीधे शब्दों में कहे तो अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। पूरी दुनिया के कुछ देशों ने ही इसको मान्यता दी है, जबकि दुनिया के बहुत से देशों में तो ऐसी कोई मुद्रा होती है ये भी नहीं पता है। लेकिन धीरे धीरे क्रिप्टो-करेंसी का प्रचलन बढ़ रहा है, दिन प्रतिदिन हम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित खबर सुनते हैं। जिस गति से क्रिप्टो-करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं की आने वाले समय में क्रिप्टो-करेंसी हर जगह पूर्ण रूप से मान्य होगी।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया जा सके।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।
भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।
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