इन दिनों कई म्यूचुअल फंड (mutual fund – MF) नए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (exchange traded fund – ETF) लॉन्च कर रहे हैं. कुछ ETF व्यापक रूप से डायवर्सिफाइड सूचकांकों को ट्रैक करते हैं, जबकि अन्य किसी सेक्टर या थीम पर ध्यान केंद्रित करते हैं. बुल मार्केट में इनमें से कुछ बाजार में अच्छे रिटर्न देने के लिए आकर्षक लग सकते हैं. यहां पांच कारक दिए गए हैं, जिन्हें आपको निवेश करते समय टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू याद रखने चाहिए.
बैंक खाते में पैसा रखें तैयार, आज से खुल गया Global Health और Bikaji Foods का IPO, जानें अनिल सिंघवी की राय
Global Health and Bikaji Foods IPO: Global Health और Bikaji Foods का आईपीओ आज से खुल गया है. ग्लोबल हेल्थ और बीकाजी फूड्स के आईपीओ को सब्सक्राइब करें या नहीं, इस पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय दी है.
IGlobal Health and Bikaji Foods IPO: आज यानी 3 नवंबर को शेयर बाजार में 2 दमदार कंपनियां एंट्री लेने वाली हैं. आज शेयर बाजार (Share Market) में ग्लोबल हेल्थ और बीकाजी फूड्स का आईपीओ आने वाला है. Global Health और Bikaji Foods का आईपीओ आज से खुल गया है और इन दोनों ही कंपनियों के आईपीओ में निवेशक 7 नवंबर तक पैसा लगा सकते हैं. ग्लोबल हेल्थ और बीकाजी फूड्स के आईपीओ को सब्सक्राइब करें या नहीं, इस पर टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय दी है. अनिल सिंघवी ने बताया है कि निवेशकों को इन दोनों कंपनियों के आईपीओ में क्या स्ट्रैटेजी रखनी चाहिए.
Bikaji Foods IPO: ये है अनिल सिंघवी की राय
इस कंपनी का आईपीओ आज से खुल गया है और यहां 7 नवंबर तक टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू पैसा लगाया जा सकता है. कंपनी ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड 285-300 रुपए के बीच तय किया है. इस पर अनिल सिंघवी ने लंबी अवधि के लिए पैसा लगाने की सलाह दी है.
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Bikaji Foods IPO: क्या है पॉजिटिव और निगेटिव
अनिल सिंघवी ने इस कंपनी के पॉजिटिव और निगेटिव आस्पैक्ट भी बताए हैं. अनिल सिंघवी ने इसके सकारात्मक तथ्यों में बताया कि ये एक मजबूत ब्रांड है और इसके प्रमोटर्स काफी अनुभवी हैं. इसके अलावा कंपनी का ग्रोथ ट्रैक काफी शानदार है और ये कंपनी लगभग जीरो डेट वाली कंपनी है.
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इसके अलावा अनिल सिंघवी ने इसके निगेटिव पहलुओं के बारे में बताते हुए कहा कि कंपनी के मार्जिन स्टेबल नहीं है. इस कंपनी का फोकस उत्तरी भारत में काफी ज्यादा है और इसके वैल्यूएशन्स भी महंगे हैं. हालांकि मैनेजमेंट टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू ने इस बात का भरोसा दिया है कि वो आने वाले समय में मार्जिन को 14-15 फीसदी तक लाने की कोशिश करेंगे. ये कंपीन 92 के पीई मल्टीपल पर ट्रेड करता है.
Global Health IPO: अनिल सिंघवी की राय
बीकाजी फूड्स के अलावा ग्लोबल हेल्थ यानी मेदांता का भी आईपीओ आज से खुल गया है और यहां निवेशक 7 नवंबर तक पैसा लगा सकते हैं. अनिल सिंघवी ने यहां भी लंबी अवधि के लिए पैसा लगाने की सलाह दी है. अनिल सिंघवी ने इस कंपनी के भी पॉजिटिव और निगेटिव पहलू बताए हैं.
अनिल सिंघवी ने इस शेयर में लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी है. अनिल सिंघवी का कहना है कि कंपनी के प्रमोटर्स टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू काफी अनुभवी हैं. अनिल सिंघवी ने बताया कि ये कंपनी मेदांता टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू हॉस्पिटल चलाती है और देश में इसके 5 अस्पताल है. इसके प्रमोटर्स नरेश त्रेहान हैं. इसके अलावा कंपनी के फाइनेंशियल्स काफी मजबूत हैं और ग्रोथ आउटलुक काफी स्ट्रॉन्ग है.
बात करें निगेटिव पहलू की तो कंपनी का एट्रिशन रेट काफी ज्यादा है. 32 फीसदी एट्रीशन रेट डॉक्टर्स का है. इस अस्पताल का फोकस सिर्फ उत्तरी और पूर्वी भारत में ज्यादा है. इसके अलावा वैल्यूएशन्स रिजनेवल हैं.
लिक्विडिटी की कमी
भारत में ETF अक्सर लिक्विडिटी की कमी के कारण काफी हद तक प्रभावित होते हैं. निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी जैसे लोकप्रिय सूचकांकों पर नजर रखने वाले ETF को छोड़कर निवेशकों को नेट एसेट वैल्यू के पास ट्रेड करना मुश्किल हो सकता है. यदि आप एक हाई नेट वर्थ वाले व्यक्ति हैं या आपने बड़ी संख्या में इकाइयाँ जमा कर रखी है, तो लिक्विडिटी की कमी के कारण इन इकाइयों को बेचने में समस्या हो सकती है.
यदि आप ETF खरीद रहे हैं तो योजना के प्रबंधन के तहत संपत्ति और स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच जरूर कर ले और यदि अगर आप दोनों को कम पाते हैं, तो ऐसे में आप फंड ऑफ फंड रूट के जरिए निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. कई बड़ी एएमसी ने ETF में फीड करने के लिए फंड ऑफ फंड स्कीम भी टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू लॉन्च की है. ये एफओएफ योजनाएं दिन के अंत में लिक्विडिटी टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू सुनिश्चित करती हैं, हालांकि इसके लिए अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है.
कंसंट्रेशन रिस्क
ETF के अंतर्निहित पोर्टफोलियो की जांच करें. इसके द्वारा ट्रैक किए गए इंडेक्स और इंडेक्स के घटकों की जांच करें. यदि इंडेक्स में बहुत कम स्टॉक हैं या एक या दो स्टॉक बड़े आवंटन किये गए हैं, तो आपको सावधान टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू हो जाना चाहिए. यह अक्सर सेक्टोरल इंडेक्स ETF में होता है.
निफ्टी IT TRI पर नजर रखने वाले ETF का उदाहरण लेते हैं- इस इंडेक्स में केवल 10 स्टॉक हैं और इंफोसिस और TCS ने मिलकर इंडेक्स का 50% से अधिक हिस्सा लिया हुआ है. निवेश की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सेक्टर कैसा परफॉर्म करता है और किसी एक स्टॉक में एक प्रतिकूल विकास जहां आवंटन बड़ा है, निवेश पर रिटर्न को कम कर सकता है और साथ ही साथ रिस्क को भी बढ़ा सकता है.
पास्ट रिटर्न
कई बार निवेशक पिछले रिटर्न को देखते हुए ETF का चयन करते हैं. यदि ETF ने हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन किया है, तो यह माना जाता है कि यह अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा. लेकिन, ऐसा करने से आप कभी-कभी एक ऐसे सेक्टर पर नज़र रखने वाले ETF में प्रवेश कर सकते हैं जो अपने पीक पर हो सकता है.
ऐसा ETF पिछले कुछ वर्षों या दिनों में बहुत अच्छे रिटर्न दिखा सकता है. लेकिन यह उस समय का सबसे अच्छा दांव नहीं हो सकता है. इसीलिए निवेश से पहले आपको यह पता लगाना होगा कि भविष्य में इस ETF से किस प्रकार का रिटर्न मिलने की सम्भावना है और उसके अनुसार अपनी रणनीति बनानी होगी. ऐसे में आप जरूरत पड़ने पर किसी एडवाइजर से सलाह भी ले सकते हैं.
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