भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. The post भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा appeared first on The Wire - Hindi.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.

Stacks of one hundred dollar notes are piled up for counting at the headquarters of the Korea Exchange Bank in Seoul February 3, 2009. South Korea

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कहा था कि 28 अक्टूबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.561 अरब डॉलर बढ़कर 531.081 अरब डॉलर हो गया था, जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी.

एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है.

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गईं.

डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है.

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया.

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, 545.652 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : देश का विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें सप्ताह गिरावट दर्ज की गयी. 16 सितंबर 2022 को खत्म हफ्ते में यह 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर है. 9 सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति सितंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.87 अरब डॉलर हो गया था. इस तरह सितंबर माह यानी दो सप्ताह में भारत का कोष 7.75 अरब डॉलर कम हो गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है.

अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.

484.90 अरब डॉलर रह गया एफसीए

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. बता दें कि एफसीए के बढ़ने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 4.7 अरब डॉलर गिरकर 484.90 अरब डॉलर रह गया.

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रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व, एसडीआर और आरक्षित मुद्रा भंडार में भी आयी कमी

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार 45.8 करोड़ डॉलर घटकर38.186 अरब डॉलर बच गया. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 3.2 करोड़ डॉलर कम होकर 17.686 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 करोड़ की गिरावट के साथ 4.88 अरब डॉलर पर आ गया.

ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

बता दें कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने डॉलर बेचे है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर 81.20 के लेवल तक जा पहुंचा. कारोबार के अंत में रुपया 19 पैसे गिरकर 80.99 के लेवल पर क्लोज हुआ. यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है.

आयात, विदेश घूमना, पढ़ना आदि चीजें हो जायेंगी महंगी

रुपया कमजोर होने से भारत का आयात बिल बढ़ जायेगा. दूसरे देश से सामान आयात करने के लिए भारत को पहले की तुलना में ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. रुपया कमजोर होने से आयात पर निर्भर कंपनियों का मार्जिन कम होगा, जिसकी भरपाई दाम बढ़ाकर की जायेगी. इससे महंगाई बढ़ेगी. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के मामले में भारत की आयात पर निर्भरता ज्यादा है. इसके अलावा विदेश घूमना, विदेश से सर्विसेज लेना आदि चीजें भी महंगी हो जायेगी.

विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे आम विचलन रणनीतियां लागू की गई हैं? | इन्व्हेस्टमैपियाडिया

विदेशी मुद्रा भंडार | Foreign exchange reserves in india | डॉलर की कीमत बढ़ने का कारण ? (दिसंबर 2022)

विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे आम विचलन रणनीतियां लागू की गई हैं? | इन्व्हेस्टमैपियाडिया

विदेशी मुद्रा व्यापार में उपयोग की जाने वाली सबसे आम विचलन रणनीति, लाभ की तलाश करती है, जब मूल्य वृद्धि और बाज़ार की गति के बीच अंतर होता है, जो अक्सर स्टोचैस्टिक ओसीलेटर या चलती औसत अभिसरण विचलन (एमएसीडी) सूचक ।

निम्न लोकप्रिय व्यापार सेटअप तब होता है जब एक लोकप्रिय एमएसीडी विचलन रणनीति का उपयोग किया जाता है: मूल्य एक नया उच्च या निम्न बनाता है, लेकिन एमएसीडी हिस्टोग्राम किसी नए उच्च या निम्न के अनुरूप नहीं है। चूंकि एमएसीडी एक गति संकेतक है, इसलिए इस तरह की कार्रवाई से बाजार की कीमत और इसके ताकत के बीच एक विचलन का संकेत मिलता है। हालांकि बाजार उच्च (एक नए उच्च के मामले में) बढ़ रहा है, बाजार की ताकत कमजोर हुई है; बैल नए ऊंची कीमत के स्तर पर खरीदने के लिए उत्साहित नहीं हैं क्योंकि जब पिछली बार (उच्च) उच्च बना दिया गया था,

यह एक अस्थायी बाजार की स्थिति हो सकती है, या यह बाजार की दिशा में दीर्घकालिक बदलाव की भविष्यवाणी कर सकता है। इस विचलन के अवसर का व्यापार करने का सही तरीका सही में कूदना और उस क्षण को कम नहीं करना है, जिसे एमएसीडी विचलन देखा जा सकता है, लेकिन अन्य संकेतों जैसे कि कैंडलस्टिक पैटर्न या चलने वाले औसत क्रॉसओवर के लिए इंतजार करना, यह दर्शाता है कि बाजार वास्तव में एक बना रहा है मोड़।

व्यापारिक संकेत संकेत, जैसा कि अधिकतर व्यापार संकेतों के साथ होता है, अधिक सफल होता है, जब व्यापार किया जाता है तो मौजूदा प्रवृत्ति के अनुरूप है। उदाहरण के लिए, एक ख़रीदना व्यापार एक विक्रय व्यापार की तुलना में सफल होने की अधिक संभावना है जब बाजार की समग्र प्रवृत्ति बढ़ती है। इसी तरह, ट्रेडों की तुलना में ट्रेडों की बिक्री बेहतर होती है, जब बाजार में गिरावट होती है

विदेशी मुद्रा व्यापार की रणनीति बनाने के लिए मैं डुअल कमोडिटी चैनल इंडेक्स (डीसीसीआई) का उपयोग कैसे करूं? | विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लिए एक अनूठी ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति बनाने के लिए इन्व्हेस्टॉपिया

विदेशी मुद्रा व्यापार की रणनीति बनाने के लिए मैं डुअल कमोडिटी चैनल इंडेक्स (डीसीसीआई) का उपयोग कैसे करूं? | विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लिए एक अनूठी ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति बनाने के लिए इन्व्हेस्टॉपिया

दोहरी कमोडिटी चैनल इंडेक्स (डीसीआईआईआई) के वैकल्पिक व्याख्या का उपयोग करें।

विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीति में मैं एक विदेशी मुद्रा सिग्नल सिस्टम को कैसे लागू कर सकता हूं?

विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीति में मैं एक विदेशी मुद्रा सिग्नल सिस्टम को कैसे लागू कर सकता हूं?

सीखें कि व्यापारियों ने विभिन्न प्रकार के फॉरेक्स सिग्नल सिस्टम जैसे ट्रेंड-आधारित या श्रेणी-आधारित अपने विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीतियों को बनाने या पूरक करने के लिए इस्तेमाल किया है।

विदेशी मुद्रा व्यापार में विचलन व्यापार रणनीतियों उपयोगी हैं? | इन्वेस्टोपैडिया

विदेशी मुद्रा व्यापार में विचलन व्यापार रणनीतियों उपयोगी हैं? | इन्वेस्टोपैडिया

मार्केट टॉप या बॉटम की पहचान करने के लिए विचलन संकेतक का उपयोग करें, और यह पता करें कि विदेशी मुद्रा व्यापार में कैसे व्यापारिक विवाद रणनीतियां उपयोग की जाती हैं।

अमेरिका को टक्कर: विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर मुक्त करने के रूस के फैसले से खुश है चीन

विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंधों के असर से बचने के लिए रूस ने ये बड़ा कदम उठाया है। डॉलर में कारोबार पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बहुत बुरा असर पड़ता है। रूस के वित्त मंत्रालय सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि इस समय दुनिया के अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति संबंधी रूझानों को देखते हुए उसने डॉलर से खुद को मुक्त करने का फैसला किया.

युआन चीन डिजिटल मुद्रा

रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि रूस के इस कदम से चीन के आर्थिक विकास में उसके भरोसे की झलक मिली है। साथ ही इससे यह जाहिर हुआ है कि रूस चीन के साथ अपने सहयोग को भविष्य में और बढ़ाने का पक्का इरादा रखता है। वांग ने कहा कि रूस और चीन के संबंध दोनों के लिए फायदेमंद हैं और चीन भी इसे बढ़ावा देता रहेगा।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक चीन दुनिया के कारोबार में अपनी मुद्रा की भूमिका बढ़ाने की रणनीति पर चल रहा है। उसे भरोसा है कि साल 2050 तक युवान दुनिया भर में ‘पसंदीदा मुद्रा’ (करेंसी ऑफ चॉइस) बन जाएगी। ये लक्ष्य इसी साल मई के मध्य में हुई एक बैठक में तय किया गया था। उस बैठक में चीन ने अपने घरेलू बाजार के विकास का फैसला किया था, ताकि भविष्य में उसे निर्यात आधारित विकास रणनीति पर कम निर्भर रहना पड़े। चीन की सोच यह है कि वह अपने बड़े बाजार के कारण दुनियाभर के कारोबारियों को चीन की शर्तों पर व्यापार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

इसी रणनीति के हिस्से के तौर पर चीन युवान को वैश्विक मुद्रा बनाने की कोशिश कर रहा है। पिछले साल उसने डिजिटल युवान का प्रयोग इसी मकसद से शुरू किया था। उसने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कारोबार की व्यवस्था स्विफ्ट के साथ एक साझा उद्यम भी शुरू किया है। स्विफ्ट अमेरिका से संचालित व्यवस्था है।

पिछले हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अलग-अलग मुद्राओं की भूमिका के बारे में नई योजना का एलान किया था। उसके उसके मुताबिक उसके भंडार में अब यूरो और युवान के अलावा ब्रिटिश पाउंड का हिस्सा पांच फीसदी, जापानी येन का 4.7 फीसदी और स्वर्ण का 20.2 फीसदी होगा। गौरतलब है कि रूस ऐसा पहला बड़ा देश है, जिसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया है।

विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंधों के असर से बचने के लिए रूस ने ये बड़ा कदम उठाया है। डॉलर में कारोबार पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बहुत बुरा असर पड़ता है। रूस के वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि इस समय दुनिया के अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति संबंधी रूझानों को देखते हुए उसने डॉलर से खुद को मुक्त करने का फैसला किया। उसने यूरो और युवान की भूमिका इसलिए बढ़ाई है, क्योंकि यूरोपियन यूनियन और चीन रूस के सबसे बड़े व्यापार भागीदार बन कर उभरे हैं।

विस्तार

रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि रूस के इस कदम से चीन के आर्थिक विकास में उसके भरोसे की झलक मिली है। साथ ही इससे यह जाहिर हुआ है कि रूस चीन के साथ अपने सहयोग को भविष्य में और बढ़ाने का पक्का इरादा रखता है। वांग ने कहा कि रूस और चीन के संबंध दोनों के लिए फायदेमंद हैं और चीन भी इसे बढ़ावा देता रहेगा।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक चीन दुनिया के कारोबार में अपनी मुद्रा की भूमिका बढ़ाने की रणनीति पर चल रहा है। उसे भरोसा है कि साल 2050 तक युवान दुनिया भर में ‘पसंदीदा मुद्रा’ (करेंसी ऑफ चॉइस) बन जाएगी। ये लक्ष्य इसी साल मई के मध्य में हुई एक बैठक में तय किया गया था। उस बैठक में चीन ने अपने घरेलू बाजार के विकास का फैसला किया था, ताकि भविष्य में उसे निर्यात आधारित विकास रणनीति पर कम निर्भर रहना पड़े। चीन की सोच यह है कि वह अपने बड़े बाजार के कारण दुनियाभर के कारोबारियों को चीन की शर्तों पर व्यापार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

इसी रणनीति के हिस्से के तौर पर चीन युवान को वैश्विक मुद्रा बनाने की कोशिश कर रहा है। पिछले साल उसने डिजिटल युवान का प्रयोग इसी मकसद से शुरू सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा रणनीति किया था। उसने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कारोबार की व्यवस्था स्विफ्ट के साथ एक साझा उद्यम भी शुरू किया है। स्विफ्ट अमेरिका से संचालित व्यवस्था है।

पिछले हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अलग-अलग मुद्राओं की भूमिका के बारे में नई योजना का एलान किया था। उसके उसके मुताबिक उसके भंडार में अब यूरो और युवान के अलावा ब्रिटिश पाउंड का हिस्सा पांच फीसदी, जापानी येन का 4.7 फीसदी और स्वर्ण का 20.2 फीसदी होगा। गौरतलब है कि रूस ऐसा पहला बड़ा देश है, जिसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया है।

विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंधों के असर से बचने के लिए रूस ने ये बड़ा कदम उठाया है। डॉलर में कारोबार पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बहुत बुरा असर पड़ता है। रूस के वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि इस समय दुनिया के अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति संबंधी रूझानों को देखते हुए उसने डॉलर से खुद को मुक्त करने का फैसला किया। उसने यूरो और युवान की भूमिका इसलिए बढ़ाई है, क्योंकि यूरोपियन यूनियन और चीन रूस के सबसे बड़े व्यापार भागीदार बन कर उभरे हैं।

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