Stock Market में कैसे करें निवेश और किस तरह की बरतें सावधानियां ? जानिए एक्सपर्ट से हर सवालों के जवाब
क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन नहीं जानते कि इसकी शुरुआत कैसे हो ? क्या आपको शेयर बाजार की दुनिया जटिल और उलझन भरी लगी लगती है ? क्या किसी और को हुए फायदे और नुकसान का सुनकर आप फैसला नहीं कर पाए हैं कि आपके लिए शेयर बाजार सही रहेगा या नहीं ? तो आज हम आपको बताएंगे शेयर बाजार से जुड़ी हर वो बात साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे की शेयर बाजार में निवेश कैसे करें और क्या सावधानियां बरतें.
Do you want to invest in the stock market but don't know how to start? Do you find the world of stock market complicated and confusing?
आज फिर शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 635 अंकों की गिरावट, निफ्टी भी 186 से अधिक अंक लुढ़का
Stock Market Updates: शाम होते-होते सेंसेक्स 635 अंकों की गिरावट के साथ 61,067.24 अंक पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 186.20 अंको की गिरावट के साथ 18,199.10 पर बंद हुआ है।
Stock Market Live Updates: कल गिरावट के साथ बंद हुए शेयर बाजार ने आज मजबूत शुरुआत की है। 30 संवेदी सूचकांक वाला सेंसेक्स 163.4 अंक या 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,865.69 पर खुला है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी निफ्टी 70.85 की तेजी के साथ 18,456.15 पर ओपन हुआ था। लेकिन सुबह की बढ़त को शेयर बाजार ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रख सका। दोपहर 2.40 मिनट पर सेंसेक्स 389.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,312.63 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, एनएसई 115 अंकों की गिरावट के साथ 18,269 पर ट्रेड कर रहे थे। शाम होते-होते सेंसेक्स 635 अंकों की गिरावट के साथ 61,067.24 अंक पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 186.20 अंको की गिरावट के साथ 18,199.10 पर बंद हुआ है। बता दें, आज दिन में ऐसा भी समय आया था जब सेंसेक्स लुढ़क कर 60,938.38 अंकों पर आ गया था।
शाम को टॉप 30 कंपनियों का बीएसई में हाल
सेंसेक्स बंद होने के बाद सनफॉर्मा के शेयर सबसे अधिक 1.67 प्रतिशत की शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? तेजी के साथ बंद हुए। एचसीएल, टीसीएस, विप्रो के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ इंडसइंड बैंक के शेयरों में 2.37 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। मारूति, एशियन पेंट्स सहित 23 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
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सुबह के समय क्या था टॉप-30 कंपनियों का हाल
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में सबसे अधिक तेजी विप्रो के शेयरों में देखने को मिली है। टाटा मोटर्स, शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक सहित 30 में से 28 कंपनियों के शेयर हरे निशान के ऊपर कारोबार कर रहे थे। दूसरी तरफ सबसे ज्यादा गिरावट आईटीसी के शेयरों में देखने शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? को मिली है।
कल का हाल
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को अधिकांश समय तक रही गिरावट की अंतिम क्षणों में हुई लिवाली की वजह शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? से नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो गई थी। इसके बावजूद दोनों प्रमुख सूचकांक नुकसान के साथ ही बंद हुए थे। विशेष रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयरों में लिवाली से बाजार अपने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर पाए थे।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के अंत में 103.90 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,702.29 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 703.51 अंक तक लुढ़क गया था लेकिन निचले स्तर पर खरीदारी होने से इसने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली थी।
क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध
यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।
सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।
आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है
- बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
- बियर मार्केट: बियर मार्केट, बुल मार्केट के बिल्कुल विपरीत है। इस मामले में वित्तीय बाजार स्टॉक की कीमतों में गिरावट के साथ सुधार का अनुभव करता है और निकट अवधि में गिरने की उम्मीद करता है। बहुत कुछ 'बुल' की तरह, बियर मार्केट का 'बियर' भी वास्तविक दुनिया के भालू से लिया गया है, जो आमतौर पर नीचे की दिशा में हिट करता है। जब बाजार में संतृप्ति हो जाती है तो भालू का बाजार बढ़ जाता है क्योंकि बाजार संतृप्त हो जाता है (आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है)। यह आम तौर पर बुल-रन की ऊंचाई पर होता है और गर्त बनने तक जारी रहता है।
इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।
यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।
सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।
आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है
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बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।
SHARE MARKET TODAY: आज इतिहास रचेगा बाजार, पहली बार जा सकता है 63 हजार के ऊपर कहां पर दांव लगाएं निवेशक?
भारतीय शेयर बाजार बुधवार को लगातार तीसरे व्यावसायिकी सत्र में बढ़त बनाने के मूड में दिखाई दे रहा है। विश्व मार्केट के दबाव के बावजूद घरेलू निवेशकों का मनोभाव सकारात्मक बना हुआ है और उनका पूरा मन एवं जोर अभी खरीदारी पर है।
अगर आज भी बाजार में बढ़त बनाना है तो काफी उम्मीद की जा सकती है कि सेंसेक्स 63 हजार के ऐतिहासिक आंकड़े को पार करने में सफल हो जायेगा।
SHARE MARKET TODAY
सेंसेक्स पिछले साल में भी 177 अंक बढ़कर बंद हुआ था। सेंसेक्स पिछले सत्र में 177 अंक बढ़कर 62,682 पर बंद हुआ था। निफ्टी 55 अंक बढ़त के साथ 18,618 पर पहुंच गया था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,241.57 करोड़ के शेयर खरीदे।
भारतीय शेयर बाजार (Share Market )
भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इस सप्ताह लगातार तीसरे व्यविसायिकी साल में बढ़त बनाने की तैयारी में दिखाई दे रहा है। विश्व मार्केट में गिरावट और दबाव के बावजूद भारतीय निवेशक आशाओं से भरे नजर आ रहे हैं और उनका पूरा मन एवं विस्वास के साथ अभी खरीदारी पर है।
बिशेषज्ञ का मानना है कि आज के कारोबार में भी शुरुआत में थोड़ा दबाव देखने को मिल सकता है, लेकिन निवेशकों का सकारात्मक भाव बना रहा तो सेंसेक्स आज 63 हजार के ऐतिहासिक आंकड़े को भी पार करने में सफल हो जायेगा।
सेंसेक्स पिछले सत्र में 177 अंक बढ़कर 62,682 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 55 अंक की बढ़त के साथ 18,618 पर पहुंच गया था।
एक्सपर्ट का मानना है कि आज के कारोबार में भी शुरुआती दौर में दबाब देखने को मिल सकता है कि विश्व मार्केट में चल रही गिरावट का असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है । लेकिन, यहां निवेशकों का भाव पूरी तरह सकारात्मक नजर आ रहा है जो खरीदारी पर जोर दे रहे हैं। आज भी यही भाव बरकरार रहा तो सेंसेक्स आराम से 63 हजार के आंकड़े को पार करने में सफल जायेगा।
अमेरिका और यूरोपीय बाजारों का हाल
अमेरिका में फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पिछले व्यावसायिकी साल में अमेरिका के सभी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर गिरावट दिखाई दे रही है। S&P 500 0.16 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ तो DOW JONES 0.01 फीसदी की बढ़त मिली , जबकि NASDAQ पर 0.59 फीसदी की गिरावट दिखाई दे रही है।
दूसरी ओर, यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में पिछले व्यावसायिकी सत्र के दौरान तेजी दिखी। जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 0.19 फीसदी के नुकसान पर बंद हुआ लेकिन फ्रांस के शेयर बाजार में 0.06 फीसदी की तेजी दिखाई दी । लंदन का स्टॉक एक्सचेंज भी 0.51 फीसदी के शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? तेजी पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशिया के शेयर बाजारों में आज मिलाजुला रुख दिखाई दे रहा है। सिंगापुर के स्टॉक एक्सचेंज पर 0.11 फीसदी की शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? गिरावट दिख रही तो जापान का निक्केई 0.74 फीसदी के नुकसान पर व्यवसाय कर रहा है।
हांगकांग के शेयर बाजार में भी 0.35 फीसदी का नुकसान दिखाई दे रहा है। वहीं, ताइवान का शेयर बाजार आज 0.12 फीसदी बढ़त बनाकर व्यवसाय कर रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी पर भी 0.51 फीसदी की तेजी दिखाई दे रही है।
ये शेयर दिलाएंगे मुनाफा
विशेषयज्ञओं की मानें तो आज के व्यवसाय में कई ऐसे शेयर हैं, जिन पर निवेशकों की निगाह वनि रहेगी। ऐसे स्टॉक को हाई डिलीवरी पर्सेंटेज वाले स्टॉक कहा जाता है। आज इस श्रेणी के स्टॉक में ICICI Bank, HDFC, HDFC Bank, HDFC Life Insurance Company और बोसच आदि जैसी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
विदेशी निवेशकों का भरोसा कायम
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के पैसे लगाने का सिलसिला जारी है और पिछले व्यवसायी सत्र में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,241.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले । इसी दौरान भारतीय संस्थायों
SHARE MARKET TODAY: आज इतिहास रचेगा बाजार, पहली बार जा सकता है 63 हजार के ऊपर कहां पर दांव लगाएं निवेशक?
भारतीय शेयर बाजार बुधवार को लगातार तीसरे व्यावसायिकी सत्र में बढ़त बनाने के मूड में दिखाई दे रहा है। विश्व मार्केट के दबाव के बावजूद घरेलू निवेशकों का मनोभाव सकारात्मक बना हुआ है और उनका पूरा मन एवं जोर अभी खरीदारी पर है।
अगर आज भी बाजार में बढ़त बनाना है तो काफी उम्मीद की जा सकती है कि सेंसेक्स 63 हजार के ऐतिहासिक आंकड़े को पार करने में सफल हो जायेगा।
SHARE MARKET TODAY
सेंसेक्स पिछले साल में भी 177 अंक बढ़कर बंद हुआ था। सेंसेक्स पिछले सत्र में 177 अंक बढ़कर 62,682 पर बंद हुआ था। निफ्टी 55 अंक बढ़त के साथ 18,618 पर पहुंच गया था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,241.57 करोड़ के शेयर खरीदे।
भारतीय शेयर बाजार (Share Market )
भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इस सप्ताह लगातार तीसरे व्यविसायिकी साल में बढ़त बनाने की तैयारी में दिखाई दे रहा है। विश्व मार्केट में गिरावट और दबाव के बावजूद भारतीय निवेशक आशाओं से भरे नजर आ रहे हैं और उनका पूरा मन एवं विस्वास के साथ अभी खरीदारी पर है।
बिशेषज्ञ का मानना है कि आज के कारोबार में भी शुरुआत में थोड़ा दबाव देखने को मिल सकता है, लेकिन निवेशकों का सकारात्मक भाव बना रहा तो सेंसेक्स आज 63 हजार के ऐतिहासिक आंकड़े को भी पार करने में सफल हो जायेगा।
सेंसेक्स पिछले सत्र में 177 अंक बढ़कर 62,682 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 55 अंक की बढ़त के साथ 18,618 पर पहुंच गया था।
एक्सपर्ट का मानना है कि आज के कारोबार में भी शुरुआती दौर में दबाब देखने को मिल सकता है कि विश्व मार्केट में चल रही गिरावट का असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है । लेकिन, यहां निवेशकों का भाव पूरी तरह सकारात्मक नजर आ रहा है जो खरीदारी पर जोर दे रहे हैं। आज भी यही भाव बरकरार रहा तो सेंसेक्स आराम से 63 हजार के आंकड़े को पार करने में सफल जायेगा।
अमेरिका और यूरोपीय बाजारों का हाल
अमेरिका में फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पिछले व्यावसायिकी साल में अमेरिका के सभी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर गिरावट दिखाई दे रही है। S&P 500 0.16 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ तो DOW JONES 0.01 फीसदी की बढ़त मिली , जबकि NASDAQ पर 0.59 फीसदी की गिरावट दिखाई दे रही है।
दूसरी ओर, यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में पिछले व्यावसायिकी सत्र के दौरान तेजी दिखी। जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 0.19 फीसदी के नुकसान पर बंद हुआ लेकिन फ्रांस के शेयर बाजार में 0.06 फीसदी की तेजी दिखाई दी । लंदन का स्टॉक एक्सचेंज भी 0.51 फीसदी के तेजी पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशिया के शेयर बाजारों में आज मिलाजुला रुख दिखाई दे रहा है। सिंगापुर के स्टॉक एक्सचेंज पर 0.11 फीसदी की गिरावट दिख रही तो जापान का निक्केई 0.74 फीसदी के नुकसान पर व्यवसाय कर रहा है।
हांगकांग के शेयर बाजार में भी 0.35 फीसदी का नुकसान दिखाई दे रहा है। वहीं, ताइवान का शेयर बाजार आज 0.12 फीसदी बढ़त बनाकर व्यवसाय कर रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी पर भी 0.51 फीसदी की तेजी दिखाई दे रही है।
ये शेयर दिलाएंगे मुनाफा
विशेषयज्ञओं की मानें तो शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? आज के व्यवसाय में कई ऐसे शेयर हैं, जिन पर निवेशकों की निगाह वनि रहेगी। ऐसे स्टॉक को हाई डिलीवरी पर्सेंटेज वाले स्टॉक कहा जाता है। आज इस श्रेणी के स्टॉक में ICICI Bank, HDFC, HDFC Bank, HDFC Life Insurance Company और बोसच आदि जैसी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
विदेशी निवेशकों का भरोसा कायम
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के पैसे लगाने का सिलसिला जारी है और पिछले व्यवसायी सत्र में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,241.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले । इसी दौरान भारतीय संस्थायों
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 434