जब व्यापार करने के लिए नहीं

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जब व्यापार करने के लिए नहीं

व्यापार के लाभ

1 उद्यम उसमें स्थित एक स्थायी प्रतिष्ठान के माध्यम से अन्य करार राज्य में कारोबार करता है, जब तक एक ठेका राज्य के एक उद्यम के मुनाफे में केवल कि करार राज्य में कर योग्य होगी. उद्यम पूर्वोक्त रूप में व्यापार पर किया जाता है, उद्यम के मुनाफे अन्य करार राज्य में लगाया जा सकता है लेकिन उनमें से केवल इतना है कि स्थायी प्रतिष्ठान के कारण है.

प्र.20. अगर, दूसरे करार राज्य में एक स्थायी प्रतिष्ठान है सामान या स्थायी प्रतिष्ठान द्वारा बेचा या द्वारा प्रदान की उन के रूप में एक या समान तरह की सेवाओं renders उन के रूप में एक या समान प्रकार के माल बेचता है जो एक ठेका राज्य के एक उद्यम उद्यम ऐसी बिक्री या सेवाओं स्थायी स्थापना की गतिविधि के कारण नहीं कर रहे हैं साबित होता है कि जब तक स्थायी प्रतिष्ठान, इस तरह की गतिविधियों के मुनाफे में स्थायी स्थापना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

(3) एक ठेका राज्य के एक उद्यम उसमें स्थित एक स्थायी प्रतिष्ठान के माध्यम से अन्य करार राज्य में कारोबार करता है, जहां प्रत्येक करार राज्य में है कि स्थायी प्रतिष्ठान को वहाँ जिम्मेदार ठहराया किया जाएगा यह एक विशिष्ट और अलग थे, तो इसे बनाने के लिए उम्मीद की जा सकती है, जो मुनाफा उद्यम ही है या इसी तरह की स्थिति है और यह एक स्थायी प्रतिष्ठान है जो की उद्यम के साथ पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से निपटने के तहत एक ही है या इसी तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं. एक स्थायी प्रतिष्ठान के कारण मुनाफे की सही मात्रा निर्धारण या प्रतीति के काबिल नहीं है, जहां किसी भी मामले में उसके असाधारण कठिनाइयों प्रस्तुत करता है, स्थायी प्रतिष्ठान के कारण मुनाफे में एक उचित आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है.

(4) यह अपने विभिन्न भागों, पैरा में कुछ भी नहीं करने के लिए उद्यम के कुल मुनाफे का एक प्रभाजन के आधार पर एक स्थायी स्थापना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा करने के लिए मुनाफे का निर्धारण करने के लिए एक करार राज्य में प्रथागत किया गया है insofar के रूप में (3) रोकना होगा कि करार राज्य प्रथागत हो सकता है के रूप में इस तरह के एक प्रभाजन से लगाया जा करने के लिए मुनाफे का निर्धारण करने से; अपनाया प्रभाजन की विधि, तथापि, परिणाम इस लेख में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार किया जाएगा कि इस तरह किया जाएगा.

प्र.5. एक स्थायी प्रतिष्ठान के मुनाफे के निर्धारण में, कार्यपालिका और सामान्य प्रशासनिक व्यय इतना स्थायी प्रतिष्ठान है, जिसमें राज्य में चाहे खर्च सहित स्थायी स्थापना के व्यापार के प्रयोजनों के लिए खर्च कर रहे हैं जो कटौती खर्च के रूप में वहाँ की अनुमति दी जाएगी स्थित या कहीं और, लेकिन यह उस राज्य की कानून के तहत, उस राज्य के एक उद्यम द्वारा कटौती करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो किसी भी खर्च शामिल नहीं है.

प्र.6. कोई लाभ यह स्थायी प्रतिष्ठान है जो की उद्यम के लिए निर्यात के उद्देश्य के लिए माल या माल की कि स्थायी प्रतिष्ठान द्वारा मात्र खरीद की वजह से एक स्थायी स्थापना के लिए जिम्मेदार ठहराया किया जाएगा.

प्र.7. विपरीत करने के लिए अच्छा और पर्याप्त कारण नहीं है जब तक कि पूर्ववर्ती अनुच्छेदों के जब व्यापार करने के लिए नहीं प्रयोजनों के लिए, स्थायी स्थापना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा मुनाफा साल से एक ही विधि वर्ष से निर्धारित की जाएगी.

8 शब्द "व्यापार के लाभ" व्यापार या कारोबार के पर ले जाने से एक उद्यम से प्राप्त आय का मतलब है; लेकिन किराए के रूप में आय शामिल नहीं है, (टेलीविजन के लिए सिने फिल्मों या वीडियो टेप के संबंध में किराए या रॉयल्टी सहित) रॉयल्टी, तकनीकी सेवाएं, प्रबंधन शुल्क, या पारिश्रमिक या तकनीकी या अन्य कर्मियों की सेवाएं प्रदान करने के लिए फीस के लिए फीस, ब्याज, लाभांश, पूंजीगत लाभ, सेवाओं या जहाजों या विमान के संचालन से आय (पेशेवर सहित) श्रम या व्यक्तिगत के लिए पारिश्रमिक.

व्यापार में तरक्की पाने के लिए चमत्कारी उपाय || व्यापार के लिए टोटके टोटके || व्यापार के लिए विशेष उपाय ||

प्रत्येक इंसान जब कोई भी व्यापार करता है या फिर कोई भी उद्योग लगाता है तो वह अपने व्यापार में उन्नति चाहता है, पर कभी भी ऐसा नहीं होता कि तरक्की एक ही दिन में ही हो जाती है। इसके लिए जब व्यापार करने के लिए नहीं नियम से मेहनत करना और भगवान का आशीर्वाद साथ में होना बहुत जरूरी है। तभी हमें किसी काम में सफलता मिल सकती है और हम फिर सफलता पाने के लिए कई बार किसी पंडित या फिर टोने टोटके और मंत्रों का जाप भी करते हैं, ताकि हम अपने काम में सफल हो सके। सफलता हर किसी को अच्छी लगती हैं और अगर कोई भी काम में आपको सफलता नहीं मिल रही है तो आज मैं आपके साथ कुछ ऐसे उपाय शेयर कर रही हूं जिनको आप भी अपना कर अपने व्यापार में उन्नति प्राप्त कर सकते हो।

सावन मास में 108 बैल पत्रों पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर मंत्र जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस प्रयोग को आप लगातार 31 दिन तक करते रहें , ऐसा करने से आपके व्यवहार में वृद्धि भी होगी और हर तरह की बाधा में मुक्ति मिलेगी।

* चेक बुक , पासबुक, पैसे के लेनदेन संबंधी सभी तरह के कागजात, पूंजी निवेश संबंधी कागज आदि श्री यंत्र, कुबेर यंत्र या फिर गणपति लक्ष्मी जी के पास ही रखें। यह भी एक अचूक टोटका है, पर मन मे ऐसी धारणा कर रखें कि भगवान यह कागज सब आपके हैं मेरे नहीं।

* कपूर और रोली को जलाकर उसकी राख को एक कागज में रख लें. इसे अपनी दुकान या घर के उस स्थान पर रखें जहां धन रखा जाता है.

* प्रत्येक मंगलवार को पीपल के वृक्ष के 11 पत्ते तोड़कर प्रत्येक पर लाल चंदन से राम-राम चार बार लिखें और फिर हनुमान जी के मंदिर में श्रद्धा भाव के साथ चढ़ा दें। ऐसा करने से आपके व्यापार में वृद्धि होगी और रुका हुआ काम चलने लगेगा। इस काम को करने के लिए स्नान करके बिना किसी को बताए करते रहें और जब तक आपका व्यापार में लाभ नहीं होता, तब तक इसे करते रहें यह व्यापार को बढ़ाने के लिए एक अचूक टोटका है।

* यदि आप अपने काम को करवाने के लिए किसी भी बड़े पदाधिकारी को अपने घर पर खाने के लिए आमंत्रित करते हैं और वह आपका आमंत्रण स्वीकार कर लेता है तो यह समझो कि वह आपका काम बन गया है।

* दुकान या फैक्ट्री में जाने से पहले प्रतिदिन गणपति जी, श्री यंत्र लक्ष्मी आदि का ध्यान करने के बाद ही दुकान या फैक्ट्री का ताला बाद में ही खोलें पहले इनको याद करें फिर कोई और काम करें।

* आपके घर के मंदिर में पारद शिवलिंग, पारद लक्ष्मी, या फिर पारद गणेश आदि की मूर्तियां हैं तो इनसे नियमित रूप से प्रार्थना करें क्योंकि यह साक्षात भगवान का रूप है।

* दुर्गा सप्तशती के अध्याय 4 का 108 दिन तक विधि विधान के साथ पाठ करने से या फिर करवाने से व्यक्ति आर्थिक व अनेक प्रकार की बाधाओं से मुक्ति पा लेता है।

* बारह गोमती चक्र जब व्यापार करने के लिए नहीं लेकर उसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर दुकान या अपने ऑफिस के बाहर मुख्य दरवाजे पर लटका दें। इससे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और कारोबार में आने जब व्यापार करने के लिए नहीं वाली बाधाएं दूर होगी।

* अगर किसी ने आपके व्यवसाय में टोटका कर दिया है तो उसे दूर करने के लिए रविवार के दिन दोपहर में पांच नींबू काटकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रख दें। इसके साथ एक मुट्ठी काली मिर्च और एक मुट्ठी पीली सरसों रख दें। अगले दिन सुबह दुकान खोलने के बाद इन सभी सामानों को उठाकर किसी सूनसान स्थान पर ले जाकर रख आएं।

* दुकान की बिक्री बढ़ाने का मंत्र- भंवर वीर तू चेला मेरा खोल दुकान कहा कर मेरा उठे जो उंडी बीके जो माल भंवर वीर सूखे नहीं जाए।।

यह मन्त्र 21 दिन तक काले उड़द लेकर उन पर यह मन्त्र 21 बार पढ़कर दुकान में डाल दें। दो या तीन दिन में ही दुकान की बिक्री 4 गुनी बढ़ जाएगी।

* एक एकाक्षी नारियल लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में पूजा स्थान पर रखें। नियमित इस नारियल को धूप-दीप दिखाएं इससे व्यापार में उन्नति होती है।

*व्यापार में माल खरीदने जाते समय प्रस्थान से पूर्व 21 रुपये किसी गुप्त स्थान पर रखकर जाएं। यात्रा से वापस आने के पश्चात वे उन रखे हुए 21 रुपये से किसी साधू, फकीर या पंडित को खाना खिला दें या दान दे दें। यात्रा सफल होगी, व्यापार में लाभ होगा।

*थोड़ा सा कच्चा सूत ले और शुद्ध केसर से रंग लें। इस रंगे हुए कच्चे सूत को व्यापारिक स्थल या अपने प्रतिष्ठान पर बांध दें। व्यापार में तरक्की के योग बनेंगे।

* यदि आपको व्‍यवसाय में लगातार कोई नुकसान हो रहा हो या फिर हमेशा लड़ाई-झगड़ा होता रहता हो तो अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लें। उसको शनिवार के दिन बहते पानी में बहा दें। व्‍यवसाय में हो रहे नुकसान से छुटकारा मिल जाएगा।

* दुकान पर काम करने वाले नौकरों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार ना करें, क्योंकि ऐसे लोगों की बद्दुआ बहुत जल्दी लग जाती है। जितना हो सके उनसे प्यार से ही काम ले ।

* ऐसे लोगों की दुख में जब व्यापार करने के लिए नहीं अवश्य सहायता करो उनका तिरस्कार अभिमान कभी ना करो उनकी और समयाऔ का ख्याल रखो और अपनी आय के अनुसार उन्हें पूरा दान सम्मान जरूर दो।

* लक्ष्मी नारायण मंदिर में शुक्रवार के दिन गुड़, चना बांटने से व्यापार में वृद्धि मिलती है. इसके अलावा, मंदिर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा के आगे अगरबत्ती जलाएं और प्रार्थना करें. इतना ही नहीं, मान्यता है कि व्यापार में वृद्धि के लिए कुत्ता, गाय और कौवों को रोटी खिलाएं.

इस प्रकार आपने छोटे-छोटे उपाय बनाकर अपने व्यापार और घर में सुख शांति समृद्धि ला सकते हैं, क्योंकि धन कमाना हर इंसान की चाहत है और धन कमाने के लिए इंसान कोई बिजनेस शुरू करता है, लेकिन अगर वह बिजनेस में कामयाब ना हो तो मैं हर तरह से निराश हो जाता है। इसलिए अपने काम में तरक्की पाने के लिए इंसान भगवान, पंडित और टोटके का सहारा जरूर लेता है।

Disclaimer- यह सारी जानकारी सिर्फ हमारे मान्यताओं और शास्त्रो पर आधारित है. इसलिए किसी भी उपाय को करने से पहले अपने पंडित से जरूर सलाह कर ले।

इस उपाय से बढ़ेगा बिजनेस और चलने लगेगी दुकान, तरक्की देख पड़ोसी हो जाएंगे हैरान

shopkeeper

छोटी सी दुकान हो या फिर बड़ा शो रूम, व्यापार में तरक्की पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। दुकान में नींबू मिर्ची लटकाने से लेकर लोहबान सुलगाने तक सभी तरह के टोटके आजमाते हैं। लेकिन बावजूद इसके जब लक्ष्मी बगल वाली दुकान पर अपनी कृपा बरसाती नजर आए तो आखिर आदमी क्या करे? ज्योतिष में इस समस्या का है समाधान है।

भेलूपुर थाने के पीछे स्थित इसी जनरल स्टोर में चोरों का धावा

दुकान में तोड़-फोड़ करने से पहले
व्यापार में सफलता पाने के लिए कोई भी उपाय करने से पहले मसलन दुकान आदि में तोड़-फोड़ करवाने की बजाय पहले यह अवश्य जान लें कि वर्तमान में आपका समय कैसा समय चल रहा है। यदि समय लगभग प्रतिकूल हो और तमाम कोशिशों के बावजूद आपको बिजनेस में सफलता न मिल रही हो, तो जान लीजिए कि किसी भी प्रकार का वास्तु उपाय आपके काम नहीं आने वाला है। इसलिए सबसे पहले प्रतिकूल समय को अनुकूल बनाने का ज्योतिषीय उपचार करें।

shop

जानें कौन सी चल रही है दशा
सबसे पहले यह जानें कि किस ग्रह (गोचर) के कारण या दशा, महादशा के कारण आपको बार-बार असफलता मिल रही है। यदि जन्मकालिक ग्रह अच्छे हैं और मात्र गोचर के विपरीत ग्रह प्रभाव के कारण आपकी दुकान या व्यवसाय नहीं चल रहा है, तो संबंधित ग्रह का मंत्र पाठ करें तथ निम्न मंत्र का नित्य पाठ आपको चमत्कारिक फायद देगा।

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

mantra japa

मंत्रों से मनाए ग्रहों को
संबंधित ग्रह का मंत्र पाठ या जाप निम्नवत हैं –
सूर्य - ॐ घृणिः सूर्याय नमः – न्यूनतम ३ माला जाप करें।
चंद्र - ॐ सं सोमाय नमः – न्यूनतम २ माला जाप करें।
मंगल – ॐ अं अंगारकाय नमः – न्यूनतम १ माला जाप करें।
बुध – ॐ बुं बुधाय नमः – न्यूनतम ५ जब व्यापार करने के लिए नहीं माला जाप करें।
बृहस्पति – ॐ गां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः – न्यूनतम १० या ७ माला जाप करें।
शुक्र – ॐ शुं शुक्राय नमः – न्यूनतम ११ माला जाप करें।
शनि – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः – न्यूनतम १, ५ या ११ माला जाप करें।
राहु – ॐ रां राहवे नमः – न्यूनतम ४ या ११ माला जाप करें।
केतु – ॐ के केतवे नमः – न्यूनतम ६ या ११ माला जाप करें।

donation

दान से होगा कल्याण
यदि प्रतिकूल दशा या महादशा के चलते आपका बिजनेस प्रभावित हो रहा है, तो सबसे पहले आप अपने लग्नेश का रत्न धारण करें। साथ ही प्रतिकूल ग्रह का कम से कम 23,000 या 54,000 जाप कराएं। ग्रहों की शुभता को पाने के लिए उनके दिन के अनुसार निम्न वस्तुओं का दान करें –
चंद्रमा – सोमवार के दिन मोती, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, दूध, दही, चांदी का दान प्रत्येक सोमवार को करें। ध्यान रहे पूर्णिमा तथा सोमवार को सूर्यास्त के समय का दान विशेष लाभदायी होता है।
मंगल – मंगलवार को प्रात:काल मूंगा, लाल सिंदूर, गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, लाल मसूर, स्वर्ण आदि का दान करें। दोपहर बाद इन वस्तुओं का दान विशेष फलदायी होता है।
बुध – बुधवार को प्रात:काल हरा कपड़ा, पन्ना, अनाज, मंगा, कपूर, फल, कांस्य या सोना आदि का दान विशेष फलदायी होता है।
बृहस्पति - बृहस्पतिवार के दिन पीला फल, पीला कपड़ा, पुखराज, स्वर्ण, दाल, केला, पीला पुष्प, हल्दी, धार्मिक पुस्तकें आदि का दान विशेष फलदायी होता है।
शुक्र – शुक्रवार के दिन चावल, घी, उड़द, चांदी, सफेदन चंदन, सफेद वस्त्र, स्फटिक, हीरा, ओपल, अमेरिकन, डायमंड, चीनी, मिश्री का दान करें।
शनि – कला, उड़द, तिल, नीलम, लोहा, काला कपड़ा, काला छाता, आदि। काली गाय को अपने हिस्से की रोटी के साथ गुड़ खिलाएं।
राहु – नीला कपड़ा, गोमेद, गेहूं, सरसों का तेल, लोहा आदि का दान विशेष फल देने वाला होता है। काले कुत्ते को रोटी खिलाने से भी विशेष लाभ मिलता है।
केतु – शनिवार की शम को तिल, कंबल, झंडा, लोहा, लहसुनिया, आदि का दान करें।

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