US Dollar Index (DXY)
पीटर नर्स द्वारा Investing.com - फेडरल रिजर्व द्वारा रातोंरात ब्याज दरों में वृद्धि करने और आने के संकेत के बाद अमेरिकी डॉलर शुरुआती यूरोपीय व्यापार में उच्च स्तर पर पहुंच गया.
पीटर नर्स द्वारा Investing.com - उम्मीद से कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों के मद्देनजर रातोंरात तेज गिरावट के बाद फेडरल रिजर्व के दर निर्णय से पहले अमेरिकी डॉलर बुधवार के शुरुआती.
एलेसेंड्रो अल्बानो द्वारा Investing.com - सितंबर के मध्य के अपने शिखर के बाद से, यू.एस. डॉलर ने मुद्रास्फीति में कमी के कारण मूल्यह्रास के एक चरण का अनुभव किया है जो फेडरल रिजर्व.
US Dollar Index विश्लेषण
नवंबर के लिए अपेक्षाकृत सौम्य सीपीआई और पॉवेल की नरम टिप्पणी के बाद, $1,900 सोना हड़ताली सीमा के भीतर है $1,842-$1,845 स्तर की मजबूत स्वीकृति $1,896 की ओर अगले कदम का मार्ग.
यदि आपने 2020 के मध्य से मुद्रास्फीतिवादी सोने की बग को ट्यून कर लिया है, तो अब आप मुद्रास्फीति के स्कोर के विपरीत पूंजीकरण करने की स्थिति में हैं, जो पहले से ही खरीदे गए थे (और.
आगामी फेड बैठक में दरों में वृद्धि की गति से ध्यान अपने गंतव्य पर स्थानांतरित होने की संभावना है वर्तमान में, बाजार 2023 में दरों में कटौती की एक महत्वपूर्ण राशि का मूल्य निर्धारण.
संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स
तकनीकी सारांश
US Dollar Index परिचर्चा
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वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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Livable city: पेरिस, न्यूयॉर्क नहीं, ये हैं रहने लायक दुनिया के 5 सबसे बेहतर शहर, जानिए ये कैसे चुने जाते हैं
Global Liveability Index: इंसान के रहने लिए दुनिया के टॉप-5 शहरों में न तो पेरिस, न्यूयॉर्क है और न ही लंदन. इस लिस्ट में पहली बार कोई यूरोपीय शहर शामिल हुआ है. जानिए, इस इंडेक्स में किन शहरों ने बाजी मारी, कौन पिछड़ा और कैसे तय होता कि शहर रहने लायक है या नहीं.
इंसान के रहने लिए दुनिया के टॉप-5 शहरों में न तो पेरिस, न्यूयॉर्क है और न ही लंदन. इस लिस्ट में पहली बार कोई यूरोपीय शहर शामिल हुआ है. रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स (Global Liveability Index) जारी की है. इस इंडेक्स के यह पता चलता है कि इंसान के रहने के लिहाज से दुनिया का सबसे बेहतर और सबसे खराब शहर कौन सा है. इंडेक्स में सबसे ऊपर शामिल शहर (City) सबसे बेहतर हैं और सबसे नीचे वाले शहर रहने के लिहाज से ठीक नहीं हैं. जानिए, इस इंडेक्स में किन शहरों ने बाजी मारी, कौन पिछड़ा और कैसे तय किया जाता है कि कोई शहर रहने लायक है या नहीं…
इंडेक्स के मुताबिक, रहने के लिहाज से ऑस्ट्रिया (Austria) की राजधानी विएना (Vienna) को दुनिया का सबसे बेहतर शहर बताया गया है. इसे पहले पायदान पर शामिल किया गया क्या संकेतक बेहतर है क्या संकेतक बेहतर है है. वहीं, पिछले साल जारी हुई इंडेक्स में इसे 12 पायदान पर रखा गया था. इंफ्रास्टक्चर, हेल्थकेयर, कल्चर और एंटरटेनमेंट जैसे फैक्टर के कारण इसे पहला स्थान दिया गया है.
कैसे तय होता है कि रहने के लिए दुनिया का सबसे बेहतर और सबसे खराब शहर कौन सा है. अब इसे समझते हैं. इस इंडेक्स को तैयार करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है. जैसे- किसी देश की पॉलिटिकल स्टेबिलिटी, कल्चर, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण. इनके आधार पर यह बताया जाता है कि कोई शहर किस हद तक रहने लायक है. रैंकिंग के जरिए यह समझाया जाता है.
हाल में जारी हुई लिस्ट में दुनिया के 5 सबसे अच्छे शहरों में सबसे आगे विएना (ऑस्ट्रिया) है. इसके बाद कोपेनहेगन (डेनमार्क), ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड), कलगरी (कनाडा) और वैंकूवर (कनाडा) हैं.
इंडेक्स से रहने के लिए दुनिया के 5 सबसे खराब शहरों में पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश के शहर भी शामिल हैं. इनमें पहले पायदान पर दमिश्क (सीरिया) और इसके बाद लागोस (नाइजीरिया), त्रिपोली (लीबिया), कराची (पाकिस्तान) और ढाका (बांग्लादेश) हैं.
Index Fund vs ETF: कोरोना संकट में निवेश का ‘स्मार्ट’ तरीका, पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए क्या बेहतर?
Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मार्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.
Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मार्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.
Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मार्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है, भले ही वहां इक्विटी के तुलना में फायदा कम हो. ऐसे में बहुत से निवेशकों का ध्यान पैसिव फंड्स की ओर भी क्या संकेतक बेहतर है गया है, जहां इंडेक्स की तरह बेहतर और सुरक्षित रिटर्न मिल सकता है. पैसिव निवेश म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाने का सबसे बुनियादी तरीका है और इस शैली का उद्देश्य इंडेक्स की तरह रिटर्न पाना है. इक्विटी बाजार में पैसिवली निवेश करने के दो सामान्य तरीके हैं. एक या तो इंडेक्स फंड या दूसरा इंडेक्स एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ).
क्या हैं इंडेक्स फंड?
इंडेक्स फंड को इंडेक्स टाइड या इंडेक्स ट्रैक्ड म्यूचुअल फंड के नाम से भी जानते हैं. इस तरह के फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स मसलन निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी रेश्यो में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसका मतलब यह है कि ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. इंडेक्स फंड क्या संकेतक बेहतर है ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट कर चलना चाहते हैं, भले ही उन्हें ठीक ठाक रिटर्न मिले. यानी इंडेक्स फंड में पैसा डूबने का खतरा बहुत कम होता है.
खर्च की लागत कम साथ में ये भी फायदे
- इंडेक्स फंड पैसिवली मैनेज होते हैं, इसलिए सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इंडेक्स फंड पर कम खर्च आता है. इनका टोटल एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम आता है.
- इंडेक्स फंड का एक और फायदा क्या संकेतक बेहतर है यह है कि इससे निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का मौका मिल जाता है. इससे पैसा डूबने का खतरा भी कम हो जाता है. अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान बैलेंस हो जाता है.
- इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग एरर कम होता है. इससे इंडेक्स को इमेज करने की एक्यूरेसी बढ़ जाती है. इस तरह रिटर्न का ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा सकता है.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ETF
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF इंडेक्स में निवेश करने का अवसर देता है. जो लोग शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन जोखिम नहीं लेना चाहते, वे इस विकल्प को चुन सकते हैं. फंड मैनेजर इंडेक्स में जो भी शेयर होते हैं वे उसी अनुपात में स्टॉक लेते हैं और ETF बनाते हैं. ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. ये अमूमन एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. ईटीएफ को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है, जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं. जो निवेशक कंजर्वेटिव हैं और बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें ईटीएफ में पैसा लगाना चाहिए.
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क्यों बेहतर है विकल्प
- ETF इंडेक्स का ही रेप्लिका होता है. कहने का मतलब यह है कि इंडेक्स में जितनी तेजी आएगी, अमूमन इन्हें भी ग्रोथ का उतना फायदा मिल सकता है.
- सेंसेक्स हो या निफ्टी दोनों में रैली आने पर ये इंडेक्स भी तेजी से क्या संकेतक बेहतर है मजबूत होते हैं, जिनका फायदा ETF निवेशकों को मिलता है.
- एक बड़ा फायदा यह है कि ज्यादातर इंडेक्स बेस्ड ETF का एक्सपेंस रेश्यो भी कम होता है. यानी इनमें निवेश करना सस्ता होता है.
- ETF रिस्क को डाइवर्सिफाई करता है. MF में रिस्क डाइवर्सिफाई होता है लेकिन उसमें वर्गीकरण ज्यादा है.
- अगर पोर्टफोलियो में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं चाहते तो ETF बेहतर ऑप्शन है. ETF में टैक्स देनदारी सामान्य शेयरों में निवेश जैसी है.
(Disclaimer: हमने यहां सिर्फ ईटीएफ और इंडेक्स फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले क्या संकेतक बेहतर है अपने स्तर पर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)
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मानव विकास रिपोर्ट-2016
प्रश्न-21 मार्च, 2017 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी मानव विकास रिपोर्ट, 2016 में वर्ष 2015 के मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत का कौन-सा स्थान है?
(a) 125 वां
(b) 131 वां
(c) 132 वां
(d) 130 वां
उत्तर-(b)
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