Saving Vs Current Account: बैंक के सेविंग और करंट अकाउंट में क्या होता है अंतर, दोनों अकाउंट में मिलते हैं ये लाभ
Saving Current Account: सेविंग अकाउंट आम लोगों के लिए बनाया गया है वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए बनाया गया है. बचत खाते में ब्याज मिलता वहीं चालू खाते में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है.
By: ABP Live | Updated at : 30 Jan 2022 11:20 AM (IST)
Edited By: Taruna
सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर
Saving and Current Account Difference: आजकल देश में हर किसी के पास बैंक खाता हो गया है. ज्यादातर सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के लाभ आपको बैंक अकाउंट के द्वारा ही मिलते हैं. बैंक में खाता खुलवाते वक्त आपको अकाउंट खोलने का फार्म (Account Opening Form) दिया जाता है. इस फॉर्म में आपसे यह जानकारी ली जाती है कि आप सेविंग / करंट अकाउंट (Saving and Current Account) में कैन-सा खुलवाना चाहते हैं. लेकिन, यह बहुत कॉमन है कि ज्यादातर लोग सेविंग अकाउंट ही खुलवाते हैं. इसके अलावा हम जब भी ATM से पैसे निकालते हैं तो उस दौरान भी हमें स्क्रीन पर अकाउंट को चुनने का ऑप्शन आता है. हमें बताना पड़ता है कि हमारा अकाउंट सेविंग है या करंट है.
लेकिन, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर (Difference Between Current and Saving Account) करंट अकाउंट क्या होता है? क्या होता है? ज्यादातर लोगों को इन दोनों अकाउंट के बीच का फर्क नहीं पता होता है. ऐसे में आज हम आपको बेहद आसान भाषा में सेविंग और करंट बैंक अकाउंट के बीच के अंतर को बताते हैं. इससे आप अपनी जरूरत के अनुसार बैंक अकाउंट को चुन सकते हैं-
सेविंग अकाउंट क्या है?
सेविंग अकाउंट (Saving Account) को आसान भाषा में बचत खाता भी कहा जाता है. यह खाता आम आदमी के लिए बहुत लाभकारी होता है. इस खाते के द्वारा आपको पैसे सेव (Saving Money) करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस अकाउंट में आप थोड़ा-थोड़ा करके पैसे सेव कर सकते हैं. जमा पैसों पर आपको ब्याज भी मिलता है. अकाउंट को आप अकेले या जॉइंटली (Joint Account) खुलवा सकते हैं. अकाउंट पर 4 से 6 प्रतिशत तक ब्याज दर मिलता है. यह बैंक खुद तय करते हैं. वहीं सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को ब्याज दर में कुछ छूट मिलती है.
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करंट अकाउंट क्या है?
करंट अकाउंट (Current Account) को आसान भाषा में चालू खाता भी कहा जाता है. यह ज्यादातर व्यापारियों (Businessman) के लिए होता है. इस अकाउंट में ज्यादातर लगातार लेन देन चलता ही रहता है. यह खाता रेगुलर ट्रांजेक्शन के लिए अच्छा माना जाता है. खाता धारक ज्यादातर बिजनेस आर्गेनाइजेशन (Business Organization), फर्म आदि के होते हैं. इस अकाउंट में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है.
सेविंग और करंट अकाउंट के बीच में है ये अंतर
आपको बता दें कि सेविंग अकाउंट आम लोगों के लिए बनाया गया है करंट अकाउंट क्या होता है? वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए बनाया गया है. बचत खाते में ब्याज मिलता है, चालू खाते में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है. सेविंग अकाउंट में एक लिमिट तक ही आप ट्रांजैक्शन (Limited Transaction) कर सकते हैं वहीं करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन लिमिट (Transaction Limit) नहीं होती है. जितना चाहे उतना ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
Published at : 30 Jan 2022 11:20 AM (IST) Tags: saving account current account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Current Bank Account क्या होता है? कब खोल सकते हैं बैंक में ये अकाउंट
Current Bank Account बैंक में ही डिपॉजिट अकाउंट होता है, लेकिन यहां आपको बड़े ट्रांजैक्शन करने की सुविधा मिलती है. जिन लोगों की डेली और मंथली ट्रांजैक्शन लिमिट ज्यादा होती है, उनके लिए करंट अकाउंट खुलवाना बेहतर होता है. लेकिन ये सेविंग अकाउंट से कैसे अलग है, आइए जानते हैं.
Saving Account और Current Account में क्या होता है बड़ा अंतर, जानिए इनके सभी फायदे
Saving bank account Vs Current bank account: क्या आप सेविंग बैंक अकाउंट और करंट बैंक अकाउंट में अंतर जानते हैं? क्या आप इनसे जुड़े सभी फायदों के बारे में जानकरी रखते हैं. अगर नहीं तो नीचे जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें.
Saving bank account Vs Current bank account: आज लगभग सभी के पास बैंक अकाउंट होता है. आज अधिकतर लोग पैसोंज की लेन-देन के लिए बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप सेविंग बैंक अकाउंट और करंट बैंक अकाउंट में अंतर जानते हैं और क्या आप इनसे जुड़े सभी फायदों के बारे में जानकरी रखते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें:
सेविंग बैंक अकाउंट
आप किसी भी बैंक में सिंगल अथवा जॉइंट सेविंग बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं. सेविंग बैंक अकाउंट के तहत खाताधारक को खाते में जमा राशि पर 3 से 6 फीसदी तक ब्याज दिया जाता है. कुछ बैंक सेविंग बैंक अकाउंट पर 7 फीसदी तक ब्याज भी प्रदान करते हैं. अधिकतर बैंकों में सेविंग बैंक अकाउंट में कुछ न्यूनतम राशि रखना आवश्यक होता है. सेविंग बैंक अकाउंट कई तरह के होते हैं जैसे: रेगुलर सेविंग अकाउंट, सैलरी सेविंग अकाउंट, जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट.
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करंट बैंक अकाउंट
करंट बैंक अकाउंट उन ग्राहकों के लिए होता है, जो बड़ी मात्रा में नियमित रूप से पैसों का लेन-देन करते हैं. करंट बैंक अकाउंट खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो व्यापार करते हैं. करंट बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने अथवा निकालने के लिए कोई लिमिट नहीं होती है. हालांकि करंट बैंक अकाउंट पर किसी तरह का कोई ब्याज नहीं मिलता है.
सेविंग बैंक अकाउंट के फायदे
कई बैंक सेविंग बैंक अकाउंट पर लाइफ और जनरल इश्योरंस ऑफर देती हैं. सेविंग बैंक अकाउंट वाले खाताधारकों को लॉकर फीस पर 15 से 30 फीसदी तक की छूट मिल जाती है.
सेविंग बैंक अकाउंट के जरिए आप आसानी से बिलों का भुगतान कर सकते हैं. ट्रेडिंग के लिए भी सेविंग बैंक अकाउंट जरूरी होता है.
करंट बैंक अकाउंट के क्या हैं फायदे
इस बैंक अकाउंट में खाताधारक के लिए ड्राफ्ट के जरिए पैसे जमा करना अथवा ट्रांसफर करना बेहद आसन होते हैं. कई बैंक करंट बैंक अकाउंट पर डोर स्टेप बैंकिंग की सुविधा भी देते हैं.
करंट बैंक अकाउंट रखने वाले खाताधारक देशभर में अपनी बैंक की किसी भी शाखा से पैसे निकाल अथवा जमा कर सकते हैं. करंट करंट अकाउंट क्या होता है? बैंक अकाउंट पर खाताधारकों को आसानी से लोन भी मिल जाता है.
करंट अकाउंट क्या होता है? इसके फायदे और नुक्सान क्या होते है?
करंट अकाउंट को चालू खाता भी कहा जाता है। यह अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमे आप हर समय रोजाना लेन-देन कर सकते है। ये अकाउंट किसी कंपनी, पब्लिक इंटरप्राइजेज, businessmen (बिजनेसमेन) के लिए उपयोग होता है। जहा पर पैसे का लेन- देन बड़ी मात्रा में होता है, ऐसे लोग करंट अकाउंट का इस्तेमाल करते है।
करंट अकाउंट करंट अकाउंट क्या होता है? में आप एक दिन में जितने मर्जी पैसे का लेन देन कर सकते है। इसमें कोई लिमिट नहीं होती है इसी कारण RBI ने नियम बनाया है की किसी भी तरह के करंट अकाउंट में आपको ब्याज नहीं मिलता है। आपने चाहे जितने पैसे अकाउंट में जमा किये हो आपको ब्याज नहीं मिलेगा। आसान सी भाषा में कहे तो चालू खाता अर्थात करंट अकाउंट व्यवसाय से सम्बंधित होता है इसे व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाया जाता है, तथा इससे किसी भी समय कितनी मात्रा में लेन-देन किया जा सकता है।
इसे transactional Account के रूप में भी जाना जाता है, ये खाते न तो निवेश के और न ही बचत के उदेश्य से खोले जाते है, ये केवल व्यापार की सुविधा के लिए होते है।
अब मन में सवाल आता है की करंट अकाउंट खोलते कैसे है? तथा इसे खोलने के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इसकी जानकारी आपको नीचे मिलेगी।
करंट अकाउंट कैसे खोलते है?
चालू खाता खोलने के लिए आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीको का इस्तेमाल कर सकते है। यदि आप offline तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको बैंक में जाके बैंक से एक फॉर्म लेना होता है तथा उसे भरना होता है, और उस फॉर्म की जरूरत के अनुसार उसमे मांगे गए documents जमा करवाने होते है तथा आपको करंट अकाउंट के लिए अप्लाई करना होता है।
यदि आप online करंट अकाउंट क्या होता है? तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको उस बैंक की जिस बैंक में आप अकाउंट खुलवाना चाहते है, बैंक की वेबसाइट पर जाना होता है तथा open account पर क्लिक करके करंट अकाउंट तथा चालू खाते पर क्लिक करके ऑनलाइन फॉर्म को भरना होता है जो बैंक द्वारा दिया गया होता है।
इस फार्म को भरने के बाद जरुरी दस्तावेजों को जोड़ कर बैंक को भेजना होता है तथा अकाउंट ओपन करना होता है। और आपका अकाउंट खुल जाता है तथा इसे चलाने के लिए इसमें पैसे रखने होते है, और सब अपने बैंक के नियम अनुसार करंट अकाउंट खोलने के पैसे लेते करंट अकाउंट क्या होता है? है। अधिकतर बैंको में करंट अकाउंट खुलवाने के लिए minimum राशि 10,000 होती है, 10 हजार में आप अपना करंट अकाउंट क्या होता है? करंट अकाउंट खुलवा सकते है तथा करंट अकाउंट का लाभ उठा सकते है।
करंट अकाउंट खुलवाने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
करंट अकाउंट (चालू खाता) खुलवाने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-
- पेन कार्ड
- पासपोर्ट साइज की फोटो
- व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट – GST registration /shop Establishment registration ( for proprietorship), partnership Deed (For Partnership), Incorporation certificate (For Company )
- व्यवसाय का एड्रेस प्रूफ (Address proof of the proprietorship /firm / Company / HUF)
- पार्टनर्स और डाइरेक्टर्स का आईडी और एड्रेस प्रूफ (पार्टनरशिप या कंपनी के करंट अकाउंट के लिए )
- बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक
ये सभी दस्तावेजों की आवश्यकता करंट अकाउंट खोलने के लिए एक बैंक को होती है तथा इन दस्तावेजों के द्वारा आप अपना करंट अकाउंट खुलवा सकते है और बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जैसे मोबाइल बैंकिंग, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते है।
करंट अकाउंट खुलवाने की आवश्यकता क्या होती है?
दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया करंट अकाउंट से एक दिन में कितनी बार भी आप पेसो का लेन-देन कर सकते है, यदि आप एक व्यवसायी करंट अकाउंट क्या होता है? है तो आपको रोजाना अत्यधिक मात्रा में पेसो का लेन देन करना होता होगा तथा करंट अकाउंट के द्वारा आप पेसो का लेन देन आसानी से हर समय कर सकते है और बैंको द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ उठा सकते है।
किसी भी साधारण व्यक्ति को अपना करंट अकाउंट नहीं खुलवाना चाहिए इससे उसे कोई लाभ नहीं होगा। क्यूंकि इसमें कोई ब्याज नहीं मिलता है।
करंट अकाउंट के फायदे क्या है?
बैंक ओवरड्राफ्ट – करंट अकाउंट से खाता धारक को अपने अकाउंट में जमा राशि से अधिक राशि निकालने की सुविधा मिलती है।
कोई सीमा नहीं – करंट अकाउंट से सबसे बड़ा लाभ यह होता है की व्यक्ति एक दिन में इससे कितना भी लेन देन कर सकता है।
लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नही – करंट अकाउंट में अधिक बार लेन देन करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है।
बैंकिंग सेवाएं – सेविंग अकाउंट की तरह इसमें भी आपको बैंक द्वारा नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम कार्ड वैगरह की फ्री सर्विस दी जाती है।
अन्य सुविधा – करंट अकाउंट के माध्यम से खाताधारक अपने लेनदारों को चेक, पे आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट प्रत्यक्ष रूप से भुगतान करने के लिए जारी कर सकता है।
हांलाकि चालू खाते की तरलता के कारण इस पर किसी भी प्रकार का ब्याज अर्जित नहीं किया जा सकता है लेकिन अकाउंट बैलेंस पर बेहद कम ब्याज की उपलब्धता इस प्रकार के खाताधारकों को इनके उपयोग के लिए और भी आकर्षक बनाता है।
पूर्ण नियंत्रण – इसके अलावा कोई भी उद्यमी अपने Current Bank Account के माध्यम से कभी भी और कही भी और अनेको जगहों पर फंड निकाल एवं ट्रांसफर कर सकता है।
करंट अकाउंट के नुकसान क्या है?
कोई ब्याज नही – चालू खाता पर बयाज न मिलना एक बहुत ही बड़ा नुकसान है, क्यूंकि व्यवसायी को करंट अकाउंट खुलवाने के बाद उसमे बैंक द्वारा कोई ब्याज नही दिया जाता है तथा ब्याज के माध्यम से वह एक कमाई का अवसर खो देते है।
अतिरिक्त शुल्क – चालू खाते को नियमित रूप से अपडेट करने में खाताधारक पर कुछ अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, क्यूंकि अधिकांश पैकेज अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज करते हैं।
लम्बी प्रक्रिया – इस प्रणाली में कागजी कार्यवाही ज्यादा होने की वजह से यह समय खाने वाला और लम्बा कार्य हो जाता है, अर्थात इसमें अधिक समय लग जाता है।
अधिक फीस – कॉर्पोरेट बिजिनेस ट्रांसक्शन की वजह से बैंको को ज्यादा फीस देनी हो सकती है।
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