अपनी पहली जॉब मिलने के बाद वित्तीय योजनाएं कैसे बनाएं?
अगर आप कम उम्र से ही अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करना शुरू कर देते हैं तो यकीन माने आप आधी जंग ऐसे ही जीत जाते हैं। अगर आप कम उम्र से ही योजना बनना शुरू कर देते हैं तो आप कुछ आसान सी चीजें ध्यान में रखते हुए अपने पैसे को सही जगह निवेश कर सकते हैं।
1. टैक्स इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें के बाद बची आमदनी का 30% हिस्सा बचत करें।
हालांकि यह बहुत जल्दी है पर हमेशा जो आदत आप शुरू से बनाते हैं, वही आगे चलकर आपके साथ रहती है। दायरे में रहते हुए खर्च करें, और अगर शुरू के 3 साल आप टैक्स के बाद बची अपनी सैलरी का 30% हिस्सा बचा लेंगें इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें तो यह आपकी एक अच्छी आदत बन जाएगा।
2. खर्चे और आमदनी के लिए अलग बैंक खाता रखें।
अपने खर्चे, आमदनी और निवेश के लिए अलग-अलग बैंक खाते रखें। सैलरी आते ही कोशिश करें कि उसका 30 % हिस्सा निवेश वाले खाते में जमा कर दें। अगर आप शुरू से ही ऐसा करने की आदत बना लेंगें तो आप ज्यादा फालतू के खर्चे भी नहीं करेंगे। हो सकता है कि आप किसी बहुत महंगे रेस्टोरेंट में खाना ना खा पाएं, या हो सकता है कि अपनी पसंदीदा चीज की खरीददारी के लिए आपको सेल का इंतजार करना पड़े, पर यकीन मानें ये आदत आगे चलकर आपके लिए बहुत अच्छी साबित होगी।
याद रखें कि दुनिया की जानी-मानी अमीर हस्तियों की पहली कार भी सेकंड हैंड ही थी। इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं अजीम प्रेमजी। उन्होंने अपनी पहली कार अपने ही एक कर्मचारी से अरबपति बनने के बाद ही खरीदी थी।
3.निवेश कहां करें?
याद रखें कि हमेशा थोड़ा पैसा मुसीबत के समय के लिए भी जरूर अलग से रखें। छोटी उम्र में आप अगर अपनी 3 से 6 महीने की सैलरी के बराबर पैसा बचाते हैं तो काफी है। इसे हो सके तो लिक्विड फंड में निवेश करें( फिक्स्ड डिपाजिट में नहीं)।
बाकी का पैसा आप इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं। ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) में आप अपनी कर बचत की जरूरतों के हिसाब से निवेश करें। इससे आपको कर में लाभ मिलता है और साथ ही लंबी अवधि के लिए समझदारी से बचत होती है।
जीवन बीमा आदि लेने से पहले कुछ जरूरी खर्चे जैसे घर का लोन, बच्चों की पढ़ाई आदि के लिए बचत करें।
4.क्रेडिट कार्ड्स और लोन से बचें।
घर या पढ़ाई के अलावा किसी भी और चीज के लिए लोन लेने से हमेशा ही परहेज करें। आजकल की जरूरत के हिसाब से क्रेडिट कार्ड से भुगतान ज्यादा आसान है तो आपके पास क्रेडिट कार्ड्स होने का कोई नुकसान नहीं है, बस ध्यान रहे कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर भरते रहें।
5.कुछ और छोटी-छोटी ध्यान रखने वाली बातें।
नीचे दी गयी टेबल इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें बताती है कि आपकी निवेश की गयी धनराशि कितने साल में दुगुनी हो जाएगी और साथ ही ये इन्फ्लेशन को किस तरह मात दे सकती हैं। आपके पास समय जितना ज्यादा होगा, रिस्क उतना ही कम होता जाता है।
निवेश की इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें अद्भुत दुनिया में आपका स्वागत है। वित्तीय आजादी के लिए योजना बनाना भले ही मुश्किल काम है पर ये आगे चल कर आपकी जिंदगी में कई रास्ते खोल देता है।
Money Management India: वैल्यू इन्वेस्टिंग लॉग टर्म में धन बनाने का सबसे अच्छा तरीका है
भारत में वैल्यू इन्वेस्टमेंट की बात जब आती है, तो मनी मैनेजमेंट इंडिया के अनुसार देश में वैल्यू फंड को अनिवार्य करने के लिए सिर्फ एक ही सच है और वह है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड। यह निष्कर्ष वैल्यू फंड ब्रह्मांड के भीतर उपलब्ध इक्विटी म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो के ’स्टाइल फैक्टर’ विश्लेषण का परिणाम था। एक और निष्कर्ष यह निकला कि भारत में अधिकांश इक्विटी फंड विकास आधारित हैं। इस रिसर्च के लिए मनी मैनेजमेंट इंडिया ने मॉर्निंगस्टार की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा और ओपनक्यू के फैक्टर एनालिसिस टूल पर भरोसा किया। द मनी हंस एंड मनी मैनेजमेंट इंडिया की संस्थापक हांसी मेहरोत्रा कहती हैं कि म्यूचुअल फंड का चयन करते समय निवेशकों को एएमसी और व्यक्तिगत फंड के निवेश के दर्शन और तरीके को समझने की जरूरत है। इससे उन्हें यह पता चल जाएगा कि बाकी फंडों की तुलना में यह फंड कब और कैसा प्रदर्शन करेगा, पर ऐसा करना आसान नहीं होता है, क्योंकि इंडस्ट्री वैल्यू इन्वेस्टिंग जैसे शब्दों का बहुत ही कम इस्तेमाल करती है।
शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्सेदारी भी लेनी चाहिए।
स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्यू, मार्केट कैप और अन्य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।
लंबे समय तक निवेश की प्लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।
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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के साथ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।
कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्टर में स्थिति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।
वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।
तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्टॉक खरीदा और अगर वह स्टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें है। इसके अलावा, अगर वह ज्यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी इक्विटी पोर्टफोलियो बनाते समय याद रखने वाली बातें है। ताकि आपको ऐसे स्टॉक के गिरने से ज्यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।
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