Day Trader क्या है?
डे ट्रेडर क्या है? [What is Day Trader?] [In Hindi]
Day Trader एक प्रकार का व्यापारी (Trader) है जो इंट्राडे बाजार मूल्य कार्रवाई को भुनाने के लिए अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा में छोटे और लंबे ट्रेडों को निष्पादित करता है। लक्ष्य बहुत ही अल्पकालिक मूल्य आंदोलनों (movements) से लाभ प्राप्त करना है। दिन के व्यापारी रिटर्न बढ़ाने के लिए लीवरेज का भी उपयोग कर सकते हैं, जिससे नुकसान भी बढ़ सकता है।
जबकि कई रणनीतियों को Day Trader द्वारा नियोजित किया जाता है, इसके बाद की जाने वाली कीमत कार्रवाई अस्थायी आपूर्ति और संपत्ति की खरीद और बिक्री के कारण होने वाली मांग की अक्षमता का परिणाम है। आमतौर पर पदों को मिलीसेकंड से घंटों तक रखा जाता है और आम तौर पर दिन के अंत से पहले बंद कर दिया जाता है, ताकि घंटों या रात भर के बाद कोई जोखिम न हो।
'डे ट्रेडर' की परिभाषा [Definition of "Day Trader"] [In Hindi]
डे ट्रेडर उस मार्केट ऑपरेटर को संदर्भित करता है जो डे ट्रेडिंग में लिप्त होता है। एक दिन का ट्रेडर एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर स्टॉक, करेंसी या फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे वित्तीय साधनों को खरीदता है और बाद में बेचता है, जिसका अर्थ है कि उसके द्वारा बनाए गए सभी पोजीशन उसी ट्रेडिंग दिन पर बंद हो जाते हैं। एक सफल दिन के व्यापारी को पता होना चाहिए कि किस स्टॉक में व्यापार करना है, कब व्यापार करना है और कब बाहर निकलना है। Cyclical Stock क्या है?
Day Trader का मुख्य उद्देश्य अत्यधिक तरल शेयरों में छोटे मूल्य आंदोलनों का लाभ उठाना है। बाजार जितना अधिक अस्थिर होगा, एक दिन के व्यापारी के लिए स्थितियां उतनी ही अनुकूल होंगी। day Trader को स्टॉक, इस्तेमाल किए गए टूल्स और ट्रेड करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
Day Trader बोली मूल्य और पूछ मूल्य के बीच अंतर करके लाभ कमाता है। किसी विशेष शेयर में किसी भी दिशा में एक Impending movement को भांपते हुए, एक दिन व्यापारी इसे बोली मूल्य से ऊपर या नीचे खरीद या बेच देगा या मूल्य पूछेगा। Day Trader दो प्रकार के होते हैं: वे जो व्यक्तिगत रूप से व्यापार करते हैं और जो एक वित्तीय संस्थान के साथ काम करते हैं। Day Trader जो व्यक्तिगत रूप से काम करता है वह अक्सर दूसरे लोगों के पैसे का प्रबंधन करता है या खुद के पैसे का उपयोग करता है, लेकिन संसाधनों का सीमित दायरा अक्सर उसे उस दिन के व्यापारी के साथ प्रतिस्पर्धा करने से रोकता है जो एक कंपनी के साथ काम करता है। दिन के व्यापारी आमतौर पर अपनी प्रतिभूतियों को एक दिन के लिए रखते हैं और उनकी ट्रेडिंग शैली वास्तविक समय के निवेशकों से बहुत अलग होती है। वे प्रत्येक दिन के अंत में अपनी स्थिति बंद कर देते हैं। दिन के कारोबार की अल्पकालिक प्रकृति के कारण, इसमें कम जोखिम शामिल होता है क्योंकि रात भर कुछ होने से बड़ा नुकसान होने का कोई जोखिम नहीं होता है।
दिन का व्यापारी
यदि आप एक दिन का व्यापारी बनना चाहते हैं, तो किसी विशिष्ट योग्यता की आवश्यकता नहीं है। दूसरी ओर, दिन के व्यापारियों की विशेषता हैआधार संबंधित व्यापारिक गतिविधियों की समग्र आवृत्ति का। NYSE और FINRA दिन के व्यापारियों को इस आधार पर वर्गीकृत करते हैं कि वे 5 दिनों की अवधि के दौरान चार गुना या डे ट्रेडर क्या है उससे भी अधिक व्यापार कर रहे हैं। यहां दी गई शर्त यह है कि दिन के कारोबार की कुल संख्या दी गई अवधि के दौरान ग्राहकों की कुल व्यापारिक गतिविधि के 6 प्रतिशत से अधिक हो जाती है।
जिस निवेश या ब्रोकरेज फर्म में व्यापारियों ने खाता खोला है, उन्हें भी दिन के व्यापारियों के रूप में माना जाता है। दिन के व्यापारी मार्जिन के अधीन होते हैं औरराजधानी रखरखाव की आवश्यकताएं।
दिन के व्यापारियों को ज्यादातर दिए गए व्यापारिक दिन के समापन से पहले सभी संबंधित ट्रेडों को बंद करने के लिए जाना जाता है। वे रातोंरात खुली स्थिति रखने का लक्ष्य नहीं रखते हैं। दिन के व्यापारी की समग्र प्रभावशीलता ट्रेडिंग कमीशन, बिड-आस्क स्प्रेड, और रीयल-टाइम एनालिटिक्स सॉफ़्टवेयर और न्यूज़फ़ीड के लिए समग्र व्यय जैसे कारकों द्वारा सीमित हो सकती है।
यदि आप अपने लिए सफल डे ट्रेडिंग प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए व्यापक ज्ञान के साथ-साथ गहन विशेषज्ञता की आवश्यकता है। दिन के व्यापारियों को उचित व्यापारिक निर्णय सुनिश्चित करने के लिए व्यापक संख्या में विशेष तरीकों का उपयोग करने के लिए जाना जाता है। जबकि कुछ व्यापारी उपयोग करने के लिए कंप्यूटर-आधारित ट्रेडिंग मॉडल का उपयोग कर सकते हैंतकनीकी विश्लेषण अनुकूल संभावनाओं का विश्लेषण करने के लिए, अन्य व्यापारी हैं जो संबंधित प्रवृत्ति पर व्यापार कर सकते हैं।
जब आप एक दिन के व्यापारी होते हैं, तो आप मुख्य रूप से दिए गए स्टॉक की कीमत कार्रवाई से संबंधित विशेषताओं से संबंधित होते हैं। इसफ़ैक्टर उन निवेशकों के मामले की संभावना नहीं है, जो शेयरों को रखने, खरीदने या बेचने का निर्णय लेने के लिए किसी कंपनी की दीर्घकालिक विकास क्षमता का विश्लेषण करने के लिए कुछ मौलिक डेटा का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं।
औसत दिनश्रेणी और मूल्य अस्थिरता किसी भी दिन के व्यापारी के लिए महत्वपूर्ण होती है। लाभ सुनिश्चित करने के लिए दिन के व्यापारी के लिए पर्याप्त डे ट्रेडर क्या है मूल्य आंदोलनों के लिए एक सुरक्षा की आवश्यकता होती है।लिक्विडिटी और मात्रा भी महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रति व्यापार के आधार पर छोटे मुनाफे तक पहुंच प्राप्त करने के लिए, त्वरित प्रवेश और निकास सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। दैनिक आधार पर छोटी सीमा या दैनिक आधार पर हल्की मात्रा वाली प्रतिभूतियां दिन के व्यापारियों के लिए अधिक रुचिकर नहीं हो सकती हैं।
Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स
How to start Day Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.
How to do Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.
How to start Day Trading or Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है. हालांकि निवेशकों की सोच अलग अलग होती है. कुछ निवेशकों का लक्ष्य लंबी अवधि का होता है और वे अपना पैसा अलग अलग लक्ष्य पूरा करने के लिए लांग टर्म के लिए निवेश करते हैं. वहीं, कुछ निवेशक शॉर्ट टर्म गोल लेकर बाजार में पैसा लगाते हैं. इन्हीं में से कुछ इंट्राडे इन्वेस्टर्स या डे ट्रेडर्स होते हैं. इंट्राडे ट्रेड में अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में डेली बेसिस पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है.
क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग
असल में बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो. डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
चुनें सही स्टॉक: ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो. जिन शेयरों में हाई लिक्विडिटी हो और आप उन्हें आसानी से सेल कर सकें. क्यों कि अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप नुकसान में पड़ जाएंगे. लेकिन लिक्विड स्टॉक में भी 2 या 3 ही स्टॉक चुनेंं.
मिडकैप स्कीम: म्यूचुअल फंड्स की इन स्कीम ने किया कमाल, 1, 3, 5, 10 और 15 साल, लगातार दे रही हैं तगड़ा रिटर्न
Pension Plans: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम, बुढ़ापे में भी रुपये पैसे की नहीं होगी दिक्कत, पेंशन प्लान के समझें फायदे
Mutual Funds 2022: इन म्यूचुअल फंड स्कीम ने 1 साल में 78% तक दिया रिटर्न, आपने किसी में किया है निवेश
हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम: हॉयर ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों का ही चुनाव करें. ऐसे शेयरों में ज्यादा से ज्यादा इन्वेसटर्स का रूझान होता है.
शेयर बाजार से अपडेट रहें: अपको डे ट्रेडिंग करते समय शेयर बाजार से अपडेट रहना जरूरी है. जानना जरूरी है कि बाजार को लेकर किस तरह कीर खबरें चल रही हैं. इससे आपको सही शेयर चुनने में मदद मिलेगी और आपद जोखिम से बच जाएंंगे.
मार्केट का ट्रेंड देखें: वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें और अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
एक्सपर्ट से सलाह लें: निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. उसके बाद रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें.
तय करें टारगेट: शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है.
जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
स्टॉप लॉस स्ट्रैटेजी: इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस जरूर लगाएं. पेनी स्टॉक में निवेश करने से बचें.
(Source: इसमें अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आणार पर टिप्स दिए गए हैं.)
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 1 अगस्त के कारोबार में देख सकते हैं. आज एयरटेल में निवेश करने वालों की चांदी रही है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है. असल में आज एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है. जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी तेजी आ गई. ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना डे ट्रेडर्स के लिए जरूरी है.
एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी डे ट्रेडर क्या है कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:
- स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
ऊपर दी डे ट्रेडर क्या है हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब डे ट्रेडर क्या है कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।
अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।
हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।
पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।
ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
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