जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

WazirX क्या है और P2P क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे काम करता है?

अगर आपको Cryptocurrency की थोड़ी बहुत भी समझ होगी तब आप लोगों ने जरुर WazirX के बारे में सुना ही होगा. लेकिन शायद आपको WazirX के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी, ऐसा इसलिए क्यूंकि ये बहुत ही नया cryptocurrency exchange है, और ये अब developement के stage में है. लेकिन अभी ये काफ़ी हद तक तैयार हो चुका है ट्रेडिंग ट्रेड कॉइन क्या है? करने के लिए।

बाकि देशों के तरह ही cryptocurrencies ने हम भारतीयों को भी अपने तरफ काफी आकर्षित किया है. आप किसी भी currency की बात करो चाहे तो Bitcoin हो या Ethereum हो सभी ने लोगों को अपने features के कारण ही लोगों को अपने तरफ आकर्षित किया है.

अभी के समय में WazirX एक ऐसा cryptocurrency exchange जो की भारतीयों के द्वारा काफी पसंद किया गया है. ऐसा इसलिए क्यूंकि बहुत ही ट्रेड कॉइन क्या है? कम ट्रेड कॉइन क्या है? समय में इसके बहतरीन features ने सभी का मन भाया है और साथ में इसे या इसके services को इस्तमाल करना बहुत ही आसान है. इस company का मूल उद्देश्य ही है की कैसे ये भारत का सबसे trusted Bitcoin exchange बन सके। सबसे अच्छी बात ये है की ये अपने उद्देस्य में सफल भी हो रहे हैं।

इसके लिए इन लोगों ने अपने plans के साथ साथ एक full crypto exchange भी launch किया है को की बहुत से अलग अलग प्रकार के cryptocurrency pairs को support करता है, WazirX तो अब खुद का token भी start कर चूका है, जिसका नाम इन्होने WRX Coin रखा है।

और जिसका इस्तमाल users इनके platform में कर सकते हैं, दूसरे currency के साथ। तो इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को Wazirx क्या है और ये कैसे काम करता है के बारे में जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको भी इसके विषय में कुछ information मिल सकें।

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच ट्रेड कॉइन क्या है? सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.

नेटवर्क फीस

  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस ट्रेड कॉइन क्या है? को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार ट्रेड कॉइन क्या है? हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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Crypto Spot Trading क्या होती है? What is Crypto Spot Trading in Hindi?

Crypto Spot Trading क्या होती है? What is Crypto Spot Trading in Hindi?

Crypto में ट्रेडिंग के लिए जब आप अपना Account Open करवाते हैं तो Crypto Exchanges के ऊपर आपको काफी कुछ देखने को मिलेगा। और उन्ही में सबसे महत्त्वपूर्ण है Spot Trading, तो “What is Crypto Spot Trading in Hindi?” लेख के माध्यम से इसकी सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
इसके अलावा अगर आप Crypto Spot Trading kaise kaam karti hai, Crypto Spot Market kya hai, Crypto Spot Trading kaise kaire, Crypto Spot Trading kya hoti hai आदि। तो इस लेख में हम आपको सभी सवालों का जवाब देगें।

Crypto Spot Trading क्या होती है? What is Crypto Spot Trading in Hindi?

अगर हम Cryptocurrency की दुनिया में बात करें Spot Trading के बारे में तो ये एक ऐसी प्रकिया होती है जिसमें Crypto Coins and Tokens की खरीदी और बिक्री निरंतर चलती रहती है। इसमें ट्रेडर का मुख्य उद्देश्य होता है किसी Coin को कम मूल्य पर खरीदकर अधिकतम मूल्य पर बेचा जाए। इसमें ट्रेडर अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहता है।

Spot Trading में ट्रेडर्स काफी कम समय के दौरान ही खरीदी बिक्री करते हैं। इसमें Spot Price के ऊपर खरीद कर मूल्य थोड़ा ऊपर जाते है बेच दिया जाता है। तथा पूरे दिन में ट्रेडर्स द्वारा काफी Spot Trades की जाती हैं।
यदि आप एक Spot Trader हैं तो आपको अपनी Crypto currency को लंबे समय तक Hold रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आपको तो बस कम समय में मुनाफा देने वाली रणनीतियों को खोजने की आवश्यकता है।

Crypto Spot Market क्या है? What is Spot Market in Crypto Hindi?

Cryptocurrency Market में Spot Market एक ऐसी जगह है ट्रेड कॉइन क्या है? जहां पर Exchanges Real time ट्रेड करने की सेवा उपलब्ध करवाते हैं। यहां पर आप दूसरे ट्रेडर्स के साथ में Real Time ट्रेड कर सकते हैं। और यहां पर विभिन्न प्रकार की Cryptocurrency में ट्रेड कर सकते हो। इस मार्केट में तीन मुख्य घटक होते हैं जिनमे Buyers, Sellers और Order Book शामिल होते हैं।

Spot Market में आप जिस वक्त ऑर्डर लगाते हैं उसी वक्त आपका ऑर्डर पूरा हो जाता है।
Spot Market कई प्रकार से काम करती है जैसे की 3RD Party Exchanges तथा OTC ( Over the Counter ) , जो Buyers और Seller’s के बीच में मध्यस्थ का काम करते हैं उन्हें 3rd Party Exchanges कहते हैं। वहीं दूसरी ओर OTC में Buyer और Seller के बीच में कोई भी मध्यस्थ नही होता।

Crypto Spot Trading के फायदे क्या हैं? Benefits of Spot Trading in Crypto Hindi

• अगर Crypto Spot Market में देखा जाए तो यहां पर मुनाफा कमाने की अधिक संभावना होती है। यहां पर खरीदी और बिक्री आप साथ साथ कर सकते हैं।
Spot Market Day Traders के लिए काफी फायदेमंद होती है क्योंकि यहां पर आप जल्दी जल्दी छोटे मुनाफे की काफी ट्रेड ले सकते हो।
• Spot Trading आपको मोलभाव करने की सेवा उपलब्ध करवाती है। यहां पर Buyer और Seller दोनों ही अपने फायदे के अनुसार मोलभाव कर सकते हैं। इसी मोलभाव के कारण Crypto Spot Trading काफी आकर्षक नजर आती है।
• Spot Market के अंदर छोटे पूंजी वाले ट्रेंड्स भी ट्रेड कर सकते हैं। क्योंकि यहां पर अधिक पूंजी का कोई नियम नहीं है। इस मार्केट में Crypto काफी अच्छे रिटर्न देते हैं इसलिए आप एक छोटी धन राशि से भी मोटा पैसा कमा सकते हैं।
• यहां पर आप Fiat Currency में ट्रेड कर सकते हो। तथा किसी एक Crypto से दूसरा Crypto Coin भी खरीद सकते हो।
• Spot Trading में सभी ट्रेंड्स तुरंत होती है, इसमें समय नहीं लगता है। इसलिए लिए इस मार्केट को निष्पक्ष कहा जाता है।
• इस मार्केट में आपको कम दामों पर टोकन खरीदने तथा अधिक मूल्य पर टोकन बेचने की सुविधा उपलब्ध होती है।

Difference Between Crypto Spot Market and Crypto Future Market in Hindi

जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं की Spot Market में तुरंत ट्रेंड्स पूरी होती हैं। वहीं दूसरी ओर Crypto Future Market में भविष्य में किसी ट्रेड की पेमेंट का Contract किया जाता है। जिसमें एक खरीदार और बेचने वाला दोनो किसी एक मूल्य पर अपने Crypto का भविष्य के लिए कॉन्ट्रैक्ट करते हैं।
Future Contract में आपको कोई भी Crypto currency खरीदने के आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसमें आप किसी Crypto Token को भविष्य में किसी तारीख पर बेचने या खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट करते हैं।
इसमें अगर आपको लगता है आने वाले दिनों में किसी Crypto currency के दाम बढ़ने वाले हैं तो इस स्तिथि में आप Long Position लेते हैं। दूसरी ओर अगर आपको लगता है किसी टोकन के दाम घटने वाले हैं तो उस स्तिथि में आप Short Position ले सकते हैं।
अगर हम बात करें Spot Market की तो यहां पर किसी Crypto currency के दाम उसके Demand और Supply के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं।

क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका ट्रेड कॉइन क्या है? पैसा, ये हैं वजहें

बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.50 लाख रुपये थी जो अब घटकर करीब 2.70 लाख रुपये रह गई है.

क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका पैसा, ये हैं वजहें

पेठे ने बताया कि जब मैंने कंपनी को कई बार फोन और दूसरे तरीके से संपर्क साधा तो अंत में तीन महीने बाद उनके अकाउंट में पैसा आया. पेठे का कहना है कि अब मुझे इस बात का डर लगने लगा है कि इस क्रिप्टोकरेंसी की स्कीम में मेरा किया हुआ निवेश डूबेगा तो नहीं. इसे देखकर पेठे जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाहते हैं. और भविष्य में वह इस तरह के निवेश से बचना चाहते हैं.

Bitcoins

Bitcoin is a cryptocurrency, or a digital currency, that uses rules of cryptography for regulation and generation of units of currency.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के मुताबिक भारत में रोजाना करीब 2500 नए ग्राहक इसमें पैसा लगा रहे हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट गोपाल जीवराजका के मुताबिक बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है और इसमें कोई फिजिकल एसेट नहीं हैं. इसके बावजूद बिटकॉइन में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जोकि काफी चिंता का विषय है.

itsblockchain.com के संस्थापक और बिटकॉइन एक्सपर्ट हितेश मालवीय का कहना है कि दूसरे किसी भी निवेश के साधन में इतने कम समय में इतना तगड़ा रिटर्न नहीं मिला है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए बड़ी संख्या में निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं. हालांकि अब लग रहा है कि भारतीय निवेशकों का इस क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाने का समय खत्म हो चुका है. इस साल जनवरी से सितंबर के बीच ही बिटकॉइन की कीमतें 5 गुना उछली हैं.

अब बिटकॉइन में भारी गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.5 लाख रुपये पर पहुंच गई थी. 14 सितंबर को भाव गिरकर 2.4 लाख रुपये पर आ गया. यानी महज दो हफ्ते में 31 फीसदी की भारी ट्रेड कॉइन क्या है? गिरावट. चीन में ऑनलाइन टोकन (इनीशियल कॉइन ऑफरिंग) पर रोक के बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है.

एक साल में 750% चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
पिछले एक साल में बिटकॉइन की कीमतें 750 फीसदी चढ़ी है लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसका दाम 30 फीसदी लुढ़का है. 20 सितंबर 2016 को एक बिटकॉइन का भाव 41,455 रुपये था. एक सितंबर को करीब 3.54 लाख रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 सितंबर को भाव 2.68 लाख पर आ गया. बिटकॉइन में आई यह गिरावट क्या निवेश का सुनहरा मौका है? हालांकि एक्सपर्ट अब बिटकाइन में निवेश से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं. ये हैं 7 वजहें क्यों बिटकॉइन या दूसरी वर्चुअल करेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए.

bitcoin

Investments in the digital currency have been rewarding for investors.

1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है.

2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.

3-अगर आप वर्चुअल करेंसी के बारे में नहीं जानते तो इससे दूर रहें
दुनियाभर के कई बड़े बैंकों और जानकारों ने इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से दूर रहने की सलाह दी है. उनकी नजर में बिटकॉइन का बुलबुला कभी भी फूट सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक जेपी मॉर्गेन के सीईओ जैमी डिमॉन का तो यहां तक कहना है कि यह छुईमई के पौधे से भी ज्यादा संवेदनशील है.

4- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.

5- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.

bitcoin

A federal government panel is examining options such as banning, regulating or limited intervention for virtual currencies in India.

6- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.

7- गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.

क्रिप्टो करेंसी क्या है in Hindi

क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की "करेंसी" होती है जिसे Exchange के रुप मे इस्तमाल करते है. जिसकी स्वामित्व कंप्युटर डाटा बेस मे सेव किया जाता है. इसकी किमत भी Demand और Supply के अनुसार कम जादा होती रहती है.

आजकल Cyrpto Currancy के बहुत चर्चे है, इसकी सबसे बडी वजह है Bitcoin नामक एक Crypto Currancy जो की कभी 1 रुपये से चालु हो गई थी पर कुछ ही दिन पहले 50 लाख के उपर जाकर आई है एक Bitcoin की किमत तो ऐसे मे आप सोच सकते हो की क्यों इतनी क्रेज बढ गई है Crypto Currancy की.

जहाँ पे Bank, Mutual Fund की माने तो 10 से 12 प्रतिशत ट्रेड कॉइन क्या है? के उपर कोई भी रिटर्न नहीं देता और ये Crypto Currancy 5 से 10 साल मे किसी के पास हजारो के भी Crypto Currancy मौजुद थी उसे करोडपती बना देते है.

आनेवाला समय मे Crypto Currancy की डिमांड बहुत बढने वाली है क्यों की अभी तो सिर्फ Bitcoin की वजह से यह चर्चा मे आये है अभी लोग इसमे धिरे धिरे इनवेस्टमेंट करना चालु करेंगे.

पहले लोग कहते थे की बॅक एफडी अच्छा बादमे सोने और प्रोपर्टी मे लोग रुची लेने लगे कुछ सालो पहले म्युचुअल फंड काफी चर्चा मे था लेकिन आज Share Market के मुकाबले भी बहुत ही जादा रिटर्न्स इस Crypto Currancy ने दिये है.

अभी जो सबसे जादा चर्चा की जा रही है वह है Doge Coin क्यों की Elon Musk ने भी इसके बारे सामने आकर कुछ स्टेटमेंट दिये थे ट्वीट किये थे तब से Doge Coin काफी चर्चा मे बना है.

Doge Coin क्या है?

Dogecoin का अविष्कार साल 2013 मे हो गया था, अमेरिकन इंजिनियर "बिली मार्कस और जॅक्सन पालमर" इन दोनो ने इसकी खोज की है.

Telegram

इसकी कहानी काफी दिलचस्प है मजाक मजाक मे बनाया गया एक मिम्स पर से प्रभावित होकर इसे बनाया गया है, यह बहुत ही हास्यस्पद कहानी है.

अपना रुपये करेंसी पर आधारीत है, Bitcoin Blockchain पर आधारीत है पर यह Doge Coin एक Meme ट्रेड कॉइन क्या है? पर आधारीत है, है ना कमाल की बात.

बिली और जॅक्सन का कहाना है की Doge Coin का खयाल उन्हें 2013 मे आया था उन्होंने कहा चलो दो चीजो को मिलाते है जो इंटरनेट पर ट्रेंड मे है, Dog और Meme और उसके उसके बाद इस Doge Coin का जन्म हुआ.

Crypto Currancy बनाना आजके समय मे कोई बडी बात नहीं है आपको थोडी बहुत Coding की जानकारी चाहिये इससे आप भी अपनी काॅईन निकाल सकते है.

"Bitcoin Vs Doge Coin"

Dogecoin का जो कोडिंग आधारित है वह है Litecoin पर, Litecoin के Altcoin है इसके कुुुछ Advantages है अगर आप इसे Bitcoin से तुलना करे, Bitcoin की तुलना मे इसे कम समय लगता है Transaction करने के लिये और प्रोसेसिंग के लिए. लेेकिन आजके समय मे Dogecoin की Market Value अब Doge Coin से भी आगे निकल गई है.

अगर Crypto Currancy की बात करे तो World मे Bitcoin, Ethereum, Binance के बाद Dogecoin सबसे बडी Crypto Currancy बन गई है.

कहा इस्तमाल होता था यह Dogecoin?

इसकी शुरवात हुई थी "Reddit" नामक वेबसाईट पर जब कोई पोस्ट करता था और जिसे पोस्ट पसंद आती थी वह उसे टिप के तौर पर Doge coin देता था बाद मे जाके इसकी ट्राझेक्शन मे काफी इजाफा हुआ और यह दिनभदिन लोकप्रिय होने लगा शुरवात मे 1 Dogecoin की किमत सिर्फ 0.0002¢.

"Dogecoin News Elon Musk"

2018 मे Elon Musk की मुलाकत हुई जॅक्सन पालमर से जो की Twitter पर फेक अकाउंट होते है, Crypto Currancy के स्केम होते है और लोगो को बेवकुफ बनाते Elon Musk इने रुकवाना चाहते थे. तब उनको पता चला Dogecoin के बारे मे बाद मे जाके उन्होंने कहा था Dogecoin मेरी पसंदिदा Currancy है. इसके बाद उन्होंने काफी जिक्र किया Dogecoin के बारे मे.

1 Dogecoin बराबर "1 डाॅलर"

जो भी Dogecoin को सपोर्ट करते है वह 1 Dogecoin को 1 डाॅलर के बराबर लाना चाहते है आज के समय एक Dogecoin की किमत है लगभग 50-60 ¢.

Doge coin कैसे खरिदे?

इसको खरिदना काफी आसान है जैसे आप Bitcoin और दुसरे Crypto Currancyखरिदते हो वैसे ही Crypto Currancy Exchange Platform का इस्तमाल करके आप इसे खरिद सकते हो.

भारत मे Coin Switch और Coin DCX जैसे प्लॅटफॉर्म अभी मौजुद है जिनकी मदत से आप चुटकियों मे Dogecoin या कोईभी काॅईन खरिद सकते हो.

Dogecoin कीमत भविष्यवाणी

"Dogcoin कीमत भविष्यवाणी" कोई भी नहीं कर सकता, Dogecoin एक Cultural Trend है , इसकी खुद की कोई व्हाल्यु नहीं है. इसका कोई लाॅजिक भी नहीं है की यह आज खरिद कर रखेंगे तो इसकी किंमत 10X, 100X, 1000X होगीं. यह सच भी हो सकता है लेकिन Cultural Trend जितनी तेजी से बढते है उतनी ही तेजी से गिरते भी है.

Bitcoin हमारे सामने Revolution Technology पर आधारित है देखा जाये तो Dogecoin Bitcoin से जादा रिस्की है. Bitcoin एक Alternative Monitory System चलाता है.

निष्कर्ष/ Conclusion:

वैसे देखा जाये तो "Dogecoin price prediction" कोई नहीं कर सकता. Doge Coin मे इनवेस्टमेंट Bitcoin से भी जादा रिस्की है क्योंकी यह Culture Trend पर आधारित है, वैसे देखा जाये तो क्रिप्टो करंसी को कोई सरकार Monitor नहीं करती इसलिये थोडा सोच समझकर ही हमे Crypto Currancy मे इनवेस्टमेंट करना चाहिये चाहे वो Dogecoin हो या फिर Bitcoin, Ripple या फिर Litecoin.

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