बिटकॉइन में कोई निवेश यदि आपने किया है तो उसे भूलना बेहतर है। बीते कल के बाद भारत में अब उसका कोई अर्थ नहीं है। बीते कल अर्थात 5 जुलाई के बाद भारत में बिटकॉइन जैसी सभी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग प्रतिबंधित हो गया है। रिजर्व बैंक ने बैंको को निर्देश दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वालों से अपने संबंध तोड़ लें। वैसे तो रिजर्व बैंक ने ये सर्कुलर अप्रैल में जारी किया था। लेकिन अब क्रिप्टो एक्सचेंज में भारत में ट्रेडिंग नहीं हो पाएगी, इस बाबत सख्त निर्देश जारी कर दिए गये हैं।

‘बिटकॉइन’ को भारत में भूल जाइये | EDITORIAL by Rakesh Dubey

बिटकॉइन में कोई निवेश यदि आपने किया है तो उसे भूलना बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई बेहतर है। बीते कल के बाद भारत में अब उसका कोई अर्थ नहीं है। बीते कल अर्थात 5 जुलाई के बाद भारत में बिटकॉइन जैसी सभी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग प्रतिबंधित हो गया है। रिजर्व बैंक ने बैंको को निर्देश दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वालों से अपने संबंध तोड़ लें। वैसे तो रिजर्व बैंक ने ये सर्कुलर अप्रैल में जारी किया था। लेकिन अब क्रिप्टो एक्सचेंज में भारत में ट्रेडिंग नहीं हो पाएगी, इस बाबत सख्त निर्देश जारी कर दिए गये हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने तो तीन दिन पहले रिजर्व बैंक के बिटकॉइन पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी सर्कुलर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस तरह के सभी मामलों को एक साथ जोड़ते हुये वित्त मंत्रालय, विधि और न्याय, सूचना प्रौद्योगिकी और रिजर्व बैंक को मामले में नोटिस जारी किया है। रिजर्व बैंक के 6 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रिजर्व बैंक नियमन के तहत आने वाली सभी इकाइयों के लिये वर्चुअल करेंसी से संबधित सेवाओं को उपलब्ध कराने से रोका जाता है। वर्चुअल करेंसी की खरीद अथवा बिक्री से मिलने वाली राशि को खातों में प्राप्त करने और स्थानांतरित करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है।

उच्चतम न्यायालय आभासी मुद्रा को लेकर बैंकों और वित्त संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर रोक लगाये जाने के रिजर्व बैंक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। यह याचिका इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया ने दायर की थी। एसोसिएशन ने आरबीआई के इस आदेश को ‘पक्षपातपूर्ण, अनुचित और असंवैधानिक बताते हुये आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।

क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा हैं। इसमें कंप्यूटर प्रणाली के जरिये ही आभासी मुद्रा को तैयार किया जाता है और उसके बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई हस्तांतरण, संचालन की पुष्टि की जाती है। ऐसी मुद्राएं केंद्रीय बैंकों के विनियमन के दायरे में नहीं होतीं। अबतक कोई भी एक्सचेंज पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को खरीद सकता बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई था। इस प्रक्रिया में एक्सचेंज से लिंक्ड बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था और उसके मुताबिक बिटकॉइंस की खरीदारी होती थी। अब यह संभव नहीं होगा। अब कुछ एक्सजेंच पीयर टू पीयर बन जाएंगे, जहां आपको किसी साथी खरीदार से लिंक किया जाएगा, जिसके साथ आप बिटकॉइं खरीद या बेच सकते हैं। ट्रेडिंग में अभी के हिसाब से आप केवल बिटकॉइन को किसी दूसरे क्रिप्टो के एवज में ही खरीद-बेच सकेंगे।

बिटकॉइन होल्डर्स को अब एक्सचेंज पर ही खरीदारों की तलाश करनी होगी। क्रिप्टो को रुपये या किसी लीगल करंसी में बदलने के लिए ब्लैक मार्केट सहारा लेना पड़ेगा। एक्सचेंज्स या क्रिप्टोकरंसी कंपनियों को अब बैंकों से लोन नहीं मिलेगा। यहां तक कि उन्हें बैंकों में कॉर्पोरेट अकाउंट भी खोलने की अनुमति भी नहीं होगी।

नए बिटकॉइंस ट्रेडर्स को ज्यादा बड़ा झटका है। अब अगर भारत में कोई बिटकॉइन इन्वेस्टर बनना चाहेगा तो उसे एक्सचेंज की बजाय पीयर्स से खरीदारी करनी होगी। संभवतः इसके लिए करंट एक्सचेंज पर प्रीमियम का भुगतान भी करना होगा जो एक बिटकॉइन के ट्रेड के लिए 430000 रुपये से अधिक बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई है। इसके बावजूद भी यह आभासी मुद्रा युग का अंत नहीं है।

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‘बिटकॉइन’ को भारत में भूल जाइये | EDITORIAL by Rakesh Dubey

बिटकॉइन में कोई निवेश यदि आपने किया है तो उसे भूलना बेहतर है। बीते बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई कल के बाद भारत में अब उसका कोई अर्थ नहीं है। बीते कल अर्थात 5 जुलाई के बाद भारत में बिटकॉइन जैसी सभी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग प्रतिबंधित हो गया बिना निवेश के बिटकॉइन की कमाई है। रिजर्व बैंक ने बैंको को निर्देश दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वालों से अपने संबंध तोड़ लें। वैसे तो रिजर्व बैंक ने ये सर्कुलर अप्रैल में जारी किया था। लेकिन अब क्रिप्टो एक्सचेंज में भारत में ट्रेडिंग नहीं हो पाएगी, इस बाबत सख्त निर्देश जारी कर दिए गये हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने तो तीन दिन पहले रिजर्व बैंक के बिटकॉइन पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी सर्कुलर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस तरह के सभी मामलों को एक साथ जोड़ते हुये वित्त मंत्रालय, विधि और न्याय, सूचना प्रौद्योगिकी और रिजर्व बैंक को मामले में नोटिस जारी किया है। रिजर्व बैंक के 6 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रिजर्व बैंक नियमन के तहत आने वाली सभी इकाइयों के लिये वर्चुअल करेंसी से संबधित सेवाओं को उपलब्ध कराने से रोका जाता है। वर्चुअल करेंसी की खरीद अथवा बिक्री से मिलने वाली राशि को खातों में प्राप्त करने और स्थानांतरित करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है।

उच्चतम न्यायालय आभासी मुद्रा को लेकर बैंकों और वित्त संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर रोक लगाये जाने के रिजर्व बैंक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। यह याचिका इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया ने दायर की थी। एसोसिएशन ने आरबीआई के इस आदेश को ‘पक्षपातपूर्ण, अनुचित और असंवैधानिक बताते हुये आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।

क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा हैं। इसमें कंप्यूटर प्रणाली के जरिये ही आभासी मुद्रा को तैयार किया जाता है और उसके हस्तांतरण, संचालन की पुष्टि की जाती है। ऐसी मुद्राएं केंद्रीय बैंकों के विनियमन के दायरे में नहीं होतीं। अबतक कोई भी एक्सचेंज पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को खरीद सकता था। इस प्रक्रिया में एक्सचेंज से लिंक्ड बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था और उसके मुताबिक बिटकॉइंस की खरीदारी होती थी। अब यह संभव नहीं होगा। अब कुछ एक्सजेंच पीयर टू पीयर बन जाएंगे, जहां आपको किसी साथी खरीदार से लिंक किया जाएगा, जिसके साथ आप बिटकॉइं खरीद या बेच सकते हैं। ट्रेडिंग में अभी के हिसाब से आप केवल बिटकॉइन को किसी दूसरे क्रिप्टो के एवज में ही खरीद-बेच सकेंगे।

बिटकॉइन होल्डर्स को अब एक्सचेंज पर ही खरीदारों की तलाश करनी होगी। क्रिप्टो को रुपये या किसी लीगल करंसी में बदलने के लिए ब्लैक मार्केट सहारा लेना पड़ेगा। एक्सचेंज्स या क्रिप्टोकरंसी कंपनियों को अब बैंकों से लोन नहीं मिलेगा। यहां तक कि उन्हें बैंकों में कॉर्पोरेट अकाउंट भी खोलने की अनुमति भी नहीं होगी।

नए बिटकॉइंस ट्रेडर्स को ज्यादा बड़ा झटका है। अब अगर भारत में कोई बिटकॉइन इन्वेस्टर बनना चाहेगा तो उसे एक्सचेंज की बजाय पीयर्स से खरीदारी करनी होगी। संभवतः इसके लिए करंट एक्सचेंज पर प्रीमियम का भुगतान भी करना होगा जो एक बिटकॉइन के ट्रेड के लिए 430000 रुपये से अधिक है। इसके बावजूद भी यह आभासी मुद्रा युग का अंत नहीं है।

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बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो हो जाएं सावधान!

बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो हो जाएं सावधान!

नई दिल्ली। आभासी मुद्रा बिटकॉइन रोज नए आसमान छू रही है। इस आभासी मुद्रा की रफ्तार देखकर इसकी तरफ आकर्षित होने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अगर आप भी बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो सावधान! कहीं ऐसा न हो कि यह फैसला आपके लिए घातक बन जाए। जिस तरह से रोशनी की तरफ आकर्षित होकर पतंगा अपनी जान गंवा देता है कहीं उसी तरह आप अपने जीवनभर की कमाई न गंवा दें।

अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई स्पष्ट नीति या गाइडलाइन नहीं है। बिटकॉइन को कौन संचालित कर रहा है इसके बारे में भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं है। इसको लेकर भारत से कोई संधि भी नहीं की गई है। ऐसे में अगर आपका पैसा डूबता है तो इसके लिए सरकार नहीं आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

सामने आने लगे हैं भुक्तभोगी

बिटकॉइन की चकाचौंध भरी रफ्तार हर किसी को चकित कर रही है। बिटकॉइन से आपको कब नुकसान पहुंचेगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इसको लेकर ठगी करने वाले अभी से सक्रिय हो चुके हैं। फेसबुक पर ग्रुप बनाकर 50 से ज्यादा लोगों से बिटकॉइन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। भारत में दो ऐप से बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त होती है। इनके जरिए बिटकॉइन खरीदने या बेचने पर डेढ़ से दो फीसद तक का कमीशन ऐस संचालक को देना पड़ता है। ठग ने बिना कमीशन के बिटकॉइन देने का वादा किया था और इस कमीशन को बचाने के लिए लोग ठग के झांसे में आ गए।

तीन सदी पहले हो चुका है धोखा

करीब 380 साल पहले बिटकॉइन की तरह ही ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग भी अंधाधुंध तरीके से शुरू की गई थी। इसकी उपलब्धता ज्यादा नहीं थी, जिससे शुरूआती मांग चढ़ गई और दाम आसमान पर पहुंच गए। उस समय भी आज के बिटकॉइन की तरह ही लोगों में एक सनक सी सवार हो गई और लोग बेहद ऊंचे दाम पर ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग करने लगे। साल 1636-37 में इसकी ट्रेडिंग जितनी तेजी से बढ़ी उससे भी ज्यादा तेजी से उसकी हवा निकली।

रॉथ्सचाइल्ड का उदाहरण भी है सामने

18वीं सदी में एक अमीर आदमी रॉथ्सचाइल्ड पर लोगों को बहुत विश्वास था। इसलिए लोग रॉथ्सचाइल्ड के पास सोना अथवा मुद्रा जमा कराकर ‘हुंडी’ लिखवा लेते थे और उसे लेकर दूसरे देश में स्थित रॉथ्सचाइल्ड की शाखा से मुद्रा ले लेते थे। रॉथ्सचाइल्ड द्वारा जारी की गई हुंडियां एक वैश्विक मुद्रा जैसी हो गईं। सामान्यत: वे जमा सोने के बदले हुंडी जारी करते थे। फिर उन्होंने बिना सोना जमा किए हुंडी जारी करना शुरू कर दिया जैसे रिजर्व बैंक नोट जारी करता है। बिटक्वॉइन का स्वरूप ऐसी हुंडियों जैसा ही है। बिटक्वॉइन तब तक ही अस्तित्व में है जब तक भागीदारों और प्रशंसकों को इस पर भरोसा है।

Bitcoin Price : रूस-यूक्रेन युद्ध से क्रिप्टो में उछाल, क्या 50 हजार डॉलर तक पहुंचेगी बिटक्वॉइन की कीमत?

Bitcoin Price : एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच बिटकॉइन मार्च 2022 में नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है.

Bitcoin Price : रूस-यूक्रेन युद्ध से क्रिप्टो में उछाल, क्या 50 हजार डॉलर तक पहुंचेगी बिटक्वॉइन की कीमत?

पिछले सात दिनों में बिटकॉइन की कीमत लगभग 14 प्रतिशत बढ़ी है.

Bitcoin Price : पिछले सात दिनों में बिटकॉइन की कीमत लगभग 14 प्रतिशत बढ़ी है. आज 2 मार्च को इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय यह लगभग 44,000 डॉलर पर कारोबार कर रहा है. सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 24 फरवरी को लगभग 34,900 डॉलर तक की गिरावट हुई थी, लेकिन अब इसने 23 फीसदी की बढ़त के साथ वापसी कर ली है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच बिटकॉइन मार्च 2022 में नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है. बिटकॉइन का मूल्य रूसी फिएट करेंसी रूबल के मूल्य से भी ज्यादा हो गया है.

निवेशकों को बिटकॉइन में तेजी की उम्मीद

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते शेयर बाजारों में गिरावट आई है, लेकिन इस बीच क्रेप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को बिटकॉइन में तेजी की उम्मीद है. निवेशकों का मानना है कि पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन जल्द ही अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को छू सकता है. निवेशकों को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक बिटकॉइन 50,000 डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई ऐसे कारण हैं जिनके चलते इस महीने बिटकॉइन की कीमत नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है. आइए जानते हैं कि वे कौन से कारण हैं.

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बिटकॉइन की कीमतों में इसलिए आ सकती है तेजी

EarthID के VP (रिसर्च एंड स्ट्रैटेजी) शरत चंद्र ने FE ऑनलाइन को बताया, “बिटकॉइन ने खुद को इक्विटी मार्केट से अलग कर लिया है. जब बिटकॉइन की कीमतें बढ़ीं, तो ऐसे समय में तेल की बढ़ती कीमतों की चिंताओं के बीच S&P इंडेक्स में गिरावट आई. यूक्रेन और रूस के बीच की लड़ाई लंबे समय तक चल सकती है, इसलिए बिटकॉइन में भी तेजी की उम्मीद है और यह नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है. मंदी की आशंकाओं को देखते हुए, 2022 में फेड रेट हाइक की संख्या कम होने की उम्मीद है. ये सभी फैक्टर्स मार्च में बिटकॉइन की कीमतों को नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं.”

रूस-यूक्रेन युद्ध क्रिप्टो के लिए टर्निंग पॉइंट

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ है. थिंकचैन के फाउंडर और CEO दिलीप सीनबर्ग ने कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है. अगर क्रिप्टो के माध्यम से नेशनल ट्रेड किया जा सकता है, तो यह निश्चित रूप से प्राइसिंग को प्रभावित करने वाला है.” उन्होंने आगे कहा कि बिटकॉइन एकमात्र डी-सेंट्रलाइज करेंसी है, जो अन्य altcoins के विपरीत कई देशों के लिए लीगल टेंडर बन सकती है, जो ज्यादातर लोगों या संगठनों के स्वामित्व वाली सेंट्रलाइज्ड एजेंसी के तहत काम करती है.

हालांकि, सीनबर्ग को नहीं लगता कि बिटकॉइन एक महीने के भीतर 50,000 डॉलर तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा, “हालांकि, एक महीने के भीतर यह फिर से 50,000 डॉलर के स्तर तक नहीं पहुंचेगा. 50,000 डॉलर तक पहुंचने में इसे 21-25 दिनों का और समय लग सकता है.” इस बीच, Ether, Solana, Binance Coin जैसी अन्य क्रिप्टो एसेट्स की कीमतें भी रिकवर होती दिख रही हैं.

(आर्टिकल- राजीव कुमार)

(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट, ब्रोकरेज फर्म या फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में अमेरिका और चीन से भी आगे हैं भारतीय और पाकिस्तानी-रिपोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी हमारे जीवन पर वैसे ही असर डाल रही है जैसे कभी इंटरनेट ने किया था। हालांकि अभी भी इस बात पर अनिश्चितता है कि दुनिया भर की सरकारें इसे रेगुलेट कैसे करेंगी लेकिन नॉन-फंजीबल टोकन और.

क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में अमेरिका और चीन से भी आगे हैं भारतीय और पाकिस्तानी-रिपोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी हमारे जीवन पर वैसे ही असर डाल रही है जैसे कभी इंटरनेट ने किया था। हालांकि अभी भी इस बात पर अनिश्चितता है कि दुनिया भर की सरकारें इसे रेगुलेट कैसे करेंगी लेकिन नॉन-फंजीबल टोकन और विकेंद्रीकृत फाइनेंस प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ रहा है। क्रिप्टो डॉट कॉम के अनुसार, इस साल वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोगों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 220 मिलियन हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में 2021 में लगभग $ 30 बिलियन का निवेश किया, जो पिछले सभी वर्षों की तुलना में अधिक है।
अल सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में स्वीकार कर लिया है, कई देश अभी भी क्रिप्टो को लेकर सतर्क हैं। आइए उन शीर्ष छह देशों पर एक नज़र डालते हैं, जहां क्रिप्टो अपनाने की दर सबसे अधिक है, यह रिपोर्ट चैनालिसिस ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स के आधार पर है-

> वियतनाम- वियतनाम ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में 1 के इंडेक्स स्कोर के साथ पहले स्थान पर है। रेमिटेंस भुगतान इसके पीछे का सबसे कारण है। क्रिप्टोकरेंसी ने वियतनाम में प्रवासियों को विनिमय शुल्क का भुगतान किए बिना घर भेजने का एक तरीका प्रदान किया है। नतीजतन, लगभग 20 प्रतिशत वियतनामी बिटकॉइन में निवेश करने का दावा करते हैं।

> भारत- ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में भारत दूसरे स्थान पर है और इसका इंडेक्स स्कोर 0.37 है। भारत में करीब 7.3 मिलियन से अधिक क्रिप्टो उपयोगकर्ता हैं और इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम 21.8 बिलियन डॉलर से अधिक है। छोटे भारतीय शहरों के लोगों ने भी क्रिप्टो में पैसा लगाना शुरू कर दिया है। बिटकॉइन की कीमतों में तेज उछाल भारत में क्रिप्टो में बढ़ती दिलचस्पी का एक प्रमुख कारण था।

> पाकिस्तान- इस लिस्ट में पाकिस्तान तीसरे नंबर पर है। ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स पर देश का स्कोर 0.36 है। अधिकांश निवेश क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग से आया है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन एक्सचेंजों ने पाकिस्तान में क्रिप्टो को बढ़ावा दिया।

> यूक्रेन- ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में यूक्रेन 0.29 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर है। यूक्रेन की सरकार ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को वैध कर दिया है। देश में $37 मिलियन से अधिक का डेली दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम है! इसके अलावा, यूक्रेनी सरकार जल्द ही निवेशकों और व्यवसायों के लिए एक क्रिप्टो बाजार खोलने की योजना बना रही है।
> केन्या- केन्या पांचवीं स्थान पर है। यहां क्रिप्टो एडॉप्शन स्कोर 0.28 है। यह केन्या में पीयर-टू-पीयर लेनदेन की बढ़ती संख्या के कारण है। दुनिया में कहीं और की तुलना में केन्याई सक्रिय रूप से एक-दूसरे के साथ क्रिप्टो का व्यापार कर रहे हैं।

> नाइजीरिया- नाइजीरिया ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में छठे स्थान पर है। कुल आबादी में से लगभग 24.2 प्रतिशत नाइजीरियाई लोगों के पास विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी हैं। नतीजतन, देश का क्रिप्टो एडॉप्शन स्कोर 0.26 है। बिटकॉइन नाइजीरिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो है, इसके बाद एथेरियम है।

एक्सचेंज-ट्रेडेड वॉल्यूम में काफी गिरावट आने के कारण इस साल अमेरिका और चीन 6वें से 8वें और चौथे से 13वें स्थान पर आ गए हैं।

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