कई अभिभावकों का भी कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के जीवन से खिलवाड़ किया है।
RBI Monetary Policy: UPI में आया नया फीचर, IFSC में सोने पर हेजिंग को मिली अनुमति, जानिए क्या है खास फैसले
By: जोखिम प्रबंधन क्या है ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 06:34 PM (IST)
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ( Image Source : PTI File Photo )
UPI Changes To Gold Hedging Rules : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज अपनी मॉनिटरी पॉलिसी का एलान किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े एलान किये है. इसमें मुख्य रूप से रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच गया है. साथ ही IFSC में सोने की कीमतों के जोखिम के प्रति हेजिंग की अनुमति दी है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) जोखिम प्रबंधन क्या है प्लेटफॉर्म पर 'सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल डेबिट्स' फीचर के माध्यम से ग्राहकों को लेन-देन करते समय आसानी होगी. RBI ने इस तरह के कई बड़े ऐलान किये है, जिनका असर आम जनता पर सीधे तौर पर पड़ेगा. हम इस खबर में आपको ऐसे कुछ फैसले के बारे में बताने जा रहे है.
भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जोखिम प्रबंधन (Risk management for prevention जोखिम प्रबंधन क्या है of corruption)
Posted on April 6th, 2020
भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जोखिम प्रबंधन (Risk management for prevention of corruption)
सरकार में भ्रष्टाचार का जोखिम कार्यालय की पद्धति और इसका गतिविधि और उस पद पर आसीन व्यक्ति जोखिम प्रबंधन क्या है के चरित्र पर निर्भर करता है। अधिक विवेकाधीन शक्तियां रखने वाले और अधिक सार्वजनिक सम्पर्क रखने वाले पद से उस पद की तुलना में भ्रष्टाचार की अधिक सम्भावना होती है, जिस पद में विवेकाधीन शक्तियां नहीं होतीं। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार में विविध पदों को भ्रष्टाचार का उच्च जोखिम, भ्रष्टाचार का मध्यम जोखिम और भ्रष्टाचार का निम्न जोखिम में वर्गीकृत करना सम्भव हो सकता है।
भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जोखिम प्रबंधन (Risk management for prevention of corruption)
Posted on April 6th, 2020 | Create PDF File
भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जोखिम प्रबंधन (Risk management for prevention of corruption)
सरकार में भ्रष्टाचार का जोखिम कार्यालय की पद्धति और इसका गतिविधि और उस पद पर आसीन व्यक्ति के चरित्र पर निर्भर करता है। अधिक विवेकाधीन शक्तियां रखने वाले और अधिक सार्वजनिक सम्पर्क रखने वाले पद से उस पद की तुलना में भ्रष्टाचार की अधिक सम्भावना होती है, जिस पद में विवेकाधीन शक्तियां नहीं होतीं। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार में विविध पदों को भ्रष्टाचार का उच्च जोखिम, भ्रष्टाचार का मध्यम जोखिम और जोखिम प्रबंधन क्या है भ्रष्टाचार का निम्न जोखिम में वर्गीकृत करना सम्भव हो सकता है।
मुंजाल यूनिवर्सिटी के एमबीए कोर्स में जोखिम प्रबंधन भी
Updated: November जोखिम प्रबंधन क्या है 20, 2015 11:20 AM IST
आज के समय में देश संबंधी जोखिम, व्यवस्था संबंधी जोखिम और कारोबारी जोखिम एवं अन्य प्रकार के जोखिमों के विश्लेषण से बड़ी परियोजनाओं में जोखिम प्रबंधन क्या है बिल्कुल अलग परिणाम निकल सकते हैं। लेकिन देश में ऐसे विश्लेषकों की भारी कमी है और इसी कमी को पूरा करने के लिए बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी ने इस साल एमबीए कोर्स के एक हिस्से के तौर पर एनालाइजिंग एंड मिटिगेटिंग रिस्क की शुरुआत की है। इस नए पाठ्यक्रम पर बीएमयू के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डीन डॉ. तपन पांडा ने कहा, “एनालाइजिंग एंड मिटिगेटिंग रिस्क’ जोखिम प्रबंधन के बारे जोखिम प्रबंधन क्या है में संपूर्ण ज्ञान देता है जो वित्तीय जोखिम प्रबंधन (एफआरएम) से कहीं अधिक है।” यह भी पढ़े – अमेरिकी यूनिवर्सिटी जोखिम प्रबंधन क्या है में गोलीबारी, 1 की मौत
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उन्होंने कहा, “यह पाठ्यक्रम बिजनेस स्कूल के चार शिक्षक पढ़ाएंगे और जिसमें इंजीनियरिंग जोखिम से संबंधित प्रोजेक्ट होगा, हम अपने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी से उपयुक्त शिक्षकों की मदद भी लेंगे।”सामान्यतया जोखिम जोखिम प्रबंधन क्या है प्रबंधन के पारंपरिक पाठ्यक्रम मुख्य रूप से वित्तीय जोखिम पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि आज समय बदल गया है। पांडा ने कहा कि इसे इस तरह समझा जा सकता है कि ईरान से भारत तक गैस लाने के लिए जमीन के रास्ते से एक पाइपलाइन का निर्माण करना हो तो देश संबंधी जोखिम में भारत-पाकिस्तान संबंधों का विश्लेषण जरूरी साबित हो सकता है। व्यवस्था संबंधित जोखिम में अफगानिस्तान की स्थिरता का विश्लेषण शामिल हो सकता है। ऐसे में अगर इस परियोजना का विश्लेषण वित्तीय जोखिम प्रबंधन के जोखिम प्रबंधन क्या है अनुसार किया जाए तो उचित समाधान नहीं मिलते। ऐसे ही संपूर्ण दृष्टिकोण को इंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट कहते हैं और बीएमयू भारत में इस विषय को पढ़ाने वाले विश्वविद्यालयों में सबसे अग्रणी है।
सौर ऊर्जा
एसजेवीएन ने दिनांक 31.03.2017 को गुजरात के चारंका सौर पार्क में अपनी पहली परियोजना की कमीशनिंग के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन में विविधीकरण किया है I आज की तारीख में, कुल 81.3 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली 3 सौर परियोजनाएं प्रचालन में हैं।
विद्युत पारेषण
एक विद्युत उत्पादन कंपनी से एसजेवीएन ने अन्य कंपनियों के साथ भागीदारी में क्रॉस बार्डर इंडो-नेपाल पारेषण लाईन डालने के साथ विद्युत पारेषण के क्षेत्र में भी प्रवेश किया है। ट्रांसमिशन लाईन के भारतीय किनारे की ओर मुजफ्फरपुर से टीएलपी नेपाल कनेक्शन बिन्दु तक 128 कि.मी. लंबी टि्वन मूस 400 केवी की डी/सी लाईन की स्थापना के लिए इस उद्देश्य हेतु गठित क्रॉस बार्डर ट्रांसमिशन लाईन के भारतीय भाग (89 कि.मी. लंबी) के निष्पादन के लिए एसजेवीएन एक भागीदार तथा परामर्शक है। यह म
सवालों के घेरे में स्कूल, आखिर इतनी लंबी दूरी का कैसे लिया रिस्क
हंडिया में हुए हादसे को लेकर स्कूल प्रबंधन की भी लापरवाही सामने आई है. कहा जा रहा है कि प्रबंधन को बच्चों की क्षमता के अनुसार दो बस करना चाहिए था. मगर एक ही बस में सभी को मैनेज किया गया था. ऐसा करके छात्र-छात्राओं और शिक्षक, शिक्षिकाओं की जान जोखिम में डाली गई थी. स्कूल के प्रिंसिपल ने शायद पैसा बचाने की खातिर एक बस का इंतजाम किया था. बच्चों पर खर्च अधिक न पड़े इसलिए इतना बड़ा रिस्क उठा लिया. अगर दो बस की व्यवस्था होती तो शायद हादसा न होता और न ही छात्रों की जान जाती. आइये आपको बताते आखिर कहा क्या हुई थी मिस्टेक.
प्रयागराज ब्यूरो जोखिम प्रबंधन क्या है । हादसे की तफ्तीश में जुटी पुलिस ने भी माना कि 41 सीटर बस में दो गुना सवारी बैठाई गई थी।
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