Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

शेयर बाजार में उथल-पुथल के बीच निवेश का बेहतर फॉर्मूला, कम रहेगा जोखिम, ग्रोथ अच्छी

एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.

एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.

एक्सिस बैंक के अनुसार, हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं. जैसे इक्विटी में काफी ऊंची ग्रोथ और डिव . अधिक पढ़ें

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  • Last Updated : September 29, 2022, 16:06 IST

हाइलाइट्स

एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.
एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होता है.
बैंक के मुताबिक आप स्टॉक और एमएफ के जरिये निवेश कर सकते हैं.

नई दिल्ली. शेयर बाजार में उथल-पुथल जारी है. रुपया हर रोज कमजोर होता जा रहा है और दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में दबाव देखने को मिल रहा है. हालांकि इन सबके बीच अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में सोचें तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं. आप मार्केट के शेयरों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि सभी निवेश विकल्प का रिटर्न एक जैसा नहीं है. मार्केट में कुछ ऐसे कुछ एसेट्स हैं जो नुकसान दिखा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिससे निवेशकों को मुनाफा भी हो रहा है.

ऐसे में मार्केट के एक्सपर्ट्स निवेश विकल्पों की अलग- अलग स्थितियों में अलग-अलग चाल की वजह से हमेशा पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सलाह देते हैं. वे कहते हैं कि कभी भी अपना पूरा निवेश किसी एक एसेट में नहीं लगाना चाहिये. वे बताते हैं कि निवेशकों को अपना पैसा इक्विटी से लेकर गोल्ड तक में अपनी जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से लगाना चाहिये.

जानें निवेश करने को लेकर एक्सिस बैंक की राय
ऐसे में Market रिस्क क्या होता है एक्सिस बैंक ने अपने एक ब्लॉग के जरिये बताया है कि कोई निवेशक किस आधार पर अपना पैसा इन सभी एसेट्स में लगाये जिससे उसका जोखिम तो कम से कम हो वहीं रिटर्न भी ज्यादा से ज्यादा मिले. इसमें बैंक ने बैंक एसेट, एसेट एलोकेशन और निवेश के फॉर्मूले की जानकारी दी है. यहां हम एक्सिस बैंक द्वारा दी गई सलाह को विस्तार में बता रहे हैं. आप इस जानकारी से समझ सकते हैं कि कैसे अपनी रकम को सही तरह से निवेश किया जा सकता है.

हर एसेट के साथ जुड़े होते हैं अपने रिस्क और रिटर्न
एक्सिस बैंक के अनुसार, हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं. जैसे इक्विटी में काफी अच्छी ग्रोथ और डिविडेंड आय मिल सकती है. हालांकि इसमें जोखिम भी काफी अधिक होता है. एक्सिस बैंक के मुताबिक आप स्टॉक और म्यूचुअल फंड्स के जरिये इसमें निवेश कर सकते हैं. वहीं गोल्ड और डेट ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्प होते हैं, हालांकि इनमें इक्विटी जितनी तेज कमाई नहीं होती और डेट में निवेश को जल्द कैश कराने से रिटर्न पर असर देखने को मिलता है. इन एसेट्स में निवेश के लिये स्टॉक्स, एफडी, म्यूचुअल Market रिस्क क्या होता है फंड , ईटीएफ आदि के जरिये निवेश किया जा सकता है.

एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर होता है आधारित
एक्सिस बैंक के मुताबिक, एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होता है और जोखिम की क्षमता का सीधा मतलब कि आप इस निवेश को कितने समय तक के लिये छोड़ सकते Market रिस्क क्या होता है हैं, जिससे छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के दौर में भी आपको कोई समस्या न हो. दूसरे शब्दों में निवेश के समय को लेकर आपका लक्ष्य क्या है. एक्सिस बैंक ने इसके लिए एक फॉर्मूला बताया है जिसके आधार पर आप एसेट एलोकेशन कर सकते हैं.

एक्सिस बैंक ने निवेश को लेकर दी ये फॉर्मूला
इसमें बैंक ने बताया कि अगर आपको लगता है कि इस रकम की आवश्यकता एक से लेकर 3 साल में पड़ सकती है, जैसे शादी, बच्चों की पढ़ाई, या कोई बड़ा खर्च तो बेहतर है कि आप रकम का 95 प्रतिशत हिस्सा डेट में रखें और 5 प्रतिशत हिस्सा गोल्ड में निवेश करें, इक्विटी से दूर रहें. क्योंकि कई बार स्टॉक्स में तेज गिरावट के बाद उसे उबरने में सालों लग जाते हैं, भले ही वो रिकवरी की दौड़ लंबी अवधि में आपका पूरा नुकसान भर दे. लेकिन आपके पास उतना समय नहीं होता.

जानें, क्या होता है एसेट एलोकेशन ?
एसेट एलोकेशन का मतलब होता है कि आपके निवेश की रकम का कितना हिस्सा किसी खास एसेट जैसे इक्विटी, गोल्ड, डेट, प्रॉपर्टी में लगाया गया है और कितना कैश शेष है जिसे आप जरूरत के वक्त इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर किसी खास एसेट में निवेश बढ़ा सकते हैं. एसेट एलोकेशन का अंतिम लक्ष्य आपके पैसे पर निवेश जोखिम को कम से कम करना और रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होता है.

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Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना Market रिस्क क्या होता है चाहिए.

अफोर्डेबल रिल्क

अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.

‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.

तकनीकी का करें इस्तेमाल

ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

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Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

Investment Plan: म्यूचुअल फंड में आपको रिस्क तो उठाना पड़ सकता है, लेकिन यह शेयर मार्केट की तुलना में बहुत कम होता है. म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट्स अलग-अलग स्टॉक में छोटी मात्रा में निवेश करते हैं.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

Mutual Funds vs Share Market: आजकल के समय में हर व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है. शेयर मार्केट में निवेश करने का दो तरीका है. पहला कि निवेशक अपना एक डीमैट अकाउंट खोलें और इसके जरिए बाजार में निवेश करें. दूसरे तरीके में आपको म्यूचुअल फंड में एसआईपी की मदद से लंबे वक्त में मोटा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

दोनों तरीकों में आपके पैसे बाजार जोखिमों में आते हैं तो इनमें से किसमें निवेश करना ज्यादा सही माना जाता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी बाजार को लेकर समझ कितनी है. अगर आप सही जानकारी और समझ के साथ पैसे नहीं निवेश करेंगे तो आपके पैसे डूब जाएंगे.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

अगर आप शेयर मार्केट की चाल को समझते हैं और मार्केट की उठापटक को संभाल सकते हैं तो आपको लिए शेयर मार्केट में सीधे पैसे लगाना फायदेमंद हो सकता है. स्टॉक में निवेश करने के लिए आपको पास डीमैट अकाउंट जरूर होना चाहिए.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

शेयर मार्केट में आप कहां पैसे लगाना चाहते हैं यह सिर्फ आपका निजी फैसला होगा, लेकिन कहीं भी पैसे लगाने से पहले मार्केट एक्सपर्ट्स Market रिस्क क्या होता है से जानकारी लेना बहुत जरूरी है. इसमें आपको ज्यादा रिटर्न और ज्यादा रिस्क मिल सकता है.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

वहीं बात करें म्यूचुअल फंड की तो इसमें आपको रिस्क उठाना पड़ता है, लेकिन यह शेयर मार्केट की तुलना में बहुत कम होता है. आपके पैसों को म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट्स अलग-अलग स्टॉक में छोटी मात्रा में निवेश करते हैं. इससे आपके पैसे डूबने का रिस्क कम होता हैं और पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन आता है.

Investment Tips: म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में से कहां निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद! यहां जानें

अगर आप ज्यादा रिस्क उठाकर ज्यादा रिटर्न पाने के लिए तैयार हैं तो आप शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं, मगर आप छोटे निवेश करके लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक बेहतर ऑप्शन है.

Tags: Mutual Funds Share Market Investment investment tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी Market रिस्क क्या होता है न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.

एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.

एक्सिस बैंक के अनुसार, हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं. जैसे इक्विटी में काफी ऊंची ग्रोथ और डिव . अधिक पढ़ें

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  • Last Updated : September 29, 2022, 16:06 IST

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एक्सिस बैंक के अनुसार हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं.
एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होता है.
बैंक के मुताबिक आप स्टॉक और एमएफ के जरिये निवेश कर सकते हैं.

नई दिल्ली. शेयर बाजार में उथल-पुथल जारी है. रुपया हर रोज कमजोर होता जा रहा है और दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में दबाव देखने को मिल रहा है. हालांकि इन सबके बीच अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में सोचें तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं. आप मार्केट के शेयरों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि सभी निवेश विकल्प का रिटर्न एक जैसा नहीं है. मार्केट में कुछ ऐसे कुछ एसेट्स हैं जो नुकसान दिखा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिससे निवेशकों को मुनाफा भी हो रहा है.

ऐसे में मार्केट के एक्सपर्ट्स निवेश विकल्पों की अलग- अलग स्थितियों में अलग-अलग चाल की वजह से हमेशा पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सलाह देते हैं. वे कहते हैं कि कभी भी अपना पूरा निवेश किसी एक एसेट में नहीं लगाना चाहिये. वे बताते हैं कि निवेशकों को अपना पैसा इक्विटी से लेकर गोल्ड तक में अपनी जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से लगाना चाहिये.

जानें निवेश करने को लेकर एक्सिस बैंक की राय
ऐसे में एक्सिस बैंक ने अपने एक ब्लॉग के जरिये बताया है कि कोई निवेशक किस आधार पर अपना पैसा इन सभी एसेट्स में लगाये जिससे उसका जोखिम तो कम से कम हो वहीं रिटर्न भी ज्यादा से ज्यादा मिले. इसमें बैंक ने बैंक एसेट, एसेट एलोकेशन और निवेश के फॉर्मूले की जानकारी दी है. यहां हम एक्सिस बैंक द्वारा दी गई सलाह को विस्तार में बता रहे हैं. आप इस जानकारी से समझ सकते हैं कि कैसे अपनी रकम को सही तरह से निवेश किया जा सकता है.

हर एसेट के साथ जुड़े होते हैं अपने रिस्क और रिटर्न
एक्सिस बैंक के अनुसार, हर एसेट के साथ उसके अपने रिस्क और रिटर्न जुड़े होते हैं. जैसे इक्विटी में काफी अच्छी ग्रोथ और डिविडेंड आय मिल सकती है. हालांकि इसमें जोखिम भी काफी अधिक होता है. एक्सिस बैंक के मुताबिक आप स्टॉक और म्यूचुअल फंड्स के जरिये इसमें निवेश कर सकते हैं. वहीं गोल्ड और डेट ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्प होते हैं, हालांकि इनमें इक्विटी जितनी तेज कमाई नहीं होती और डेट में निवेश को जल्द कैश कराने से रिटर्न पर असर देखने को मिलता है. इन एसेट्स में निवेश के लिये स्टॉक्स, एफडी, म्यूचुअल फंड , ईटीएफ आदि के जरिये निवेश किया जा सकता है.

एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर होता है आधारित
एक्सिस बैंक के मुताबिक, एसेट एलोकेशन आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होता है और जोखिम की क्षमता का सीधा मतलब कि आप इस निवेश को कितने समय तक के लिये छोड़ सकते हैं, जिससे छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के दौर में भी आपको कोई समस्या न हो. दूसरे शब्दों में निवेश के समय को लेकर आपका लक्ष्य क्या है. एक्सिस बैंक ने इसके लिए एक फॉर्मूला बताया है जिसके आधार पर आप एसेट एलोकेशन कर सकते हैं.

एक्सिस बैंक ने निवेश को लेकर दी ये फॉर्मूला
इसमें बैंक ने बताया Market रिस्क क्या होता है कि अगर आपको लगता है कि इस रकम की आवश्यकता एक से लेकर 3 साल में पड़ सकती है, जैसे शादी, बच्चों की पढ़ाई, या कोई बड़ा खर्च तो बेहतर है कि आप रकम का 95 प्रतिशत हिस्सा डेट में रखें और 5 प्रतिशत हिस्सा गोल्ड में निवेश करें, इक्विटी से दूर रहें. क्योंकि कई बार स्टॉक्स में तेज गिरावट के बाद उसे उबरने में सालों लग जाते हैं, भले ही वो रिकवरी की दौड़ लंबी अवधि में आपका पूरा नुकसान भर दे. लेकिन आपके पास उतना समय नहीं होता.

जानें, क्या होता है एसेट एलोकेशन ?
एसेट एलोकेशन का मतलब होता है कि आपके निवेश की रकम का कितना हिस्सा किसी खास एसेट जैसे इक्विटी, गोल्ड, डेट, प्रॉपर्टी में लगाया गया है और कितना कैश शेष है जिसे आप जरूरत के वक्त इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर किसी खास एसेट में निवेश बढ़ा सकते हैं. एसेट एलोकेशन का अंतिम लक्ष्य आपके पैसे पर निवेश जोखिम को कम से कम करना और रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होता है.

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