द्विआधारी विकल्प अरुण (अरुण) के लिए सूचक

धुन एलईडी द्विआधारी विकल्प पर रहने वाले भूखंड काम नहीं कर रहा:

अरुण

अरुण

अरुण सूचक यह दो पंक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है: नीला и नारंगी । ब्लू लाइन कहा जाता है अरुण ऊपर (अरुण), और यह पिछले दैनिक उच्च के अंतिम काल का कितना पता चलता है। नारंगी रेखा कहा जाता है अरुण नीचे (अरुण नीचे), और यह पिछले दिन कम के अंतिम काल का कितना पता चलता है।

वक्र अरुण नीचे स्तर 70, अरुण अप करने के लिए और स्तर 30 करने के लिए नीचे बढ़ जाता है, तो हम एक गिरावट देख रहे हैं। वृद्धि की प्रवृत्ति के विपरीत।

आप अरुण संकेतक आपको क्या बताता है सूचक की दो लाइनों के गठबंधन है, तो यह एक थरथरानवाला है। यह अंतर और अरुण नीचे अरुण ऊपर खरीदते हैं। थरथरानवाला + करने के लिए 100 -100 की रेंज में शून्य रेखा के सापेक्ष स्थानांतरित कर सकते हैं।

संकेतों को प्रदर्शित पढ़ने के लिए आसान कर रहे हैं :

- थरथरानवाला उच्च स्तर 50 पर है और करते हैं, तो हम एक ऊपर की ओर रुख जारी है। और वह बहुत मजबूत है। यह विकल्प खुला है कि सिफारिश की है कॉल .

- थरथरानवाला -50 पर और नीचे है, तो हम एक मजबूत गिरावट को देखते हैं। यह विकल्प खुला है कि सिफारिश की है डाल .

- शून्य रेखा के स्तर पर थरथरानवाला के आंदोलन फ्लैट इंगित करता है।

वित्तीय बाजारों में सफलता प्राप्त करने के लिए, आपको केवल तीन सरल नियमों का पालन करना होगा:

  • प्रबंधन का सख्ती से निरीक्षण करें;
  • अपनी व्यापारिक रणनीति का पालन करें और अपने व्यापार संकेतों के भीतर विशेष रूप से ट्रेडों को खोलें;
  • प्रवृत्ति और उसके उलट के क्षणों की सही पहचान करना सीखें।

Aroon संकेतक पूरी तरह से अंतिम आइटम के साथ मुकाबला करता है। यह एक ही समय में एक प्रवृत्ति संकेतक और एक थरथरानवाला है जो यह निर्धारित करने में सक्षम है कि कब बाजार में प्रवृत्ति उलट रही है। लेकिन, सभी तकनीकी उपकरणों की तरह, अरुण के भी अपने फायदे और नुकसान हैं, क्योंकि उनमें से कोई भी आपको 100% परिणाम की गारंटी नहीं दे सकता है।

सूचक के लाभ अरुण:

  • यह संकेतक सहज है, सीखने में आसान अरुण संकेतक आपको क्या बताता है है, यहां तक ​​कि शुरुआती लोगों के लिए भी, इसके संकेतों की व्याख्या किसी भी समय सीमा पर की जाती है।
  • महान सटीकता के साथ आपको बाजार की प्रवृत्ति के विपरीत को निर्धारित करने की अनुमति देता है।
  • अरून संकेतक आपको वर्तमान प्रवृत्ति की ताकत निर्धारित करने की अनुमति देता है।
  • विश्वसनीयता और सटीकता की उच्च डिग्री।

संकेतक को नुकसान अरुण:

  • Aroon सभी ब्रोकरेज टर्मिनलों में उपलब्ध नहीं है। इसे MT4 अरुण संकेतक आपको क्या बताता है टर्मिनल में अतिरिक्त रूप से डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा, या लाइव ग्राफ के अनुसार बाजार का विश्लेषण करना संभव है।
  • कभी-कभी यह देरी दिखाता है, जो कि अधिकांश तकनीकी संकेतकों में से एक है।

ऊपर वर्णित संकेतों के मुख्य प्रकारों के अलावा, आप नाबालिगों पर ट्रेड खोल सकते हैं:

चारा घोटाले का पैसा सभी दलों ने खाया पर जो धराया, वो सजा काट रहा है: सांसद अरुण कुमार

बिहार के जहानाबाद से सांसद डॉ अरुण कुमार ने रविवार को गांधी मैदान में आयोजित एक रैली के दौरान एनडीए से दूरी के संकेत दे दिए। सांसद ने कहा कि चारा घोटाले का पैसा सभी दलों ने खाया पर जो धराया, वो सजा.

 चारा घोटाले का पैसा सभी दलों ने खाया पर जो धराया, वो सजा काट रहा है: सांसद अरुण कुमार

बिहार के जहानाबाद से सांसद डॉ अरुण कुमार ने रविवार को गांधी मैदान में आयोजित एक रैली के दौरान एनडीए से दूरी के संकेत दे दिए। सांसद ने कहा कि चारा घोटाले का पैसा सभी दलों ने खाया पर जो धराया, वो सजा भुगत रहा है। आपको बता दें कि सांसद अरुण कुमार राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्यूलर) के नाम से नई पार्टी का गठन कर चुके हैं। गांधी मैदान में रैली के दौरान सांसद अरुण केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि ये सरकार अब नहीं आने वाली है। हमें टिकट की चिंता नहीं है बल्कि सड़क पर रहकर सरकार की बखिया उधेड़ेंगे।

बिहार: जिन सांसदों के टिकट काटेगी BJP, उनके लिए ये है 'फॉर्मूला'

ऐसा पहली बार नहीं है जब सांसद कुमार ने सरकार के खिलाफ बोला है। इससे पहले डॉ. कुमार अपनी नई पार्टी के गठन के मौके पर बिना नाम लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा पर भी जमकर हमला बोला था। कहा था कि जनमत को सीट और वोट की चिंता नहीं होती है। सिर्फ जनहित की चिंता होती है। शासन के लोग दिल पर हाथ रखकर कहें, शिक्षा का हाल पहले से बेहतर किया या सरकारी स्कूलों को और पीछे धकेल दिया है। रोज हत्याएं हो रही हैं। छह लोगों की हत्या करने वाला प्रशासन के साथ घूमता है। पुलिस दारू और बालू में फंसी है। सुशासन अरुण संकेतक आपको क्या बताता है अरुण संकेतक आपको क्या बताता है बाबू एक्शन में नहीं आए तो जनता फैसला लेगी।

2019 लोकसभा चुनाव: यूपी में 25 सांसदों के टिकट काट सकती है बीजेपी

उपेन्द्र कुशवाहा का नाम लिये बिना उन्होंने कहा था कि कुछ लोग जगदेव प्रसाद की जाति में पैदा होकर ही खुद को सामाजिक न्याय का पुरोधा मान बैठे हैं। ऐसा नहीं है, उसके लिए कर्म करना होता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनारायण ने अपनी आठ सौ बीघा जमीन बांट दी और ऐसे लोग आठ सौ बीघा जमीन बनाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि नई पार्टी को समर्थन देने के लिए उत्तर-पूर्व, बंगाल और उत्तर प्रदेश से भी जार्ज फर्नांडिस की विचारधारा वाले लोग आये। कई संगठन और दलों ने भी समर्थन दिया है।

जेटली ने दिए संकेत- एक हो सकते हैं GST के 12-18% के टैक्स स्लैब

उन्होंने कहा, हमने 28 फीसदी कर वाली सूची को काफी कम किया है, हम इसे और कम कर सकते हैं और एक स्तर पर यह लग्जरी और अहितकारी वस्तुओं तक सीमित हो सकती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रहण में सुधार के साथ सरकार देखेगी कि क्या 12 और 8 प्रतिशत कर स्लैब के विलय की गुंजाइश बन सकती है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली

केशवानंद धर दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,अरुण संकेतक आपको क्या बताता है
  • (अपडेटेड 01 दिसंबर 2017, 9:04 AM IST)

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत राजस्व संग्रहण में वृद्धि की रफ्तार पकड़ लेने के बाद 12 और 18 फीसदी दरों को मिलाने का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि 28 फीसदी की सबसे ऊंची जीएसटी दर में विलासिता और अहितकर वस्तुओं की बहुत छोटी सूची ही रह जाएगी.

एचटी लीडरशिप समिट में जेटली ने कहा, 'नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआती अनेक दरों के साथ की गई ताकि कर भार को कमोबेश जीएसटी से पहले के स्तर पर ही रखा जा सके. उन्होंने कहा कि देश धीरे- धीरे ऐसी प्रणाली की ओर बढ़ेगा जिसमें दो ही दर वाली जीएसटी होगी. हालांकि, यह कितनी जल्दी होगा यह सरकार को मिलने वाले राजस्व की स्थिति पर निर्भर करेगा.'

बता दें कि सरकार ने नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी एक जुलाई में लागू किया. इसमें फिलहाल चार कर स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी है. दैनिक उपभोग की कुछ वस्तुओं पर शून्य प्रतिशत कर भी है.

28 फीसदी टैक्स स्लैब की लिस्ट को किया गया कम

उन्होंने कहा, हमने 28 फीसदी कर वाली लिस्ट को काफी कम किया है, हम इसे और कम कर सकते हैं. एक स्तर पर यह लग्जरी और अहितकारी वस्तुओं तक सीमित हो सकती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रहण में सुधार के साथ सरकार देखेगी कि क्या 12 और 8 फीसदी कर स्लैब के विलय की गुंजाइश बन सकती है.

उन्होंने कहा कि 12 और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मिलाने का मतलब होगा कि 12 प्रतिशत दायरे वाले कुछ उत्पादों को पांच प्रतिशत टैक्स दायरे में भेजा जाएगा. इसके परिणामस्वरूप पांच प्रतिशत व एक्स प्रतिशत वाली दूसरी दर के रूप में सामने आएगा. इसके साथ अरुण संकेतक आपको क्या बताता है ही 28 फीसदी के सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में उत्पादों की बहुत छोटी सूची होगी.

राजकोषीय घाटे को कम करना

राजकोषीय घाटे के बारे में जेटली ने कहा कि वह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को कम करने के रास्ते पर बने रहना चाहते हैं. देश का राजकोषीय घाटा अप्रैल- अक्टूबर की अवधि में बजटीय अनुमान का 96.1 फीसदी हो गया. मंत्री ने कहा, राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन एफआरबीएम रपट पर विचार हो रहा है. जहां तक राजकोषीय घाटे में कमी का सवाल है तो बीते तीन साल में हमारा रिकार्ड बहुत अच्छा रहा है. हम इस क्रम को बनाए रखना चाहेंगे. सरकार ने राजकोषीय घाटे को 2017-18 में घटाकर जीडीपी के 3.2 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है जो कि बीते अरुण संकेतक आपको क्या बताता है विा वर्ष में 3.5 प्रतिशत था.

करना होगा पहले बकाया भुगतान

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि अपनी ही फंसी आस्तियों की पुनर्खरीद के लिए बोली लगाने वाले प्रवर्तकों को पहले के बकाया अरुण संकेतक आपको क्या बताता है का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि प्रवर्तक इस तरह की आस्तियों की नीलामी में बोली लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अपने गैर निष्पादित आस्ति एनपीए खातों पर बकाया का भुगतान पहले करना अरुण संकेतक आपको क्या बताता है होगा. उन्होंने कहा कि बैंकों के बकाया की वसूली के लिए बेची जा रही कंपनियों के लिए सम्बद्ध अरुण संकेतक आपको क्या बताता है प्रवर्तकों द्वारा ही बोली लगाए जाने पर कोई पूरी तरह रोक नहीं है.

कौन हैं अरुण गोयल? जिन्हें बनाया गया भारत का चुनाव आयुक्त

Who is Arun Goel, Election Commissioner of India

रिटायर्ड आईएएस अरुण गोयल को चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है. चलिए आपको उनके बारे में सब कुछ बताते हैं.

रिटायर्ड आईएएस अरुण गोयल (Arun Goel) को चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त (Election Commissioner of India) के रूप में नियुक्त किया गया है. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने इस पर अपनी सहमति भी दे दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी अरुण गोयल की नियुक्ति की तारीख तय नहीं हुई है. बता दें कि अरुण गोयल 1985 बैच के अधिकारी हैं. आपको मालूम हो कि अरुण गोयल द्वारा भारी उद्योग सचिव के रूप में अपनी भूमिका से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के एक दिन बाद भारत सरकार (Government of India) ने ये घोषणा की. अरुण गोयल 18 नवंबर 2022 को भारी उद्योग सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1985 बैच की पंजाब कैडर के अधिकारी अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनाव पोल पैनल में शामिल होंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुशील चंद्र इस साल मई में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसके बाद राजीव कुमार ने कार्यभार संभाला था.

गुजरात में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections 2022) से पहले सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है. बता दें कि देश के शीर्ष चुनाव निकाय में तीसरा पद लगभग 6 महीनों से खाली था.

आपको मालूम हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को होना है. गुजरात चुनाव दो चरणों में पूरा किया जाएगा. वहीं, नतीजे 8 दिसंबर 2022 को आएंगे. हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान किया गया था और उसके नतीजे भी 8 दिसंबर को ही आएंगे.

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