कमोडिटी मार्केट में ट्रेड करने के लिए दो तरह के एक्सचेंज उपलब्ध हैं.
1. एमसीएक्स यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
2.एनसीडीईएक्स यानी नेशनल कमोडिटी डेरिवाटिव एक्सचेंज

Commodity market is affected by these reasons, you should also know the reason

Multi Commodity Exchange of India Ltd (MCEI)

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज शेयर (MCEI शेयर) (ISIN: INE745G01035) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Investing.com - मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ने मंगलवार को दूसरी तिमाही के नतीजों में विश्लेषकों के अनुमानों को पिछाडा और आय ने सर्वोच्च करा. कंपनी ने आय प्रति स्टॉक ₹12.43 बताया.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - एशियाई बाजारों से कमजोर संकेतों पर नज़र रखते हुए, घरेलू बाजार ने नया सप्ताह खोला, जबकि ओपेक + की रिपोर्ट के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज: पाइप और ट्यूब निर्माता मंगलवार को भारतीय एक्सचेंजों पर डेब्यू करेंगे। टीवीएस मोटर कंपनी (NS:TVSM): सहायक स्विस.

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया विश्लेषण

म्युचुअल फंड आमतौर पर स्मॉल-कैप कंपनियों से दूर रहने की कोशिश करते हैं क्योंकि ये अत्यधिक जोखिम वाले व्यवसाय हैं और उचित परिश्रम किए बिना सार्वजनिक धन को दांव पर नहीं लगाया जा सकता.

भारतीय बाजारों का मिजाज तेजी की ओर जारी है क्योंकि 16,950 से एकतरफा रैली में मंदी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 0.07% की तेजी के साथ सुबह 9:49 AM IST.

इरादा इरादा मेरे विश्लेषण को साझा करना है और आपको अपनी पसंद के शेयरों को सीखने और पहचानने में मदद करना है। आने वाले सप्ताह के लिए मेरी वॉचलिस्ट पर महत्वपूर्ण - और यह एक और.

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया कंपनी प्रोफाइल

  • प्रकार : इक्विटी
  • बाज़ार : भारत
  • आईसआईन : INE745G01035
  • एस/न : MCX

Multi Commodity Exchange of India Limited, a commodity derivatives exchange, provides a platform to facilitate online trading of commodity derivatives in India. It offers iCOMDEX, a real-time commodity futures price indices; and trades in bullion, base metals, energy, and agricultural commodities. The company also provides trade clearing and settlement services; and data feed services. It has strategic alliances with various exchanges, such as CME group, कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग Dalian Commodity Exchange, London Metal Exchange, Mozambique Commodities Exchange, Taiwan Futures Exchange, and Zhengzhou Commodity Exchange. The company was incorporated in 2002 and is based in Mumbai, India.

जानिए कमोडिटी एक्सचेंज क्या है?

जानिए कमोडिटी एक्सचेंज क्या है?

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फसलों से जुड़े आंकड़े अहम
कमोडिटी और इक्विटी बाजार की बुनियादी बातों में अंतर है. शेयर बाजार के निवेशक कंपनियों के प्रदर्शन और सेक्टर के फंडामेंटल पर नजर रखते हैं. वहीं कमोडिटी में निवेश करने वाले फसल के उत्पादन, पैदावार, मौसम और किसी खास फसल या अनाज की मांग-सप्लाई पर नजर रखते हैं. कमोडिटी में रिस्क लेने की क्षमता और रिटर्न कई बातों पर निर्भर करता है. कई कमोडिटी में रिटर्न ज्यादा है, लेकिन जोखिम भी बहुत ज्यादा है. कई कमोडिटी में सीजन के हिसाब से उतार-चढ़ाव पर रिटर्न निर्भर करता है. इसमें फसलों से जुड़े आंकड़ों की बड़ी भूमिका होती है.

आपको रातोंरात करोड़पति बना सकता है Commodity Market, बस जाननी होंगी ये बारीकियां

Commodity Market

इन दिनों लोगों में शेयर मार्केट का बड़ा क्रेज है. क्योंकि यह कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न भी उपलब्ध कराता है, लेकिन स्टॉक मार्केट के अपने कुछ प्लस-माइनस भी हैं. जहां लोगों के मन में अच्छे-अच्छे शेयर खरीदकर लाखों करोड़ों कमाने की ललक रहती है, वहीं सेनसेक्स में गिरावट के साथ बड़ी रकम गंवाने का डर भी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मार्केट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने पहले सुना तो खूब होगा लेकिन यह कैसे काम करता है और आप इसमे निवेश कर कैसे अच्छा खासा रिटर्न हासिल कर सकते हैं और वो भी कम जोखिम के साथ.

क्या है कमोडिटी मार्केट

5paisa ऐप ने बनाया Commodity Market की ट्रेडिंग को अब और भी आसान, कोई भी कमा सकता है घर बैठे लाखों रुपए

शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में खरीद-बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है। कई बार हम जरूरत की चीजों का ही व्यापार भी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि ऐसी ही वस्तुओं की खरीदी व बिक्री करके महीने में लाखों रुपए कमा सकें और इसके लिए आपको कहीं आना-जाना भी न पड़े। इस बात को सुनकर हमारे दिमाग में कई तरह के संशय भी आते हैं। क्या ऐसा कौन कर सकता है? क्या इसके लिए पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है? घर बैठे पैसा कमाने के इस आसान तरीके को समझाएगा कौन? इसके बारे में विस्तार से जानकारी कहां से मिलेगी?

समझ लें कमोडिटी मार्केट में क्या खरीदा व बेचा जा सकता है

आमतौर पर हम सब रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीदा व बेचा जाता है। शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है। इनमें कीमती वस्तुओं से लेकर मिर्च मसाले तक का व्यापार किया जा सकता है।

●कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम।

●बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम।

●एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन।

●मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च।

कैसे आम इंसान के लिए भी लाभदायक है यह बाजार

1.भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी कम राशि के मार्जिन मनी से कमोडिटी कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।

2.किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है।

3.कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है।

4.कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है।

Gold trading: अब शेयरों की तरह होगी गोल्ड की ट्रेडिंग, उतारचढ़ाव का उठा सकते हैं फायदा

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  1. कैसे जनरेट होती है इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिट?
    इसमें गोल्ड कमोडिटी को सिक्योरिटी ईजीआर में कन्वर्ट करते हैं। जिसके पास फिजिकल गोल्ड का रिसपॉन्सिबल सोर्स है, वह उस गोल्ड को वोल्ट में जाकर जमा करवाएगा। वहां उसे इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिट मिलेगी। जिसे वह एक्सचेंज पर खरीद-बिक्री के लिए रखेगा। अब गोल्ड की कीमतों और डिमांड के आधार पर उसकी ट्रेडिंग होगी। एक्सचेंज पर निवेशकों को ये ईजीआर उपलब्ध होगी। जिस तरह निवेशक बीएसई पर शेयरों की खरीद-बेच करते हैं, वैसे ही गोल्ड की इन रिसिट की ट्रेडिंग कर सकेंगे। जहां निवेशकों को बाय-सेल करने के लिए डिलिवरी लेने की जरूरत नहीं है। निवेशक डीमैट अकाउंट में अपनी ये ईजीआर रख सकेंगे।
  2. क्यों जरूरत महसूस हुई?
    बीएसई के सीबीओ समीर पाटिल ने बताया कि इससे प्रीसियम मेटल की प्रभावी और पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी और निवेशक गोल्ड के उतार-चढ़ाव का फायदा ले सकेंगे। यहां न तो गोल्ड की प्योरिटी और न ही किसी तरह का रिस्क है।
  3. कौन हो सकते हैं पार्टिसिपेंट?
    इनडिविजुअल इन्‍वेस्‍टर्स, इंपोर्टर, बैंक, रिफाइनर्स, सर्राफा कारोबारी, आभूषण बनाने वाले और रिटेलर्स सोने की खरीद बिक्री कर सकेंगे। शेयरों की तरह ही बीएसई पर किसी खास समय पर सोने की कीमत दिखेगी। अगर आप सोना खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अपनी मर्जी से आप गोल्ड की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। खरीदा गया सोना आपके डीमैट खाते में जमा हो जाएगा।
  4. क्या हैं इसके माइनस पॉइंट?
    इस प्रॉडक्ट के माइनस पॉइंट के बारे में पूछने पर IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग मेहता कहते हैं, ‘उदाहरण के लिए एक्स ने फिजिकल गोल्ड को 3 पर्सेंट जीएसटी भरकर लिया था और उसे बोल्ट पर जमा किया। अब उसे वापस वह 3 कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग पर्सेंट जीएसटी का पैसा तब मिलेगा, जब कोई वाई उस ईजीआर को वोल्ट पर जाकर फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट करवाएगा। ऐसे में कोई क्यों अपना पैसा इतने लंबे समय के लिए फंसाएगा? सरकार इस मुद्दे को सॉल्व करे, ताकि यह प्रॉडक्ट बहुत सफल हो सके।’
  5. क्या होती है EGR?
    EGR यानी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट अन्य सिक्‍योरिटीज जैसा ही होगा। इसकी ट्रेडिंग क्लियरिंग और सेटलमेंट भी दूसरी सिक्‍योरिटीज की तरह किया जा सकेगा। अभी भारत में सिर्फ गोल्ड डेरिवेटिव्स और गोल्ड ईटीएफ का कारोबार होता है।
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