June 19, 2022

History of Bitcoin in Hindi | बिटकॉइन का इतिहास

Bitcoin की History जाने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि Bitcoin है क्या?

तो हम पहले आपको Bitcoin के बारे में बता देते है।

और फिर हम आपको बिटकॉइन का इतिहास (History of bitcoin in hindi) बताएंगे और History के साथ-साथ बताएंगे कि Bitcoin का अब तक का सफर कैसे रहा।

Bitcoin क्या है ?

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा ( currency) है ।

आभासी मुद्रा यानी जिस currency को हम छू नहीं सकते और ना ही देख सकते हैं।

जैसा कि आपने देखा होगा हर देश की अपनी एक currency होती है जैसे भारत की currency रुपया है अमेरिका की डॉलर है यह currency physical होती है। यानी हम इन्हें छ सकते हैं, देख सकते हैं।

लेकिन इसी के विपरीत होती है Cryptocurrency जिसे हम छू नहीं सकते हैं और ना ही देख सकते हैं।

Bitcoin सबसे पहली Cryptocurrency थी जिसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी और इसके संस्थापक सोतशी नाकामोतो हैं। इसके अलावा और भी अन्य सारी Cryptocurrency है – रेड कॉइन, सिया कॉइन, एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन), वॉइस कॉइन आदि।

लेकिन सबसे पुरानी क्रिप्टो करेंसी Bitcoin का इतिहास Bitcoin ही है। इस समय दुनिया भर में 1 करोड़ से अधिक Bitcoin हैं जिनका मूल्य करीब 55000 करोड रुपए से भी अधिक है।

History of Bitcoin in Hindi

Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी। जब यह नई थी तब यह इतनी प्रचलित नहीं थी जितनी आज है। आज इसकी market में जो value है शुरुआत में इसकी इतनी value नहीं थी। मगर आज bitcoin या किसी भी cryptocurrency में उथल-पुथल होती है तो न्यूज़ पेपरों के headlines से लेकर टेलीविजन के प्राइम टाइम में इसकी खबर दौड़ने लगती है कि bitcoin में आई गिरावट bitcoin में आई उछाल।

Bitcoin की history को अच्छे से समझाने के लिए आपको Bitcoin की journy यानी अब तक का सफर कैसा रहा, हम एक टाइमलाइन के जरिए समझा रहे हैं जो इस प्रकार है –

Bitcoin का शुरुआती दौर 1998 से 2009 के बीच बताया जाता है। हलाकि हम इस बात का दवा नहीं कर रहे हैं। हमें यह जानकारियां रिसर्च पेपर्स, न्यूज़ पेपरों के आर्टिकल, और तमाम वेबसाइटों से प्राप्त हुई है।

बताया जाता है कि सातोशी नकामोतो नाम के व्यक्ति थे जिन्होंने bitcoin की शुरुआत की थी। हालांकि उनके बारे में किसी को पता नहीं है कि वह कौन है और कहां रहते हैं। आज तक उनके बारे में किसी को भी पता नहीं चल पाया है। कुल मिलाकर उनकी पहचान गोपनीय बनी हुई है।

2011 में famous

2011 में बिटकॉइन की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। लोग धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल करने लगे थे क्योंकि इसका इस्तेमाल करके वह खुद को और उनके पैसों को सूचित समझते थे। क्योंकि सरकार या किसी बैंक की इस में दखलअंदाजी नहीं होती । इस समय तक बाजार में altcoins के नाम से दूसरी cryptocurrency भी आ चुकी थी। मालूम होता है कि bitcoin की अहमियत Bitcoin का इतिहास बढ़ गई थी शायद इसीलिए दूसरी cryptocurrency बाजार में आना शुरू हो गई थी।

धीरे-धीरे व्यापारिक जगत के लोग बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने लेनदेन के लिए bitcoin का इस्तेमाल करने लगी हो जिससे उसकी अहमियत बढ़ने लगी और एक समय ऐसा आया कि bitcoin की कीमतें आसमान छूने लगी और जिनके पास bitcoin था वह मालामाल हो गए।

Bitcoin ka itihas(बिटकॉइन का इतिहास।)

बिटकॉइन की शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी। यह संसार का पहला पूरी तरह से खुला भुकतान तंत्र हैं। क्या आपको मालूम हैं कि दुनिया भर में 1 करोड़ से अधिक बिटकॉइन हैं। आपके जानकरी के लिए बता दूँ कि बिटकॉइन एक वर्चुअल मुद्रा यानि की एक आभासी मुद्रा हैं। आभासी मुद्रा का मतलब हैं अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं होता हैं। बिटकॉइन एक वर्चुअल डिजिटल करेंसी हैं।

Bitcoin ka itihas(बिटकॉइन का इतिहास।)

बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा हैं जिसे न तो आप देख सकते और नहीं इसे आप छू सकते हैं। बिटकॉइन को केवल बिटकॉइन वॉलेट में इलेक्ट्रानिकली स्टोर करके रखा जा सकता हैं। यदि किसी व्यक्ति के पास बिटकॉइन हैं तो वह इस मुद्रा को आम मुद्रा की उपयोग करके कोई भी वस्तु, पदार्थ खरीद सकता हैं। आज के समय में बिटकॉइन कितना प्रचलित हो रहा हैं यह बात किसी से भी छुपी हुई नहीं हैं। इस बिटकॉइन का अविष्कार एक सतोशी नकामोटो नामक एक इंजीनियर ने 2008 में किया था। और इस 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी कर दिया गया था।

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What is Bitcoin in Hindi knowledge folk (5)

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Cryptocurrency History: सोने से ज्यादा 'सोणी' क्यों क्रिप्टोकरेंसी, कहां से आई और कैसे छाई, जानें सब कुछ

कैसे अस्तित्व में आई क्रिप्टोकरेंसी?

बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।

विस्तार

बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक Bitcoin का इतिहास सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे Bitcoin का इतिहास इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी आजकल काफी चर्चा में है, लेकिन यह सुर्खियों Bitcoin का इतिहास में उस वक्त ज्यादा आई थी, जब जुलाई 2010 के दौरान बिटक्वाइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में आई और उससे लेन-देन भी होने लगा। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, जो वर्तमान में 58 हजार डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। बिटक्वाइन भले ही आज के जमाने की काफी प्रचलित है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 1980 से भी पहले हो गई थी।

सबसे पहले बनी थी ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम

जानकारी के मुताबिक, 1980 के दौर में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम का अविष्कार किया था, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर कुछ काम नहीं हुआ।

ब्लाइंडिंग के चर्चा में आने के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र किया गया था। हालांकि, बी-मनी कभी Bitcoin का इतिहास एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।

सबसे पहले एलन मस्क ने की थी वर्चुअल करेंसी की वकालत

वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की। हालांकि, यह भी सच है कि साल 2000 के बाद जब बिटक्वाइन अस्तित्व में आया, उसके बाद ही सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में तेजी दर्ज की गई।

नोट: 'कहानी क्रिप्टो की' सीरीज में आज क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की दास्तां बताई गई। कल हम आपको बिटक्वाइन की शुरुआत होने और इसके शिखर पर चढ़ने के किस्से से रूबरू कराएंगे।

Happy Birthday Bitcoin: 13 साल का हो गया Bitcoin, 6 पैसे से शुरू हुआ सफर अब 35 लाख रुपये का

सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी है बिटकॉइन (Getty Images)

  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2022,
  • Bitcoin का इतिहास
  • (अपडेटेड 04 जनवरी 2022, 5:53 PM IST)
  • 13 साल का हो गया बिटकॉइन
  • छह पैसे से शुरू हुआ सफर लाखों में पहुंचा

सबसे लोकप्रिय और वैल्यूएबल क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) ने इस सप्ताह 13 साल पूरे कर लिए. बिटकॉइन ने 13 साल के इस सफर में इन्वेस्टर्स को जादुई रिटर्न दिया है. इसने 13 साल पहले मात्र छह पैसे से सफर की शुरुआत की, जो अभी करीब 35 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.

13 साल का हुआ बिटकॉइन, निवेशकों के 1000 रुपये को बना दिया 76.4 करोड़

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Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, Bitcoin का इतिहास 2008 को जारी किया गया था, लेकिन मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।

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