The Psychology of Money: आप अमीर बनेंगे या नहीं ये पैसा सायकोलॉजी तय करती है

The Psychology of Money: आप अमीर बनेंगे या नहीं ये पैसा सायकोलॉजी तय करती है

मनी, बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी किताबें अक्सर लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वो काफी जटिल भाषा में लिखी होती हैं. मगर सायकोलॉजी ऑफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषा में समझाया है. किताब में 19 छोटी छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी कई बड़ी बातों को समझाया है.

पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी आपको कई ऐसी किताबें मिल जाएंगी जो बताती हैं कि कौन सा स्टॉक बढ़िया, एक मजबूत कंपनी कैसे चुनें, कैसे निवेश करें, कहां निवेश करेंगे. मगर ऐसी गिनी चुनी किताबें है जो आपको बताती हैं कि पर्सनल फाइनेंस है क्या, ये क्यों जरूरी है और ये बात सॉइकॉलजी ऑफ मनी से बेहतर कौन बता सकता है.

मॉर्गन हाउसेल एक अवॉर्ड विनिंग ऑथर, लेखक और स्तंभकार हैं. उन्होंने अपनी किताब सायकोलॉजी ऑफ मनी में रुपये-पैसे के पीछे सायकोलॉजी का कनेक्शन बताया है. अगर आप पैसे को लेकर कुछ जमीनी चीजें सीखना और समझना चाहते हैं तो आप इस किताब को बेशक पढ़ सकते हैं.

किताब की मुख्य बातें

सबसे अच्छी बात मनी बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी किताबें अक्सर लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वो काफी जटिल भाषा में लिखी होती हैं. मगर सायकोलॉजी ऑफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषा में समझाया है. किताब में 19 छोटी छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी कई बड़ी बातों को समझाया है. नीचे इस किताब से मिलने वाली कुछ 11 प्रमुख बातों का जिक्र करने जा रहे हैंः

1. पैसा नहीं उसे लेकर आपका रवैया मायने रखता है. मॉर्गन एक कहानी में बताते हैं कि कैसे एक अमेरिकी सफाईकर्मी स्मार्ट इनवेस्टिंग के जरिए करोड़पति बन जाता है. वहीं दूसरी तरह एक मोटी सैलरी कमाने वाला कंपनी का सीईओ अपने गलत रवैये की वजह से बैंकरप्ट हो जाता है.

2. हर किसी के लिए पैसे के मायने अलग होते हैं. कुछ लोगों के लिए जिनके पास रहने को घर भी नहीं है उनके लिए मिनिमम वेज भी बहुत बड़ी रकम होगी. वहीं दूसरी तरफ किसी कंपनी के एक्जिक्यूटिव या अधिकारी एक लाख डॉलर की सैलरी पर भी नाखुश रह सकते हैं. कुल मिलाकर आप कितना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं ये आपकी खुशी नहीं तय करता बल्कि आप किस माहौल, किस परिवेश से आ रहे हैं उस पर निर्भर करता है.

3. कितना पैसा काफी होता है? हम सभी को लगता है कि हम पैसे के लिए काम करते हैं. जिस दिन काम भर पैसा मिल जाएगा काम करना बंद कर देंगे. लेखक एक नामी जालसाज बर्नी मडॉफ जिसने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पॉन्जी स्कीम चलाई उसका उदाहरण देकर समझाते हैं कि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है.

सच ये है कि मडॉफ पहले से ही एक बड़े और सफल बिजनेसमैन थे. मगर इसके बाद भी उन्होंने धोखे से पैसे कमाने के लिए पॉन्जी स्कीम चलाई. उन्हें जितने पैसे की जरूरत थी उतना वो अपने कारोबार से बड़े आराम से कमा रहे थे लेकिन लालच के चक्कर में उन्होंने सब कबाड़ा कर दिया.

मडॉफ की कहानी सुनकर ये समझ सकते हैं कि आप दुनिया के सबसे अमीर बन जाने के बाद भी जरूरी नहीं कि संतुष्ट हों. लेखक की भाषा में आपको मालूम होना चाहिए कि आपको असल में एक सुकून भरी जिंदगी जीने के लिए कितने पैसे की जरूरत है.

4. पावर ऑफ कंपाउंडिंग. वारेन बफे को भले ही अब तक के सबसे महानतम निवेशकों से गिना जाता हो मगर सच ये है कि उनकी 99 फीसदी जायदाद 50 साल की उम्र के बाद बनी. बफे के पास इतनी संपत्ति होने का क्रेडिट जाता है कंपाउडिंग को.

5. अमीर होने और अमीर बने रहने में बहुत फर्क है. अमीर होने के बहुत सारे रास्ते हैं मगर अमीर बने रहने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोच समझकर खर्च करना.

6. बिना सोचे समझे रिस्क नहीं लें. मार्केट में हजारों कंपनियों के शेयर मिल रहे हैं मगर इनमें से गिने चुने शेयर ही वाकई आपको अमीर बना सकते हैं. बदकिस्मती से इन्हें ढूंढना बहुत मुश्किल है. इसके लिए आप इंडेक्स फंड खरीद सकते हैं और काफी हद तक एक औसत मुनाफा कमा सकते हैं, जो कुछ नहीं कमाने से तो बेहतर है.

7. इतिहास हमेशा खुद को नहीं दोहराता. निवेशक हमेशा बाजार का अनुमान लगाने के लिए इतिहास के पन्ने पलट कर देखते हैं. मगर ऐसा नहीं है. इतिहास की परिभाषा में ये एक अप्रत्याशित और असमान्य घटानाओं का एक दस्तावेज है. अगर आप अप्रत्याशित घटनाओं के दोबारा होने का अनुमान लगा रहे हैं तो इसे बेवकूफी ही कहा जाएगा. मिसाल के तौर पर अमेरिका हर चार साल में मंदी का सामना करता है. मगर 15 सालों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी वहां मंदी जैसी कोई चीज नहीं दिखती है.

8. आत्ममुग्ध होने की जरूरत नहीं है. दुनिया लगतार बदल रही है. आज जो चीज चल रही है वो जरूरी नहीं कि आगे भी चले. इंडेक्स फंड भी 50 साल पुराने हैं, US 401k भी 43 साल पुराना है, वेंचर कैपिटल तो 26 साल पहले आया और बिटकॉइन उसका तो जिक्र भी क्या करना. कुल मिलाकर ये समझा जा सकता है कि आज जिस चीज का ट्रेंड है जरूरी नहीं कि हमेशा वही रहेगा. खुद को हमेशा बदलाव के लिए तैयार रखें.

9. पैसे के बदले समय मिलता है. आज हम जो पैसा लगाते हैं उससे पैसिव इनकम जेनरेट होती है, जो एक समय के बाद आपकी सैलरी से ज्यादा हो सकती है. ऐसा होने पर आप आराम से नौकरी छोड़ सकते हैं और जो आपका दिल करना चाहे, जो आपका पैशन हो उसे फॉलो कर सकते हैं. आपको पैसे के लिए किसी के लिए नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी. फाइनैंशली फ्री होंगे.

10. संपत्ति वो है जो नजर नहीं आती. आपने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि काश मैं करोड़पति होता मगर असल में उनके कहने का मतलब होता है कि मैं काश मैं एक करोड़ रुपये खर्च कर पाता. लेकिन असल में अगर आपको एक करोड़ मिले और आप उसे पूरी तरह खर्च कर दें तो आपकी ये आदत आपको जल्द ही कंगाल भी बना सकती है.

तो अगली बार जब आप किसी तो महंगी गाड़ी या महंगे अपार्टमेंट में रहते हुए देखें तो ये जरूर समझ लें कि वो अमीर नहीं बल्कि अमीर होने का दिखावा कर रहे होंगे. आप लोगों की अमीरियत तो देख सकते हैं मगर उनके खाते में असल में कितने पड़े हैं आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते. इसलिए बेहतर होगा कि किसी की संपत्ति भर देखकर उससे प्रभावित न हों.

11. कोई भी बेवकूफ नहीं है. जब भी आप कोई शेयर खरीदते हैं तो याद रहे कि किसी ने वो शेयर बेचा है. इसका मतलब है कि जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो आप उसे सस्ता समझ रहे होते हैं मगर दूसरी तरह वही स्टॉक बेचने वाले के लिए महंगा होता है. कुल मिलाकर हम कहना ये चाहते हैं कि लोगों को हमेशा यही लगता है कि वो बढ़िया डील कर रहे हैं और उस वक्त के लिए हो सकता है ये अच्छी डील हो भी.

मिसाल के तौर पर आज से 20 साल पहले किसी ने ऐमजॉन के शेयर लिए होंगे तो वो इस समय 2600 फीसदी के फायदे पर बैठा होगा. मगर वहीं किसी के लिए ऐमजॉन के शेयर इस लेवल पर वाजिब लगेंगे क्योंकि वो एक ई-कॉमर्स कंपनी के तौर पर ऐमजॉन के बिजनेस का अंदाजा लगा रहा होगा.

निष्कर्ष

दी सायकोलॉजीऑफ मनी को हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो निवेश करना चाहता है या कर रहा है. किताब पर्सनल फाइनेंस से लेकर, इनवेस्टिंग तक और फाइनेंशल डिसिजन तक के बारे में बहुत डिटेल में बताती है. हममें से कई लोग पैसे को खुशियों से मापते हैं मगर किताब इस मानसिकता को सिरे से गलत साबित करती है. साथ में पैसे को लेकर कैसा बिहेवियर रखना चाहिए ये भी बताती है. कितने भी बुक रिव्यू लिख दिए जाएं मगर मेरा मानना है कि इस किताब की सीख इसे पढ़कर ही समझ आएगी.

Man's search for meaning: वही जीतता है जो मुश्किल हालात में भी जिंदगी जीने के मायने ढूंढ लेता है

Oxfam: आम आदमी से 10 लाख गुना ज्यादा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करता है अरबपति व्यक्ति, रिपोर्ट में दावा

ऑक्सफैम रिपोर्ट (Oxfam report) में दावा किया गया है कि दुनिया के सबसे 125 अमीर अरबपतियों के निवेश से सालाना औसतन 30 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो कि आम आदमी की तुलना में 10 लाख गुना अधिक है।

ग्रीन हाउस गैस

दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को लेकर तमाम तरह की रिपोर्टें सामने आती रहती हैं लेकिन इस बार जो रिपोर्ट में खुलासा हुआ है वह बेहद चौकाने वाला है। दरअसल, ऑक्सफैम रिपोर्ट (Oxfam report) में दावा किया गया है कि दुनिया के सबसे 125 अमीर अरबपतियों के निवेश से सालाना औसतन 30 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो कि आम आदमी की तुलना में 10 लाख गुना अधिक है।

सीमेंट और जीवाश्म ईंधन उद्योग में निवेश सबसे बड़ा कारण
ऑक्सफैम रिपोर्ट में बताया गया है कि सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है। वहीं "कार्बन बिलियनेयर्स: द इन्वेस्टमेंट एमिशन्स ऑफ द वर्ल्ड्स रिचस्ट पीपल" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में इनका निवेश मानक कमजोर समूह वाली 500 कंपनियों के औसत से दोगुना है।

फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर CO2e का वित्तपोषण करते हैं ये अरबपति
संचयी रूप से, ये 125 अरबपति प्रति वर्ष 393 मिलियन टन CO2e (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य) का वित्तपोषण करते हैं, जो कि 6.70 करोड़ लोगों के देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है।

सुपर रिच लोगों की भूमिका तय करनी होगी: रिपोर्ट
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर के अनुसार ग्रीन हाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार सुपर रिच लोगों की भूमिका पर शायद ही कभी चर्चा होती हो। सरकारें अपने अनुसार लक्ष्य तो तय कर लेती हैं लेकिन अरबपति निवेशकों की लापरवाही को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। इस मुद्दे पर सोचने की जरूरत है। इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। कॉरपोरेट पिरामिड के शीर्ष पर स्थित इन अरबपति निवेशकों के पास जलवायु के टूटने की बड़ी जिम्मेदारी है।

कॉरपोरेट्स द्वारा की गई हाई-प्रोफाइल प्रतिबद्धताएं जांच के दायरे में नहीं आती
ऑक्सफैम रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्सर कॉरपोरेट्स द्वारा की गई हाई-प्रोफाइल प्रतिबद्धताएं जांच के दायरे में नहीं आती हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेट जीरो लक्ष्य पर तो हम चर्चा करते हैं लेकिन मुख्य खामियों को पीछे छोड़ देते हैं जिनपर चर्चा करने की आवश्यकता है। कॉरपोरेट्स के उत्सर्जन को कम करने के लिए छोटे-छोटे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

क्या है ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन?
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु में परिवर्तन और भूमंडलीय ऊष्मीकरण व ग्रहों के वातावरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं होता है। इसके अलावा नाइट्रस आक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मीथेन, वाष्प आदि होते हैं। इससे ओजोन का क्षरण होता है। कार्बन का उत्सर्जन ग्रीन हाउस इफेक्ट के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।

विस्तार

दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को लेकर तमाम तरह की रिपोर्टें सामने आती रहती हैं लेकिन इस बार जो रिपोर्ट में खुलासा हुआ है वह बेहद चौकाने वाला है। दरअसल, ऑक्सफैम रिपोर्ट (Oxfam report) में दावा किया गया है कि दुनिया के सबसे 125 अमीर अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं अरबपतियों के निवेश से सालाना औसतन 30 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो कि आम आदमी की तुलना में 10 लाख गुना अधिक है।

सीमेंट और जीवाश्म ईंधन उद्योग में निवेश सबसे बड़ा कारण
ऑक्सफैम रिपोर्ट में बताया गया है कि सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है। वहीं "कार्बन बिलियनेयर्स: द इन्वेस्टमेंट एमिशन्स ऑफ द वर्ल्ड्स रिचस्ट पीपल" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में इनका निवेश मानक कमजोर समूह वाली 500 कंपनियों के औसत से दोगुना है।

फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर CO2e का वित्तपोषण करते हैं ये अरबपति
संचयी रूप से, ये 125 अरबपति प्रति वर्ष 393 मिलियन टन CO2e (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य) का वित्तपोषण करते हैं, जो कि 6.70 करोड़ लोगों के देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है।

सुपर रिच लोगों की भूमिका तय करनी होगी: रिपोर्ट
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर के अनुसार ग्रीन हाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार सुपर रिच लोगों की भूमिका पर शायद ही कभी चर्चा होती हो। सरकारें अपने अनुसार लक्ष्य तो तय कर लेती हैं लेकिन अरबपति निवेशकों की लापरवाही को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। इस मुद्दे पर सोचने की जरूरत है। इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। कॉरपोरेट पिरामिड के शीर्ष पर स्थित इन अरबपति निवेशकों के पास जलवायु के टूटने की बड़ी जिम्मेदारी है।

कॉरपोरेट्स द्वारा की गई हाई-प्रोफाइल प्रतिबद्धताएं जांच के दायरे में नहीं आती
ऑक्सफैम रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्सर कॉरपोरेट्स द्वारा की गई हाई-प्रोफाइल प्रतिबद्धताएं जांच के दायरे में नहीं आती हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेट जीरो लक्ष्य पर तो हम चर्चा करते हैं लेकिन मुख्य खामियों को पीछे छोड़ देते हैं जिनपर चर्चा करने की आवश्यकता है। कॉरपोरेट्स के उत्सर्जन को कम करने के लिए छोटे-छोटे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

क्या है ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन?
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु में परिवर्तन और भूमंडलीय ऊष्मीकरण व ग्रहों के वातावरण के लिए उत्तरदायी होते अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं हैं। इसमें सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा नाइट्रस आक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मीथेन, वाष्प आदि होते हैं। इससे ओजोन का क्षरण होता है। कार्बन का उत्सर्जन ग्रीन हाउस इफेक्ट के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।

शेयर बाजार में तेजी से भारत में बढ़े अरबपति, जानिये इस साल कहां लगायेंगे सुपर रिच अपना पैसा

रिपोर्ट के अनुसार भारत में ऊंची नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 थी जो इससे पिछले साल 12,287 थी.

शेयर बाजार में तेजी से भारत में बढ़े अरबपति, जानिये इस साल कहां लगायेंगे सुपर रिच अपना पैसा

देश में अत्यधिक धनवान (HNI) लोगों की संख्या में वर्ष 2021 में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इस समूह के लोगों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट अब भी पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बड़ी तेजी से उनके निवेश पोर्टफोलियो में जगह बना रही है. रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक ने अपनी संपत्ति रिपोर्ट 2022 में यह जानकारी दी है। इस रिपोर्ट के अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं मुताबिक, देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 226 करोड़ रुपये) या उससे अधिक संपत्ति वाले लोगों की संख्या में पिछले साल हुई 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी शेयर बाजारों (stock market) में तेजी और डिजिटल क्रांति के चलते अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं हुई.

भारत में कितने हैं अरबपति

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में ऊंची नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 थी जो इससे पिछले साल 12,287 थी. भारत 145 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर अमेरिका (748) और चीन (554) के बाद तीसरे स्थान पर है.अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी। वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी. उसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) तथा मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि अत्यधिक अमीर लोगों की करीब 30 फीसदी संपत्ति प्राथमिक एवं द्वितीयक घरों की खरीद में लगाई गई. वहीं 22 अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं फीसदी निवेश-योग्य पूंजी वाणिज्यिक संपत्तियों की सीधी खरीद में लगाई गई थी. इसके अलावा आठ फीसदी संपत्ति विदेशों में खरीदी गई.

2022 में कहां लगायेंगे देश के अरबपति अपना पैसा

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 प्रतिशत बेहद अमीर लोग वर्ष 2022 में नए घर की खरीद की योजना बना रहे हैं. उनके लिए भारत के बाजार में घर खरीदना पहली पसंद है. वहीं वैश्विक स्तर पर 21 प्रतिशत बेहद अमीर लोग इस साल घर खरीद की योजना अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं बना रहे हैं. यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2021 में 18 प्रतिशत धनवान लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश किए जबकि एनएफटी में 11 प्रतिशत अमीरों ने निवेश किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल क्रिप्टोकरेंसी निवेश की मुख्यधारा का हिस्सा बनती हुई नजर आई. हालांकि सर्वे में शामिल एक-तिहाई प्रतिभागियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सुरक्षा चिंता बनी हुई है. इसके अलावा अत्यधिक धनवान भारतीयों ने कला, आभूषण, क्लासिक कार एवं घड़ियों में भी अपने निवेश का 11 प्रतिशत लगाया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में इन वस्तुओं के स्वामित्व से जुड़ा आनंद कहीं ज्यादा बड़ा घटक है. इसमें भी कलात्मक वस्तुओं पर निवेश को अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं सबसे ज्यादा तरजीह दी गई.

दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस से शीर्ष निवेश युक्तियाँ

जेफरी प्रेस्टन बेजोस या जेफ बेजोस एक अमेरिकी उद्योगपति, मीडिया मालिक, इंटरनेट उद्यमी और हैंइन्वेस्टर. वह सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक, Amazon के संस्थापक, सीईओ और अध्यक्ष हैं। जेफ बेजोस एक एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन और वाशिंगटन पोस्ट के भी मालिक हैं।

फोर्ब्स वेल्थ इंडेक्स के मुताबिक जेफ बेजोस पहले अरबपति हैं। वह 2017 के बाद से ग्रह पर सबसे अमीर आदमी रहे हैं और उन्हें 'आधुनिक इतिहास के सबसे अमीर आदमी' के रूप में भी नामित किया गया है। 30 जून, 2020 को जेफ बेजोस'निवल मूल्य फोर्ब्स के अनुसार $160.4 बिलियन था। वह अभी भी फोर्ब्स बिलियनेयर्स 2020 की सूची में सबसे ऊपर है। जुलाई 2018 में, जेफ बेजोस की कुल संपत्ति बढ़कर $150 बिलियन हो गई। सितंबर 2018 में, Amazon दुनिया के इतिहास में a . तक पहुंचने वाली दूसरी कंपनी बन गईमंडी $ 1 ट्रिलियन की कैप। इस बड़े मुनाफे से बेजोस की कुल संपत्ति में 1.8 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। फोर्ब्स ने उन्हें 'ग्रह पर किसी और की तुलना में अमीर' के रूप में वर्णित किया।

Jeff Bezos

विवरण विवरण
नाम जेफरी प्रेस्टन जोर्गेनसेन
जन्म की तारीख 12 जनवरी 1964 (उम्र 56)
जन्म स्थान अल्बुकर्क, न्यू मैक्सिको, यू.एस.
शिक्षा प्रिंसटन विश्वविद्यालय (बीएसई)
पेशा व्यवसायी, मीडिया मालिक, निवेशक, कंप्यूटर इंजीनियर
सक्रिय वर्ष 1986–वर्तमान
के लिए जाना जाता है अमेज़न और ब्लू ओरिजिन के संस्थापक
निवल मूल्य US$160 बिलियन (जून 2020)
शीर्षक अमेज़न के सीईओ और अध्यक्ष

जेफ बेजोस के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य

जेफ बेजोस का विशाल साम्राज्य एक दिन में नहीं बनाया गया था। जेफ बेजोस ने 1994 में सिएटल में अपने गैरेज में अमेज़न की स्थापना की। उनके निवेश और रणनीतियों ने उन्हें वहां पहुंचाया जहां वह आज हैं। उनका बड़ा निवेश Amazon, Nash Holdings और Bezos Expeditions के माध्यम से होता है। Uber Technologies (UBER), Airbnb, Twitter और वाशिंग पोस्ट उनके कुछ सफल निवेश हैं।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक जेफ बेजोस की सालाना सैलरी सिर्फ 81,840 डॉलर है। हालांकि, उनकी बड़ी संपत्ति अमेज़ॅन में उनके शेयरों से आती है, जो उन्हें 2489 डॉलर प्रति सेकंड से दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में योगदान देता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेज़ॅन के सीईओ ब्रिटिश राजशाही की तुलना में लगभग 38% अधिक अमीर हैं और उनकी कुल संपत्ति आइसलैंड, अफगानिस्तान और कोस्टा रिका के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक है।

जेफ बेजोस का जन्म अल्बुकर्क में हुआ था और उनका पालन-पोषण ह्यूस्टन और बाद में मियामी में हुआ था। उन्होंने 1986 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री के साथ स्नातक किया।

अमेज़न के बारे में

अमेज़ॅन ने 175 को काम पर रखा,000 मार्च और अप्रैल 2020 के बीच एक महामारी के बीच श्रमिकों, इस प्रकार बेरोजगारों की मदद करना। अमेज़ॅन ने 2020 की पहली तिमाही में हैंड सैनिटाइज़र और गोदामों में अतिरिक्त हैंड-वाशिंग स्टेशन सहित सुरक्षा उपायों पर $800 मिलियन से अधिक खर्च किए।

जेफ बेजोस से सर्वश्रेष्ठ निवेश युक्तियाँ

1. संकट में अवसर खोजें

जब वित्तीय सफलता की बात आती है तो जेफ बेजोस वह व्यक्ति होते हैं, जिनकी ओर दुनिया देखती है। उसके साम्राज्य ने के तूफान को झेला हैकोरोनावाइरस वैश्विक महामारी। जहां विभिन्न बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को अपने कर्मचारियों को बर्खास्त करते देखा गया, वहीं जेफ बेजोस ने नए कर्मचारियों को काम पर रखा। इससे बिक्री और कार्यप्रवाह में वृद्धि हुई जिसने निवेश को और अधिक आकर्षित किया। जबकि महामारी ने एक आर्थिकमंदी, जेफ बेजोस ने इसे बड़े पैमाने पर जनता की मदद करते हुए अधिक लाभ हासिल करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। यह जनता और अमेज़ॅन के लिए एक जीत की स्थिति थी।

2. देखें कि भीड़ क्या सोचती है

जेफ बेजोस का मानना है- भीड़ क्या सोचती है यह जानना जरूरी है। यह जानने के बाद ही आपको पता चलेगा कि भीड़ कब उतरेगी। भीड़ के खिलाफ सिर्फ इसलिए मत सोचो क्योंकि वह सही लगता है। प्रासंगिक शोध और विश्लेषण करें कि प्रचलित सोच क्या है और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचें। आप यह पहचान पाएंगे कि बहुमत जो सोच रहा है वह सही है या गलत। फिर आप एक विकल्प बना सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए निवेश कर सकते हैं।

3. स्पष्टता और फोकस रखें

जेफ बेजोस ने पुष्टि की कि किसी से संपर्क करना चाहिएनिवेश बहुत स्पष्टता और फोकस के साथ। प्रतिस्पर्धी बाजार में एक सफल निवेशक बनने में आपकी मदद करने के लिए वे मुख्य तत्व हैं। स्पष्टता और फोकस आपको बाजार में चलन को ध्यान में रखते हुए सफल शोध और विश्लेषण करने में मदद करेगा। यह कभी नहीं सोचना महत्वपूर्ण है कि अनुसंधान और विश्लेषण के पीछे निवेश किया गया कार्य कभी भी व्यर्थ नहीं जाएगा।

अमेज़ॅन के लिए जेफ बेजोस का लक्ष्य हमेशा कम मार्जिन के साथ एक बड़ा ग्राहक आधार होना था, न कि उच्च मार्जिन वाले कम ग्राहक आधार के लिए। इससे उन्हें आज की पहचान हासिल करने में मदद मिलती है, साथ ही कंपनी में उनके पास मौजूद शेयरों में उच्च रिटर्न भी मिलता है।

4. अपने निवेश दर्शन पर टिके रहें

जेफ बेजोस ने एक बार कहा था कि एक सफल निवेशक होने के लिए एक स्पष्ट दर्शन और उस पर टिके रहना महत्वपूर्ण है। हर निवेशक दूसरे से अलग होता है। जबकि कई बाजार में सक्रिय व्यापार के साथ सहज हैं, अन्य व्यक्तिगत गति के साथ सहज हैं। निवेश करने से पहले किसी की गति को समझना महत्वपूर्ण है ताकि तर्कहीन निर्णय काम में न आएं।

एक निवेशक को उसकी व्यक्तिगत दृष्टि, लक्ष्यों और जोखिम प्रबंधन से विचलित करने में भावनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बाजार की दहशत एक दिशा को अराजकता में बदल सकती है। इससे बचने के लिए, निवेश के संबंध में अपने व्यक्तिगत दर्शन पर टिके रहना जरूरी है।

5. लंबी अवधि का निवेश

जेफ बेजोस निश्चित रूप से लंबी अवधि के निवेश में विश्वास करते हैं। यह दुनिया के शीर्ष निवेशकों के बीच एक सामान्य विशेषता है। लंबी अवधि के निवेश से उच्च लाभ के साथ लाभ होता है जो आमतौर पर छोटी अवधि में प्राप्त नहीं किया जा सकता है। लेकिन लंबी अवधि के निवेश के पीछे कार्य दर्शन एक ही है- जिन कंपनियों में आप निवेश करना चाहते हैं, उनका गहन शोध और विश्लेषण करें। अपना होमवर्क अच्छी तरह से करें और लंबे समय में लाभ प्राप्त करें। बाजार की स्थितियों में न झुकें और अपने दीर्घकालिक निवेश को वापस लें। इससे उलटा असर होगा और अभूतपूर्व नुकसान होगा।

निष्कर्ष

जब निवेश और वित्तीय सफलता की बात आती है तो जेफ बेजोस निश्चित रूप से कई लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। जेफ बेजोस का एक प्रमुख जीवन सबक है कभी हार न मानना और संकट को अवसरों में बदलना।

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