नई औद्योगिक नीति में सुपर मेगा और उससे अधिक की निवेश परियोजनाओं और राज्य या केंद्र की सार्वजनिक क्षेत्र की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन आवंटन करने की भी व्यवस्था की गई है। अब औद्योगिक विकास प्राधिकरण या विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में निवेशकों को सीधे भूमि आवंटित की जा सकेगी। नीति में औद्योगिक इस्तेमाल के लिए गैर कृषि, बंजर और अनुपयोगी जमीन की पूलिंग को बढ़ावा देकर भूमि बैंक बनाने को भी बढ़ावा देने की बात कही गई है।
माननीय सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में UPSIDA के अंतर्गत प्रदेश में बढ़ेंगे निवेश और रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत लगातार आवंटन, निवेश एवं रोजगार सृजन में वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2017- 2018 में आवंटित भूखंडों की संख्या 191, पूंजीनिवेश 1913, रोजगार सृजन-11,577 व आवंटित भूमि 114 एकड़ में थी। वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2018-2019 में आवंटित भूखंडों की संख्या 183, पूंजीनिवेश 2,587, रोजगार सृजन की संख्या 22,907, आवंटित भूमि 204 एकड़ था। साल 2019-2020 आवंटित भूखंडों की संख्या 220, पूंजीनिवेश 2719, रोजगार सृजन- 21,627, आवंटित भूमि- 167 एकड़ रही। साल 2020-2021 में आवंटित भूखंडों की संख्या 441, पूंजीनिवेश -4,115, रोजगार सृजन- 45,218, तथा आवंटित भूमि 299 एकड़ रही। साल 2021-2022 में आवंटित भूखंडों की संख्या 126, पूंजीनिवेश 6 हजार 908, रोजगार सृजन- 19, 069, आवंटित भूमि - 194 एकड़ रहा। यह आंकड़े यह बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों में आवंटित भूखंडों की संख्या में 242 प्रतिशत, पूंजीनिवेश में 377 प्रतिशत, रोजगार सृजन में 452 प्रतिशत तथा आवंटित भूमि में 399 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
Investment Tips: निवेश का यह विकल्प एफडी से ज्यादा दिलाएगा रिटर्न, लेकिन पहले जान लें क्या है जोखिम
By: ABP Live | Updated at : 26 Jan 2022 09:17 PM (IST)
Corporate FD: देश में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) शायद निवेश का सबसे लोकप्रिय विकल्प रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय से एफडी की घटती ब्याज दरों के कारण इसके लोकप्रियता में कमी आई है. लेकिन एफडी के अलावा भी कुछ विकल्प हैं जो उससे कहीं ज्यादा रिटर्न आपको दे सकते हैं. इन्हीं में एक है कॉरपोरेट या कंपनी एफडी में निवेश. बैंक एफडी में निवेश करने पर आपको 5 से 6% तक ब्याज मिलेगा. वहीं कॉर्पोरेट FD में निवेश करने पर आप इससे कहीं ज्यादा कमा सकते हैं. एक साल के कॉरपोरेट एफडी पर 7.5 से 8 और पांच साल के डिपोजिट पर 8 से 9 फीसदी तक का ब्याज मिलता है. हालांकि यह विकल्प एफडी के मुकाबले ज्यादा जोखिम भरा है.
क्या होती हैं कॉरपोरेट एफडी
कंपनियां अपनी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने का काम करती हैं. एक निश्चित अवधि के लिए निवेशक से कंपनियां पूंजी लेती हैं जिसे कॉरपोरेट एफडी कहा जाता है. कंपनियां निवेशक से विज्ञापन के जरिए निवेश करने के लिए कहती हैं. निवेशक को आकर्षित करने के लिए इस एफडी पर कंपनियां बैंक और अन्य फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ब्याज देती हैं. क्योंकि, इन कंपनियों के पास कंपनी कानून तहत के डिपॉजिट लेने का अधिकार होता है. कंपनियों के कॉरपोरेट FD पर ब्याज दर अधिक होता है इसलिए इसमें निवेश करना बेहतर होता है.
इसलिए करें अंडर-कंस्ट्रक्शन संपत्तियों में निवेश
इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि बीते कुछ वर्षों ने रियल्टी सेक्टर के निवेशकों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। हालांकि, वह असुरक्षा और निवेश की अनिच्छा अल्पकालिक थी और उद्योग अब पूरी तरह सुधार की ओर देख रहा है। इसके बावजूद यह दुविधा बनी हुई है कि एक निवेशक के लिए कौन सी संपत्ति बेहतर है।
रेडी-टू-मूव-इन या अंडर-कंस्ट्रक्शन, ये दो ऐसे विकल्प हैं जो निवेशक को हमेशा दुविधा में डालते हैं। रेडी-टू-मूव इन यानी रहने के लिए तैयार संपत्ति की एक अच्छी बात होती है कि निवेशक उसे अच्छी तरह देख-समझ सकते हैं, वह संपत्ति अस्तित्व में आ गई निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प होती है। फिर भी, वर्तमान कैलेंडर वर्ष यानी 2022 हाउसिंग सेक्टर के स्थायित्व के लिहाज निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प से मजबूत वर्ष होगा, लिहाजा एक अंडर-कंस्ट्रक्शन संपत्ति में निवेश करने से लंबी अवधि में कुछ अच्छा रिटर्न मिलेगा।
UP Investment: निवेशकों को भा रहे हैं कन्नौज, चित्रकूट जैसे छोटे शहर, छह माह में चार हजार करोड़ का निवेश
उत्तर प्रदेश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर निवेशकों को खासा आकर्षित कर रहे हैं। एनसीआर, कानपुर और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से इतर पिछले दो साल में करीब 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का औद्योगिक निवेश ऐसे ही छोटे शहरों में हुआ है। इसमें भी पिछले छह महीने में ही चार हजार करोड़ से ज्यादा निवेश हुआ है।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अधिकारियों का मानना है कि बड़े शहरों से इतर फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, चित्रकूट, संडीला, पीलीभीत और रायबरेली जैसे छोटे शहरों में सस्ती जमीन की उपलब्धता के साथ ही सरकार और प्राधिकरण के स्तर पर निवेश के लिए बेहतर माहौल और विभिन्न तरह की निवेश संबंधी रियायतें निवेश के लिए बेहतर विकल्प दे रही है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर निवेशकों को खासा आकर्षित कर रहे हैं। एनसीआर, कानपुर और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से इतर पिछले दो साल में करीब 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का औद्योगिक निवेश ऐसे ही छोटे शहरों में हुआ है। इसमें भी पिछले छह महीने में ही चार हजार करोड़ से ज्यादा निवेश हुआ है।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अधिकारियों का मानना है कि बड़े शहरों से इतर फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, चित्रकूट, संडीला, पीलीभीत और रायबरेली जैसे छोटे शहरों में सस्ती जमीन की उपलब्धता के साथ ही सरकार और प्राधिकरण के स्तर पर निवेश के लिए बेहतर माहौल और विभिन्न निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प तरह की निवेश संबंधी रियायतें निवेश के लिए बेहतर विकल्प दे रही है।
यही वजह है कि कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां भी निवेश के लिए ऐसी ही दूसरी व तीसरी श्रेणी के शहरों का रुख कर रही है। यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी कहते हैं कि प्राधिकरण ने छोटे शहरों में निवेश के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए 12 हजार एकड़ जमीन का पूल तैयार कर लिया है।
किसान विकास पत्र के लाभ –
किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) उन निवेशकों ( Investment ) को आकर्षित करने के लिए नहीं बनाया गया है, जो टैक्स बचाने के विकल्प की तलाश में हैं। मूल राशि और ब्याज पर कोई कर कटौती नहीं है। हालांकि, यह अभी भी निवेशकों को कुछ प्रमुख लाभ प्रदान करता है। उनमें से कुछ लाभ निम्नलिखित हैं |
- किसान विकास प्रमाणपत्र के रूप में गारंटीड रिटर्न के साथ सरकार समर्थित बचत विकल्प
- किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) के रूप में लंबी अवधि की फंडिंग इस योजना में आप 10 साल के करीब निवेश ( Investment ) करते हैं और यह आपके पैसे को दोगुना कर देता है।
- किसान ( Farmer ) विकास की कोई अधिकतम सीमा नहीं है
- बैंकों से पसंदीदा दरों पर ऋण प्राप्त करने के लिए किसान विकास पत्र का उपयोग गारंटी के रूप में किया जा सकता है
- स्थानांतरण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के साथ-साथ एक डाक विभाग ( Post Office ) से दूसरे डाकघर में भी हो सकता है।
किसान विकास पत्र प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं ?
- केवाईसी की प्रक्रिया के लिए पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस)।
- केवीपी आवेदन पत्र को अच्छी तरह से भरा।
- जन्म प्रमाण पत्र की तारीख
- निवास प्रमाण पत्र
एक निवेश ( Investment ) योजना की तलाश है, जो आपकी लंबी अवधि की वित्तीय योजनाओं को समायोजित करने के लिए पर्याप्त बहुमुखी हो? फिर किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) वही है जो आपको चाहिए ! बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद, आपको मैच्योरिटी अवधि के अंत में निवेश की गई राशि की दोगुनी राशि के साथ गारंटीकृत राशि मिलेगी। यह कम जोखिम वाला बचत विकल्प है। जो डाक विभाग ( Post Office ) के अधिकृत है |
किसान विकास पत्र के लिए आवेदन करने के लिए पात्रता मानदंड –
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्रों के तहत नाबालिग की ओर से, आवेदक के नाम से या दो व्यक्तियों द्वारा संयुक्त रूप से किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) खरीदा जा सकता है।
- KVP को एक ट्रस्ट द्वारा खरीदा जा सकता है।
कोई कंपनी या संस्थान जैसी व्यावसायिक संस्था इस योजना के तहत निवेश नहीं कर सकती है। साथ ही, एनआरआई, एचयूएफ, इन बचत प्रमाणपत्रों में निवेश करने के लिए पात्र नहीं हैं। यह भारत सरकार द्वारा ग्रामीणों के हित में डाक विभाग ( Post Office ) द्वारा लागु है |
इस केवीपी योजना ( KVP Scheme ) के तहत निवेश की जा सकने वाली न्यूनतम राशि 1,000 रुपये है। हालांकि, निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। कोई भी व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है, हालांकि किसान ( Farmer ) भाई आसानी से निवेश आकर्षित करने के लिए 8 विकल्प निवेश (Investment) कर पाएंगे | इस किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) का पात्र होगा |
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 566