अल्पावधि के लिए, कॅपिटल एलोकेशन लिक्विड इंवेस्टमेंट्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, लिक्विड म्यूचुअल फंड या लिक्विड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के मिक्स पर आधारित हो सकता है। कैपिटल का संरक्षण महत्वपूर्ण है, इसलिए लिक्विड इंस्ट्रूमेंट्स में इंवेस्टमेंट्स सुरक्षित है।

Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं

ट्रेडिंग या निवेश

ट्रेडिंग और ट्रेडिंग या निवेश ट्रेडिंग या निवेश इंवेस्टमेंट्स वेल्थ क्रिएशन के दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। ट्रेडिंग एक शॉर्ट टर्म तरीका है जो ट्रेडिंग से तुरंत प्रॉफिट करने के लिए बनाया जाता है, जबकि इन्वेस्टमेंट पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाया गया लॉन्ग टर्म मेथड है। सभी ने कहा और किया, लक्ष्य-आधारित फाइनेंसियल प्लानिंग बेहतर परिणाम देता है।

ट्रेडिंग में एक दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक, कम समय में शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव पर अधिक रिटर्न होता है। इन्वेस्टमेंट में लंबे समय तक सिक्योरिटीज को खरीदकर और उन्हें रखकर अपने लक्ष्यों को हासिल करना शामिल है। इन्वेस्टमेंट की समय सीमा कुछ वर्षों या कुछ दशकों से भी बढ़ सकती है। ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट दोनों जोखिम रहित नहीं हैं। हालांकि, ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग की तुलना में जोखिम भरा है।

लक्ष्य निर्धारित करना

ट्रेडिंग और निवेश के साथ किसी भी उद्योग के लिए लक्ष्य निर्धारण महत्वपूर्ण है। अपने लक्ष्य को जानें ताकि आप उसके अनुसार कोर्स का चार्ट बना सकें।

  • अपने फाइनेंसियल गोल्स की योजना बनाएं। उन्हें लिख लीजिये।
  • अपने लक्ष्यों के आधार पर एक स्ट्रेटेजी बनाएं
  • अपने स्किल्स, नॉलेज, ताकत और कमजोरियों का मूल्यांकन करें
  • स्किल्स और गोल्स के बीच के अंतर का निर्धारण करें और उन्हें कम करने पर ध्यान दे
  • अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का पता लगाएं
  • भविष्य में मदद के लिए ट्रेडों या इन्वेस्टमेंट्स के लॉग बनाए रखें

ट्रेडिंग गोल्स और ट्रेडिंग या निवेश विचार

प्रेरणा: ट्रेडिंग में व्यक्ति का पीछा करने के लिए बहुत अधिक आत्म-प्रेरणा और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। उच्च लक्ष्य निर्धारित करके निरंतर आगे बढ़ाना होगा और लगातार सुधार करने का प्रयास करना होगा। ट्रेडर के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण जरूरी है।

कॅपिटल : लक्ष्यों के आधार पर, ट्रेडिंग के लिए आवश्यक कॅपिटल को अलग रखना पड़ता है। ट्रेडिंग के लिए आवश्यक कॅपिटल सब्जेक्टिव हो ट्रेडिंग या निवेश सकती है। हालांकि, किसी को अपनी पूरी कॅपिटल एक ही ट्रेडिंग आइडिया या स्ट्रेटेजी के लिए नहीं लगानी चाहिए। ये सलाह दी जाती है कि बोहोत ट्रेडिंग आईडिया या स्ट्रेटेजीस होने चाहिए परंतु वो इंटरनली अलग हों। मार्केट्स निर्दयी हैं, और यदि ट्रेड्स ट्रेडिंग या निवेश की कोई योजना नहीं है, तो कोई भी अपने कॅपिटल को थोड़े ही समय में उड़ा सकता है।

रिस्क : पैसे को बचाने के लिए, ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट को शामिल करना होगा। रिस्क को कम करने का एक तरीका ये है कि किसी ट्रेडिंग आईडिया या स्ट्रेटेजी के लिए अलोकेटेड टोटल कॅपिटल का केवल निश्चित प्रतिशत अलॉट किया जाए। यह पर ट्रेडिंग आइडिया या ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के लिए कॅपिटल के 2-4 प्रतिशत के बीच हो सकता है। बड़े अकाउंट के लिए, ये वैल्यू कॅपिटल के 0.25% जितनी कम हो सकती है, ये रिस्क स्वीकार करना पूरी तरह से ट्रेडर या इन्वेस्टर के पेट पर निर्भर है।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, ट्रेडिंग या निवेश होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

Symbiox Investment & Trading Co Ltd (SYMB)

सिम्बायॉक्स इन्वेस्टमेंट & ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड शेयर (SYMB शेयर) (ISIN: INE653R01012) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • प्रकार : इक्विटी
  • बाज़ार : भारत
  • आईसआईन : INE653R01012
  • एस/न : SYMBIOX

Symbiox Investment & Trading Co Ltd engages in the trading of sarees in India. It also deals in shares, stocks, debentures, bonds, and obligations and securities issued or guarantees; and offers gunny, hessian, carper backing, tarpoline cloth, jute cutting, raw jute, textiles, fabrics, garments, carpets, durries, mats, rugs, blankets, shawls, tweeds, linens, flannels, bed spreads, quilts, scares, belts, and furnishing, as well as apparels dressing materials mixed nylon, polyester, fiber, yarn, and hosiery and mixed fabrics natural silk fabrics and garments. The company sells its products through a chain of wholesalers and retailers. Symbiox Investment & Trading Co. Ltd. was incorporated in 1979 and is based in Kolkata, India.

Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट ट्रेडिंग या निवेश होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट ट्रेडिंग या निवेश में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और ट्रेडिंग या निवेश अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

अफोर्डेबल रिल्क

अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.

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‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.

ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में ट्रेडिंग या निवेश प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

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