शेयर बाजार में आई गिरावट के बीच न करें ये गलतियां, उठाना पड़ेगा तगड़ा नुकसान

अगर आपको पता है कि आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें.

शेयर बाजार में आई गिरावट के बीच न करें ये गलतियां, उठाना पड़ेगा तगड़ा नुकसान

विदेशी बाजारों से मिले संकेतों की वजह से शेयर बाजार (Stock Market) में फिलहाल गिरावट देखने को मिल रही है. घरेलू बाजारों में महंगाई, कच्चे तेल और रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) का दबाव देखने को मिल रहा है. इससे निवेशकों खास तौर पर छोटे निवेशकों के बीच हलचल मच गई है. बाजार में नुकसान उठाने वाले निवेशकों के सामने सवाल है कि वो अपने निवेश का क्या करें. वहीं दूसरी तरफ बाजार में आई गिरावट का फायदा उठाने की कोशिश में जुटे छोटे निवेशक भी ‘क्या करें’ वाली स्थिति में हैं. अक्सर देखने को मिलता है कि ऐसी स्थिति में निवेशक (Small Investor) ये भूल जाते हैं कि उन्हें क्या नहीं करना चाहिए. Groww ने एक ब्लॉग के जरिए समझाया है कि छोटे निवेशकों को बाजार में गिरावट के समय क्या नहीं करना चाहिए.

घबराकर बाजार से पूरा निवेश निकालना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि आप कुछ न करें. बेहतर है कि आ रही खबरों से ज्यादा दिमाग उन कंपनियो पर लगाएं जिसमें आपने निवेश किया है. अगर आपको पता है कि आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं.

निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार से नुकसान उठाते ही निवेश भी बंद कर देते हैं. बाजार में नुकसान उठाने वाले अधिकांश छोटे निवेशकों को गलत फैसलों की वजह घाटा होता है. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें. हां ये भी सही है कि कोई स्टॉक आकर्षक दिख रहा है तो बिना सोचे समझे पैसे लगा दें. आपको बता दें कि कोविड के दौरान बाजार में आई गिरावट के बाद कई स्टॉक्स ने अगले एक साल में जितना निवेश दिया था उतना फिलहाल आने वाले कुछ सालों मे दिखना मुश्किल हैं. हालांकि ये रिटर्न उन्ही निवेशकों को मिला जिन्होने बाजार के क्रैश होने के बाद भी अपनी निवेश संभावनाओं को बंद नहीं किया था.

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है लेकिन शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के आधार पर ही फैसला लेना सही नहीं है. एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

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बड़े निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है. पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा उन्हें ये भी नहीं पता होता है कि बाजार की गिरावट की खबरों की बीच कोई ऐसी खबर आई हो जो वास्तव में उस कंपनी के लिए खराब हो और आप मान रहे हैं कि बाजार संभलते ही स्टॉक भी संभल जाएगा, जबकि एक्सपर्ट जानते हों कि ऐसा है नहीं. तीसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है. दरअसल बाजार में गिरावट के साथ अनिश्चतता भी हावी होती है और इसे छंटने में समय लग सकता है. छोटे निवेशकों के साथ समस्या तब होती है जब वो बड़ी रकम मार्केट में फंसा देते हैं. और किसी मजबूरी में उन्हें सही सौदे से गलत वक्त में बाहर निकलना पड़ जाता है. बेहतर यही है कि अगर आपको बाजार में गिरावट के बीच कोई स्टॉक समझ में आ रहा है तो इतना पैसा ही फंसाएं जिसे आप पनपने का पूरा वक्त दे सकें.

शेयर बाजार में निवेश का सही मौका और तरीका जानना है तो सुनें SBI म्यूचुअल फंड के डिप्टी MD की बात

निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.

निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.

SBI म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह ने कहा कि इस साल निफ्टी-50 ने बड़ी गिरावट के बाद शानदार र . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 15, 2022, 17:10 IST

हाइलाइट्स

SBI म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह से मनीकंट्रोल से की बात.
कहा- निवेश के लिए मार्केट में प्रवेश करने का सही समय कब आएगा, इसका इंतजार न करें.
पहली बार शेयरों में पैसा लगाने वाले निवेशक कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं.

नई दिल्ली. दुनियाभर के देशों में चल रही राजनीतिक उठापटक, रूस-यूक्रेन विवाद और चीन-ताइवान तनाव के कारण कई तरह की आर्थिक चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं. परंतु, इन सबके बावजूद तुलनात्मक रूप से भारत में माहौल अब भी अच्छा है. पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में भी काफ़ी सुधार देखा गया है.

विदेशी निवेशकों (Foreign Institutional Investors) ने फिर से भारतीय बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया है. पिछले साढ़े तीन महीनों में विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से भारतीय स्टॉक मार्केट में 65 हजार करोड़ रुपये लगाए है. भारतीय शेयर बाजार में जब सबकुछ इतना ठीक चल रहा है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आप इस समय निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए क्या करना सही रहेगा?

लंबी अवधि के निवेश पर करें ज्यादा फोकस
इस सवाल का जवाब जानने के लिए Network18 ग्रुप की वेबसाइट मनीकंट्रोल (MoneyControl) ने एसबीआई म्यूचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह से बात की. सिंह ने कहा कि इस साल निफ्टी-50 ने बड़ी गिरावट के बाद शानदार रिकवरी दिखाई है. जो छोटे निवेशक (Retail Investors), निवेश करने के लिए अब तक सही मौके का इंतजार कर रहे थे, उन्हें धीरे-धीरे शेयरों में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए. निवेश के लिए मार्केट में उतरने के लिए सही समय का इंतजार न करें. निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस करना चाहिए. क्योंकि लंबी अवधि के निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है.

निवेशकों के लिए क्या है सही
डीपी सिंह का कहना है कि निवेशकों को सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वे शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हैं या नहीं. यह तय हो जाने पर उन्हें एक्टिवली-मैनेज्ड फंड में निवेश शुरू करना चाहिए. इसका कारण यह है कि इस तरह के फंड्स का रिटर्न मार्केट के बेंचमार्क की तुलना में ज्यादा रहता है. इनमें निवेश करने से पहले आपको फंड के पिछले एक साल या अगले एक साल के रिटर्न को देखने की जरूरत नहीं है. बाजार के एक बिजनेस साइकिल में शेयर या किसी सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा हो सकता है. लेकिन यह जरूरी नहीं कि दूसरे साइकिल में भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा. इसलिए किसी भरोसेमंद फंड हाउस के फंड मैनेजर की स्कीम में अपना निवेश करते रहें.

कहां से करें शुरुआत
शेयर बाजार में पहली बार पैसा लगाने जा रहे निवेशकों के लिए सिंह ने कहा कि पहली बार शेयरों में पैसा लगाने वाले निवेशक कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं. क्योंकि ये फंड अपना 25 फीसदी शेयरों में इनवेस्ट करते हैं और बाकी 75 फीसदी डेट (बॉन्ड्स) में निवेश करते हैं.

क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी
शेयरों में अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए. वैश्विक स्तर पर माहौल काफ़ी तनावपूर्ण रहा है. रूस यूक्रेन की लड़ाई जारी है. चीन और ताइवान में भी टकराव की स्थिति बनी हुई है. यह वास्तव में चिंता की बात है. लेकिन इसी बीच क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी आई है, जो भारत के लिए के लिए अच्छी बात है.

आगे उन्होंने कहा कि रूस ने अमेरिका और यूरोपीय देशों पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उससे भारत को फायदा होता दिख रहा है. इस समय भारत रूस से बहुत कम दाम पर क्रूड आयल खरीद रहा है. चीन के पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं इसका भी भारत फायदा उठा सकता है.

आईपीओ में पैसे लगाना कितना सही?
आईपीओ में पैसे लगाने के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह निवेश करने वाले की क्षमता पर निर्भर करता है. इसके लिए सबसे पहले कंपनी के बारे में विश्लेषण करना जरूरी है. एक फंड हाउस जिस तरह से किसी कंपनी के मैनजेमेंट और उसकी बुनियादी बातों को समझ सकता है, वह किसी रिटेल इनवेस्टर के लिए मुमकिन नहीं है. अगर आप कंपनी के बारे में पूरी तरह से जानते हैं तो फिर आप आईपीओ में निवेश कर सकते हैं.

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छोटे निवेशकों के लिए आईपीओ से कमाई का बड़ा मौका

भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सूखा खत्म होने वाला है। कोरोना संकट के बाद बाजार में आई गिरावट के बाद अब मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है।.

छोटे निवेशकों के लिए आईपीओ से कमाई का बड़ा मौका

भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सूखा खत्म होने वाला है। कोरोना संकट के बाद बाजार में आई गिरावट के बाद अब मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है। वह फिर से आईपीओ ला रही हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक 34 कंपनियां आईपीओ लाने की कतार में खड़ी हैं। इसी माह यानी सितंबर में छह कंपनियां आईपीओ ला रही हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह छोटे निवेशकों के लिए बहुत ही बेहतरीन मौका है। अच्छी कंपनियों के आईपीओ में निवेश कर वे मोटी कमाई कर सकते हैं।


ऐसे सही आईपीओ का चुनाव करें
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही आईपीओ पहचान हो जाए तो बेहद कम समय में आपकी रकम दो से तीन गुना बढ़ सकती है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं, जिनकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 50 फीसदी या 100 फीसदी ज्यादा भाव पर हुई है। हालांकि, इसके लिए सही रणनीति जरूरी है। किसी भी आईपीअइो में निवेश से पहले क्यूआईबी यानी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का पता करें। साथ ही कंपनी के काम, बैलेंस सीट, भविष्य की योजनाओं का विस्तार से रिसर्च करें। विशेषज्ञों से क्यूआईबी का सही मूल्यांकन करा सकते हैं। इसके बाद आईपीओ का मूल्य देंखे। अगर सब कुछ ठीक लगे तो ही निवेश करें। कभी भी किसी कंपनी के कारोबारी मॉडल और बैलेंस सीट जाने बिना निवेश नहीं करें।


एलआईसी के लिए बड़ा बेस तैयार होगा
कोरोना संकट के बीच शेयर बाजार में तेजी से छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इससे कंपनियां भी आईपीओ लाने को प्रोत्साहित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस साल आने वाली जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के लिए बड़ा बेस तैयार करने का काम करेगा। सरकार एलआईसी के जरिए 80 हजार करोड़ रुपये बाजार से जुटाना चाहती है। इसके लिए करीबन 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिकेगी। सरकार इस आईपीओ में बड़े पैमाने छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका पर रिटेल निवेशकों की भागीदारी देख सकती है। आंकड़े बताते हैं कि 2019 में आईपीओ ने अच्छा रिटर्न दिया था। इस साल सबकी निगाहें एलआईसी के आईपीओ पर है।

अर्थव्यवस्था को बुस्टअप डोज
विशेषज्ञों का कहना है कि आईपीओ आने से यह संकते मिलते हैं कि कंपनियों को देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है। कंपनियों में निवेशकों के पैसा लगाने से उनको अपनी कारोबारी जरूरत को पूरा करने और विस्तार देने में मदद मिलती है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और बाजार में तेजी आती है। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था के लिए आईपीओ को बुस्टअप डोज माना जा सकता है।

सितंबर महीने में इन कंपनियों के आईपीओ

कंपनी आकार
हैप्पी माइंड्स 702 करोड़
रूट मोबाइल 600 करोड़
एजेंल ब्रोकिंग 600 करोड़
कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज 1500 करोड़
चेमकॉन स्पेशिएलिटी केमिकल 350 करोड़
यूटिआई एमसी 3800 करोड़

कोरोना के चलते आठ माह में सिर्फ दो आईपीओ आएं

साल कुल आईपीओ की संख्या
2010 64
2011 37
2012 11
2013 03
2014 05
2015 21
2016 26
2017 36
2018 24
2019 16
2020 02

Money Guru: चढ़ते बाजार में कहां करें निवेश? इक्विटी में क्या हो स्ट्रैटेजी? एक्सपर्ट से यहां जानें स्मार्ट फंडा

Money Guru: निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि चढ़ते बाजार में कहां निवेश करें? खासकर इक्विटी में निवेश की क्या स्ट्रैटेजी हो ? डेट का पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

Money Guru: शेयर बाजार में काफी गिरावट और उतार-चढ़ाव के दौर के बाद पिछले कुछ दिनों से मार्केट में उछाल का ट्रेंड देखा जा रहा है. ऐसे में बाजार का निवेश का असर होना लाजिमी है. अब निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि चढ़ते बाजार में कहां निवेश (Where to invest in a bullish market) करें? खासकर इक्विटी में निवेश की क्या स्ट्रैटेजी हो ? डेट का पोर्टफोलियो कैसे बनाएं? ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर हो रही उलझन यहां दूर कर सकते हैं. हम फौजी इनिशिएटिव के सीईओ कर्नल संजीव गोविला(रिटायर्ड) और फिनकार्ट के सीईओ तनवीर आलम से हम यहां इन बातों को समझते हैं.

बाजार का निवेश पर असर
दुनियाभर के बाजार में उतार-चढ़ाव
जियो-पॉलिटिकल टेंशन,महंगाई का असर
भारत में बढ़ती ब्याज दरों का दौर
बाजार में टेंशन से निवेश में नुकसान
भारत में दूसरी अर्थव्यवस्थता के मुकाबले बेहतर स्थिति
भारतीय बाजार में रिकवरी के बेहतर संकेत

इक्विटी-कहां निवेश सही?
लार्जकैप फंड (Large Cap Fund) में निवेश करना सही
अस्थिर बाजार का लार्जकैप पर कम असर
फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करना बेहतर
फ्लेक्सीकैप में मार्केट कैप में बदलाव का विकल्प
जोखिम लेने वाले,मिड,लार्ज एंड मिड,मल्टी और स्मॉलकैप में जाएं
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड,बाजार की छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका अस्थिरता में बेहतर

इक्विटी-कहां निवेश नहीं
सेक्टर आधारित निवेश करने से बचें
सेक्टोरल फंड काफी अस्थिर हो सकते हैं
थीम बेस्ड फंड में निवेश जांच-परखकर करें
किसी थीम के अच्छे/बुरे प्रदर्शन का फंड पर असर

डेट-कहां निवेश सही?
शॉर्ट टर्म डेट फंड (short term debt fund) में निवेश करें
छोटी अवधि की FD करें
बड़ी कंपनियों की कॉर्रपोरेट FD करें

डेट-कहां निवेश नहीं
लंबी अवधि की FD में पैसे नहीं डालें
मार्केट लिंक्ड डिबेंचर में अभी निवेश से बचें
मार्केट लिंक्ड डिबेंचर अभी निवेश के लिए रिस्की
टार्गेट मैच्योरिटी फंड में शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव संभव

फ्लेक्सीकैप फंड
बाजार के उतार-चढ़ाव में Flexicap Fund जोखिम कम करता है
फंड मैनेजर के लिए मार्केट कैप एक्सपोजर बदलना आसान
निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो बैलेंस करना आसान
छोटे निवेशकों के लिए फायदेमंद स्कीम
बेहतर करने वाले स्टॉक में निवेश बढ़ा सकते हैं
कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न का फायदा
कैटेगरी का इक्विटी में कम से कम 65% निवेश

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
BAF बाजार के उतार-चढ़ाव में कारगर
BAF: बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
बाजार की गिरावट को मैनेज करना खासियत
इक्विटी-डेट के बीच एलोकेशन घटाना-बढ़ाना संभव
फंड वैल्युएशन बेस्ड या ट्रेंड बेस्ड मॉडल पर आधारित
शेयरों का भाव ज्यादा तो फंड बॉन्ड में ज्यादा पैसे लगाते हैं
भाव लुढ़क जाते हैं तो बॉन्ड से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश

सवाल-जवाब
एक निवेशक जिनकी उम्र 29 साल

8 फंड में 15 हजार की SIP
7 करोड़ बनाने का लक्ष्य
NPS में 13 हजार का मासिक योगदान
40-50 हजार निवेश का विकल्प बताएं।

निवेशक का पोर्टफोलियो
फंड निवेश
Quant Absolute Fund ₹1500
Parag Parikh Flexi cap ₹1500
Quant Small cap ₹1000
Tata Digital Ind. ₹1000
PGIM Ind. Midcap Opp. ₹1500
Canara Robeco Smallcap ₹2500
Edelweiss IPO ₹1500
Nippon Balanced + portfolio ₹5000

निवेशक को सलाह
थीमैटिक,स्मॉलकैप में बड़ा निवेश नहीं करें
नया निवेश डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में करें
मौजूदा निवेश से 7 करोड़ का लक्ष्य 20 साल में हासिल करेंगे
NPS में इक्विटी का एक्सपोजर ज्यादा रखें
पोर्टफोलियो में लार्जकैप,फ्लेक्सीकैप,मिडकैप शामिल करें
निवेश रकम को हर साल 7-10% से बढ़ाते रहें

एक निवेशक जिनकी उम्र 33 साल
मासिक आय- ₹90 हजार
70 लाख का टर्म प्लान
हेल्थ इंश्योरेंस- ₹4 लाख+₹16 लाख(टॉप-अप)
NPS में कुल वैल्यू- ₹1.95 लाख
SSY में कुल वैल्यू- ₹1.20 लाख
6 फंड में ₹30 हजार की SIP
12 साल में जमीन के लिए ₹44 लाख लक्ष्य
13 साल में घर के लिए ₹95 लाख का लक्ष्य
15-18 साल में बेटी की पढ़ाई- ₹12 लाख लक्ष्य
22 साल में बेटी की शादी-₹75 लाख का लक्ष्य
रिटायरमेंट के लिए ₹4 करोड़ का लक्ष्य

निवेशक का पोर्टफोलियो
फंड निवेश
Mirae Asset Emer. Bluechip ₹7000
P. Parikh Flexicap ₹7000
Axis Bluechip ₹5000
Mirae Asset Tax Saver ₹7000
PGIM Ind. Midcap Opp. ₹2000
Axis Banking&PSU Debt ₹2000

निवेशक को सलाह
फंड का सेलेक्शन अच्छा है
कम से कम 6 महीने की इमरजेंसी फंड बनाएं
लक्ष्य हासिल करने के लिए निवेश कुछ कम
NPS से रिटायरमेंट के लिए ₹4 करोड़ जमा कर सकते हैं
SIP को हर साल 10% से बढ़ाएं.

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